Download App

Latest News

मप्र के पहले सीएम की जयंती पर मोहन का नवाचार : विधानसभा में अर्पित की पुष्पांजलि, मप्र के विकास में शुक्ल के योगदान का किया स्मरणपूर्व पीएम का पोते रेवन्ना जिंदगी भर रहेगा सलाखों के पीछे : रेप केस कोर्ट का फैसला, कल ठहराया गया था दोषी, 18 का जुर्माना लगासीहोर में बही विकास की गंगा : सीएम मोहन ने दी सौगात, बोले- मप्र के बदलते दौर का साक्षी बन रहा जिलामकाउ ओपन में भारत का सफर खत्म : सेमीफाइनल में हारे में शटलर लक्ष्य- मन्नेपल्ली ऐसे अत्याचार हुए की शब्द पड़ जाएंगे कम : जेल में बिताए दिनों का ऐसे दर्द बयां किया साध्वी नेबिहार वोटर वेरिफिकेशन : मतदाता सूची से गायब हुए 65 लाख फर्जी वोटर, ईसी पर बरसे तेजस्वी, कहा- नहीं बरती गई पारदर्शिताईसी अब स्वतंत्र संस्था नहीं : राहुल ने फिर बोला जुबानी हमला, कहा- साबित करने के लिए हमारे पास हैं पक्के सबूतबरसात का मौसत : बारिश में सेहतमंद रहना तो खाएं लिंगुड़ा की सब्जी, स्वाद में भी है लाजवाबफिटनेस को लेकर फिक्रमंद जान्हवी की छोटी बहन : 290 केजी वजन उठाकर हिप थ्रस्ट करती आई नजर नजर योगी की हुंकार : नया भारत दुश्मन के घर में घुसकर मिट्टी में मिलाने का रखता है माद्दा, मंच पर मौजूद थे पीएम मोदी भी

शूल योग के दुष्प्रभावों से रक्षा करते हैं महादेव : ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न

Featured Image

Author : admin

पब्लिश्ड : 18-07-2025 01:30 PM

अपडेटेड : 18-07-2025 08:22 AM

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि शनिवार को पड़ रही है। इस दिन भरणी नक्षत्र है और इसके साथ ही आज शूल योग का निर्माण भी हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह अशुभ योग है, जिसमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं। हालांकि, धर्म शास्त्र में कई समाधान भी बताए गए हैं। पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा और राहुकाल सुबह के 09 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

शूल योग, ज्योतिष में एक अशुभ योग माना जाता है, जिसमें सभी सात ग्रह तीन राशियों में स्थित होते हैं। इस योग में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है क्योंकि इससे जातक को कष्टों का सामना करना पड़ता है। शूल का अर्थ है चुभने वाला शस्त्र, और इस योग में किया गया कोई भी कार्य, भले ही सफल हो जाए, जातक के जीवन में लंबे समय तक पीड़ा का कारण बन सकता है।

शूल योग का स्वामी राहु है और शिवजी राहु के बुरे प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से शिवजी की पूजा करने से शूल योग के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। प्रभाव को कम करने के लिए आप रोजाना शिव शिवजी पर जल चढ़ाएं और महामृत्युंजय का जाप करें। इसके साथ ही बेल पत्र चढ़ाने से भी भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का जन्म शूल योग में हुआ है तो शूल योग शांति पूजन करवाना धार्मिक दृष्टि से आवश्यक बन जाता है।

अग्नि पुराण के अनुसार, शनिवार का व्रत शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। श्रावण मास में पड़ने वाले शनिवार के दिन इस व्रत की शुरुआत करने का खास महत्व है। इसके अलावा, ये व्रत किसी भी शुक्ल पक्ष के शनिवार से शुरू किया जा सकता है। मान्यताओं के अनुसार, 7 शनिवार व्रत रखने से शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही शनिदेव की विशेष कृपा भी मिलती है।

धर्मशास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि शनिदेव को कैसे प्रसन्न करना चाहिए। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। इसके बाद शनि की प्रतिमा या शनि यंत्र रखें और शनि मंत्रों जैसे शं शनैश्चराय नमरू, सूर्य पुत्राय नमरू का जाप करें। फिर शनिदेव को स्नान करवाएं और उन्हें काले वस्त्र, काले तिल, और सरसों का तेल अर्पित करें और सरसों के तेल का दिया जलाएं। इसके बाद शनि चालीसा और कथा का पाठ भी करें।

पूजा के दौरान शनिदेव को पूरी और काले उड़द दाल की खिचड़ी का भोग लगाएं और आरती करें। मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर शनिदेव का वास होता है। इसी कारण हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना और छाया दान करना (सरसों के तेल का दान) बहुत शुभ माना जाता है।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder