MADHYA-PRADESH NEWS

वीर बाल दिवस:मप्र के स्कूलों में होंगी चित्रकला- लेखन प्रतियागिताएं, दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का होगा लाइव प्रसारण
भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूलों में 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस मनाया जायेगा। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्कूल के बच्चों से इस दिन होने वाली गतिविधियों में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान के संबंध में प्रतिवर्ष 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस भारत के भविष्य की नींव माने जाने वाले बच्चों को सम्मानित करने के लिये समर्पित एक राष्ट्रीय उत्सव है। इस पहल का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं का पोषण करना, रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उन्हें विकसित भारत के सपने में योगदान देने के लिये प्रेरित करना है।राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का होगा सजीव प्रसारणवीर बाल दिवस का राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम 26 दिसम्बर, 2025 को दोपहर 12ः30 बजे भारत मण्डपम नई दिल्ली में किया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का लाइव वेबकास्ट किया जायेगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि इस लिंक की सूचना सभी सरकारी और प्रायवेट स्कूलों में दी जाये, जिससे स्कूल के विद्यार्थी इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकें। जिला शिक्षा अधिकारियों को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि इससे जुड़ी जानकारी कचपअपकीलं ंकउपद और तंउें ंकउपद ॅींजे ।चच ळतवनच पर भी साझा की गई है।वीर बाल दिवस पर होने वाली प्रतियोगिताएँस्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में आयु समूह के अनुसार विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। आयु वर्ग 3-6 वर्ष के लिये चित्रकारी, पेंटिंग, खेल गतिविधियाँ एवं कहानी सुनाना और आयु वर्ग 6-10 वर्ष के लिये चित्रकला, निबंध लेखन एवं कहानी सुनाना प्रमुख हैं। इसके लिये जो विषय तय किये गये हैं, उनमें मेरे सपनों का भारत, वह भारत जो मैं देखना चाहता हूँ, दूसरों की मदद करना मेरी महाशक्ति है, मेरी संस्कृति के रंग और मेरे आसपास के नायक, जिनमें शिक्षक, देखभालकर्ता और मित्र शामिल हैं।स्कूलों में आयु वर्ग 11-18 वर्ष के लिये निबंध, कविताएं, वाद-विवाद और डिजिटल प्रतियोगिता शामिल हैं। इनके लिये जो विषय तय किये गये हैं, उनमें राष्ट्र निर्माण में बच्चों की भूमिका, विकसित भारत के लिये मेरा दृष्टिकोण, विकसित भारत बनाने में बच्चों की भूमिका, विकासशील भारत को आकार देने में बच्चों की भूमिका, साहस और करुणा, एक नायक क्या बनाता है, भारत के इतिहास में वीरता की कहानियां, डिजिटल इण्डिया में युवाओं के लिये अवसर, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, श्प्रत्येक बालिका को सशक्त बनाना शामिल हैं। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत-नवाचार में युवाओं की अग्रणी भूमिका, वोकल फॉर लोकल, भारत की पारम्परिक शिल्प-कलाओं का उत्सव मनाना, स्किल इण्डिया मिशन और अमृतकाल में कल के भारत निर्माण में युवाओं की भूमिका को शामिल किया गया है।

लोक कल्याण के लिए समर्पित नेता थे अटलजी: ग्वालियर में बोले अमित शाह, अभ्युदय मप्र ग्रोथ समिट में देश को दिए योगदान को भी किया याद
ग्वालियर। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर ग्वालियर में ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट निवेश से रोजगार’ का आयोजन किया गया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर मेला ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे। इस अवसर पर उन्होंने करीब 2 लाख करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया। इन परियोजनाओं से राज्य में लगभग 1.93 लाख रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना जताई गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जन्म जयंती पर याद करते हुए कहा कि वाजपेयी राजनीति के अजातशत्रु थे, जिन्होने भारत का दुनिया के सामने मान बढ़ाया। उन्होंने ग्वालियर अंचल के देश के लिए दिए गए योगदान को याद किया और अटल बिहारी से जुड़े प्रसंगों का जिक्र किया। इस दौरान शाह ने अटलजी को राजनीति का अजातशु भी बताया। ग्वालियर ने सदियों तक दी भारत को ऊर्जा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ग्वालियर क्षेत्र ने अनेक सदियों तक भारत को कई मायने में ऊर्जा और गति देने का काम किया है। जब मुगलों के सामने लड़ना था तब यहीं से लड़ाई की शुरुआत हुई। तानसेन से लेकर आज तक सांस्कृतिक विरासत को शक्ति देने का काम किया। इस क्षेत्र के किसानों ने हमेशा इस देश की कृषि को नई दिशा गति और ऊर्जा भी दी है। सबसे बड़ी बात, इसी क्षेत्र ने आजादी के कालखंड के बाद बड़ी मात्रा में पैरामिलिट्री फोर्स और मिलिट्री में जवान देने का काम किया है। अटलजी ने सुशासन की तक की यात्रा को आगे ले जाने का किया कामपूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का बड़ा कालखंड इसी क्षेत्र में बीता और अटल को अटल बिहारी बनाया। उन्होंने न केवल इस देश की सांस्कृतिक विरासत को बचाने में मदद की बल्कि पूरे जीवन स्वराज को सुशासन तक की यात्रा को आगे ले जाने का काम किया। उन्होंने उस जमाने में जब अंग्रेजी का बोलबाला था तब यूएन की परिषद में हिंदी में भाषण करके पूरे भारत का दिल जीतने का काम किया। जब वे प्रधानमंत्री बने उस समय देश के जनजाति के लिए कोई अलग विभाग नहीं था। उनके नेतृत्व में ही भारत सरकार में जनजाति विभाग बनने का काम हुआ और जनजातीय कल्याण की नई यात्रा शुरू हुई। कांग्रेस की इस दकियानूसी विचाराधारा को अटलजी ने तोड़ापूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अधोसंरचना के क्षेत्र में हुए कार्यों की चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि वाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने तब देश के अधोसंरचना में निवेश को वोट पाकर चुनाव जीतने का जरिया नहीं माना जाता था। कांग्रेस की इस दकियानूसी विचारधारा को तोड़कर अटल बिहारी वाजपेयी ने चतुर्भुज मार्ग बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने पूरी दुनिया के सामने परमाणु शक्ति का इस्तेमाल शांति के लिए करने का सिद्धांत प्रस्तावित किया। दुनिया के दबाव में न आकर भारत को बनाया परमाणु शक्ति देशइतना ही नहीं, दुनिया भर के दबाव के विरुद्ध जाकर भारत को परमाणु शक्ति बनाने का काम किया था। कारगिल में घुसपैठ के बाद उन्होंने सभी तरह के दबावों को दरकिनार करते हुए अपना रुख स्पष्ट किया था कि शांति का प्रयास करने पर हमारे साथ पाकिस्तान ने धोखा किया। अब तब तक चर्चा नहीं हो सकती, जब तक घुसपैठियों को खदेड़ नहीं दिया जाता। लोक कल्याण के लिए समर्पित नेता थे अटलजीउन्होंने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी लोक कल्याण के समर्पित नेता थे और सबसे बड़ी बात थी राजनीति में रहकर भी अजातशत्रु बनकर मृत्यु का वरण करना, जो बहुत मुश्किल होता है। वे पूरे जीवन अजातशत्रु रहेय उनके विरोधी भी उन पर कुछ भी नहीं बोल सकते। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने दो लाख करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया।

मैहर सड़क हादसे में तीन मजदूरों की मौत:खड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली से भिड़ी तेज रफ्तार बाइक, मृतकों की हुई पहचान
मैहर। मध्यप्रदेश के मैहर जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया है। यहां के गुजरा टोल प्लाजा के पास तेज रफ्तार बाइक सड़क किनारे खड़ी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई है। इस भीषण हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो गई है। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मोटरसाइकिल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान अंकित सोधिया, दीपक कोल और नागेंद्र कोल के रूप में हुई है। ये तीनों जमनागांव के निवासी थे। वे रीवा में मजदूरी करने के बाद घर वापस लौट रहे थे, तभी गुजरा पेट्रोल पंप के पास बेला-गोविंदगढ़ रोड पर यह दुर्घटना घटित हुई। पुलिस की शुरुआती जांच में तेज रफ्तार और संभावित लापरवाही को हादसे का मुख्य कारण बताया गया है। अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या बाइक सवार नशे में थे।पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए शवहादसे की सूचना मिलते ही ताला पुलिस स्टेशन के अधिकारी अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। शवों को कब्जे में लेकर जरूरी औपचारिकताएं पूरी की गईं और पोस्टमार्टम के लिए अमरपाटन अस्पताल भेजा गया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली को हाईवे पर बिना पर्याप्त चेतावनी वाले लाल रिफ्लेक्टर के क्यों खड़ा किया गया था। स्थानीय लोगों ने भी रात में सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों पर बढ़ती निराशा व्यक्त की है, जिससे खराब विजिबिलिटी के कारण अक्सर ऐसे जानलेवा हादसे होते हैं।गांव वालों ने जिला प्रशासन से सख्त कदम उठाने किया आग्रहगांव वालों ने जिला प्रशासन से सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है, जिसमें खासकर व्यस्त सड़कों पर खड़े वाहनों के लिए अनिवार्य रिफ्लेक्टिव साइन, लाइट या बैरियर शामिल हैं। उन्होंने अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है, क्योंकि सर्दियों में घना कोहरा वाहन चालकों के लिए परेशानी बढ़ाता है।

उन्नाव रेप केसः कुलदीप सेंगर की जमानत का विरोध :मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट की दहलीज, सीबीआई भी देगी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस में दोषी ठहराए गए पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सेंगर को सुनाई गई सजा भी सस्पेंड कर दी है। सेंगर की जमानत के बाद से देश में फिर से विरोध शुरू हो गया है। यही नहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।वकील अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि कुलदीप सेंगर को दी गई जमानत को रद्द किया जाए। हालांकि, अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार इस मामले में कोई पक्षकार नहीं हैं। इन दोनों में से कोई न तो निचली अदालत, ना ही हाईकोर्ट में ही कभी पक्षकार रहे हैं। वहीं, इस मामले में जुड़े असली पक्षकार सीबीआई और पीड़िता का परिवार पहले ही हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कर चुके हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले का किया अध्ययनसीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले का गहन अध्ययन कर लिया है और अब सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देने की तैयारी कर रही है। वहीं, पीड़िता का परिवार भी सेंगर की जमानत को लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि सेंगर के बाहर आने से उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।देशभर को झकझोर दिया था उन्नाव रेप केस ने गौरतलब है कि उन्नाव दुष्कर्म मामला साल 2017 में सामने आया था और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह मामला एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म से जुड़ा था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद साल 2019 में कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराया गया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में कुलदीप सेंगर को जमानत दे दी है। इस फैसले के बाद कई संगठनों और आम जनता ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है।हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजावहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वकील अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, सीबीआई या पीड़िता के परिवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर:भस्मारती से पहले भोलेनाथ का हुआ अलौकिक श्रृंगार, एक झलक पाने उमड़े भक्त, विदेशी श्रद्धालुओं ने भी टेका माथा
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार सुबह से ही भक्तों का भारी जनसैलाब देखने को मिला। गुरुवार की तड़के सुबह ही लोग बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े। सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे और पुजारी गर्भगृह में पहुंचे और बाबा महाकाल का जलाभिषेक शुरू किया। पानी, दूध, दही, घी और पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। आज बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार भी किया गया। उनके मस्तक पर सुंदर त्रिपुंड और नवीन मुकुट धारण कराया गया। भांग, सूखे मेवे और अन्य शुभ सामग्री से श्रृंगार किया गया, जिससे पूरा मंदिर और भक्त दोनों ही मंत्रमुग्ध हो गए। लोगों ने महादेव को नमन किया और मन ही मन अपनी मनोकामनाएं मांगीं। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित किए जाने के बाद पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल के उद्घोष से गूंज उठा।आरती के बाद सकार रूप में दर्शन देते हैं भगवानभस्म आरती का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस आरती के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। आज देश-विदेश से आए भक्तों ने इसका लाभ उठाया और बाबा महाकाल के दर्शन कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। यहां आए बच्चे, बुजुर्ग, पुरुष और महिलाएं सबके चेहरे पर श्रद्धा और आनंद साफ नजर आ रहा था।पूरे मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ थी, लेकिन व्यवस्थित व्यवस्था के कारण सभी को दर्शन का मौका मिल रहा था। मंदिर की पवित्रता और माहौल ने हर किसी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। लोगों ने मंत्रोच्चारण किया, हाथ जोड़े और अपने जीवन में सुख-शांति की कामना की।नए साल के मौके पर भस्मारती की व्यवस्था में हुआ बदलावगौरतलब है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में नववर्ष के मौके पर भस्म आरती की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। 25 दिसंबर से भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग अगले 10 दिनों के लिए बंद रहेगी। इस दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अब या तो ऑफलाइन परमिशन लेनी होगी या फिर चलित भस्म आरती का ही लाभ उठाना होगा। मंदिर प्रशासन ने ये कदम ज्यादा लोगों की भीड़ और सुरक्षित दर्शन के लिए उठाया है।

औद्योगिक हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा सीहोर का बड़ियाखेड़ी:फैला है 200 हेक्टेयर में, युवा उद्यमियों के लिए बनकर उभरा अवसरों का केन्द्र
भोपाल। राजधानी भोपाल से सटे सीहोर जिले का बड़ियाखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र आज प्रदेश के तेजी से विकसित होते औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना रहा है। कभी शांत ग्रामीण क्षेत्र रहा बड़ियाखेड़ी अब रोजगार, निवेश और उद्यमिता का नया प्रतीक बन चुका है।प्रदेश सरकार की उद्योग-हितैषी नीतियों, बेहतर सड़क कनेक्टिविटी, बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं और ’’जिला प्रशासन के सक्रिय सहयोग’’ ने इस क्षेत्र के विकास को नई गति दी है। उद्योग संचालकों का कहना है कि भूमि आवंटन, अनुमति प्रक्रिया और प्रशासनिक मार्गदर्शन समयबद्ध व पारदर्शी रहा जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। आज बड़ियाखेड़ी में छोटे और मध्यम उद्योगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, इंजीनियरिंग, वेयरहाउसिंग और सर्विस सेक्टर से जुड़े उद्योग यहां स्थापित हो रहे हैं। इसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को रोजगार के रूप में मिला है। आसपास के गांवों के अनेक युवा अब अपने ही जिले में काम पा रहे हैं जिससे पलायन में कमी आई है।स्थापित हो चुके हैं 32 उद्योग खास बात यह है कि बड़ियाखेड़ी युवा उद्यमियों के लिए अवसरों का केंद्र बनकर उभरा है। कई युवा न केवल स्वयं रोजगार पा रहे हैं, बल्कि छोटे-छोटे उद्योग लगाकर दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। प्रशिक्षण, बैंकिंग सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर नई पीढ़ी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है। बड़ियाखेड़ी औद्यागिक क्षेत्र लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है जिसमें 141 उद्योगों के लिए प्लाट आवंटित किये जा चुके हैं। इनमें से 32 उद्योग स्थापित हो चुके हैं और निरंतर संचालित हैं। सीहोर के पास ही मंडी औद्योगिक क्षेत्र में 11, पचामा औद्योगिक क्षेत्र में 20, आद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। इसके अलावा 10 से अधिक उद्योग निजी भूमि में स्थापित हैं।उद्योग संचालकों का यह है माननाआईटीसी इंडस्ट्री के अमित शर्मा, जगदम्बा पाइप इंडस्ट्री के अंकित शर्मा तथा हम्बल काउ के संचालक राम अवतार राय ने कहा कि उद्योग संचालकों का मानना है कि आने वाले समय में बड़ियाखेड़ी में विकास की अपार संभावनाएं हैं। राजधानी के नजदीक होना, बढ़ता औद्योगिक इकोसिस्टम और सरकारी सहयोग इसे एक आदर्श औद्योगिक हब बना रहा है। बड़ियाखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र आज इस बात का उदाहरण है कि सरकार, प्रशासन और उद्यमियों के साझा प्रयास से किस तरह क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक मजबूती हासिल की जा सकती है।

ग्वालियर में अभ्युदय मप्र ग्रोथ समिट आज:प्रदेश को मिलेगी 2 लाख करोड़ की सौगात, निवेशक होंगे सम्मानित
भोपाल। भारत रत्न अटल बिजारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के मौके पर आज ग्वालियर में ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ आयोजित होने जा रही है। राज्य स्तरीय समिट का शुभारंभ केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे। यह आयोजन औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार आधारित विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कार्यक्रम में निवेशकों को सिंगल क्लिक से औद्योगिक प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित ग्रोथ समिट आत्मनिर्भर, समृद्ध और रोजगार-समृद्ध मध्यप्रदेश के संकल्प को रेखांकित करेगी।‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट में 2 लाख करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिये भूमि आवंटन किया जायेगा। इसके साथ ही 10,000 करोड़ रूपये से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया जाएगा। इससे प्रदेश में विकासात्मक गतिविधियों को और अधिक गति मिलेगी। समिट से प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की ओर होगा अग्रसरपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित इस ग्रोथ समिट से प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होगा। “निवेश से रोजगार - अटल संकल्प, उज्ज्वल मध्यप्रदेश” की थीम पर आधारित इस समिट में विगत 2 वर्षों में प्रदेश में हुए औद्योगिक विस्तार, निवेश उपलब्धियों और रोजगार सृजन के वास्तविक परिणामों को सबके साथ साझा किया जायेगा। इस समिट से आने वाले वर्षों में विकास की नई दिशा भी तय की जायेगी।सीएम डॉ. यादव के नेतृत्व में स्थानीय लोगों के समग्र विकास के लिये उन्हें सीधे रोजगार और आजीविका से जोड़ने के लिये ग्रोथ समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट से नए औद्योगिक क्षेत्र, क्लस्टर और प्लग-एंड-प्ले इकाइयों की शुरुआत से स्थानीय स्तर पर उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।समिट में युवाओं से भी किया जाएगा संवादसमिट में भूमि-पूजन और लोकार्पण के साथ भूमि आवंटन और आशय-पत्र भी वितरित किये जायेंगे। इस अवसर पर रोजगार उपलब्ध कराने वाली औद्योगिक इकाईयों की स्थापना एवं संचालन करने वाले निवेशकों को सम्मानित किया जाएगा। समिट में युवाओं से संवाद भी किया जाएगा। संभाग स्तर पर औद्योगिक भूमि आवंटन से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी की जाएँगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।उद्योग जगत की सहभागिताग्रोथ समिट में देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गौतम सोलर, हीडलबर्ग सीमेंट, एलएनजे भीलवाड़ा समूह, जेके टायर, टोरेंट पावर, मैकेन फूड, एलिक्सर इंडस्ट्रीज, ग्रीनको, जुपिटर वैगन्स, डाबर इंडिया, वर्धमान समूह, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसे प्रमुख औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

अटल बिहारी वाजपेयी :भारत उदय के दृष्टा और सुशासन के प्रवर्तक थे अटलजीः डॉ. मोहन यादव
मां भारती के लिए सर्वस्व अर्पण करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, राष्ट्रपुरुष श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 101वीं जयंती पर उन्हें शत-शत नमन। अटलजी नवचेतन और नवसृजन के स्वप्नदृष्टा, भारतीय राजनीति के ऐसे महापुरुष थे जिनका जीवन और चिंतन देश की आत्मा से जुड़ा था। वे सबके प्रिय थे, सबके अपने थे और जन-जन के हृदय में बसने वाले अजातशत्रु राजनेता थे।श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक साधारण कार्यकर्ता से आरंभ होकर राष्ट्रधर्म के संपादक, भारतीय जनसंघ के मजबूत आधार और भारतीय जनता पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्व तक पहुंचाने वाली एक अनुपम और प्रेरक यात्रा रही है। वे राजनीति को व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण का माध्यम मानते थे। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन से समर्पित कार्यकर्ताओं की अनेक पीढ़ियां तैयार हुईं, जिनके लिए सेवा, त्याग और राष्ट्रहित जीवन का लक्ष्य बन गए।अटल जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे श्रेष्ठ कवि, सफल पत्रकार, दूरदृष्टा विचारक तथा चिंतक थे, जिन्होंने भविष्य के भारत का स्वप्न देखा और उसे साकार करने का मार्ग प्रशस्त किया। मुझे बताते हुए खुशी है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में श्रद्धेय अटलजी के स्वप्न को आकार दिया जा रहा है। देश की बहुआयामी प्रगति, समृद्धि और विकास के परिणाम धरातल पर दिखाई दे रहे हैं।इसमें एक और गौरवशाली तथ्य की ओर संकेत करना चाहूंगा कि विश्व की चैथी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत अग्रसर है। यह ऐसी उपलब्धि है कि वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए कई देशों की दृष्टि भारत की ओर रहती है।हमारे लिए गर्व की बात है कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 25 दिसंबर को श्रद्धेय अटलजी की जन्म जयंती के अवसर पर ग्वालियर में भव्य मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें निवेश और नवाचार की नई दिशाएं तय होंगी।प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। सड़क, संचार, आधारभूत संरचना, शिक्षा, विज्ञान और तकनीककृहर क्षेत्र में उन्होंने मजबूत नींव रखी। जहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा, वहीं सर्वशिक्षा अभियान से शिक्षा को हर वर्ग, हर समुदाय और हर क्षेत्र तक पहुंचाया। पोखरण में भारत की सामरिक शक्ति को सुदृढ़ करने से लेकर स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के माध्यम से देश को जोड़ने का संकल्प, निर्णय और संकल्प शक्ति का परिचय दिया।श्रद्धेय अटल जी की दूरदृष्टि का एक महत्वपूर्ण उदाहरण ‘नदी जोड़ो’ अभियान की परिकल्पना है। उन्होंने जल समस्या का स्थायी समाधान विकसित करने हेतु जलस्रोतों के समन्वित प्रबंधन पर बल दिया। उनका सपना था कि देश की नदियां आपस में जुड़ें, जल की एक-एक बूंद का उपयोग हो और धरती सुलभ-सुफलाम बने।मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां नदियों को जोड़ने के महाअभियान के तहत दो परियोजनाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। पार्वती-कालीसिंध-चंबल और केन-बेतवा लिंक परियोजनाओं के माध्यम से हमारी नदियां जुड़ने जा रही हैं। इन परियोजनाओं से जल संकट वाले क्षेत्रों में नई आशा जगेगी और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।अटलजी विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना चाहते थे। इसी दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने विकास के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उद्योगों को छोटे शहरों और अंचलों तक पहुंचाया गया है। इससे पलायन रुका है और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। अटलजी के शासनकाल में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो आज विश्वस्तरीय अधोसंरचना के रूप में स्थापित हो चुकी है। यह सब बताता है कि अब हम भोपाल में भी मेट्रो का संचालन करने जा रहे हैं।सुशासन के प्रवर्तक अटलजी के लिए सुशासन का अर्थ सरल, पारदर्शी और संवेदनशील व्यवस्था से था। उन्होंने स्थिरता और सुशासन का स्वर्णिम उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सुशासन की वही परंपरा आगे बढ़ रही है। सेवा, संकल्प और समर्पण की नीति, जनसरोकारों तक योजनाओं को पहुंचाना और डिजिटल माध्यमों से सेवाओं की सरलताकृयह सब उसी विचार का विस्तार है।अटल जी की 101वीं जयंती पर हम यह संकल्प लें कि उनके विचारों को अपने आचरण और नीतियों में उतारें। व्यक्ति निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण तक उनकी कल्पना आज भी प्रासंगिक है। सच्चा नेतृत्व वही है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्ग प्रशस्त करे। मध्यप्रदेश, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और अटल जी की प्रेरणा के साथ, समृद्धि, विकास और खुशहाली का नया अध्याय रचने के लिए प्रतिबद्ध है।श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका चिंतन, विचार और सपना नए विकसित भारत निर्माण के लिए सदैव प्रेरक रहेगा। मैं प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता से आह्वान करता हूं कि आइए, हम सब मिलकर श्रद्धेय अटलजी के स्वप्न अनुरूप सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनें।

