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अमेरिकी मीडिया में छाए मोदी-पुतिन : वॉशिंगटन पोस्ट ने मुलाकात को बताया भारत की विदेश नीति के लिए एक खास पलरात का हेल्थ बूस्टर है दूध : जानें सर्दी में कैसे करता है स्वास्थ्य की पूरी देखभालसिंहस्थ की तैयारी : मप्र होमगार्ड में भर्ती होंगे 5 हजार जवान, स्थापना दिवस पर मोहन का ऐलान, सराहा बल के समर्पण भाव कोपश्चिम बंगाल में बड़ी हलचल : टीएमसी के निलंबित एमएलए ने रखी बाबरी मस्जिद की आधारशिला, मुर्शिदाबाद में लेगी आकार, क्या कहा हुमायू ने जानेंहर घर जल मिशन : मप्र के इस गांव में पहुंचा नल से शुद्ध जल, खुश हुए ग्रामीण, गर्मियों में झेलते थे पाकी किल्लत

अमेरिकी मीडिया में छाए मोदी-पुतिन : वॉशिंगटन पोस्ट ने मुलाकात को बताया भारत की विदेश नीति के लिए एक खास पल

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Author : admin

Published : 06-Dec-2025 03:55 PM

वॉशिंगटन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। खासकर अमेरिकी मीडिया में पुतिन और पीएम मोदी छाए हुए हैं। इसी कड़ी में अमेरिकी मीडिया हाउस ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात को भारत द्वारा अपनी रणनीतिक जरूरतों को साधने के एक अहम प्रदर्शन के तौर पर पेश किया।

अमेरिकी मीडिया ने कहा कि अमेरिका की तरफ से किए गए भौगोलिक दबाव ने रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे को अंजाम तक पहुंचाया। द वॉल स्ट्रीट जर्नल का कहना है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिका रूसी तेल कंपनियों पर बैन लगा रहा था, जिसकी वजह से भारत कम कीमत पर कच्चा तेल खरीद रहा है।

भारत-रूस की ऊर्जा साझेदारी, जिसे 2022 से द्विपक्षीय संबंधों का मुख्य आधार माना गया है, इस समय दबाव में है। अमेरिका ने रोसनेफ्ट और लुकोइल से जुड़े व्यापारियों पर कार्रवाई की, जिसके बाद भारतीय रिफाइनर्स को अपनी कच्चे तेल की खरीद रणनीति पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

अमेरिकी मीडिया ने कहा कि इस दबाव के बावजूद भी दोनों नेताओं ने कच्चे तेल की खरीद-बिक्री जारी रखने का संकेत दिया। बता दें, रूसी राष्ट्रपति ने भारत दौरे पर अपने संबोधन के दौरान कहा था कि भारत के लिए रूस से बिना रुकावट के कच्चे तेल की शिपमेंट जारी रहेगी। पुतिन ने पीएम मोदी के ऊर्जा सुरक्षा को रिश्ते का ष्मजबूत और जरूरी स्तंभष् बताया।

इसके अलावा, वॉशिंगटन पोस्ट ने इस समिट को भारत की विदेश नीति के लिए एक खास पल बताया। वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, यह समिट रूस के साथ पुराने रिश्ते बनाए रखने की भारत की कोशिशों का एक टेस्ट था, वो भी तब जब अमेरिका यूक्रेन में शांति समझौते के लिए जोर दे रहा है।

वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि अमेरिका भारत पर रूस से तेल आयात कम करने के लिए लगातार दबाव डाल रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में भारतीय सामान पर टैरिफ दोगुना करके 50 फीसदी कर दिया था।

वॉशिंगटन पोस्ट का हवाला देते हुए विश्लेषकों ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति की यह यात्रा दिखाती है कि भारत पश्चिमी देशों और बाकी वैश्विक खिलाड़ियों के बीच किस तरह एक रणनीतिक संतुलन साध रहा है। भारत अब अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ महत्वपूर्ण व्यापारिक बातचीत को ध्यान में रखते हुए अपनी रूस साझेदारी को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत तालमेल पर जोर दिया और कहा कि पीएम मोदी ने पुतिन के साथ अपने गहरे और अटूट रिश्ते की तारीफ की और भारत-रूस रिश्तों की तुलना नॉर्थ स्टार से की।

टाइम्स ने कहा कि समिट ने भारत के ष्रणनीतिक स्वायत्तताष् के दावे को दिखाया, जबकि टैरिफ और पश्चिमी देशों के प्रतिबंध की वजह से वाशिंगटन के साथ भारत के रिश्ते खराब हो गए हैं, जिससे भारत का रूस से कच्चा तेल लेना तेजी से कम हो गया।

रूस तेजी से भारत को चीन पर अपनी ष्बहुत ज्यादा निर्भरताष् के खिलाफ एक बचाव के तौर पर देख रहा है। अमेरिकी मीडिया का मानना है कि भारत अपनी एनर्जी सप्लाई को बचाने, वाशिंगटन और यूरोप के दबाव को एक साथ मैनेज करने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच रूस के साथ संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।

अमेरिकी रिपोर्ट्स ने बताया कि भारत के लिए आगे का काम रूस के साथ एक ऐतिहासिक साझेदारी बनाए रखना है, साथ ही अमेरिका के साथ गहरे आर्थिक और रणनीतिक सहयोग के दरवाजे खुले रखना है।

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