DELHI NEWS

सदैव अटल:भारत रत्न को पीएम मोदी ने किया नमन, कहा- वे ओजस्वी कवि के रूप में सदेव रहेंगे स्मरणीय
नई दिल्ली। भारत रत्न और देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 101वी जयंती है। इस मौके देश भर के दिग्गज नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अटलजी को नमन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अटलजी ने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक बना रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ष्देशवासियों के हृदय में बसे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया। वे एक प्रखर वक्ता के साथ-साथ ओजस्वी कवि के रूप में भी सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।पीएम ने अटलजी के पुराने भाषणों को किया शेयरप्रधानमंत्री मोदी ने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें उनके पुराने भाषण हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर कहा था, अटलजी की वाणी सिर्फ भाजपा की आवाज नहीं बनी थी, बल्कि इस देश में एक समय ऐसा था जब अटलजी की वाणी भारत के सामान्य मानवीय आशाओं और आकांक्षाओं की वाणी बन चुकी थी। अटलजी बोल रहे हैं, मतलब देश बोल रहा है। अटलजी बोल रहे हैं, मतलब वह अपनी भावनाओं को नहीं, बल्कि देश के जन-जन की भावनाओं को समेटकर उनको अभिव्यक्ति दे रहे हैं।नहीं भुलाया जा सकता अटलजी के योगदान कोपीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा, ये देश अटलजी के योगदान को कभी नहीं भूल सकता है। उनके नेतृत्व में हमने परमाणु शक्ति में भी देश का सिर ऊंचा किया। पार्टी नेता, संसद सदस्य, मंत्री या प्रधानमंत्री, अटलजी ने प्रत्येक भूमिका में एक आदर्श को प्रतिष्ठित किया।अटलजी के जीवन से प्रेरणा लेने का अवसरएक अन्य पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, अटलजी की जन्म-जयंती हम सबके लिए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का एक विशेष अवसर है। उनका आचरण, शालीनता, वैचारिक दृढ़ता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संकल्प भारतीय राजनीति के लिए एक आदर्श मानक है। उन्होंने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि श्रेष्ठता पद से नहीं, आचरण से स्थापित होती है और वही समाज को दिशा देती है।

उन्नाव रेप केसः कुलदीप सेंगर की जमानत का विरोध :मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट की दहलीज, सीबीआई भी देगी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस में दोषी ठहराए गए पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सेंगर को सुनाई गई सजा भी सस्पेंड कर दी है। सेंगर की जमानत के बाद से देश में फिर से विरोध शुरू हो गया है। यही नहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।वकील अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि कुलदीप सेंगर को दी गई जमानत को रद्द किया जाए। हालांकि, अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार इस मामले में कोई पक्षकार नहीं हैं। इन दोनों में से कोई न तो निचली अदालत, ना ही हाईकोर्ट में ही कभी पक्षकार रहे हैं। वहीं, इस मामले में जुड़े असली पक्षकार सीबीआई और पीड़िता का परिवार पहले ही हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कर चुके हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले का किया अध्ययनसीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले का गहन अध्ययन कर लिया है और अब सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देने की तैयारी कर रही है। वहीं, पीड़िता का परिवार भी सेंगर की जमानत को लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि सेंगर के बाहर आने से उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।देशभर को झकझोर दिया था उन्नाव रेप केस ने गौरतलब है कि उन्नाव दुष्कर्म मामला साल 2017 में सामने आया था और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह मामला एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म से जुड़ा था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद साल 2019 में कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराया गया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में कुलदीप सेंगर को जमानत दे दी है। इस फैसले के बाद कई संगठनों और आम जनता ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है।हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजावहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वकील अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, सीबीआई या पीड़िता के परिवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

बंगाल को न बनने दें बांग्लादेश:मिथुन की अपील से भड़के कांग्रेस-लेफ्ट, कहा- खो गए हैं मानसिक संतुलन
नई दिल्ली। भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के मतदाताओं से टीएमसी के खिलाफ वोट करने की अपील करते हुए बयान दिया कि बंगाल को बांग्लादेश न बनने दें। उनके बयान पर राजनीति शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने मिथुन चक्रवर्ती के बयान पर पलटवार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती का मानसिक संतुलन खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी ने उनको राज्यसभा नहीं दी, लोकसभा नहीं दी, इसलिए वो मानसिक संतुलन खोए हुए व्यक्ति की तरह बात कर रहे हैं। देशद्रोह की बात कर रहे हैं, बंगला भाषियों को बांग्लादेशी कहने का काम कर रहे हैं, बंगला भाषियों में हिंदू-मुसलमान करने का काम कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति की जगह या तो पागलखाने में होनी चाहिए या जेल में होनी चाहिए।वहीं, मिथुन चक्रवर्ती के बयान पर सीपीआईएम के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा, पिछले 15 सालों से भाजपा और ममता बनर्जी के बीच बहुत करीबी रिश्ता रहा है। इसलिए वे खुलेआम एक-दूसरे से लड़ेंगे, एक-दूसरे को गाली देंगे, लेकिन उनका मुख्य टारगेट यह है कि वे मिलकर लेफ्ट को खत्म करना चाहते हैं।इससे पहले, भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने हुगली में बयान दिया कि वे पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा, कुछ लोगों का मानना है कि अगर पश्चिम बंगाल बांग्लादेश बन भी जाए तो भी सत्ता में रहना ठीक रहेगा, लेकिन यह सपना पूरा नहीं होगा। हमारे जैसे लोग हैं जो खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे।मिथुन चक्रवर्ती ने लेफ्ट, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के हिंदू समर्थकों से ममता बनर्जी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, आप मेरे भाई-बहन हैं। मैं कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के हिंदुओं से एकजुट होने का अनुरोध कर रहा हूं। मैं तृणमूल के हिंदुओं से भी कहूंगा, आइए एकजुट हों और इस सरकार के खिलाफ वोट करें।

क्रिसमसः पीएम मोदी ने दिल्ली के चर्चा में की प्रार्थना:शांति और सद्भाव का दिया संदेश, एक्स पर शेयर कुछ खास तस्वीरें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को क्रिसमस के अवसर पर कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्प्शन में आयोजित क्रिसमस प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया। इस सभा में दिल्ली और उत्तर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से आए बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग शामिल हुए। सभा में प्रार्थनाएं, क्रिसमस कैरोल्स और भजन गाए गए। दिल्ली के बिशप राइट रेवरेंड डॉ. पॉल स्वरूप ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए विशेष प्रार्थना की।इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, दिल्ली में कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा में शामिल हुआ। सभा में प्यार, शांति और दया का हमेशा रहने वाला संदेश दिखा। क्रिसमस की भावना हमारे समाज में मेलजोल और अच्छाई की भावना जगाए।प्रार्थना सभा की तस्वीरें सोशल मीडिया में की शेयरप्रधानमंत्री मोदी ने कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर कीं। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में वीडियो भी शेयर किया और लिखा, क्रिसमस नई उम्मीद, प्यार और दयालुता के लिए एक जैसा वादा लाए। कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा के कुछ खास पल यहां हैं।ईसाई समुदाय से जुड़े कार्यक्रम में लगातार शिरकत कर रहे पीएमपिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री मोदी ईसाई समुदाय से जुड़े कार्यक्रमों में नियमित रूप से शिरकत करते रहे हैं। ईस्टर 2023 के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल में ईस्टर कार्यक्रम में भाग लिया और वहां प्रार्थना सभा में शामिल हुए। क्रिसमस 2023 पर उन्होंने अपने आवास पर ईसाई समुदाय के प्रमुख सदस्यों के साथ एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी की।2024 में पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के आवास पर क्रिसमस डिनर में हिस्सा लिया। इसके अलावा, कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी पीएम मोदी शामिल हुए थे। गुरुवार को दुनिया भर में क्रिसमस मनाया जा रहा है, जो प्रभु यीशु मसीह के जन्म का प्रतीक है। भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग भी इस त्योहार को मिल-जुलकर मनाते हैं।

दिल्ली में आज से 5 रुपए में मिलेगा पेटभर भोजन:भारत रत्न की जयंती पर सरकार ने की अटल कैंटीन की शुरूआत
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 101वीं के मौके पर पूरे राष्ट्रीय राजधानी में 100 अटल कैंटीन शुरू करेगी, जहां सिर्फ 5 रुपए में खाना मिलेगा। भाजपा ने दिल्ली चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा भी किया था और इस पहल का मकसद पूरे शहर के निवासियों को किफायती और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है।दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने इस योजना के उद्घाटन की घोषणा करते हुए इसे वंचितों के लिए खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। ये कैंटीन खास तौर पर दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों और कम आय वाले परिवारों के लिए डिजाइन की गई हैं, जिन्हें नियमित भोजन का खर्च उठाने में मुश्किल होती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह योजना सम्मान के साथ भोजन उपलब्ध कराने के विचार पर आधारित है।दिन में दो बार मिलेगा भोजनउन्होंने कहा, अटल कैंटीन दिल्ली की आत्मा बन जाएगी, एक ऐसी जगह जहां किसी को भी भूखा नहीं सोना पड़ेगा। उन्होंने समावेशी कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। प्रत्येक अटल कैंटीन में दिन में दो बार भोजन मिलेगा, जिसमें दाल और चावल, रोटी और सब्जियां शामिल होंगी, और उम्मीद है कि यह रोजाना लगभग 1,000 लोगों को खाना खिलाएगी।भारी-भरकम सब्सिडी देगी सरकारअधिकारियों ने बताया कि सरकार इस कार्यक्रम को भारी सब्सिडी देगी ताकि कीमत 5 रुपए प्रति भोजन तय रहे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, एक अंतर-विभागीय समिति ने पहले चरण के लिए 100 कैंटीनों के स्थान, भोजन सूची और संचालन दिशानिर्देशों को पहले ही अंतिम रूप दे दिया है। इसका लक्ष्य शुरू से ही सभी केंद्रों पर एकरूपता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।डिजिटल मिलेगा टोकनअनियमितताओं को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, भोजन का वितरण मैनुअल कूपन के बजाय डिजिटल टोकन सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा। सभी कैंटीनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रियल-टाइम निगरानी की जाएगी। किचन में एलपीजी-आधारित स्टोव, इंडस्ट्रियल-ग्रेड आरओ वॉटर सिस्टम और कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं होंगी।