बर्फीली हवाओं से ठिठुरा मप्र:सूबे में सबसे ठंडा रहा हिल स्टेशन, सर्दी से कांपा शहडोल का कल्याणपुर भी, कोहरे ने रोकी ट्रेनों की रफ्तार
भोपाल। पहाड़ी राज्यों में हो रही बर्फबारी का असर मप्र में दिखाई दे रहा है। बर्फीली हवाओं से सूबे में लगातार ठिठुरन बढ़ती जा रही है। हिल स्टेशन के नाम से मशहूर पचमढ़ी में इस सीजन पहली बार न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से नीचे पहुंच गया। मंगलवार रात यहां पारा गिरकर 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं प्रदेश में दूसरा सबसे ठंडा शहर शहडोल का कल्याणपुर रहा है। बीत रात यहां का तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।वहीं मंदसौर में 5.7 डिग्री, रीवा और खजुराहो-उमरिया में 6 डिग्री, शाजापुर में 6.1 डिग्री, नौगांव और राजगढ़ में 6.6 डिग्री, दतिया में 6.9 डिग्री, मलाजखंड में 7.5 डिग्री और सतना में 7.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।मौसम विभाग की मानें तो बुधवार रात से सर्दी और तीखी होने की संभावना है। अगले 24 घंटे में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक और गिरावट दर्ज की जा सकती है। प्रदेश के उत्तरी हिस्से घने कोहरे की चपेट मेंइधर, घने की कोहरे की वजह से ग्वालियर, रीवा और सतना में दृश्यता 50 से 200 मीटर तक सिमट गई है, जिससे हालात जीरो विजन जैसे हो गए हैं। दमोह, खजुराहो, नौगांव, मुरैना, सीधी, दतिया, इंदौर, भोपाल, राजगढ़, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर और देवास में भी सुबह 6 से 8 बजे के बीच घना कोहरा छाया रहा। बुधवार सुबह भी कई जिलों में यही स्थिति देखने को मिली। कम विजिबिलिटी के कारण कई जगह सड़कों पर वाहन चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। जानिए आपके शहर में मौसम की स्थिति क्या है और आने वाले तीन दिनों में ठंड-कुहासे का क्या असर रहेगा। एक दर्जन से अधिक ट्रेनें 5 से 8 घंटे तक लेटघने कोहरे के कारण दिल्ली से भोपाल, इंदौर और उज्जैन आने वाली एक दर्जन से अधिक ट्रेनें 5 से 8 घंटे तक देरी से चल रही हैं। मालवा एक्सप्रेस रोजाना 4 से 5 घंटे लेट हो रही है, जबकि शताब्दी और सचखंड एक्सप्रेस भी प्रभावित हैं।

एसआईआर:मप्र के 42.74 लाख वोटर्स के कटे नाम, आज से शुरू होगा नोटिस देने का सिलसिला
भोपाल। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में निर्वाचक नामावलियों का विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर कार्य पूर्ण कर ली है। उक्त प्रक्रिया में मतदाता सूची से लगभग 42 लाख 74 हजार 160 वोटर्स के नाम कट चुके हैं। आज बुधवार से ऐसे मतदाताओं को नोटिस दिए जाएंगे। इसके साथ ही दावा आपत्ति और जांच की प्रक्रिया चलेगी। जो मतदाता दस्तावेज नहीं दे पाएंगे, उनके नाम अंतिम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने पत्रकारवार्ता में दी। बता दें कि मंगलवार को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन हो चुका, वही 21 फरवरी को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी। पहले तीन पर इंदौर में 1,33,696, भोपाल 1,16,925 और जबलपुर 69,394 अनुपस्थित रहे। 5.31 करोड़ वोटरों का ही हो सका सर्वेझा ने बताया कि कुल 5 करोड़ 74 लाख 06 हजार 143 वोटर से 5 करोड़ 31 लाख 31 हजार 983 ही एसआईआर हो सका। इनमें से 31 लाख 51 हजार यानी 5.49 प्रतिशत शिफ्टेड और अनुपस्थित मतदाता है। 8 लाख 46 हजार यानी 1.47 प्रतिशत वोटरों की मौत हो चुकी है। 2 लाख 77 हजार यानी 0.48 प्रतिशत मतदाता ऐसे हैं, जिनके नाम एक से ज्यादा जगह पर दर्ज है। 21 फरवरी को प्रकाशित होगी अंतिम मतदाता सूची झा ने बताया कि 24 दिसबंर से 22 जनवरी तक दावा आपत्ति मंगाई गई है। बुधवार से हम कटे मतदाताओं को नोटिस तामील करेंगे। इसके साथ ही जांच की प्रक्रिया चलेगी। 21 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी। प्रदेश में दिवंगत मतदाताओं की संख्या 8 लाख 46 लाख यानि 1.47, शिफ्ट और अनुपस्थित मतदाताओं की संख्या 31 लाख 51 हजार यानी 5.49 प्रतिशत है।

निजी जीवन को लेकर सुर्खियों में मप्र के पूर्व मंत्री:पल्लवी से शादी की तस्वीर वायरल होने के बाद दो और ने पत्नी होने का ठोका दावा
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह उनका राजनीतिक नहीं, बल्कि निजी जीवन है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश सचिव पल्लवी राज सक्सेना से शादी कर ली है। उनकी शादी की तस्वीरें जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई। पल्लवी से शादी के फोटो वायरल होने के बाद तीन महिलाएं और उनकी पत्नी बनकर सामने आ गई है। जो चर्चा का विषय बन गया है। सोमवार को शिखा जोशी नाम की महिला सामने आईं। जिसने खुद को दीपक जोशी की पत्नी बताया। वहीं एक अन्य महिला नम्रता जोशी ने भी खुद को दीपक जोशी की पत्नी बताया है। ऐसे में अब सवाल है कि दीपक जोशी की असली पत्नी कौन है। दीपक जोशी की पहली पत्नी श्रीमती विजया जोशी का 2021 में कोराना की वजह से निधन हो चुका है। बेहद सागी भरे अंदाज में दीपक जोशी ने पल्लवी से की शादीदीपक जोशी और पल्लवी राज सक्सेना की शादी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जानकारी के मुताबिक, दीपक जोशी और पल्लवी राज सक्सेना की शादी 4 दिसंबर को आर्य समाज मंदिर में बेहद सादगी भरे अंदाज में हुई। शादी की तस्वीरें सबसे पहले पल्लवी राज सक्सेना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की थीं, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस नेता बृजेंद्र शुक्ला ने इन्हीं तस्वीरों को फेसबुक पर पोस्ट कर दीपक जोशी को बधाई दी, जिसके बाद यह मामला सार्वजनिक चर्चा में आ गया।नम्रता-शिखा ने भी पत्नी होने का ठोका दावाइसके बाद नम्रता जोशी और शिखा जोशी ने भी दीपक जोशी की पत्नी होने का दावा ठोंक दिया। तीन पत्नियों के भंवर में फंसे दीपक जोशी के पक्ष शिखा जोशी खुलकर उतर आई हैं। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को एक सोची-समझी साजिश और हनी ट्रैप करार दिया है। उन्होंने कहा कि पति निर्दोष हैं और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। वह इस मामले को कानूनी अंजाम तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। शिखा ने पल्लवी सक्सेना और नम्रता जोशी पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह पूरा विवाद योजनाबद्ध तरीके से रचा गया है। शिखा का दावा है कि पल्लवी और नम्रता आपस में गहरी दोस्त हैं।दोनों परिवारों की मौजूदगी में लिए फेरेः पल्लवीशादी को लेकर दीपक जोशी सोमवार को अपना पक्ष रखने वाले थे, लेकिन इससे पहले पल्लवी राज सक्सेना ने मीडिया में कहा कि मेरी दीपक जोशी से शादी नेहरू नगर आर्य समाज मंदिर में 4 दिसंबर 2025 को हुई है। शादी हिंदू रीति-रिवाज से हुई है। दोनों परिवारों के लोग शामिल थे। मेरे माता-पिता ने मेरा कन्यादान किया है। दीपक की पहले से दो पत्नियों की जानकारी उन्हें पहले से नहीं थी। एक महिला बता रही है कि वो 2016 से विवाहित थी।

अनोखे विवाह का साक्षी बनी आध्यात्मिक पर्यटन नगरी: इटली-फ्रांस के विदेशी जोड़े ने हिन्दू रीति-रिवाज से लिए सात फेरे, गूंजा वैदिक मंत्रोच्चार भी
ओरछा। मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पर्यटन नगरी ओरछा एक अनोखे विवाह का साक्षी बनी, जहां इटली और फ्रांस के एक विदेशी जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह संपन्न किया। ओरछा स्थित प्राचीन बेतवेश्वर महादेव मंदिर में 21 दिसंबर को फ्रांस की रहने वाली ओद्रा और इटली निवासी चीरो ने वैदिक मंत्रोच्चार और अग्नि को साक्षी मानते हुए सात फेरे लिए।इस विवाह को पंडित आशीष शुक्ला और अमित लिटोरिया ने विधिविधान से संपन्न कराया। दोनों ने बताया कि भारतीय हिंदू संस्कृति और सनातन परंपराओं से जुड़कर उन्हें मानसिक शांति और सुख की अनुभूति हुई है। वर्तमान में ओद्रा और चीरो यूरोपीय देश स्पेन में निवास करते हैं, जहां से ओरछा की दूरी लगभग सात हजार किलोमीटर से अधिक है। इसके बावजूद वे भारतीय संस्कृति से इतने प्रभावित हुए कि विवाह के लिए भारत आना चुना।ओद्रा कई वर्षों से योग और भारतीय अध्यात्म का अध्ययन कर रही हैं, जबकि चीरो भी योग और भारतीय दर्शन के प्रशंसक हैं। इसी आध्यात्मिक जुड़ाव के चलते दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह करने का निर्णय लिया। मंदिर परिसर में विवाह के दौरान मौजूद श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने विदेशी जोड़े की भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था और सम्मान की सराहना की। यह विवाह न केवल ओरछा बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और भारतीय हिंदू संस्कृति के प्रति विदेशियों की बढ़ती रुचि और विश्वास को दर्शाता है।

निवेश से रोजगार का अटल संकल्प:अभ्युदय मप्र ग्रोथ समिट 25 को संगीत नगरी में, समर्पित रहेगी भारत रत्न को
भोपाल। भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 100वें जन्मदिन पर संगीत नगरी ग्वालियर में 25 दिसंबर को को अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट 25 का आयोजन किया जा रहा है। मेला ग्राउंड में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय समिट का शुभारंभ केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव करेंगे। यह आयोजन अटलजी के विकासवादी विचारों, सुशासन की अवधारणा और राष्ट्रनिर्माण के संकल्प को समर्पित रहेगा।पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री वाजपेयी की दूरदर्शी विकास दृष्टि से प्रेरित यह समिट ‘निवेश से रोजगार - अटल संकल्प, उज्ज्वल मध्यप्रदेश’ की थीम पर आधारित है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश में बीते दो वर्षों के दौरान हुए औद्योगिक विस्तार, निवेश उपलब्धियों और रोजगार सृजन के ठोस एवं धरातलीय परिणामों से नागरिकों को अवगत कराना तथा भविष्य की औद्योगिक प्राथमिकताओं और विकास के स्पष्ट रोडमैप को साझा करना है। इस राज्य स्तरीय आयोजन में लगभग एक लाख लाभार्थियों की सहभागिता अपेक्षित है।समिट से मप्र को मिलेगी 2 लाख करोड़ की सौगातसमिट के दौरान ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एवं विभिन्न राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेश आयोजनों के माध्यम से प्राप्त दो लाख करोड़ रु. से अधिक के निवेश प्रस्तावों से जुड़ी परियोजनाओं का भूमि-पूजन, दस हजार करोड़ रु. से अधिक की पूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण, औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन तथा आशय-पत्रों का वितरण किया जाएगा। साथ ही निवेश प्रस्तावों से जुड़े लाभार्थियों का सम्मान तथा रोजगार-केंद्रित पहलों का प्रस्तुतीकरण भी किया जाएगा।सरकार के दो साल की उपलब्धियों की भी लगेगी प्रदर्शनीसमिट में मप्र सरकार की पिछले दो वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित एक विस्तृत प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें औद्योगिक सुधारों, नीतिगत नवाचारों, निवेश प्रोत्साहन, अधोसंरचना विकास और रोजगार सृजन से जुड़े प्रयासों को प्रभावी एवं दृश्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। जिला स्तर पर औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की उपलब्धियों को भी इस मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा।स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर एक विशेष स्मृति प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उनके दूरदर्शी नेतृत्व, आधारभूत संरचना विकास, औद्योगिक दृष्टि और सुशासन से जुड़े ऐतिहासिक योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शनी अटल जी के विचारों से प्रेरित वर्तमान मध्यप्रदेश की औद्योगिक यात्रा को रेखांकित करेगी।

MP को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ‘पावर लाइन ट्रांसटेक इंडिया अवॉर्ड:वेस्टर्न रीजन में सबसे कम ट्रांसमिशन लॉस के लिए एमपी ट्रांसको को मिला सम्मान
भोपाल। मध्यप्रदेश ने विद्युत ट्रांसमिशन के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) को वेस्टर्न रीजन में सबसे कम ट्रांसमिशन लॉस दर्ज करने के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ‘पावर लाइन ट्रांसटेक इंडिया अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है।ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस उपलब्धि पर एमपी ट्रांसको के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पुरस्कार प्रदेश की मजबूत ट्रांसमिशन व्यवस्था, तकनीकी दक्षता और सतत सुधार की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम ट्रांसमिशन लॉस के साथ निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त इस प्रतिष्ठित मंच से एमपी ट्रांसको की ओर से कार्यपालन अभियंता लोकेश द्विवेदी ने यह सम्मान प्राप्त किया।मूल्यांकन का आधारपुरस्कार के लिए यूटिलिटीज का चयन केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) के डेटा तथा विभिन्न राज्य विद्युत कंपनियों की आधिकारिक रिपोर्टों के आधार पर किया गया। अवॉर्ड की श्रेणियों में सबसे अधिक लाइन लेंथ मे वृद्धि, ट्रांसफॉर्मेशन कैपेसिटी में वृद्धि, बेहतर वित्तीय प्रदर्शन और सबसे कम ट्रांसमिशन लॉस जैसे महत्वपूर्ण मानक शामिल रहे।ट्रांसटेक इंडिया-2025 में हुआ सम्मानयह सम्मान नई दिल्ली स्थित यशोभूमि इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, द्वारका में आयोजित ‘ट्रांसटेक इंडियादृ2025’ कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदान किया गया। यह कॉन्फ्रेंस विद्युत मंत्रालय से मान्यता प्राप्त एक प्रमुख राष्ट्रीय मंच है, जहां नीति निर्माता, रेगुलेटरी संस्थाएं, डेवलपर्स, मैन्युफैक्चरर्स और ईपीसी कॉन्ट्रैक्टर्स आपसी समन्वय के साथ भाग लेते हैं। इस आयोजन में देशभर से 2500 से अधिक ट्रांसमिशन यूटिलिटीज के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।

अरावली पर्वतमाला:अवैध खनन के लिए भाजपा ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार, केन्द्रीय मंत्री ने किया यह भी दावा
नई दिल्ली। अरावली पर्वतमाला को लेकर चल रही बहस और चर्चाओं के बीच केंद्र सरकार ने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट किया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अरावली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा था। इसी वजह से कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। मौजूदा याचिका भी उसी दौर की देन है। सरकार का कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद हालात पूरी तरह बदल गए हैं और खनन को केवल सतत, वैज्ञानिक और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से ही आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि अरावली को बचाया जा सके। अरावली को लेकर कुछ राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही तुलना पर भी सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। नर्मदा परियोजना को लेकर गुजरात में कभी जिस तरह के आरोप लगाए गए थे, वैसी ही स्थिति बताने को केंद्रीय मंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया है।यह कांग्रेस के राजनीतिक माहौल में फैलाया गया एक झूठकेंद्रीय मंत्री का कहना है कि यह कांग्रेस के राजनीतिक माहौल में फैलाया गया एक और झूठ है, जिसे अब जनता समझ चुकी है। कुडनकुलम परमाणु संयंत्र के समय विदेशी एजेंसियों और एनजीओ की भूमिका को लेकर उठे सवालों की तरह अरावली के मामले में भी भ्रम फैलाने की कोशिशों का आरोप लगाया गया है। केंद्रीय मंत्री का दावा है कि अरावली को लेकर कुछ राजनीतिक विरोधी जानबूझकर गलतफहमी पैदा कर रहे हैं, लेकिन यह प्रयास पूरी तरह नाकाम हो चुका है। सरकार पारदर्शिता और वैज्ञानिक सोच के साथ अरावली संरक्षण के लिए काम कर रही है।कोर्ट ने अरावली में किसी तरह की नहीं दी छूटसुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर भी स्थिति पूरी तरह साफ कर दी गई है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, कोर्ट ने अरावली में किसी तरह की छूट नहीं दी है। बल्कि पर्यावरण मंत्रालय के श्ग्रीन अरावली प्रोजेक्ट को मान्यता दी गई है और आईसीएफआरआई को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि जब तक पूरी वैज्ञानिक योजना तैयार नहीं हो जाती, तब तक कोई नया खनन नहीं होगा। इस योजना के तहत अरावली पहाड़ियों और पूरे क्षेत्र की पहचान, उनकी इको-सेंसिटिविटी तय की जाएगी और उसके बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा। भूपेंद्र यादव का कहना है कि इन कदमों का मकसद अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगाना और भविष्य में केवल सतत खनन को ही अनुमति देना है।

एसआईआर:EC कल तीन राज्यों का ड्राफ्ट वोटर लिस्ट करेगा पब्लिश, इसमें MP भी शामिल, वेबसाइटों पर भी अपलोड होगी सूची
नई दिल्ली । चुनाव आयोग मंगलवार को केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित करने जा रहा है। इसके साथ ही 2026 में विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में प्रस्तावित चुनावी प्रक्रिया की तैयारियों में एक और अहम कदम पूरा होगा।चुनाव आयोग के अनुसार, चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में तैयार किए गए ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल्स को मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) और जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के माध्यम से सभी मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि वे तय समय में आपत्तियां, सुझाव और एतराज दर्ज करा सकें। आयोग ने यह निर्देश दिया है कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाए।आधिकारिक वेबसाइटों पर अपलोट किया जाएगा सूची कोइसके साथ ही पारदर्शिता और आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रारूप मतदाता सूची को सीईओ और डीईओ की आधिकारिक वेबसाइटों पर भी अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा, मतदाता सूचियों के साथ-साथ अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और डुप्लीकेट मतदाताओं की सूचियां भी संबंधित सीईओध्डीईओ की वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी।ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश होने के बाद शुरू होगा नोटिस फेज ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद निर्धारित समय में दावा-आपत्ति प्रक्रिया चलेगी और फिर अंतिम मतदाता सूची इसके बाद जारी की जाएगी। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश होने के बाद नोटिस फेज शुरू हो जाएगा, जिसमें चुनावी पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) की ओर से एक साथ गणना प्रपत्र पर नोटिस जारी करना, सुनवाई, प्रमाणित और फैसला लेना और दावों और आपत्तियों का निपटारा करना शामिल है।ऐसे मतदाताओं का एक ही जगह रहेगा नामआयोग ने स्पष्ट किया है कि वास्तविक और योग्य मतदाताओं को दावे-आपत्तियों की अवधि के दौरान जोड़ा जा सकता है। जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज पाए जाएंगे, उनका नाम केवल एक ही स्थान पर रखा जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए, बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) ने घर-घर जाकर कई बार संपर्क किया। साथ ही ईआरओ ने राजनीतिक दलों के साथ बैठकें कर असंग्रहणीय फॉर्म की अस्थायी सूची साझा की ताकि बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) फील्ड में सत्यापन कर सकें।निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि बिना उचित प्रक्रिया, नोटिस और कारणयुक्त आदेश के किसी भी नाम को नहीं हटाया जाएगा। सभी दावे और आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरीको प्रकाशित की जाएगी।

खेलो एमपी यूथ गेम्स-2025:देश में पहली बार खेल विभाग एवं सभी खेल संघ मिलकर करेंगे आयोजन, स्पर्धा में शामिल होंगे पारंपरिक खेल
भोपाल। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने खेलो एमपी यूथ गेम्स-2025- मध्यप्रदेश का ओलंपिक” के आयोजन को लेकर अहम जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि यह देश में पहली बार ऐसा होगा, जिसमें खेल विभाग के साथ सभी मान्यता प्राप्त खेल संघ मिलकर समन्वित रूप से प्रतियोगिताओं का संचालन करेंगे।मंत्री सारंग ने जानकारी दी कि खेलो एमपी यूथ गेम्स-2025- मध्यप्रदेश का ओलंपिक” 10 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक संपन्न होगा। चयन प्रक्रिया ब्लॉक स्तर से प्रारंभ होगी, जिसमें ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिताएं 10 से 15 जनवरी, जिला स्तरीय 16 से 20 जनवरी, संभाग स्तरीय 21 से 25 जनवरी एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 28 से 31 जनवरी 2026 तक आयोजित की जाएंगी।महासंघों के प्रतिनिधियों को भी किया जाएगा आमंत्रितमंत्री ने कहा कि यूथ गेम्स में भाग लेने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भविष्य में राज्य टीम के चयन में प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। खेल संघों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा समन्वय अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं। खेलों के प्रति जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उद्घाटन एवं समापन समारोह में खेल प्रेमियों को आमंत्रित किया जायेगा तथा राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों को भी अतिथि के रूप में आमंत्रण दिया जायेगा।कुल 27 खेल प्रतियोगिताएं की जाएंगी आयोजितमंत्री सारंग ने बताया कि खेलो एमपी यूथ गेम्स-2025 में कुल 27 खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। प्रयास यह रहेगा कि जिन खेलों की परंपरा एवं लोकप्रियता जिस क्षेत्र में है, वहां उन्हीं स्थानों पर संबंधित प्रतियोगिताएं करायी जाएं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रीवा, शिवपुरी, ग्वालियर, सागर एवं नर्मदापुरम में प्रस्तावित है।पारंपरिक खेलों को पहली बार किया गया शामिलमंत्री सारंग ने कहा कि “खेलो एमपी यूथ गेम्स-2025- मध्यप्रदेश का ओलंपिक” में पहली बार पारंपरिक खेलों को भी शामिल किया गया है। इस बार पिट्टू और रस्साकशी को भी यूथ गेम्स में शामिल किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि क्रिकेट की युवाओं में लोकप्रियता को देखते हुए इसबार महिला और पुरूष क्रिकेट भी यूथ गेम्स का हिस्सा होंगे।सभी खेल संघों के साथ किया गया समन्वयमंत्री सारंग ने बताया कि पहले यूथ गेम्स और खेल संघों के आयोजन अलग-अलग होते थे। दोनों की ही चयन प्रक्रिया अलग हुआ करती थी, लेकिन पहली बार खेल विभाग और सभी खेल संघ मिलकर यूथ गेम्स का आयोजन कर रहे हैं। इससे आयोजन का विस्तार होने के साथ ही खिलाड़ियों को भी यूथ गेम्स में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी खेल संघों के साथ समन्वय कर यूथ गेम्स का फोर्मेट तैयार किया गया है। जिससे राज्य स्तर की टीम में खिलाड़ियों को अवसर मिल सके।इन जिलों में होंगे विभिन्न खेलों के आयोजनभोपाल में एथलेटिक्स, फेंसिंग, पुरुष क्रिकेट, क्याकिंग-कैनोईंग, रोईंग, तैराकी, शूटिंग, पुरुष हॉकी एवं बॉक्सिंग प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इंदौर में बास्केटबॉल, वेटलिफ्टिंग, टेबल टेनिस एवं टेनिस, शिवपुरी में महिला क्रिकेट, ग्वालियर में महिला हॉकी, पिट्टू एवं बैडमिंटन, उज्जैन में मल्लखम्ब, योगासन, कबड्डी, रस्साकशी एवं कुश्ती, जबलपुर में खो-खो एवं आर्चरी, रीवा में फुटबॉल एवं जूडो, नर्मदापुरम में ताईक्वांडो एवं शतरंज तथा सागर में व्हॉलीबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा।

मप्र के ऊपर 4.65 लाख करोड़ का कर्ज:वित्त मंत्री ने बताई उपलब्धि, नहीं दिया दो साल के ऋण का आंकड़ा
भोपाल। डॉ. मोहन यादव सरकार के कार्यकाल के 2 साल पूरा होने पर विभागीय मंत्री आए दिन अपने-अपने विभाग की उपलब्धियां गिना रहे हैं। इसमें वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा भी शामिल हैं। उन्होंने भी वित्त विभाग की उपलब्धियां गिनाईं, जिसमें उन्होंने हर महीने लिए जा रहे हजारों करोड़ के कर्ज को भी सरकार की एक उपलब्धि बताया। हालांकि उन्होंने 2 साल में लिए गए कुल कर्ज का आंकड़ा नहीं दिया। वित्त विभाग के आंकड़ों के अनुसार मौजूदा स्थिति में मप्र के ऊपर कुल कर्जा 4.65 लाख करोड़ है, जो वित्त वर्ष 2025-26 के कुल बजट 4.21 लाख करोड़ से 34 हजार करोड़ ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष में ही सरकार ने करीब 49 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्जा उठाया है। यानी मौजूदा सरकार को जरूरतें पूरा करने के लिए औसतन 125 करोड़ रुपए का कर्जा रोजाना लेना पड़ रहा है। वित्त विभाग बोला- राज्य की प्रगति के लिए कर्ज जरूरीवित्त विभाग का कहना है कि सरकार पूंजीगत व्यय (इंफ्रास्ट्रक्चर विकास) के लिए कर्ज लेती है। राज्य की प्रगति के लिए यह जरूरी है। हर बार कर्ज लेने से पहले सरकार अधिसूचना जारी करती है कि पंूजीगत व्यय के लिए कर्ज लिया जाएगा। यह बात अलग है कि वित्त विभाग ने अभी तक अपनी संपत्ति की कोई कीमत नहीं बताई है। सरकारी एसेट्स का मूल्य राज्य की बकाया देनदारियों से कई गुना ज्यादासामान्यतः ऐसा माना जाता है कि सरकारी एसेट्स का मूल्य राज्य की बकाया देनदारियों से कई गुना ज्यादा है। इसलिए मप्र सरकार को कर्ज लेने में किसी तरह की अड़चन नहीं है। 17 दिसंबर को मप्र विधानसभा के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुलाए गए विशेष सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार ने पिछले दो सालों में 14-15 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। मुख्यमंत्री ने राज्य पर बढ़ रहे कर्ज को लेकर कहा कि कर्ज की बड़ा हिस्सा पिछली सरकारों ने लिया था। कर्ज लेकर यहां हो रहा निवेश वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि सभी तरह के कर्ज राज्य के विकास और भविष्य के लिए फायदेमंद एसेट्स बनाने के लिए गए हैं। जिसमें बांध, नहरों, भवन, कुआं, तालाब, सड़क आदि का निर्माण शामिल हैं। साथ ही तकनीक, संचार, यातायात, सहकारी बैंकों, अन्य को-ऑपरेटिव सोसाइटियों की शेयर कैपिटल में इन्वेस्टमेंट, तीसरे पक्ष की संस्थाओं आदि को कर्जा देने के लिए, जो किस्तों में ब्याज के साथ कर्ज चुकाएंगे और मप्र के ऊर्जा विभाग की बिजली उत्पादन, बिजली ट्रांसमिशन और बिजली वितरण कंपनियों को कर्जा देने के लिए लिए गए। यह एक तरह का निवेश है। लाड़ली बहना योजना का बढ़ा बोझमौजूदा स्थिति में मप्र सरकार की बड़े वित्तीय भार वाली योजना लाडली बहना है। सरकार ने इस योजना के तहत मासिक भुगतान को 1250 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति माह कर दिया है। पहले इस योजना में मासिक भुगतान के लिए 1540 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि की जरूरत थी, अब बढ़ाकर 1850 करोड़ खर्च हो रहे हैं। सरकार ने 2028 तक इस योजना के तहत मासिक भुगतान को 3 हजार रुपये प्रति माह तक ले जाने का वादा किया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री लाडली बहनों (महिला लाभार्थियों) को 5000 रुपए प्रति माह देने की इच्छा भी जताई है, हालांकि इसके के लिए कोई समय सीमा घोषित नहीं की गई है।राजस्व और व्यय में असंतुलनमप्र सरकार द्वारा लगातार बढ़ते कर्ज को श्उपलब्ध्यि और श्निवेश्य के रूप में प्रस्तुत करना कई सवाल खड़े करता है। यह सच है कि पूंजीगत व्यय के लिए लिया गया कर्ज भविष्य की परिसंपत्तियां खड़ी करता है, लेकिन जब कुल कर्ज राज्य के कुल बजट से भी अधिक हो जाए, तो वित्तीय अनुशासन पर चिंता स्वाभाविक है। रोज औसतन 125 करोड़ का कर्ज लेना इस बात का संकेत है कि राजस्व और व्यय के बीच संतुलन कमजोर है। लाड़ली बहना जैसी लोक-कल्याणकारी योजनाएं सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, पर उनके दीर्घकालिक वित्तीय बोझ का स्पष्ट रोडमैप सामने नहीं है। सरकार के एसेट्स का मूल्य सार्वजनिक न करना भी पारदर्शिता की कमी दर्शाता है। कर्ज विकास का साधन हो सकता है, पर असीमित कर्ज भविष्य की पीढियों पर भारी बोझ बन सकता है।

झीलों की नगरी में दौड़ी मेट्रो:सीएम-केन्द्रीय मंत्री ने दिखाई हरी झंडी, सफर का भी लिया आनंद, मोहन ने यात्रियों से साझा किया अनुभव
भोपाल। झीलों की नगरी भोपाल के लिए शनिवार का दिन का ऐतिहासिक रहा। दरअसल आज राजधानीवासियों को मेट्रो की सौगात मिली। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरी झंडी दिखाकर मेट्रो रेल को रवाना किया। उसके बाद उन्होंने मेट्रो रेल की सवारी भी की। उनके साथ राज्य सरकार के कई मंत्री भी शामिल रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स मेट्रो रेल स्टेशन पर उपस्थित नागरिकों और मीडिया कर्मियों से चर्चा की। उन्होंने सफर के दौरान भी अनेक यात्रियों से बातचीत की और उनके अनुभव जाने। सीएम ने भोपाल की इस मेट्रो ट्रेन यात्रा में अपना अनुभव बताते हुए कहा कि ऊंचाई पर बने ट्रेक से ट्रेन यात्रा करते हुए दोनों ओर शहर की हरियाली और सुंदरता देखने का अनुभव भी अपने आप में बेजोड़ है। सीएम ने राज्य की जनता को दी बधाईसीएम ने कहा कि सभी यात्रियों सहित एम्स आने वाले रोगियों और नागरिकों के लिए यह महत्वपूर्ण सुविधा है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल का अभिनंदन किया। सीएम ने कहा कि इंदौर मेट्रो से जुड़े हर कार्य के लिये केंद्र सरकार आवश्यक धनराशि भी प्रदान कर रही है। मध्यप्रदेश में शहरी विकास योजनाओं में भारत सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। आज ही 262 विकास कार्यों की शुरूआत की गई है। सीएम ने मेट्रो ट्रेन के शुभारंभ पर समस्त राज्य की जनता को बधाई दी।भोपाल-इंदौर को मिली मेट्रो की सौगातबता दें कि राजधानी भोपाल और व्यापारिक नगरी इंदौर दो ऐसे महानगर हैं, जहां के लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा मुहैया कराने के लिए मेट्रो रेल सेवा को तेज गति दी गई। भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट परियोजना में दो कॉरीडोर लाइन और एक डिपो है। भोपाल मेट्रो की आॅरेंज लाइन 16.74 किलोमीटर और ब्लू लाइन 14.16 किलोमीटर की है। यह परियोजना शहर के प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ते हुए यातायात के दबाव को कम करेगी और नागरिकों के जीवन स्तर को उन्नत बनाएगी।पहले चरण में आॅरेंज लाइन प्रायोरिटी कॉरीडोर का शुभारंभ किया भोपाल मेट्रो के पहले चरण में आॅरेंज लाइन प्रायोरिटी कॉरीडोर का शुभारंभ किया गया। यह खंड लगभग 7 किलोमीटर का है और उसमें 8 एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं। ये स्टेशन एम्स, अलकापुरी, डीआरएम आॅफिस, रानी कमलापति स्टेशन, एमपी नगर, बोर्ड आॅफिस चौराहा, केन्द्रीय विद्यालय एवं सुभाष नगर हैं। यह कॉरिडोर शहर के व्यस्त मार्गों पर सुगम यातायात उपलब्ध कराएगा और प्रदूषण को कम करने में सहायता प्रदान करेगा। मेट्रो का यह कॉरिडोर नागरिकों की यात्रा को सरल और आसान बनाएगा।भोपाल मेट्रो की अनुमानित लागत 10.33 हजार करोड़भोपाल मेट्रो की अनुमानित लागत 10 हजार 33 करोड़ रूपए है। इसमें प्रायोरिटी कॉरीडोर की लागत 2 हजार 225 करोड़ रूपए है। प्रायोरिटी कॉरीडोर की लंबाई 7 किलोमीटर है और इस कॉरीडोर में प्रतिदिन 3 हजार लोगों के यात्रा करने का अनुमान है।

रीवा जिले में धान खरीदी की व्यवस्था बेपटरी:कंपकंपाती ठण्ड में तौल के रतगजा कर रहे अन्नताता, अनियमितताओं का भी दावा
रीवा। रीवा जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी एक बार फिर से बेपटरी हो गई है। खरीदी केन्द्रों में कई दिनों से जहां किसान अपनी उपज की तौल के लिए रतजगा कर रहे हैं, वहीं कई खरीदी केन्द्रों में बिगड़े तौल कांटे एवं बारदाने की कमी से धान की तौल ही नहीं हो पा रही है। शुक्रवार को सेमरिया के किसानों ने खरीदी व्यवस्था को लेकर चकाजाम भी किया है। हालांकि मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से बातचीत कर व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही है।गौरतलब है कि जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए इस बार 97 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। जिनमें किसानों के सुविधा अनुसार धान की तौल एवं समय पर किसानों के भुगतान का दावा किया गया है। आलम यह है कि जिले के किसी भी खरीदी केन्द्र में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी में व्यापक अनियमितताएं की जा रही हैं। किसानों की मानें तो खरीदी केन्द्र प्रभारी एवं जिम्मेदारों द्वारा जहां 40 किलो के स्थान पर 41 किलो से साढ़े 41 किलो तक वजन कर किसानों को चूना लगाया जा रहा है, वहीं कई ऐसे भी किसान हैं जिन्हें अपनी उपज की तौल कराने के लिए कई दिनों तक खुले आसमान के नीचे अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे किसानों का कोई माई-बाप नहींसूत्रों की मानें तो जिन किसानों की पकड़ खरीदी केन्द्र के जिम्मेदारों से है, उनकी तौल हो रही है परंतु ऐसे किसान जिनका कोई माई-बाप नहीं है उन्हें कड़ाके की ठंड में कई दिनों तक खुले आसमान के नीचे अपने धान की रखवाली करनी पड़ रही है। केन्द्र में नहीं हैं बारदाने जिले के 97 खरीदी केन्द्रों में कई ऐसे भी केन्द्र हैं जिनमें दो-तीन दिन से बारदाने नहीं हैं। ऐसी स्थिति में उन किसानों के उपज की तौल ही नहीं हो पा रही है। कई ऐसे भी खरीदी केन्द्र हैं जहां के तौल कांटे ही खराब हैं। माना यह जा रहा है कि नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक कमलेश दाण्डेकर व्यवस्था बनाने में रुचि ही नहीं ले रहे हैं। कटे-फटे भेजे जा रहे बारदानेविभाग से मिली जानकारी में बताया गया है कि डीएम नॉन के करीबी खरीदी केन्द्र में तो बारदाने पहुंच रहे हैं लेकिन ऐसे खरीदी केन्द्र जिनमें नॉन के प्रबंधक श्री दाण्डेकर की रुचि नहीं है वहां कटे-फटे बारदाने भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं कई खरीदी केन्द्र बारदानों के अभाव में चल रहे हैं। ऐसे में अब यह स्पष्ट हो गया है कि डीएम नॉन द्वारा बारदानों में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अलाव की नहीं है व्यवस्था खरीदी केन्द्रों में न तो किसानों के लिए छाया की व्यवस्था बनाई गई है और न ही अलाव जलाए जा रहे हैं। ऐसे किसान जिनकी उपज तौल कराने में दो से तीन दिन लग रहे हैं वह खुले आसमान के नीचे कंपकंपाती ठण्ड में अपनी धान की सुरक्षा कर रहे हैं। हालांकि शासन द्वारा किसानों को खरीदी केन्द्र में पर्याप्त सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं जो हवा हवाई साबित हो रहे हैं। बताया गया है कि प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कमलेश दाण्डेकर द्वारा न तो अलाव की व्यवस्था कराई जा रही है और न ही पीने के पानी की ही सुविधा खरीदी केन्द्रों में उपलब्ध हो पा रही है।रीवा सेमरिया मार्ग पर किसानों ने लगाया जामसेमरिया क्षेत्र के खरीदी केन्द्र बंद होने से नाराज किसानों ने शुक्रवार को रीवा-सेमरिया (बनकुइयां) मार्ग सहित दढ़िया बड़ामार्ग पर ट्रैक्टर अड़ाकर पूरी तरह से यातायात रोक दिया। सड़क के बीच टेंट गाड़कर किसान धरने पर बैठ गए जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। लगभग एक घंटे तक यातायात प्रभावित रहा इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर किसानों से बातचीत किए तब जाकर जाम खोला गया। किसानों का कहना है कि जांच के बाद भी कल्पना वेयर हाउस और तिघरा खरीदी केन्द्र शुरू नहीं किए गए। जिससे धान लेकर आए किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सुनवाई न होने से उन्हें जाम का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है।

