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भोपाल। केंद्र सरकार के फैसले के बाद मध्यप्रदेश के राजभवन का आधिकारिक नाम अब लोक भवन हो गया है। शनिवार दोपहर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे। इसके बाद भवन के मुख्य द्वार पर लगी पुरानी पट्टिका हटाकर 'लोक भवनझ् की नई नामपट्टिका लगा दी गई।
दो दिन पहले केंद्र ने देशभर के राजभवनों का नाम बदलकर 'लोक भवनझ् करने का निर्णय लिया था। माना जा रहा था कि प्रदेश में यह बदलाव शीघ्र लागू होगा। आज राज्यपाल की उपस्थिति में 'राजझ् शब्द हटाकर 'लोकझ् लिखने की प्रक्रिया पूरी हुई और इसी के साथ मध्यप्रदेश में राजभवन का नाम औपचारिक रूप से लोक भवन दर्ज कर लिया गया।
नाम बदलने की पृष्ठभूमि
पिछले वर्ष राज्यपालों के सम्मेलन में यह सुझाव सामने आया था कि राज भवन नाम औपनिवेशिक मानसिकता का द्योतक है। इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप बनाने के लिए 'लोक भवनझ् नाम प्रस्तावित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रतीकात्मक बदलावों की जो श्रृंखला चल रही है, जैसे राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना, गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय धुनों का समावेश और सरकारी कार्यों में भारत शब्द के उपयोग को बढ़ावा, उसी क्रम का यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कई राज्यों में पहले ही लागू
केंद्र के निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा अपने राजभवनों का नाम पहले ही 'लोक भवनझ् कर चुके हैं। वहीं लद्दाख में उपराज्यपाल निवास को 'लोक निवासझ् नाम दिया गया है। यह पहल देश को औपनिवेशिक प्रतीकों और पुराने नामों से मुक्त करने के व्यापक अभियान का हिस्सा है।
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