दिल्ली में सांसों का आपातकाल: एक्यूआई को लेकर केन्द्रीय मंत्री हुए चिंतित, कही यह बात
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। हालात ऐसे हो गए हैं लोगों को सांस के लाल पड़ गए हैं। दिल्ली के प्रदूषण को लेकर अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी चिंता जाहिर की है और कहा है कि दिल्ली बेहद प्रदूषित है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मैं दो दिन दिल्ली में रहा और बीमार पड़ गया। माइ आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट- रीडिफाइन अनएलॉयड नेशनलिज्म नामक किताब का विमोचन करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, मैं परिवहन मंत्री हूं, 40 प्रतिशत प्रदूषण तो हमारे ही कारण होता है। इसकी वजह है कि जीवाश्म ईंधन, पेट्रोल-डीजल है। सुदर्शन जी कितनी बार कहते थे कि इस देश का किसान अन्न दाता नहीं ऊर्जा दाता बनेगा। हवाई ईंधन दाता बनेगा। अब सब बन गया है, पर कोई विश्वास रखने के लिए तैयार नहीं है। नितिन गडकरी ने बताया, आज भी हम कच्चे तेल के आयात पर 22 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। देश में प्रदूषण हो रहा है, ये कैसा राष्ट्रवाद है? आज अगर कोई असल राष्ट्रवाद है तो वो आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने में है। क्या हम वैकल्पिक ईंधन और बायो ईंधन में आत्मनिर्भर भारत नहीं बना सकते। गडकरी ने कहा, मैं 100 फीसदी इथेनॉल पर चलने वाली गाड़ी से यहां आया हूं। 60 प्रतिशत बिजली तैयार करती है और 25 रुपये प्रतिकिलोमीटर का औसत देती है। प्रदूषण शून्य है। हम हाइड्रोजन बना रहे हैं, इलेक्ट्रिक गाड़ियां बना रहे हैं।हाइड्रोजन ऊर्जा निर्यातक बनने की राह पर देशहाल ही में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, देश अगले दशक के भीतर हाइड्रोजन ऊर्जा का निर्यातक बनने की राह पर है। हाइड्रोजन, पोत परिवहन, विमानन, उद्योग और स्मार्ट परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, सरकार लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में 28 पहुंच-नियंत्रित एक्सप्रेसवे बनाने की प्रक्रिया में है। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सड़क विकास परियोजनाओं में एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

इसरो ने रचा इतिहास:एलवीएम3-एम6 की सफल लॉन्चिंग को पीएम ने बताया गौरवपूर्ण क्षण, टीम को दी बधाई
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में अब तक का सबसे भारी पेलोड (6,100 किलोग्राम) को लॉन्च किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे गौरवपूर्ण पूर्ण क्षण बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस उपलब्धि को एक बड़ी छलांग बताते हुए लिखा, एलवीएम3-एम6 का सफल लॉन्च, जिसने भारतीय धरती से लॉन्च किए गए अब तक के सबसे भारी सैटेलाइट, यूएसए के ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 स्पेसक्राफ्ट को उसकी तय ऑर्बिट में पहुंचाया, भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है।अंतरिक्ष की दुनिया में ऊंचाइयों को छू रहा भारतउन्होंने लिखा, यह भारत की हेवी-लिफ्ट लॉन्च क्षमता को मजबूत करता है और ग्लोबल कमर्शियल लॉन्च मार्केट में हमारी बढ़ती भूमिका को और पक्का करता है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारे प्रयासों को भी दिखाता है। हमारे मेहनती अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। भारत अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है।केन्द्रीय मंत्री ने भी इसरो को दी बधाईकेंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट करके इसरो को बधाई दी। उन्होंने लिखा, ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को ले जाने वाले एलवीएम3-एम6 के सफल लॉन्च के लिए टीम इसरो को बधाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी संरक्षण में, इसरो लगातार एक के बाद एक सफलता हासिल कर रहा है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती ताकत को फिर से साबित करता है।

पीएम मोदी ने किसानों को प्राकृतिक खेती की दी सलाह:दलहन की खेती को बढ़ावा देने पर दिया जोर, बताएं उपाय भी
नई दिल्ली। किसान दिवस पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया गया, इसमें पीएम मोदी ने किसान को प्राकृतिक खेती करने की सलाह दी। साथ ही दलहन की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। 2.41 मिनट के इस वीडियो में दालों की खेती करने वाले किसान कृष्ण कुमार पीएम मोदी से अपनी हालिया बातचीत का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार की योजनाओं की जमकर तारीफ कर रहे हैं।मोदी स्टोरी के एक्स पोस्ट में बताया गया है कि किसान दिवस किसानों को सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माता के रूप में मनाता है। धन-धान्य योजना और दालों में आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत पर दाल किसानों को पीएम मोदी से बातचीत के लिए बुलाया गया था। इनमें से एक किसान कृष्ण कुमार थे। शेयर किए गए वीडियो में किसान की सादगी और पीएम की किसानों के प्रति संवेदनशीलता साफ झलक रही है।भारत को दाल उत्पादन में बनना चाहिए आत्मनिर्भरपीएम ने पूछा, आपने दालों की खेती शुरू की, यह कैसे किया? कृष्ण कुमार ने बताया कि प्राकृतिक खेती ने उनके खेतों को बदल दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना चाहिए और केमिकल का इस्तेमाल कम या खत्म करना चाहिए। किसानों की पैदावार की चिंता समझते हुए पीएम ने सलाह दी, छोटे हिस्से से प्राकृतिक खेती शुरू करें, नतीजे देखें और धीरे-धीरे पूरे खेत पर लागू करें।वीडियो में इन योजनाओं का जिक्रवीडियो में पीएम फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि और अब धन-धान्य योजना का जिक्र है। पोस्ट में कहा गया कि पीएम मोदी का तरीका किसानों को सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास देता है। किसान दिवस पर कृष्ण कुमार जैसी कहानियां याद दिलाती हैं कि सशक्त किसान ही मजबूत देश की नींव हैं।वायरल हो रहा वीडियोयह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग पीएम की किसान-केंद्रित नीतियों और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की सराहना कर रहे हैं। किसान दिवस पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह की जयंती पर मनाया जाता है, जो किसानों के बड़े हितैषी थे।

भारत के खिलाफ बोलने राहुल ने ली सुपारी:बर्लिन में दिए बयान पर भाजपा नेता का हमला, चुघ ने चीन के तारीफ पर भी घेरा
दिल्ली। जर्मनी के बर्लिन में राहुल गांधी ने पिछले दिन एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय लोकतंत्र और देश की संवैधानिक संस्थाओं को लेकर बयान दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उस संविधान को खत्म करने की बात कर रही है, जो सभी को समान अधिकार देता है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष एक ऐसा प्रतिरोध तंत्र तैयार करेगा, जो आखिरकार भाजपा को सत्ता से हटाने में कामयाब होगा। राहुल के इस बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कड़ा प्रहार किया है।तरुण चुघ ने कहा कि भारत की संस्थाओं को बदनाम करना और भारतीय संस्कृति व सनातन के खिलाफ बोलना राहुल गांधी की आदत बन चुकी है।उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने विदेशी आकाओं से भारत, भारतीय संस्कृति और सम्मान के खिलाफ बोलने की सुपारी ले रखी है। उन्होंने आरोप लगाए कि देश के लोकतंत्र को बदनाम करने और विदेशी आकाओं की तालियां बंटोरने के लिए राहुल गांधी लगातार भारत-विरोधी कैंपेन चला रहे हैं। चीन के साथ आपके क्या रिश्ते, जानना चाहते हैं सबचीन का जिक्र करते हुए तरुण चुघ ने कहा, आप (राहुल गांधी) चीन की तारीफ करते हैं, लेकिन चीन के साथ आपके क्या रिश्ते हैं, ये सब जानते हैं। देश जानता है कि किन एनजीओ को चीन से फंड मिल रहा है। राहुल गांधी, अपनी पार्टी का रिकॉर्ड देखिए, अपनी सरकार का रिकॉर्ड देखिए। डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग से कोसों दूर यूपीए के समय में पॉलिसी कमजोर थीं, गवर्नेंस ठीक नहीं था और निराशा का माहौल था।पीएम ने शुरू की तरक्की नई रफ्तार भाजपा नेता ने कहा, पिछले 11 साल में प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया, पीएलआई और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों से इस गिरावट को पलटकर तरक्की की नई रफ्तार शुरू की है। विकास और राष्ट्रीय स्थिरता की राजनीति आगे बढ़ रही है। कांग्रेस की ओर से फैलाया जा रहा भ्रम और डर का विजन बिल्कुल काम नहीं आएगा।हजारों करोड़ रुपए हड़पने वाले आज थूक रहे चांद पर तरुण चुघ ने आगे कहा, जिनका कार्यकाल देश का खजाना लूटने के लिए काले अक्षरों में दर्ज है। उनकी सरकार के दौरान खुद कैग ने उन पर लूट का आरोप लगाया। 2जी स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम, कोयला स्कैम और नेशनल हेराल्ड स्कैम के जरिए हजारों करोड़ रुपए हड़पने वाले आज चांद पर थूक रहे हैं। उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।

राजधानी की हवा में जहर: दिल्ली के हालात और भी भयावह, नोएडा और गाजियाबाद में एक्यूआई 400 के पार
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर रूप धारण कर लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच चुका है, जो ‘अति गंभीर’ श्रेणी में आता है। गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र में एक्यूआई 460 दर्ज किया गया, जबकि इंदिरापुरम में 412, लोनी में 401 और संजय नगर में 387 रहा। नोएडा की स्थिति भी बेहद चिंताजनक बनी हुई है। सेक्टर-1 में एक्यूआई 460, सेक्टर-116 में 429, सेक्टर-125 में 419 और सेक्टर-62 में 398 दर्ज किया गया। स्टेशनों पर सांस लेने लायक नहीं बची हवादिल्ली के हालात और भी भयावह नजर आ रहे हैं। आनंद विहार में एक्यूआई 468, नेहरू नगर में 457, ओखला फेज-2 में 455, आरके पुरम में 446, पंजाबी बाग में 441, पटपड़गंज में 439 और अशोक विहार में 443 रिकॉर्ड किया गया। चांदनी चैक में एक्यूआई 428, बवाना में 427, डीटीयू में 420, पुसा में 417 और अलीपुर में 407 दर्ज हुआ। लगभग सभी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा सांस लेने लायक नहीं बची है। फिलहाल राहत की उम्मीद नहींविशेषज्ञों का कहना है कि ठंड, कोहरा, हवा की धीमी गति और स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के चलते फिलहाल राहत की उम्मीद कम है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, मास्क का उपयोग करें और स्वास्थ्य संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मनरेगा पर घमासान:सोनिया ने केन्द्र पर बोला जुबानी हमला, लेख के जरिए दी चेतावनी भी
नई दिल्ली। मनरेगा को लेकर कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर जुबानी हमला किया। केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को जानबूझकर खत्म करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसे बदला गया तो भारत की ग्रामीण आबादी के लिए इसके नतीजे बहुत बुरे होंगे। उनकी यह टिप्पणी संसद द्वारा विपक्ष के कड़े विरोध के बीच विकसित भारत गारंटी फॉर एम्प्लॉयमेंट एंड लाइवलीहुड मिशन (ग्रामीण) बिल पास किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है। एक प्रमुख राष्ट्रीय अखबार में छपे एक लेख में सोनिया गांधी ने तर्क दिया कि यूपीए सरकार के तहत 2005 में लागू किया गया मनरेगा, जो काम के संवैधानिक अधिकार की गारंटी देने वाला एक अधिकार-आधारित कानून था, उसे बिना किसी चर्चा, सलाह-मशविरे या संसदीय प्रक्रियाओं का सम्मान किए प्रभावी ढंग से खत्म किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना तो बस शुरुआत है। सोनिया गांधी ने इसे दुनिया के सबसे बड़े सोशल सिक्योरिटी प्रोग्राम के गहरे संरचनात्मक विनाश का प्रतीक बताया। सोनिया गांधी के अनुसार, मनरेगा को खत्म करने की कोशिश रातों-रात शुरू नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सालों से इसे धीरे-धीरे खत्म करने का तरीका अपनाया है, बजट में ठहराव, भुगतान में देरी और जिसे उन्होंने अधिकार छीनने वाली टेक्नोलॉजी कहा, उसके जरिए धीरे-धीरे इस योजना को खोखला किया जा रहा है, जिससे यह जमीन पर ज्यादा से ज्यादा अप्रभावी होती जा रही है।कांग्रेस ने अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर मांग की थी कि बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए और बाद में इसे वापस लेने पर जोर दिया। इन आपत्तियों और विपक्षी सांसदों के वॉकआउट के बाद भी दोनों सदनों में यह कानून पास हो गया। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिली और रविवार को यह कानून बन गया। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि नया कानून एक वैधानिक रोजगार गारंटी को एक ऐसे नौकरशाही, मनमाने कार्यक्रम से बदल देता है जिससे ग्रामीण रोजगार सहायता का स्वरूप मौलिक रूप से बदल जाता है।उन्होंने कहा कि डिमांड के हिसाब से मिलने वाली, बिना किसी लिमिट वाली रोजगार योजना की जगह केंद्र सरकार ने तय बजट सीमा लगा दी है। यह बदलाव मनरेगा के मूल वादे पर सीधा हमला है। उन्होंने उन प्रावधानों पर भी जोर दिया जिनके अनुसार साल भर काम खत्म हो जाएगा, खेती के पीक सीजन के दौरान 60 बिना काम वाले दिन होंगे, और राज्यों का फंडिंग में हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा। सोनिया गांधी ने कहा कि खर्च का एक बड़ा हिस्सा राज्यों पर डालकर, मोदी सरकार इसे लागू करने से हतोत्साहित कर रही है और चेतावनी दी कि पहले से ही खराब राज्यों की फाइनेंसियल हालत ष्और भी खराब हो जाएगी।केंद्र पर बहुत ज्यादा केंद्रीकरण का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि नया फ्रेमवर्क ग्राम सभाओं और पंचायतों को नजरअंदाज करता है और विकेन्द्रीकृत प्लानिंग की जगह पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से जुड़े टॉप-डाउन मॉडल को लाता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह बदले की भावना से किया गया केंद्रीकरण है। सरकार के इस दावे को खारिज करते हुए कि नई योजना से 125 दिनों तक रोजगार की गारंटी मिलेगी, उन्होंने इस वादे को गुमराह करने वाला और नामुमकिन बताया।सोनिया गांधी ने ग्रामीण मजदूरी बढ़ाने, मजबूरी में होने वाले पलायन को रोकने और स्थानीय स्व-शासन को मजबूत करने में मनरेगा की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, यह उन कुछ तरीकों में से एक था जिसके जरिए सबसे गरीब परिवारों तक मदद पहुंची। उन्होंने कहा कि काम के अधिकार को खत्म करने को अलग से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने इसे अधिकारों पर आधारित कानूनों पर एक बड़े हमले से जोड़ा, जिसमें सूचना, शिक्षा, वन अधिकार और भूमि अधिग्रहण से संबंधित कानून शामिल हैं।उन्होंने आगे कहा कि मनरेगा ने महात्मा गांधी के सर्वोदय, यानी सभी के कल्याण के विजन को साकार किया और काम के संवैधानिक अधिकार को लागू किया। इसका खत्म होना हमारी सामूहिक नैतिक विफलता है, जिसके वित्तीय और मानवीय परिणाम आने वाले सालों में भारत के करोड़ों कामकाजी लोगों को भुगतने पड़ेंगे। अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है कि हम एकजुट हों और उन अधिकारों की रक्षा करें जो हम सभी की रक्षा करते हैं।

भाजपा नेता का कांग्रेस पर निशाना:भारत विभाजन की कड़वी सच्चाई को पीएम ने फिर से किया उजागर, लगाया यह आरोप
नई दिल्ली भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत विभाजन की कड़वी सच्चाई को फिर से उजागर किया है, जिसे कांग्रेस दशकों से दबाती रही है। नई दिल्ली में तरुण चुघ ने आरोप लगाया कि आजादी से पहले असम को पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करने की साजिश मुस्लिम लीग और कांग्रेस की संयुक्त योजना का हिस्सा थी।उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग ब्रिटिश शक्तियों के साथ खड़ी थी और कांग्रेस भी इसमें शामिल थी। असम की पहचान, संस्कृति, पूर्वोत्तर की सभ्यता तथा राष्ट्रीय अखंडता कभी कांग्रेस की प्राथमिकता नहीं रही। कांग्रेस के लिए केवल सत्ता के समीकरण ही सर्वोपरि रहे।गोपीनाथ बोरदोलोई का दिया उदाहरणउन्होंने प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ साहस दिखाया और विरोध किया, जिसके कारण असम की बहादुर जनता के समर्थन से असम भारत का अभिन्न अंग बना रहा। चुघ ने दावा किया कि कांग्रेस मुस्लिम लीग तथा ब्रिटिश शक्तियों के साथ मिलकर असम को पूर्वोत्तर से अलग करने पर तुली हुई थी। जी राम जी बिल पर सोनिया पर पलटवारजी राम जी बिल पर सोनिया गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए चुघ ने कहा कि वे बेवजह हंगामा कर रही हैं। मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। इस बिल से ग्रामीण रोजगार गारंटी में 125 दिनों का रोजगार मिल रहा है। ग्रामीण मजदूरी में सीधे 25 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। बजट को ढाई गुना बढ़ा दिया गया है। पहली बार बुवाई-कटाई के बीच 60 दिनों का अंतर दिया गया है ताकि किसानों और मजदूरों को नुकसान न हो। मजदूरों का भुगतान सीधे बैंक खाते में जाएगा। इसका स्वागत करना चाहिए, क्योंकि इससे मजदूरों और किसानों को सीधा लाभ हो रहा है।दीपम विवाद पर भी चुघ ने डीएमके सरकार पर बोला हमला दीपम विवाद पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार दीप स्तंभ पर पवित्र कार्तिगई दीपक जलाने से रोकती रही, लेकिन दूसरी तरफ दरगाह में झंडा फहराने की अनुमति देती है। यह इंडी गठबंधन का विरोधी चेहरा और हिंदुओं के प्रति दोहरा मापदंड है। हिंदुओं के अधिकारों को दबाना ही उनका असली एजेंडा है।

नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल को राहत नहीं:दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 अन्य आरोपियों को भी भेजा नोटिस, 12 मार्च को होगी सुनवाई
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत सात आरोपियों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च 2026 को होगी। राऊज एवेन्यू कोर्ट के कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संज्ञान लेने से इनकार करने वाले फैसले को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था।तुषार मेहता ने यह पेश की दलीलईडी की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने अपनी दलील में कहा कि अंतिम निष्कर्ष यह है कि 50 लाख रुपए की राशि के बदले आरोपियों को 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति प्राप्त हुई है। जून 2014 में एक व्यक्ति द्वारा प्राइवेट कंप्लेन दायर की गई, जिसपर निचली अदालत ने संज्ञान लिया था और बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया था।अदालत ने कही यह बाततुषार मेहता ने कहा कि अगर कोई एक पेज की एफआईआर फाइल करता है, तब वह ईडी के अपराध का मामला हो सकता है, लेकिन सेक्शन 200 सीआरपीसी के तहत कोर्ट द्वारा संज्ञान लेना क्या ईडी शिकायत का आधार नहीं हो सकता? अदालत ने कहा कि अगर कोर्ट ने निजी शिकायत का संज्ञान लिया है, तो ईडी कुछ नहीं कर सकती। वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने कहा कि निचली अदालत ने बड़ी गलती की है। यह सिर्फ इसी केस की बात नहीं है, बल्कि इसका असर कई दूसरे मामलों पर भी पड़ेगा क्योंकि कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी कोर्ट ने प्राइवेट शिकायत पर संज्ञान लिया है, तो ईडी कुछ नहीं कर सकती है।

अजमेर दरगाह में पीएम की चादर चढ़ाने काम मामला:SC ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार, स्पष्ट शब्दों में कहा यह भी
नई दिल्ली। अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सालाना उर्स के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की ओर से चादर भेजे जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि वह इस मामले में सुनवाई की तारीख बाद में तय करेगा। वेकेशन बेंच की अगली बैठक में इस पर सुनवाई हो सकती है।सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की ओर से दाखिल की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जिस स्थान पर दरगाह स्थित है, वहां पहले संकट मोचन महादेव मंदिर था। ऐसे में प्रधानमंत्री या अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का चादर चढ़ाना उचित नहीं है। इस तरह के धार्मिक आयोजन से जुड़ना संविधान में निहित सरकारी तटस्थता के सिद्धांत के खिलाफ है।याचिकाकर्ता ने की मांगजितेंद्र सिंह ने मांग की है कि अजमेर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह पर उर्स के दौरान पीएम और अन्य मंत्रियों द्वारा भेजी जाने वाली चादर की परंपरा पर तत्काल रोक लगाई जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। अब इस पर वेकेशन बेंच की अगली बैठक में सुनवाई हो सकती है।सिविल कोर्ट में पहले से विचाराधीन है मामलावहीं, इस मुद्दे को लेकर अजमेर सिविल अदालत में पहले से ही मामला विचाराधीन है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह चुनौती दी गई थी कि प्रधानमंत्री की तरफ से उर्स के दौरान चादर चढ़ाने की परंपरा को जारी रखना सही नहीं है। बीते गुरुवार को अजमेर की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जनवरी की तारीख तय की है।उर्स के दौरान चढ़ाई जाती है चादरगौरतलब है कि हर साल देश के प्रधानमंत्री और कई अन्य नेताओं के जरिए उर्स के दौरान अजमेर की दरगाह में चादर चढ़ाई जाती है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दरगाह पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर चढ़ाई।

डीआरडीओ-आरआरयू के बीच अहम समझौता:मकसद आंतरिक सुरक्षा में अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देना, रक्षा मंत्री की मौजूदगी पेपर हुए साइन
नई दिल्ली । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) ने एक महत्वपूर्ण समझौता पेपर पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं रक्षा व आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को सुदृढ़ बनाने के लिए है। इस एमओयू पर वैज्ञानिक एवं महानिदेशक (उत्पादन समन्वय एवं सेवा अंतःक्रिया) डॉ. चंद्रिका कौशिक और आरआरयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) बिमल एन पटेल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत भी उपस्थित रहे।समझौते का उद्देश्य स्वदेशी तकनीकी क्षमता को और अधिक मजबूत बनानारक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस समझौते का उद्देश्य भारत की रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा प्रणालियों में स्वदेशी तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता को और अधिक मजबूत बनाना है। यह समझौता देश की आत्मनिर्भर भारत और अमृत काल की व्यापक राष्ट्रीय सोच को आगे बढ़ाता है। इसमें सामूहिक भागीदारी के माध्यम से सुरक्षा तंत्र को अत्याधुनिक एवं सक्षम बनाने की परिकल्पना की गई है। राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय महत्व की संस्था है और यूजीसी द्वारा नामित ‘रक्षा अध्ययन हेतु नोडल केंद्र’ है। यह विश्वविद्यालय आंतरिक सुरक्षा, नीति निर्माण, प्रशिक्षण और अकादमिक क्षेत्रों में व्यापक विशेषज्ञता रखता है।तय समझौते में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं शामिलवहीं डीआरडीओ भारत का शीर्ष रक्षा अनुसंधान संगठन है। यह देश की सशस्त्र सेनाओं और सुरक्षा एजेंसियों के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकें और प्रणालीगत समाधान विकसित करता है। अब दोनों संस्थानों की इस साझेदारी से अकादमिक ज्ञान, व्यावहारिक प्रशिक्षण, परिचालन अनुभव और अत्याधुनिक तकनीक का शक्तिशाली संयोजन तैयार होगा। तय समझौते में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं शामिल हैं। रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी उभरती चुनौतियों पर तकनीकी एवं नीतिगत अनुसंधान भी इस सहयोग का हिस्सा है। पीएचडी व फेलोशिप कार्यक्रम इसमें शामिल किए गए हैं। इसके तहत युवा शोधकर्ताओं और सुरक्षा विशेषज्ञों को उन्नत अनुसंधान में अवसर प्रदान किए जाएंगे। विशेषीकृत प्रशिक्षण एवं क्षमता-वृद्धि कार्यक्रम लागू होंगे।जरूरी क्षमताओं का पूर्वानुमान भी इसमें शामिलकेंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य गृह मंत्रालय से संबद्ध एजेंसियों के लिए भविष्य की आवश्यकताओं का आकलन, सुरक्षा परिदृश्य में उभरते जोखिमों, तकनीकी अंतरालों और भविष्य में जरूरी क्षमताओं का पूर्वानुमान भी इसमें शामिल है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह समझौता रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में ज्ञान-साझा, संयुक्त नवाचार और तकनीकी एकीकरण को नए आयाम देगा। डीआरडीओ और आरआरयू का यह सहयोग भारत की सामरिक क्षमता, परिचालन तैयारी और तकनीकी स्वावलंबन को मजबूत करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को और अधिक सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

दिल्ली-एनसीआर की जनता पर तीहरी मार:प्रदूषण के साथ अब सर्दी-कोहरे का कहर भी शुरू, गंभीर श्रेणी में पहुंची एक्यूआई
नोएडा। सांसों के लिए तरस रही दिल्ली-एनसीआर की जनता को प्रदूषण के साथ अब सर्दी, कोहरे के मार झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं, यह संकट लगातार गहराता जा रहा है। मौसम विभाग (आईएमडी) और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। ठंड के साथ घने कोहरे ने जहां जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कई इलाकों में 400 के पार पहुंचकर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। मौसम विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 22 दिसंबर को सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की चेतावनी जारी की गई है। इस दिन अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कल भी रहेगा कोहरे का असर23 दिसंबर को भी कोहरे का असर जारी रहने की संभावना है, हालांकि इसे ‘मध्यम कोहरा’ की श्रेणी में रखा गया है। इस दिन तापमान 22 डिग्री अधिकतम और 10 डिग्री न्यूनतम रहने का अनुमान है। 24 दिसंबर को तापमान में और गिरावट के संकेत हैं, जहां अधिकतम 19 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पारप्रदूषण की बात करें तो दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 404, बवाना में 408, नरेला में 418, मुंडका में 401, डीटीयू में 400 और पंजाबी बाग में 380 के आसपास दर्ज किया गया। ओखला फेज-2 में एक्यूआई 386, नेहरू नगर में 394, अशोक विहार में 392 और अलीपुर में 391 रिकॉर्ड किया गया। नोएडा के सेक्टर-1 में एक्यूआई 381, सेक्टर-62 में 335 और सेक्टर-116 में 344 दर्ज हुआ। आंकड़े भी दे रहे गवाहीवहीं, गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक्यूआई 313, संजय नगर में 341 और वसुंधरा में 394 तक पहुंच गया है। ये आंकड़े साफ तौर पर बताते हैं कि पूरा एनसीआर प्रदूषण की चपेट में है। बढ़ते प्रदूषण और खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं। दिल्ली में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी गई है। साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कक्षा पांचवीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन मोड में चलाया जा रहा है, जबकि छठी से 12वीं तक की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित की जा रही हैं।