सतना जिला अस्पताल में मरीजों की फजीहत:SNCU वार्ड में चहलकदमी करते दिखे चूहे, प्रबंधन की लापरवाही उजागर करने वाले वीडियो आए सामने
सतना। सतना जिला चिकित्सालय में मासूमों को संक्रमित ब्लड चढ़ाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि यहां की अव्यवस्थाओं से जुड़े पांच वीडियो सामने आए हैं, जिसने हाल ही में इंदौर और जबलपुर में हुई ह्दयविदारक घटनाओं की याद दिला दी है। इसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की भेट कई मासूम चढ़ गए थे। जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करने वाले जो वीडियो सामने आए हैं उसमें अस्पताल के सिक न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) वार्ड में चूहे धमा- चैकड़ी मचाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि चूहे खुलेआम वार्ड में घूम रहे हैं, मरीजों के बेड के आसपास पड़े खाने की चीजों को लेकर इधर-उधर दौड़ लगा रहे हैं। इसके अलावा एक अन्य वीडियो में चूहे प्रिंटर आदि में घुसे हुए भी दिखाई दे रहे हैं। तीनों वीडियो ने एक बार फिर जिला अस्पताल में मची अव्यवस्था और लापरवाही की पोल खोल दी है। वीडियो बुधवार का बताया जा रहा है, यह वीडियो मरीजों के परिजनों द्वारा बनाया गया है। एसएनसीयू वार्ड एक ऐसा वार्ड है जहां 0 से 28 दिन के गंभीर नवजातों को इलाज के लिए भर्ती किया जाता है। जिला अस्पताल की चिकित्सकीय सुविधाएं इस समय पटरी से उतरती नजर आ रही हैं। विगत दिनों ही थैलीसीमिया से पीड़ित 5 बच्चों को संक्रमित ब्लड चढ़ाने के मामले में तीन दोषियों पर कार्रवाई करते हुए निलंबन किया गया है और अब जिला अस्पताल के सबसे संवेदनशील वार्ड जहां नवजात बच्चों का इलाज किया जाता है वहां चूहों के आतंक का वीडियो सामने आना बड़ी लापरवाही और वार्ड में भर्ती मासूमों के जान के साथ खिलवाड़ है।एसएनसीयू वार्ड में चूहों के साथ-साथ चीटियों ने भी डेरा जमा रखा है। मरीज के बेड के आसपास और दीवालों में लगे इलेक्ट्रिक बोर्डों में चीटियों के समूह की भी तस्वीरें भी सामने आई हैं। सूत्रों के मुताबिक जिला अस्पताल परिसर में बने एसएनसीयू वार्ड को मार्च 2023 में अस्पताल के अन्दर शिफ्ट किया गया था। पहले यह ट्रामा युनिट में लगता था। शिफ्ट करने के पहले एसएनसीयू वार्ड को रेनोवेट भी करवाया गया था। रेनोवेट कराने के बाद भी हालात यह हैं कि दीवालों में शीलन आ गई है और पपड़ी गिर रही है। मरीजों के आसपास लगाए गए इलेक्ट्रिक बोर्डो की स्थिति भी खराब है।

सतना में 6 बच्चों को HIV पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने का मामल:एनएचआरसी ने सरकार को भेजा नोटिस, सीएस को 4 हफ्ते में देनी होगी रिपोर्ट
भोपाल। सतना जिले के अस्पताल में 6 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है। इतना ही आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मुख्य सचिव से 4 हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भी नोटिस जारी किया गया है।बच्चों का चल रहा था थैलेसीमिया का इलाजराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वतरू संज्ञान लेकर कहा कि मप्र के सतना जिला अस्पताल में बच्चों को रक्त चढ़ाने के बाद कम से कम छह बच्चे एचआईवी पॉजिटिव हो गए। बताया जा रहा है कि उनका थैलेसीमिया का इलाज चल रहा था, जिसके लिए समय-समय पर खून चढ़ाने की जरूरत होती है। बच्चों में जनवरी से मई 2025 के बीच एचआईवी पॉजिटिव पाया गया और यह मामला अब सामने आया है। आयोग ने अन्य राज्यों के सीएस को भी भेजा नोटिसआयोग ने मप्र समेत अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे नोटिस में कहा है कि यदि मीडिया रिपोर्ट सही हैं, तो यह पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है। देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएं होने की जानकारी भी आयोग को मिली है। इसलिए, कमीशन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार हफ्तों के अंदर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उम्मीद है कि इसमें इस मुद्दे से निपटने के लिए उनके द्वारा उठाए गए या प्रस्तावित कदमों की जानकारी शामिल होगी। अंदरूनी तौर पर यह पता लगाने हो रही कोशिशउल्लेखनीय है कि हाल ही में खबरें सामने आई कि सतना के अस्पताल में 6 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ाया गया है। मप्र के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग में अंदरूनी तौर पर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि अन्य अस्पतालों में भी खून चढ़ाने के बाद एचआईवी पाए गए हैं या नहीं।

मस्जिद में इमाम बदलने पर विवाद:जबलपुर में दो गुट आपस में भिड़े, मारपीट की आई नौबत, सुन्नी और वहाबी सम्प्रदाय से जुड़ा है मामला
जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में जुम्मे की नमाज के दौरान नमाजगाह में इमाम बदलने पर दो पक्षों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई। नतीजा नमाजगाह में ही हंगामा हो गया और आसपास के वाशिंदे भी वहां एकत्रित होने लगे, जिससे विवाद ने गहरा रुप धारण कर लिया। इस दौरान किसी ने पुलिस-प्रशासन को इसकी सूचना दे दी। इसके बाद गोहलपुर, हनुमानताल और अधारताल के पुलिस बल ने मोर्चा संभाल लिया। सूत्रों के मुताबिक विवाद की असली जड़ सुन्नी और वहाबी सम्प्रदाय की विचारधारा से जुड़ा है। चूंकि विगत दिनों नमाजगाह में इमाम बदले गए हैं और इस जुम्मे को जिस मौलाना को नमाज पढ़ाना थी, उनकी तबियत खराब हो जाने के कारण वे आ नहीं सके। इस पर तत्काल ही कमेटी प्रबंधन द्वारा दूसरे इमाम का इंतजाम किया गया, जिसके द्वारा आते ही एक गुट ने नए मौलाना का विरोध करना शुरू कर दिया। पुराने इमाम काजी रियाज मोहम्मदी हैं। वे इस समय बीमार चल रहे हैं। इस दौरान जो दूसरे इमाम को बुलाया गया, वे सिवनी से जुड़े हैं। इसके कारण दूसरे गुट ने भी पहले गुट के खिलाफ हंगामा खड़ा कर दिया। सिवनी वाले स्वीकार ही नहीं सूत्रों का कहना है कि सिवनी में जमात का प्रभाव अधिक है, इसलिए उक्त नए मौलाना को स्थानीय सुन्नियों ने स्वीकार नहीं किया, क्योंकि इस मस्जिद के निर्माण में सुन्नी सम्प्रदाय के मुस्लिमों का अहम योगदान है। बहरहाल विवाद की सूचना मिलते ही सक्रिय हुए प्रशासन ने तत्काल ही अनुविभागीय दण्डाधिकारी पंकज मिश्रा मौके पर पहुंचे। विवाद सुलझता नहीं देख दोनों ही पक्षों को शनिवार को पुलिस थाने बुला लिया गया है। एसडीएम ने तत्काल लिया निर्णयअनुविभागीय दण्डाधिकारी ने जब तक विवाद सुलझ नहीं जाता, तब तक के लिए नमाजगाह में ताला डाल कर उसे सील कर दिया है। इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है। इसे देखते हुए प्रशासन ने वहां पुलिस बल तैनात कर रखा है। बता दें कि जुम्मे का दिन होने के कारण पहले ही मस्जिद में बहुत भीड़ थी। अंसार नगर बहोराबाग क्षेत्र के बहुत बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज यहां जुम्मे पर एकत्रित होकर नमाज पढ़ता है। इसलिए मामला और तूल पकड़ गया। प्रशासन ने मस्जिद के दोनों प्रवेश द्वार पर ताला डाल कर उन्हे सील कर दिया है।

भारत अब हर चुनौती का सामना करने में सक्षम:आईएएस मीट में बोले सीएम मोहन, विवेकानंद के सपने को साकार कर रहे हैं पीएम
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद का विचार था कि 21वीं सदी भारत की होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रभावी नेतृत्व और मार्गदर्शन में आज विवेकानंद जी का यह स्वप्न साकार होता दिख रहा है। वर्तमान में विश्व का हर देश भारत से मित्रता करना चाहता है। सीएम ने यह बात प्रशासन अकादमी में आयोजित म.प्र. आईएएस एसोसिएशन सर्विस मीट-2025 के शुभारंभ अवसर को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। शुभारंभ अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग जैन, सेवानिवृत्त अधिकारियों सहित मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस मौके पर सीएम को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा भारतसीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अब हर चुनौती और परिस्थिति का सामना करने में सक्षम है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की भूमिका के आधार पर ही भारत आज दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा है। हमारे प्रशासनिक अधिकारी हर चुनौती का सामना करते हुए देश को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। भारत की अनेक विविधताओं के बीच आज देश में यह सेवा क्षेत्र मजबूती और प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। पटेल के प्रयासों से निर्मित हो सकी प्रशासनिक व्यवस्थामुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों के फलस्वरूप प्रशासनिक व्यवस्था निर्मित हो पाई। देश में राजाओं की सत्ता को प्रजातंत्र में बदलने में प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। हमारे देश की संवैधानिक व्यवस्था में संघीय प्रणाली है और इस बीच प्रदेश के अधिकारियों ने केंद्र-राज्यों के साथ समन्वय करते हुए राज्य की बेहतर छवि बनाई है। मध्यप्रदेश एक प्रयोगशाला की तरह है, जहां कई क्षेत्रों में लगातार नवाचार हुए और इनमें से कई नवाचारों का देश-दुनिया में अनुसरण किया जा रहा है। पीएम पहचानते हैं योग्यता और अनुभव के महत्व कोसीएम ने कहा कि पीएम योग्यता और अनुभव के महत्व को पहचानते हैं। इसी का परिणाम है कि सेवाकाल के बाद भी कई अधिकारियों के अनुभव का लाभ शासन व्यवस्था को मिल रहा है। प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारी सम्मान के हकदार हैं। प्रसन्नता का विषय है कि सभी अधिकारी एक परिवार की तरह हर कठिनाई से निकलने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।ऊर्जा से भरे युवा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के आधारसीएम ने कहा कि प्रदेश में अनुभव से भरे हमारे वरिष्ठ अधिकारी और ऊर्जा से भरे हमारे युवा साथी विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के आधार हैं। उन्होंने कहा कि यह समय नीतियां बनाने और योजनाओं का क्रियान्वयन करने के साथ नवाचार को समझने, तकनीक को अपनाने और नागरिक की दृष्टि से सोचने का भी है। हमें सेवा कर पाने का अवसर सौभाग्य से मिलता है। हमारी संस्कृति में नर सेवा को माना गया नारायण सेवाभारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने यह सौभाग्य अपने कठिन परिश्रम से अर्जित किया है। हमारी संस्कृति में नर सेवा को नारायण सेवा माना गया है। आम आदमी के कष्टों का समाधान करने, उनकी समस्याओं की सुनवाई करने और सार्थक समाधान देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। सीएम ने कहा कि हमें प्रदेश के विकास के लिए अपना शत-प्रतिशत देने का संकल्प लेना होगा।

