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200 साल बाद हुआ ऐसा : 19 वर्षीय देवव्रत ने 2000 मंत्रों का शुद्ध उच्चारण कर रचा इतिहास, मोदी भी हुए मुरीद

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Author : admin

Published : 02-Dec-2025 03:38 PM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक अद्भुत आध्यात्मिक उत्सव का आयोजन किया गया। आयोजन में 2,000 मंत्रों और वैदिक श्लोकों (दंडाक्रमा पारायण) का शुद्ध उच्चारण करने पर महाराष्ट्र के 19 वर्षीय वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे को सम्मानित किया गया।

बता दें यह पारायण शुक्ल यजुर्वेद (मध्यांदीनी शाखा) के लगभग 2,000 मंत्रों का एक अत्यंत जटिल और कठिन उच्चारण है, जिसे उन्होंने 50 दिनों तक बिना किसी रुकावट के लगातार पूरा किया। इसे वैदिक परंपरा में लगभग 200 वर्षों के बाद पहली बार शुद्ध शास्त्रीय शैली में किया गया माना जा रहा है। इस उपलब्धि के सम्मान में देवव्रत महेश रेखे को 5 लाख रुपए मूल्य की स्वर्ण कंगन और 1,11,116 रुपए से सम्मानित किया गया। यह सम्मान दक्षिणामनया श्री शृंगेरी शारदा पीठम के जगद्गुरु शंकराचार्यों के आशीर्वाद के साथ प्रदान किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, 19 साल के वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे ने जो किया है, उसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी! भारतीय संस्कृति से प्यार करने वाले हर इंसान को उन पर गर्व है कि उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनी शाखा के 2000 मंत्रों वाले दंडक्रम पारायण को बिना किसी रुकावट के 50 दिनों में पूरा किया।

यह भी बोले पीएम

इसमें कई वैदिक श्लोक और पवित्र शब्द शामिल हैं जिनका बिना किसी गलती के उच्चारण किया गया। वह हमारी गुरु परंपरा के सबसे अच्छे उदाहरण हैं। पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में आगे लिखा, काशी से सांसद होने के नाते, मुझे बहुत खुशी है कि यह अनोखा काम इस पवित्र शहर में हुआ। उनके परिवार, कई संतों, ऋषियों, विद्वानों और पूरे भारत के संगठनों को मेरा प्रणाम जिन्होंने उनका साथ दिया।

सम्मान के दौरान निकाला भव्य जुलूस

सम्मान समारोह के दौरान एक भव्य जुलूस निकाला गया, जो रथ यात्रा क्रॉसिंग से महमूर्गंज तक गया। जुलूस में 500 से अधिक वेद छात्र, पारंपरिक संगीतकार और शंखध्वनि की गूंज ने पूरे नगर को एक विशाल वैदिक उत्सव में बदल दिया। राहगीरों और श्रद्धालुओं ने सड़कों पर खड़े होकर फूलों की बारिश की।

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