भारत-न्यूजीलैंड के बीच एफटीए :लक्सन और मोदी के बीच हुई बात के बाद हुआ ऐतिहासिक समझौते का ऐलान
नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता हो गया है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच फोन पर हुई बात के बाद दोनों देशों के बीच यह अहम समझौता हुआ। दोनों देशों के बीच रिकॉर्ड कम समय में हुआ यह ऐतिहासिक समझौता परस्पर लाभकारी साबित होने वाला है। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत मई में से शुरू हुई थी, जिसको अंतिम रूप दे दिया गया है।न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने कहा कि एफटीए के तहत भारत को होने वाले न्यूजीलैंड के करीब 95 प्रतिशत निर्यात पर टैरिफ घटाए या पूरी तरह समाप्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अगले दो दशकों में भारत को न्यूजीलैंड का निर्यात 1.1 अरब डॉलर से बढ़कर 1.3 अरब डॉलर प्रति वर्ष तक पहुंच सकता है।लक्सन ने पीएम मोदी से की बातलक्सन ने कहा कि एफटीए के समापन के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की। उन्होंने कहा, यह समझौता दोनों देशों की मजबूत मित्रता पर आधारित है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के 1.4 अरब उपभोक्ताओं तक न्यूजीलैंड के कारोबार को पहुंच देगा।बता दें कि दोनों देशों के बीच बातचीत 2010 में शुरू हुई थी, फिर नौ दौर के बाद 2015 में रुक गई थी और इस साल फिर से शुरू की गई थी।इस वर्ष 5 से 9 मई को वार्ता का पहला दौर आयोजित किया गया था। वित्त वर्ष 2025 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 1.3 अरब डॉलर था (भारत का निर्यात 711.1 मिलियन डॉलर और आयात 587.1 मिलियन डॉलर था)। न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क केवल 2.3 प्रतिशत है, जबकि भारत का 17.8 प्रतिशत है, और न्यूजीलैंड की 58.3 प्रतिशत टैरिफ लाइनें पहले से ही शुल्क-मुक्त हैं।भारत का निर्यात ईंधन, वस्त्र और फार्मास्यूटिकल्स पर केंद्रित भारत का निर्यात न्यूजीलैंड को मुख्य रूप से ईंधन, वस्त्र और फार्मास्यूटिकल्स पर केंद्रित है। विमानन टरबाइन ईंधन 110.8 मिलियन डॉलर के साथ सबसे आगे रहा, इसके बाद कपड़े व घरेलू वस्त्र (95.8 मिलियन डॉलर) और दवाएं (57.5 मिलियन डॉलर) रहीं। मशीनरी, पेट्रोलियम उत्पाद, ऑटोमोबाइल व पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स, लोहा-इस्पात, झींगा, बासमती चावल और सोने के आभूषण भी प्रमुख निर्यात रहे।इसके विपरीत, न्यूजीलैंड का भारत को निर्यात कच्चे माल और कृषि इनपुट पर आधारित है लकड़ी व लकड़ी उत्पाद, लकड़ी का गूदा, स्टील व एल्युमिनियम स्क्रैप, कोकिंग कोयला, टर्बोजेट विमान, ऊन, दूध एल्ब्यूमिन, सेब और कीवी फल प्रमुख हैं।इनमें है भारत की ताकतसेवाओं का व्यापार भी रिश्ते का अहम स्तंभ है। वित्त वर्ष 2024 में भारत की सेवाओं का निर्यात न्यूजीलैंड को 214.1 मिलियन डॉलर रहा, जबकि न्यूजीलैंड की सेवाओं का निर्यात भारत को 456.5 मिलियन डॉलर था। भारत की ताकत आईटी, टेलीकॉम सपोर्ट, स्वास्थ्य और वित्तीय सेवाओं में है, जबकि न्यूजीलैंड के लिए शिक्षा, पर्यटन, फिनटेक और विशेष विमानन प्रशिक्षण प्रमुख क्षेत्र हैं। उन्होंने आगे कहा कि न्यूजीलैंड के सेवा निर्यात में शिक्षा का दबदबा है - जो भारतीय छात्रों द्वारा संचालित है। इसके बाद पर्यटन, फिनटेक समाधान और विशेष विमानन प्रशिक्षण का स्थान आता है।

मनरेगा योजना का नाम बदलने पर सियासी घमासान:शाहनवाज ने कांग्रेस को लिया निशाने पर, कहा- इनको इस नाम से है परेशानी
नई दिल्ली। मनरेगा योजना का नाम बदलने पर सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल एकजुट होकर केन्द्र सरकार पर हमलावर है। इस घमासान के बीच भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस को अपने निशाने पर ले लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें तो श्रीराम शुरू से ही काल्पनिक लगते रहे हैं और जब मनरेगा का नाम बदला गया तो उन्हें परेशानी होना स्वाभाविक है। बता दें कि लोकसभा के बाद गुरुवार को विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल राज्यसभा में भी पास हो गया। विपक्ष ने इस बिल के विरोध में जमकर नारेबाजी की।शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को बिल के सुधार से समस्या नहीं है, जी राम जी से परेशानी है, क्योंकि इसमें राम नाम जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जी राम जी बिल पास हुआ, विपक्ष को तो खुश होना चाहिए। हमने रोजगार की गारंटी और बढ़ा दी है, लेकिन विपक्ष को ऐतराज तो इस पर होता है कि कहीं से राम जी का नाम न आ जाए। कांग्रेसियों, ऐसा काम न करो, राम जी के नाम पर इतना हंगामा मत करो। जो कांग्रेसी हैं, उनको तो श्रीराम काल्पनिक लगते हैं। उन्होंने तो कोर्ट में लिखकर दिया था कि काल्पनिक हैं। इसलिए जब राम जी का नाम आता है तो उनको ऐतराज होता है।हुसैन का सवाल- बिल पर क्या है ऐतराजशाहनवाज हुसैन ने सवाल किया कि बिल पर क्या ऐतराज है? रोजगार की तो गारंटी बढ़ाई गई है, इसमें बहुत सारे सुधार किए गए हैं और जो त्रुटियां थीं, वो सब दूर की गई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि महात्मा गांधी ने अपना अंतिम शब्द हे राम ही कहा था। उन्होंने कहा कि इथियोपिया, जॉर्डन और ओमान में प्रधानमंत्री मोदी का अभी जो दौरा हुआ है, वहां देश को सबसे बड़ा सम्मान मिला है। पूरी दुनिया में हो रहा भारत का नामभाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सही कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। पूरी दुनिया में भारत का नाम हो रहा है। भारत का नाम रोशन हो रहा है। भारत एक तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत के अंदर आज विश्वास पूरी दुनिया का बढ़ा है। भारतीयों का विश्वास बढ़ा है। इसलिए जहां भी चुनाव होते हैं, वहां जनता का विश्वास मिलता है। यही वजह है कि बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का लोहा दुनिया मान रही है। दुनिया भारत से समझौता करना चाहती है। भारत से रिश्ता बनाना चाहती है। पीएम मोदी का सम्मान भारत का सम्मान है।

रामप्रस्था ग्रुप से जुड़ी 80 करोड़ की संपत्ति अटैच:गुरुग्राम रियल एस्टेट घोटाले में ईडी का बड़ा एक्शन, अब तक 866 करोड़ की प्राॅपर्टी हो चुकी है जब्त
गुरुग्राम। गुरुग्राम के रियल एस्टेट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत रामप्रस्था प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और इससे जुड़ी संस्थाओं की 80.03 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया है। अटैच संपत्तियों में वाटिका ग्रुप, यूनिटेक ग्रुप और अन्य कंपनियों की प्रॉपर्टीज शामिल हैं। ईडी का आरोप है कि घर खरीदारों से जमा फंड को प्रोजेक्ट पूरा करने की बजाय इन कंपनियों में डायवर्ट किया गया। अब तक मामले में कुल अटैच-जब्त संपत्ति की कीमत करीब 866 करोड़ रुपए हो गई है। बता दें कि ईडी ने ईओडब्ल्यू दिल्ली और हरियाणा पुलिस की एफआईआर पर जांच शुरू की।हजारों खरीदारों को दिया धोखा आरोप है कि आरपीडीपीएल और उसके प्रमोटर्स ने हजारों खरीदारों को धोखा दिया और 10-14 साल बीतने के बाद भी फ्लैट-प्लॉट नहीं दिए। 2008-2011 में कंपनी ने गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92, 93 और 95 में प्रोजेक्ट एज, स्काईज, राइज और रामप्रस्था सिटी लॉन्च किए। 3-4 साल में कब्जा देने का वादा किया, लेकिन नहीं निभाया।2600 खरीदारों से जुटाए थे 1100 करोड़जांच में खुलासा हुआ कि 2600 से ज्यादा खरीदारों से करीब 1100 करोड़ रुपए जुटाए गए। ये पैसे प्रोजेक्ट पर खर्च करने की बजाय लोन, एडवांस और जमीन सौदों के नाम पर ग्रुप व अन्य कंपनियों में ट्रांसफर कर दिए गए।हिरासत में हैं कंपनी के डायरेक्टरइससे पहले जुलाई 2025 में ईडी ने कंपनी के डायरेक्टर्स अरविंद वालिया और संदीप यादव को गिरफ्तार किया था। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने सर्च ऑपरेशन चलाए और पहले 786 करोड़ की संपत्तियां अटैच की थीं।