इंतजार खत्मः झीलों की नगरी में कल से दौड़ेगी मेट्रो:फ्री नहीं किराया देकर करना पड़ेगा सफर, 40 रुपए में कर सकेंगे 8 स्टेशनों की यात्रा
भोपाल। झीलों की नगरी भोपाल के लिए 20 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है। लंबे इंतजार के बाद राजधानी में मेट्रो ट्रेन का कमर्शियल रन शुरू होने जा रहा है। राजधानी भोपाल में मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन समारोह कुशाभाऊ ठाकरे हॉल (मिंटो हॉल) में आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सुभाष नगर स्टेशन से मेट्रो में सवार होकर एम्स स्टेशन तक का सफर तय करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक विशेष रिकॉर्डेड वीडियो संदेश भी प्रसारित किया जाएगा। इसके साथ ही भोपाल के सार्वजनिक परिवहन में एक नए और आधुनिक युग की शुरुआत होगी।लोकार्पण के बाद भोपाल मेट्रो एम्स से सुभाष नगर के बीच कुल 6.22 किमी के सफर के लिए 21 दिसम्बर से आम नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी। इंदौर मेट्रो की तरह भोपाल मेट्रो में एक दिन भी मुफ्त की सवारी नहीं की जा सकेगी। मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इसकी किराया सूची भी जारी कर दी है। किन्हीं भी दो स्टेशनों तक किराया 20 रुपये, 3 से 5 स्टेशनों के बीच 30 रुपये और 6 स्टेशनों से प्राथमिक कॉरिडोर (एम्स-सुभाष नगर) के बीच के सभी 8 स्टेशनों की यात्रा की जा सकेगी। ब्लू एवं ओरेंज लाइन पूरी होने के बाद 30.8 किमी के पूरे सफर का किराया 70 रुपये तय किया गया है।सुबह 9 से शाम 7 बजे तक चलेगी मेट्रो मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एस.कृष्ण चैतन्य ने बताया कि भोपाल में कुल ओरेंज एवं ब्लूलाइन में कुल 30.8 किमी दूरी में काम चल रहा है। एम्स से सुभाष नगर तक कुल 7.4 किमी में पूरे हो चुके मार्ग पर मेट्रो प्रतिदिन सुबह 9 से शाम 7 बजे तक चलेगी। एम्स से सुभाष नगर तक 9 और सुभाष नगर से एम्स के बीच कुल 8 फेरे लगेंगे। टिकट अभी ऑनलाइन बुक नहीं हो सकेंगे। स्टेशनों पर भौतिक रूप से लिए जा सकेंगे।ग्वालियर की बिजली से चलेगी मेट्रोचेतन्य ने बताया कि मेट्रो संचालन के लिए बिजली की उपलब्धता मप्र से ही होगी। इसके लिए मप्र विद्युत वितरण कंपनी, ग्वालियर से एमओयू हुआ है। भोपाल मेट्रो संचालन के लिए कंपनी से 4 मेगावॉट बिजली उपलब्ध कराएगी। प्रबंध निदेशक चैतन्य ने बताया कि प्रथम चरण के 6.22 किमी में मेट्रो संचालन के लिए जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य मिला था। हालांकि काम इस अंतिम लक्ष्य से भी 6 महीने पीछे है। डीपीआर में अब बना रहे पार्किंगप्रबंध निदेशक चैतन्य ने कहा कि मेट्रो परियोजना के डीपीआर में मेट्रो स्टेशनों पर वाहन पार्किंग का प्रावधान नहीं था। हालांकि अभी 8 में से छह स्टेशनों पर पार्किंग बनाई जा रही है। इन पार्किंग में 15-20 चार पहिया एवं 50-75 दोपहिया वाहन खड़े किए जा सकेंगे।

अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट 25 दिसंबर को: ग्वालियर में एमएसएमई के 5000 उद्यमी करेंगे शिरकत, लगाई जाएगी भव्य प्रदर्शनी
भोपाल। ग्वालियर में 25 दिसंबर को “अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट-2025” का आयोजन हाने जा रहा है। समिट को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। उद्योग और एमएसएमई आयुक्त दिलीप कुमार ने तैयारियों को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में अधिकारियों को “अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट” में एमएसएमई विभाग की तैयारियों को लेकर दिशा - निर्देश दिए। समिट में एमएसएमई से संबधित विभिन्न जिलों के 5000 उद्यमी शामिल होंगे।आयुक्त दिलीप कुमार ने विभाग की सफलताओं एवं योजनाओं से जुडी प्रदर्शनी लगाने के निर्देश दिए। विभाग की जानकारी आम लोगों को मिल सकेगी। समिट में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम विभाग की 2500 वर्गफीट एरिया में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी में एक जिला एक उत्पाद योजना को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही ग्वालियर के सेण्ड स्टोन, बदरवास के जेकेटस, छतरपुर के फर्नीचर आदि को भी प्रदर्शित किया जाएगा। एमएसएमई इकाईयों का किया जाएगा लोकार्पण-भूमिपूजनइसके साथ ही पेपर मेसी क्राफ्ट और स्टार्टअपस को भी प्रदर्शनी में शामिल किया जाएगा। समिट में सफल उद्यमियों की कहानियों का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही स्वरोजगार योजनाओं के हितग्रहियों को ऋण वितरण पत्र एवं सांकेतिक चेक प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही विभिन्न जिलों में प्रस्तावित औधोगिक क्षेत्रों, एमएसएमई इकाईयों का भूमिपूजन, शिलान्यास एवं लोकार्पण भी अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट में किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश के 248 जमीनों का आशय पत्र उद्यमियों को सौंपा जाएगा।

सतना में संक्रमित ब्लड मामले में सरकार का बड़ा एक्शन:ब्लड बैंक प्रभारी और लैब टेक्निशियन पर गिरी गाज, पूर्व सिविल सर्जन को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस
भोपाल। सतना जिले में संक्रमित ब्लड चढ़ाने के गंभीर मामले में सरकार का एक्शन जारी है। इसी क्रम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई करते हुए ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर और लैब टेक्निशियन निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई सीईओ आयुष्मान भारत डॉ. योगेश भरसट की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय जांच समिति की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला चिकित्सालय सतना के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेन्द्र पटेल और दो लैब टेक्नीशियन राम भाई त्रिपाठी तथा नंदलाल पांडे को निलंबित किया गया है। इसके अलावा जिला चिकित्सालय सतना के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। समिति की प्रीलिमिनरी रिपोर्ट के आधार पर एक्शन उन्हें जारी सूचना पत्र के संदर्भ में लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। स्पष्टीकरण समाधानकारक न होने की स्थिति में उनके विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य स्तरीय समिति का गठन डॉ. योगेश भरसट (आईएएस), संचालक, राज्य रक्ताधान परिषद की अध्यक्षता में दिनांक 16 दिसम्बर को किया गया था। समिति की प्रीलिमिनरी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है।

साउथ फिल्म इंडस्ट्री को तामिया ने खींचा अपनी ओर:सतपुड़ा की वादियों में फिल्म वैरवी की शूटिंग शुरू, हर ओर गूंज रहा है लाइट...कैमरा...एक्शन
छिंदवाड़ा। सतपुड़ा की खूबसूरत घाटियां, ठंड में कभी धूप-कभी कोहरा, चारों तरफ हरियाली, पहाड़, गांवों की गलियां और कही-कहीं बहते झरने, फिल्मों की शूटिंग के लिए मनचाही लोकेशन्स साऊथ फिल्म इंडस्ट्री को तामिया की ओर खींच रही है, यहां तेलगू फिल्म भैरवी की शूटिंग शुरू हो चुकी है। साथ ही दो अन्य फिल्मों टारगेट व आडू बुलेट रा की शूटिंग शुरू होने वाली है। फिल्मों की शूटिंग के जरिए स्थानीय लोगों को भरपूर रोजगार भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।कलेक्टर हरेंद्र नारायन व जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार के कुशल मार्गदर्शन में जिला प्रशासन के संवेदनशील रूख से तामिया में फिल्मों की शूटिंग के लिए बेहतरीन माहौल तैयार किया गया है और तेलगू फिल्मों की शूटिंग का सिलसिला आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और जिला प्रशासन के सहयोग से तामिया में फिल्मों की शूटिंग के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं, अनुमति समय सीमा में पूरी की जा रही है। स्थानीय स्तर पर फिल्म मेकिंग से जुड़े स्टाफ को सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाया जा रहा है, इससे साऊथ फिल्म इंडस्ट्री का झुकाव यहां पर शूटिंग के लिए लगातार बढ़ रहा है। नतीजा यह है कि आने वाले करीब 50 दिनों तक तामिया और इसके आस-पास के अंचल में लगातार तीन फिल्मों और वीडियो एलबम की शूटिंग की जाना है। साऊथ फिल्म इंइस्ट्री से छिंदवाड़ा आईं साउथ की जानी मानी प्रोडूयूसर विजयलक्ष्मी गुड़लुरी एवं डायरेक्टर अशोक (भैरवी), बी माधव रेड्डी एवं डायरेक्टर कट्टा श्रीनिवासा (आडू बुलेट रा) और प्रोड्यूसर शेख़ नईम अहमद तथा डायरेक्टर तनिषा रूपा ने शूटिंग के लिए लोकेशन्स को फाइनल किया है। होम स्टे में भी होगी शूटिंग - तामिया में फिल्म की शूटिंग की व्यवस्था से जुड़े कोलंबस मल्टीमीडिया के लाइन प्रोड्यूसर उमरगुल खान ने जानकारी दी कि भैरवी, टारगेट और आडू बुलेट रा की शूटिंग के दौरान तामिया, पी डब्लू डी गेस्ट हाउस, पाटन गांव, तामिया व्यू प्वाइंट, तुलतुला मंदिर, तामिया बाजार की ज्यादा से ज्यादा लोकेशन दिखाई जाएंगी। श्री खान बताते हैं कि तामिया के लोगों का खुशमिजाज व्यवहार, सादगी भरे अंदाज, सुरक्षित माहौल और अच्छी लोकेशन के कारण हमारा प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक फिल्मों की शूटिंग यहां हो। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किए जा रहे पर्यटन ग्राम काजरा, सावरवानी में भी फिल्मों की शूटिंग होगी और होम स्टे को स्क्रीन पर दिखाया जाएगा।स्थानीय लोगों को मिल रहा रोजगार - साऊथ की फिल्मों की शूटिंग से तामिया में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। तकनीकी स्टाफ में स्थानीय युवाओं का सहयोग लिया जा रहा है। होटल और कैटरिंग का काम लिया जा रहा है। स्थानीय कलाकारों, केटरर, पेंटर, ट्रेवल्स एवं अन्य लोगों को रोजगार से जोडने की पहल भी की जा रही है। तामिया से आकाश मंडराह एवं अमन सरवैया अपनी टीम के साथ इन फिल्मों के लिए असिस्टेंट लाइन प्रोड्यूसर का काम करेंगे।

मप्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से हो रहा विस्तार:आरोग्य सेवा संकल्प सम्मेलन में बोले सीएम, 23 को होगा पर 4 मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन
भोपाल। मप्र सरकार चिकित्सा सुविधाओं का तेज गति से विस्तार कर रही है। यह कहना है मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का। वह मुख्यमंत्री निवास में आरोग्य सेवा संकल्प सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने बताया कि कि 23 दिसंबर को होगा पीपीपी मोड पर 4 मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन किया जाएगा। इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल मुख्य रूप से मौजूद थे। इसके पहले मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2002-03 तक मध्यप्रदेश में केवल 5 मेकिडल कॉलेज थे। वर्तमान प्रदेश में 19 शासकीय मेडिकल कॉलेज और 14 निजी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इसी माह बैतूल, धार, कटनी, पन्ना में 4 मेडिकल कॉलेजों का भूमिपूजन होगा। इसी के साथ बीएएमएस की पढ़ाई के लिए एक साल में 8 नए आयुर्वेदिक कॉलेज भी प्रारंभ किए जा रहे हैं। साथ ही संकल्प पत्र अनुसार प्रदेश की 29 लोकसभा में मेडिकल कॉलेज उपलब्ध हो जाएंगे। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने 8000 चिकित्सा शिक्षा विद्यार्थियों को एक वर्ष में 207 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। साथ ही एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों को 16.50 लाख रुपए प्रतिवर्ष मदद दे रही है। दो हजार से ज्यादा छात्रों की सहभागिताइस कार्यक्रम में प्रदेश के 20 जिलों के 88 जनजातीय विकासखंडों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के साथ-साथ एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथी पद्धति के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया था। जिसमें जनजातीय बहुल विकासखंडों के 600 से अधिक चिकित्सक सहित निजी एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के 2000 से अधिक चिकित्सा छात्रों ने सहभागिता की।किसने क्या कहा राजेन्द्र शुक्ल बोले- चिकित्सकों के समर्पण की आवश्यकता: उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने चिकित्सा क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिये चिकित्सकों के समर्पण की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम समाज हित में प्रदेश और देश के विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ समय अवश्य सेवायें दें। ग्रामीण और आदिवासी बहुल जिलों में डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।विजय शाह का दावा- विकास के हर कदम में सरकार साथः जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार प्रदेश के हर बच्चे के सपने को पूरा करने के लिए सहयोग दे रही है। जनजातीय युवाओं के विकास के लिए हर कदम में सरकार साथ खड़ी है। राज्य सरकार की ओर से 5 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप दी जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय वन मेला:स्वास्थ्य व मनोरंजन का केंद्र बना मेला, 5 घंटे में बिक गई 10 लाख की औषधियां
भोपाल। भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वन मेला स्वास्थ्य व मनोरंजन का केंद्र बन गया है। यहां पहले दिन करीब 5 घंटे में जहां 10 लाख रूपये से अधिक की औषधियां लोग खरीदकर ले गये। वहीं दूसरी ओर यहां शाम आयोजित सांस्कृतिक संध्या भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही है। बता दें कि इस मेले का शुभारंभ 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया था। इसके दूसरे दिन दोपहर 3 बजे तक 10 लाख से अधिक रूपये के वनोपज एवं हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री का दावा लघु वनोपज संघ ने किया है। मेले में स्थापित ओपीडी में बड़ी संख्या में लगभग 100 से अधिक आगंतुक निशुल्क चिकित्सीय परामर्श के लिये पहुंचे हैं। पुरस्कृत हुए प्रतिभागी मेला प्रांगण में सुबह 10.30 बजे से रात्रि 10 बजे तक रंगारंग कार्यक्रम चले। जिनमें छात्र-छात्राओं द्वारा सोलो गायन तथा समूह गायन की प्रतियोगिता में लगभग 10 विद्यालयों से 50 से भी अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। शाम सम्राट म्युजि़कल ग्रुप द्वारा आर्केस्ट्रा की रंगारंग प्रस्तुति लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को महाप्रबंधक समिता राजौरा द्वारा पुरस्कृत किया गया। आज होगा दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में आज दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ होगा। यह समावेशी विकास के लिए एनटीएफपीएस श्वन समृद्धि को सामुदायिक कल्याण से जोडना श् विषय पर आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव वन विभाग अशोक वर्णवाल के साथ लघु वनोपज क्षेत्र में कार्यरत देश के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ताओं के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ भी भाग हो रहे हैं।

वित्त मंत्री देवड़ा ने गिनाईं विभाग की उपलब्धियां:तकनीकी नवाचारों से रोके सरकारी खजाने के लीकेज
भोपाल। वित्त विभाग ने तकनीकी नवाचारों से बजट में होने वाली गड़बडियों पर लगाम कसने और बजट खर्च की सीधी निगरानी करने में कुद हद कद सफलता हासिल की है। भविष्य में आयकर विभाग की तर्ज पर बजट भुगतान से संबंधित फाइलों की मंजूरी दी जाएगी। यानी एक जिले की फाइल किसी अन्य जिले से मंजूर हो सकती है। इसके लिए वित्त विभाग ने अलग-अलग तकनीकी नवाचार किए हैं। जिनके जरिए गलत भुगतानों को भी पकड़ा गया है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने गुरुवार को जनसंपर्क संचालनालय में वित्त विभाग की दो साल की उपलब्धियां गिनाते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा किवित्त विभाग शून्य आधारित बजट प्रक्रिया के अनुसार बजट तैयार किया जा रहा है। तीन वर्षों के लिये रोलिंग बजट की प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसमें बजट प्रक्रिया से संबंधित नवाचार अपनाएं जा रहे है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश में पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे प्रदेश के ही सकल घरेलू उत्पाद में नियमित वृद्धि बनी हुई है। देवड़ा ने कहा कि वित्तीय मानकों के आधार पर प्रदेश की स्थिति बहुत सुदृढ़ है। उन्होंने बताया कि संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा कई नवाचारी व्यवस्था लागू की है। उन्होंने यह भी बताया कि शासकीय सेवकोंध् पेंशनरों के हित में कई निर्णय लिये गये है। देवड़ा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 55 हजार 634 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। वर्ष 2025-26 में माह नवम्बर तक कुल 34 हजार 829 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2025-26 में माह नवम्बर तक डाटा एनालिटिक्स आधारित चिन्हित प्रकरणों में प्रवर्तन कार्यवाहियों से 967 करोड़ एवं ऑडिट की कार्यवाही से 404 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हुआ है।मप्र करेगा शराब का निर्यातदेवड़ा ने बताया कि राजस्व बढ़ाने के लिये राज्य तथा देश के बाहर मदिरा के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत पॉलिसी बनाई जाएगी। मदिरा उपभोगध्विक्रय के एक दिवस का लायसेंस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जारी किया जाएगा। प्रदेश के समस्त शासकीय विभाग, निगम, मंडल द्वारा दिए जा रहे वर्क आर्डर तथा भुगतान की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सके इसके लिये डाटा रिपोजटरी बनाया जाएगा। डाटा एनालिटिक्स के उपयोग से प्रवर्तन की कार्यवाही की जावेगी तथा बोगस व्यवसायियों पर सतत् निगरानी रखी जाकर गलत आईटीसी के उपयोग पर अंकुश लगाया जाएगा। कर अपवंचन की रोकथाम हेतु चलित वाहनों के माध्यम से किये जा रहे कर अपवंचन पर नियंत्रण एवं निगरानी हेतु यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग में पृथक से डेटा एनालिटिक्स एवं टैक्स रिसर्च यूनिट का गठन किया जायेगा।जमीनों की रजिस्ट्री आधार बेसदेवड़ा ने बताया कि मप्र देश का प्रथम राज्य है जिसमें 75 प्रकार के दस्तावेज पट्टा, पॉवर ऑफ अटर्नी, बंधक इत्यादि का घर बैठे वीडियो केवायसी के माध्यम से पंजीयन हो रहा है। संपदा 2.0 को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025 में स्वर्ण पदक मिला है। प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है। साथ ही क्रेता एवं विक्रेता की पहचान आधार और पेन ई-केवायसी से किये जाने के कारण जनता को सुविधा हुई है।हर जन्म-मृत्यु का पंजीयन अनिवार्यदेवड़ा ने बताया कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (15 लाख 03 हजार 395 करोड़) रूपये रहा एवं प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 52 हजार 615 रूपये रही। प्रदेश में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पोर्टल द्वारा शत-प्रतिशत जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण का कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है।

मप्र में सर्दी का सितम:ठंड से सहमे इंदौर-राजगढ़, कई जिलों में कोहरे का भी दिखाई असर, रीवा-सागर में विजिबिलिटी रही बेहद कम
भोपाल। मध्यप्रदेश में सर्दी अपना असर दिखाने लगी है और तापमान पांच डिग्री से भी नीचे पहुंच गया है। अब आलम यह है कि रात के समय भी आम लोगों को अलाव आदि की जरूरत महसूस होने लगी है। राजगढ़ और इंदौर में तो तापमान चार से पांच डिग्री के बीच पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, इंदौर प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 5.4 डिग्री, इंदौर में 4.5 डिग्री, ग्वालियर में 9.3 डिग्री, उज्जैन में 7.3 डिग्री और जबलपुर में पारा 9.2 डिग्री रहा। इंड के साथ-साथ जिलों में कोहरे का कहर भी देखने को मिल रहा है। अन्य प्रमुख शहरों के तापमान की बात करें तो उज्जैन 8.0 डिग्री, दमोह 8.5 डिग्री, जबलपुर, 8.6 डिग्री, खजुराहो 8.2 डिग्री, मंडला 8.5 डिग्री, नरसिंहपुर 8.6 डिग्री, रीवा, 7.3 डिग्री, और सतना 8.4 डिग्री पारा रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर भारत की पहाड़ियों पर बर्फबारी से ठंडी हवाएं एमपी पहुंच रही हैं, जिससे शीतलहर का प्रभाव बढ़ गया है। घने कोहरे के कारण सड़क, रेल और हवाई यातायात पर असर पड़ सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटों में तापमान में और गिरावट आ सकती है।12 जिलों में छाया रहा कोहरादूसरी ओर आज सुबह भोपाल, ग्वालियर-उज्जैन समेत 12 जिलों में कोहरा छाया रहा। रीवा और सागर में विजिबिलिटी 1 से 2 किलोमीटर दर्ज की गई। भोपाल, गुना, ग्वालियर, इंदौर, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन खजुराहो, मंडला में विजिबिलिटी 2 से 4 किमी तक रही। उत्तरी हिस्से के अन्य जिलों में भी कोहरे का असर देखा गया।शाजापुर में 50 मीटर बाद कुछ नहीं दिखा, भोपाल-ग्वालियर में भी कोहराइससे पहले बुधवार सुबह भोपाल, ग्वालियर समेत 22 जिलों में कोहरा छाया रहा। कोहरे की वजह से ट्रेनें-फ्लाइट भी डिले हुई। भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, दमोह, सागर और विदिशा में घना कोहरा छाया रहा।ग्वालियर, नर्मदापुरम, उज्जैन, मंडला, रीवा, सतना में 1 से 2 किलोमीटर तक विजिबिलिटी रही। वहीं, भोपाल, जबलपुर, खजुराहो, नौगांव, मलाजखंड, दतिया, गुना, इंदौर, रतलाम में 2 किमी के बाद कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरा छाने के दौरान वाहनों को सावधानी से चलाने की समझाइश भी दी गई। शाजापुर में इतना कोहरा था कि 50 मीटर के बाद कुछ भी नहीं दिख रहा था।स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरीस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा है कि पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें तथा कई परतों में वस्त्र धारण करें। सिर, गर्दन, हाथ एवं पैरों को अच्छी तरह टोपी, मफलर एवं मोजे से ढकें। वॉटरप्रूफ जूतों का उपयोग करें। गर्म एवं तरल पेय पदार्थ (चाय, सूप आदि) लेते रहें तथा संतुलित आहार व विटामिन-सी युक्त फल-सब्जियों का सेवन करें। ठंडी हवा से बचें, यथासंभव घर के अंदर रहें एवं अनावश्यक यात्रा से बचें।एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि बच्चों, बुजुर्गों, अकेले रहने वाले एवं असहाय व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। आवश्यक दवाइयों, ईंधन, पेयजल एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों का पूर्व भंडारण रखें। ठंड से प्रभावित होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें और निकटस्थ अस्पताल से संपर्क करें।