आाईबीएम ने बड़े अभियान का किया ऐलान:2030 तक 50 लाख भारतीय युवाओं को एडवांस टेक्लोलाॅजी से करेगा प्रशिक्षित
नई दिल्ली। आईबीएम ने शुक्रवार को भारत में कौशल विकास के लिए एक बड़े अभियान की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि वह 2030 तक 50 लाख भारतीय छात्रों और युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सुरक्षा और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उन्नत तकनीकों में प्रशिक्षित करेगा। यह पहल आईबीएम स्किल्सबिल्ड के माध्यम से चलाई जाएगी, जिसका उद्देश्य देश में भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करना है और छात्रों और वयस्कों को डिजिटल और नौकरी केंद्रित कौशल तक आसान पहुंच प्रदान करना है। आईबीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए उन्नत तकनीक की शिक्षा को अधिक समावेशी और सुलभ बनाया जाएगा, जिसके तहत स्कूल, विश्वविद्यालय और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में एआई और उभरती तकनीकी शिक्षा का विस्तार किया जाएगा।आईबीएम का मकसद छात्रों-शिक्षकों को अनुभव प्रदान करनाआईबीएम, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर एआई-केंद्रित पाठ्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण, हैकथॉन और इंटर्नशिप जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देगा, जिसका मकसद छात्रों और शिक्षकों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है। आईबीएम के चेयरमैन और सीईओ अरविंद कृष्णा ने कहा कि भारत में एआई और क्वांटम तकनीक में वैश्विक नेतृत्व करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस योजना से युवाओं को नई चीजें सीखने, नवाचार और देश के विकास में मदद करने का मौका मिलेगा।आईबीएम स्कूलों में एआई शिक्षा को किया जा रहा मजबूतआईबीएम स्कूलों में एआई शिक्षा को मजबूत कर रहा है। वरिष्ठ माध्यमिक छात्रों के लिए एआई पाठ्यक्रम विकसित किया जा रहा है और शिक्षकों को एआई प्रोजेक्ट कुकबुक, शिक्षक मार्गदर्शिका और समझाने वाले मॉड्यूल जैसी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसका उद्देश्य छात्रों को कंप्यूटेशनल सोच और जिम्मेदार एआई की समझ देना है।इस योजना का मुख्य हिस्सा है आईबीएम स्किल्सबिल्ड, जो दुनिया के सबसे बड़े और आसान डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म में से एक है। यह 1,000 से ज्यादा कोर्सेस प्रदान करता है, जिनमें एआई, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्लाउड, डेटा और नौकरी से जुड़े कौशल शामिल हैं।

कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद को राहत:दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल के आदेश को किया रद्द
नई दिल्ली। कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को राहत मिली गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में लोकपाल के आदेश को रद्द कर दिया है। टीएमसी सांसद ने लोकपाल के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है कि लोकपाल ने उनकी ओर से रखे गए तर्कों पर विचार किए बिना आदेश पारित किया है। मोइत्रा ने यह भी आरोप लगाया था कि सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी देने का आदेश गलत है और लोकपाल अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। साथ ही यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। सीबीआई ने मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। जांच एजेंसी ने 28 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी थी।लोकपाल की सिफारिश पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पिछले साल 21 मार्च को महुआ और हीरानंदानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। पिछली लोकसभा में मोइत्रा को दिसंबर 2023 में श्अनैतिक आचरणश् के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया था। उनका कहना था कि यह साजिश के तहत किया गया और बिना सफाई का मौका दिए उन्हें सदन से निष्कासित किया गया और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने जांच में पाए गए तथ्यों को लोकपाल के सामने रखा है, जो अब मामले में अगला कदम सुनिश्चित करेगा। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा तब चर्चा में आ गई थीं, जब बीजू जनता दल (बीजेडी) के पूर्व सांसद तथा सीनियर वकील पिनाकी मिश्रा के साथ शादी को लेकर उन्होंने 5 जून को एक पोस्ट सोशल मीडिया पर किया था। पिनाकी मिश्रा के साथ केक काटते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर महुआ ने कैप्शन में लिखा था, ष्आप सभी के प्यार और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। अत्यंत आभारी हूं। 2024 के आम चुनावों में महुआ मोइत्रा ने भाजपा की अमृता रॉय को हराकर अपनी कृष्णानगर सीट पर जीत को बरकरार रखा।

संसद के शीतकालीन सत्र का समापन:स्पीकर की टी पार्टी में शामिल हुए मोदी-प्रियंका, सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के स्थगित हो गया है। सत्र के लोकसभा में विपक्ष सांसदों के हंगामे के कारण कोई विधायी काम नहीं हुआ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इसके कुछ देर बाद ही राज्यसभा के सभापति ने भी राज्यसभा की कार्यवाही को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया। शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद परंपरा के मुताबिक चाय पार्टी का आयोजन हुआ। टी पार्टी का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विपक्षी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव समेत विभिन्न दलों के नेता शामिल दिखाई दिए। तस्वीरें सामने आने के बाद अब कयास लगने शुरू हो गए हैं कि इस टी मीटिंग में क्या-क्या बातें हुईं?राजनाथ सिंह के बगल वाली सीट में बैठी प्रियंकासूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रियंका गांधी के बीच वायनाड को लेकर बातचीत हुई है। बता दें कि प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट से सांसद हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की बातचीत को सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष की तल्खी से अलग सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक बताया जा रहा है। खास बात ये रही कि वायनाड से पहली बार की सांसद प्रियंका गांधी को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बगल वाली सीट दी गई। वहीं रक्षा मंत्री के पास वाली सीट पर प्रधानमंत्री मोदी बैठे दिखाई दिए। संसद सत्र के समापन के बाद यह है परंपरागौरतलब है कि संसद सत्र के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के साथ बैठक करते हैं। मानसून सत्र के समापन पर भी ऐसी बैठक हुई थी, लेकिन विपक्ष ने उस बैठक का बहिष्कार किया था। इस बार की बैठक में प्रियंका गांधी शामिल हुईं। गडकरी ने प्रियंका को कराया था भोजनगुरुवार को लोकसभा में जब प्रियंका गांधी ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से समय नहीं मिलने की शिकायत की थी तो उन्होंने कहा था कि उनका दरवाजा तो हमेशा खुला रहता है। गडकरी ने कहा कि आप प्रश्नकाल के बाद उनके ऑफिस में आकर मिल सकती हैं। इसके बाद प्रियंका गांधी ने सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय में जाकर मुलाकात की थी, जहां गडकरी ने उन्हें स्वादिष्ट डिश भी खिलाई। सत्र समापन के बाद भी जो तस्वीरें सामने आईं, उनमें भी सत्ता और विपक्षी सांसद मुस्कुराते हुए नजर आए, जो कहीं न कहीं देश के लोकतंत्र की खूबसूरती को दिखाती हैं।

20 साल के मनरेगा को एक दिन में कर दिया गया खत्म:राहुल का मोदी सरकार पर तीखा हमला, लगाया यह भी आरोप
नई दिल्ली। मनरेगा का नाम बदलकर विकसित भारत-जी राम जी करने पर देश की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विकसित भारत जी राम जी विधेयक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। बता दें विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन विधेयक ‘जी राम जी’ को भारी हंगामे के बीच 18 दिसंबर को लोकसभा में पारित कर दिया गया। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 को निरस्त कर उसकी जगह लेगा। राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि मोदी सरकार ने 20 साल के मनरेगा को एक दिन में खत्म कर दिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने विकसित भारत जी राम जी विधेयक को बिना ठीक से जांच पड़ताल किए संसद से पारित करवा दिया। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने एक ही दिन में मनरेगा के बीस साल खत्म कर दिए। विकसित भारत-जी राम जी मनरेगा का सुधार नहीं है। यह अधिकार-आधारित, मांग-आधारित गारंटी को खत्म कर देता है और इसे एक राशन वाली योजना में बदल देता है जिसे दिल्ली से कंट्रोल किया जाता है। मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने की ताकत दीयह डिजाइन से ही राज्य-विरोधी और गांव-विरोधी है। मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने की ताकत दी। असली विकल्पों के साथ, शोषण और मजबूरी में पलायन कम हुआ, मजदूरी बढ़ी, काम करने की स्थिति में सुधार हुआ, और साथ ही ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और पुनरुद्धार भी हुआ। यह वही ताकत है जिसे यह सरकार तोड़ना चाहती है। काम को सीमित करके और इसे मना करने के और तरीके बनाकर, विकसित भारत-जी राम जी उस एकमात्र साधन को कमजोर करता है जो ग्रामीण गरीबों के पास था। कोविड के दौरान मनरेगा ने लाखों को भूख से बचायाराहुल ने कहा कि हमने देखा कि कोविड के दौरान मनरेगा का क्या मतलब था। जब अर्थव्यवस्था बंद हो गई और आजीविका खत्म हो गई, तो इसने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज में डूबने से बचाया और इसने महिलाओं की सबसे ज्यादा मदद की। साल दर साल, महिलाओं ने आधे से ज्यादा मानव-दिवस में योगदान दिया है। जब आप किसी रोजगार कार्यक्रम में राशनिंग करते हैं, तो महिलाएं, दलित, आदिवासी, भूमिहीन मजदूर और सबसे गरीब ओबीसी समुदाय सबसे पहले बाहर हो जाते हैं।राहुल ने यह भी लगाया आरोपराहुल गांधी ने आगे लिखा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस कानून को बिना किसी ठीक से जांच-पड़ताल के संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया। बिल को स्थायी समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया गया। एक ऐसा कानून जो ग्रामीण सामाजिक अनुबंध को बदलता है, जो करोड़ों मजदूरों को प्रभावित करता है, उसे कभी भी गंभीर समिति की जांच, विशेषज्ञ परामर्श और सार्वजनिक सुनवाई के बिना जबरदस्ती पास नहीं किया जाना चाहिए।पीएम मोदी के लक्ष्य साफराहुल ने आगे लिखा कि पीएम मोदी के लक्ष्य साफ हैं, मजदूरों को कमजोर करना, ग्रामीण भारत, खासकर दलितों, ओबीसी और आदिवासियों की ताकत को कमजोर करना, सत्ता को केंद्रीकृत करना और फिर नारों को सुधार के रूप में बेचना। मनरेगा दुनिया के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और सशक्तीकरण कार्यक्रमों में से एक है। हम इस सरकार को ग्रामीण गरीबों की आखिरी सुरक्षा पंक्ति को नष्ट नहीं करने देंगे। हम इस कदम को हराने के लिए मजदूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ खड़े होंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी मोर्चा बनाएंगे कि इस कानून को वापस लिया जाए।

21वीं सदी की जंग केवल हथियारों की नहीं:एयरफोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में बोले रक्षा मंत्री, आपरेशन सिंदूर को लेकर सराहा वायुसेना को
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित वायुसेना कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। यहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में वायुसेना की सटीकता और गति की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की ओर से की गई गैर-जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया को भी वायुसेना ने अत्यंत प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने उच्च-प्रभावी क्षमता का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय वायुसेना को तकनीकी रूप से उन्नत, संचालन में फुर्तीली, रणनीतिक रूप से आत्मविश्वासी और भविष्य उन्मुख शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना निरंतर बदलते वैश्विक परिदृश्य में राष्ट्रीय हितों की रक्षा कर रही है।हमारी रक्षा क्षमता पर जनता को अटूट विश्वासजनता के सशस्त्र बलों पर विश्वास को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, आमतौर पर जब दुश्मन हमला करता है, तो लोग भयभीत होकर छिप जाते हैं। लेकिन जब पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का प्रयास किया, तब भारत की जनता शांत रही और अपने दैनिक कार्यों में संलग्न रही। यह हमारी वायु रक्षा क्षमता और परिचालन तैयारी में जनता के अटूट विश्वास का प्रमाण है।वायुसेना से कमांडर्स से किया आह्वान उन्होंने वायुसेना कमांडर्स को ऑपरेशन सिंदूर से सीख लेकर भविष्य की चुनौतियों के लिए सतर्क एवं तैयार रहने का आह्वान भी किया। रक्षा मंत्री ने बताया कि आधुनिक युद्ध में वायु शक्ति की निर्णायक भूमिका है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का युद्ध केवल हथियारों का नहीं है। यह विचारों, तकनीक और अनुकूलन क्षमता का युद्ध है। यह भी बोले रक्षा मंत्रीसाइबर युद्ध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव रहित हवाई वाहन, उपग्रह आधारित निगरानी और अंतरिक्ष आधारित क्षमताएं युद्ध के भविष्य को पूरी तरह बदल रही हैं। सटीक निर्देशित हथियार, रीयल-टाइम खुफिया जानकारी और डेटा आधारित निर्णय प्रणाली अब विकल्प नहीं, बल्कि आधुनिक संघर्षों में सफलता की बुनियादी आवश्यकता बन चुके हैं। दो राष्ट्र तकनीक, रणनीतिक दृष्टि और अनुकूलन क्षमता की त्रिवेणी में महारत हासिल करेंगे, और वही वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर होंगे।सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा सुदर्शन चक्ररक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषित ‘सुदर्शन चक्र’ आने वाले समय में राष्ट्रीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्वदेशी जेट इंजन का विकास एक राष्ट्रीय मिशन बन चुका है और सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

लोकसभा में वीबी-जी-राम-जी बिल पास:विपक्ष ने महात्मा गांधी का अपमान करने लगाया आरोप, कृषि मंत्री ने दिया करारा जवाब
नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। लोकसभा में गुरुवार को विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 पास हो गया है। इस दौरान संसद में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक भी देखने को मिली। विपक्ष सोंसदों ने सरकार पर महात्मा गांधी का अपमान करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के प्रावधानों को कमजोर करने का आरोप लगाया। हालांकि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चैहान ने सरकार के इस कदम का बचाव किया और विपक्ष के आरोपों का भी जवाब भी दिया। शिवराज ने कहा, मनरेगा में महात्मा गांधी का नाम 2009 के चुनावों को ध्यान में रखकर जोड़ा गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सरकार का जवाब सुनना ही नहीं चाहता। शिवराज ने सरकार की तरफ से जारी आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने फंड का दुरुपयोग किया, लेकिन हमारी सरकार ने विकास कार्यों पर खर्च करने पर जोर दिया। शिवराज सिंह चैहान ने दावा किया कि सरकार किसानों के साथ-साथ गरीबों के कल्याण के लिए विधेयक लाई है, जिसका विरोध किया जा रहा है।सीनियर बीजेपी नेता ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की इस आलोचना का भी जवाब दिया कि मोदी सरकार मनमर्जी से योजनाओं का नाम बदल देती है, और नेहरू-गांधी के नाम पर कई कल्याणकारी कार्यक्रमों की लिस्ट गिनाई। उन्होंने कहा, सबसे पहले इस पवित्र सदन में मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं। सभापति महोदय को धन्यवाद देना चाहता हूं। इस विषय पर हमने माननीय सदस्यों के विचार सुने हैं। अब जवाब देना मेरा अधिकार है। मैं आपसे संरक्षण चाहता हूं। मैंने रात के डेढ़ बजे तक माननीय सदस्यों की बात सुनी है। अपनी बात सुना देना और फिर जवाब न सुनना ये लोकतांत्रिक परंपराओं को तार-तार करना है। संविधान की धज्जियां उड़ाना है। ये बापू के आदर्शों की हत्या भी कर रहे हैं। अपनी बात सुना दो और हमारी न सुनो। ये भी हिंसा है। यह बापू के आदर्शों की हत्या करने का काम कांग्रेस और बाकी विपक्ष कर रहे हैं।हम गांधी के आदर्शों पर चलने वाले लोगः कृषि मंत्रीउन्होंने कहा, सबसे पहले मैं पूज्य बापू (राष्ट्रपति महात्मा गांधी) के चरणों में प्रणाम करना चाहता हूं। बापू हमारी श्रद्धा हैं। बापू जी हमारे आदर्श हैं। बापू हमारी प्रेरणा हैं। बापू हमारे विश्वास हैं। इसलिए माननीय अध्यक्ष महोदय भारतीय जनता पार्टी ने अपने पंच निष्ठाओं में गांधी के सामाजिक-आर्थिक दर्शन को स्थान दिया है। हम गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले हैं। गांधी जी ने ही कहा था कि गांव भारत की आत्मा है। अगर गांव मर जाएंगे, भारत मर जाएगा। किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करतेकृषि मंत्री ने कहा, यह गांवों के विकास का विधायक है। माननीय प्रतिपक्षी सदस्यों ने कई तरह के आरोप लगाए। एक बात यह कही कि हम भेदभाव करते हैं। सारा देश हमारे लिए एक है। चेन्नई हो या गुवाहाटी, अपना देश-अपनी माटी। अलग भाषा-अलग वेष, फिर भी अपना एक देश। उन्होंने आगे कहा, मैं इनको बताना चाहता हूं कि अटल जी ने क्या कहा था। माननीय अध्यक्ष महोदय, हम देश के किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करते। हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था - यह देश हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं है, जीता-जाता राष्ट्र पुरुष है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि सनक मोदी सरकार पर सवार नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने खानदान का महिमामंडन करने के लिए इन्होंने महात्मा गांधी की बजाय केवल नेहरू परिवार के नाम पर सरकारी योजनाओं का नामकरण किया। कांग्रेस पर खानदान के महिमामंडन में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए शिवराज ने कहा कि नेहरू परिवार के नाम पर योजनाओं के नाम रखे गए। उन्होंने दावा किया कि 25 नाम स्वर्गीय राजीव गांधी और 27 नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखे गए। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों, सड़कों, इमारतों, अवार्ड्स के नाम भी इसी खानदान के लोगों के नाम पर रखे गए।

पीएम मोदी ओमान दौरे पर:आज सुल्तान से करेंगे अहम मुलाकत, द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से करेंगे मंथन
मस्कट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक से अहम मुलाकात करेंगे। बैठक में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय संबंधों के पूरे दायरे पर विस्तार से चर्चा होगी। दोनों नेता व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहयोग, रक्षा और सुरक्षा, तकनीक, कृषि और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर बातचीत करेंगे। साथ ही साझा रुचि वाले क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान एक बिजनेस फोरम का आयोजन भी किया जाएगा, जहां वे भारत और ओमान के व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे। इस मंच का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को ज्यादा मजबूत करना है ताकि आर्थिक सहयोग को नई दिशा मिल सके।पीएम मोदी कल पहुंचे थे ओमानइससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों के दौरे के तीसरे और अंतिम चरण में ओमान की राजधानी मस्कट पहुंचे। मस्कट एयरपोर्ट पर ओमान के रक्षा मामलों के उपप्रधानमंत्री सैय्यद शिहाब बिन तारिक अल सईद ने गर्मजोशी से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।भारतीयों ने किया जोरदार स्वागतहोटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत मिला। सैकड़ों की संख्या में मौजूद भारतीयों ने हाथों में तिरंगा लेकर मोदी मोदी, भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद लोगों से बातचीत की और स्वागत समारोह के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी आनंद लिया।खाड़ी क्षेत्र में ओमान भारत का एक अहम साझेदार बता दें कि भारत और ओमान के बीच इस समय एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जिसमें ऊर्जा सुरक्षा, समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग शामिल है। खाड़ी क्षेत्र में ओमान भारत का एक अहम साझेदार है। पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को ज्यादा मजबूत करने और आने वाले वर्षों में सहयोग को नई गति देने की उम्मीद जगाती है। पीएम मोदी ओमान पहुंचने से पहले इथियोपिया की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पूरी कर चुके हैं।

राजधानी में प्रदूषण कम करने का नया प्रयोग: दिल्ली में आज से नो पीयूसी, नो फ्यूल नियम हुआ लागू, बनाए गए 126 चेकपॉइंट
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली सरकार ने गुरुवार से नो पीयूसी, नो फ्यूल नियम लागू कर दिया है। फ्यूल बैन को लागू करने के लिए दिल्ली में 126 चेकपॉइंट बनाए गए हैं, जिसमें बॉर्डर पॉइंट भी शामिल हैं। इसके अलावा, 580 पुलिस कर्मियों और 37 प्रखर वैन को तैनात किया गया है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की एनफोर्समेंट टीम पेट्रोल पंप और बॉर्डर चेकपॉइंट पर तैनात रहेगी। इसके अलावा, दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों में सिर्फ बीएस-6 मानक वाली गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी। कंस्ट्रक्शन मटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर बैन जारी रहेगा। दरअसल, ग्रैप के नियमों के तहत निर्माण कार्य पर रोक जारी है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।प्रदूषण कम करने सरकार कई मोर्चे पर कर रही कामराजधानी में प्रदूषण से हालात काफी खराब हैं, जिसके चलते दिल्ली सरकार ने गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण, धूल, कचरा और ट्रैफिक जाम को टारगेट करते हुए इमरजेंसी और लॉन्ग-टर्म उपायों का एक बड़ा सेट घोषित किया है। इससे पहले, पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है, क्योंकि लोग खतरनाक धुंध (स्मॉग) के संपर्क में हैं।यह बोले पर्यावरण मंत्री सिरसाएक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिरसा ने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) सिस्टम में पूरी तरह बदलाव, थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग की शुरुआत, पूरे शहर के लिए कार-पूलिंग ऐप, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सुधार और मशीनीकृत सड़क-सफाई उपकरणों की बड़े पैमाने पर तैनाती की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट जारी करने के सिस्टम में बदलाव करने पर विचार कर रही है, क्योंकि मौजूदा सेंटर पुराने हो गए हैं और उनमें कई कमियां हैं। एक थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम लाया जाएगा।सिरसा ने कहा कि वाहन मालिकों के लिए बुधवार का दिन वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट लेने का आखिरी दिन था। गुरुवार से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा। साथ ही, एएनपीआर कैमरे, पेट्रोल पंप पर वॉयस अलर्ट और पुलिस की तैनाती से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। सिरसा ने नागरिकों से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि दिल्ली वालों से रिक्वेस्ट है कि वे पेट्रोल पंप या बॉर्डर और चेकपॉइंट पर अधिकारियों से बहस न करें। यह कदम आपकी सेहत और आपके बच्चों के भविष्य के लिए है।

राजधानी में सांसों का संकट बरकरार:फिर 400 के पार पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद की स्थिति बेहद गंभीर
नोएडा। देश की राजधानी दिल्ली में में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बेहद खराब से लेकर गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। केंद्रीय एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और आईएमडी के स्टेशनों से जारी आंकड़ों के मुताबिक कई स्थानों पर एक्यूआई 350 से ऊपर है। वहीं, कुछ इलाकों में यह 400 के पार पहुंच चुका है, जिससे आम जनजीवन पर सीधा असर पड़ रहा है।दिल्ली की बात करें तो आनंद विहार में एक्यूआई 418, विवेक विहार में 412, वजीरपुर में 403, रोहिणी में 397, अशोक विहार में 392, चांदनी चैक में 387, आरके पुरम में 383, सिरीफोर्ट में 382 और बवाना में 380 दर्ज किया गया। इसके अलावा, डीटीयू दिल्ली में एक्यूआई 378, डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 361, श्री अरबिंदो मार्ग में 318 और सीआरआरआई मथुरा रोड पर 324 रिकॉर्ड किया गया। अधिकांश इलाकों में प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।गाजियाबाद के हालात चिंताजनकगाजियाबाद में भी हालात चिंताजनक हैं। वसुंधरा इलाके में एक्यूआई 401, संजय नगर में 332, इंदिरापुरम में 324 और लोनी में 311 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा में सेक्टर-1 का एक्यूआई 410, सेक्टर-125 में 373, सेक्टर-116 में 364 और सेक्टर-62 में 334 रिकॉर्ड किया गया। इन आंकड़ों से साफ है कि पूरा एनसीआर प्रदूषण की चपेट में है।मौसम ने भी बढ़ा दी परेशानीप्रदूषण के साथ-साथ मौसम ने भी परेशानी बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार एनसीआर में सुबह और शाम घना से मध्यम कोहरा देखने को मिल रहा है। 18 से 20 दिसंबर तक तापमान अधिकतम 23 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। कोहरे के कारण दृश्यता में भारी कमी दर्ज की जा रही है।यमुना एक्सप्रेस-वे पर सख्त कदम उठाने के निर्देशइसी को देखते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। मौसम विभाग से जारी अलर्ट और रोड सेफ्टी प्रबंधन कमेटी के निर्देशों के अनुसार यदि दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहती है तो एक्सप्रेसवे पर वाहनों को आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसी स्थिति में वाहनों को फैसिलिटी सेंटर पर रोक दिया जाएगा।

सौर ऊर्जा से जगमगा रहे देश के 2,626 रेलवे स्टेशन:स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल में रेलवे की बड़ी उपलब्धि, बिजली खर्च में भी आई कमी
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस साल नवंबर तक रेलवे ने अपने कामकाज के लिए 898 मेगावाट सौर ऊर्जा संयत्र शुरू कर दिए हैं। साल 2014 में रेलवे सिर्फ 3.68 मेगावाट सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करता था, जो कि अब बढ़कर 898 मेगावाट हो गया है। इस दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग करीब 244 गुना बढ़ गया है।रेल मंत्रालय के मुताबिक, इस समय देश के 2,626 रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे रेलवे के बिजली खर्च में कमी आ रही है और पर्यावरण को भी कम नुकसान हो रहा है। रेलवे ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में सौर ऊर्जा के उपयोग की रफ्तार और तेज हुई है। नवंबर तक 318 नए रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा नेटवर्क से जोड़े गए हैं। इसके साथ ही सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले स्टेशनों की कुल संख्या 2,626 हो गई है।कुल शुरू की गई सौर ऊर्जा में से 629 मेगावाट का उपयोग ट्रेनों को चलाने के लिए किया जा रहा है। इससे सीधे तौर पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों को बिजली मिलती है। बाकी 269 मेगावाट ऊर्जा का उपयोग स्टेशन की लाइट, वर्कशॉप, सर्विस बिल्डिंग और रेलवे कॉलोनियों के लिए किया जा रहा है।रेलवे के कामकाज को बेहतर बना रहे सौर ऊर्जा का उपयोगसौर ऊर्जा का यह संतुलित उपयोग सामान्य बिजली पर निर्भरता को कम करता है और रेलवे के कामकाज को ज्यादा बेहतर बनाता है। मंत्रालय के अनुसार, रेलवे स्टेशनों, इमारतों और रेलवे की जमीन पर लगाए गए सोलर प्लांट भारतीय रेलवे की बढ़ती बिजली जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। इससे ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो रही है और प्रदूषण कम करने में मदद मिल रही है। ऐसे कदम यह दिखाते हैं कि भारतीय रेलवे 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।वंदे भारत ने भारत में बदली रेल यात्रा की परिभाषाइस बीच, भारतीय रेलवे की वंदे भारत एक्सप्रेस ने फरवरी 2019 में शुरू होने के बाद से भारत में रेल यात्रा की परिभाषा बदल दी है। आज देश के बड़े शहरों को जोड़ने वाली 164 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं। यह ट्रेनें यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस की लोकप्रियता इस बात से समझी जा सकती है कि 2019 से अब तक 7.5 करोड़ से ज्यादा यात्री इस हाईटेक ट्रेन में सफर कर चुके हैं।

पहलगाम आतंकी हमले में पाक का सीधा कनेक्शन:एनआईए ने दाखिल की 1,597 की पन्नों की चार्जशीट, लिस्ट में इनके भी नाम
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम हमले के मामले में 1,597 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट दायर की है। यह चार्जशीट हमले के आठ महीने बाद दायर की गई। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि चार्जशीट में ऐसे अहम सबूत हैं जो पाकिस्तान के शामिल होने की बात कह रहे है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादियों, हैंडलर्स और मास्टरमाइंड्स के नाम बताने के अलावा सभी ऑपरेशनल डिटेल्स भी लिस्ट किए हैं, लेकिन इस दस्तावेज का सबसे अहम पहलू पाकिस्तान से सीधा लिंक है, जिसे एजेंसी ने लिस्ट किया है। यह चार्जशीट भारत के लिए इंटरनेशनल कम्युनिटी में पाकिस्तान को फिर से बेनकाब करने के लिए एक अहम दस्तावेज का काम करेगी।घरेलू समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहती थी पाक सरकारएक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने हमले में अपनी भूमिका से बार-बार इनकार किया है और कहा है कि भारत के आरोप बेबुनियाद हैं। जब भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया, तो पाकिस्तान ने भी हंगामा किया। जब पाकिस्तान ने आतंकी हमले की योजना बनाई, तो उसका इरादा साफ था। न सिर्फ वहां की सरकार घरेलू समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहती थी, बल्कि वह जम्मू-कश्मीर में फलते-फूलते टूरिज्म इंडस्ट्री को भी नुकसान पहुंचाना चाहती थी। सरकार इस इंडस्ट्री को कुछ समय के लिए पटरी से उतारने में कामयाब रही, लेकिन आज यह फिर से पटरी पर आ गई है।पाकिस्तान का मकसद जम्मू-कश्मीर और भारत को बांटना थाइंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने शुरू में यह कहकर हमले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि इसे जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों ने अंजाम दिया था। अधिकारी ने कहा कि इसका मकसद कश्मीरियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा भड़काना और जम्मू-कश्मीर और बाकी भारत को बांटना था। यह भी पाकिस्तान के लिए बहुत कम समय के लिए काम आया।एनआईए अधिकारियों का कहना है कि चार्जशीट में ऐसे अहम सबूत हैं जो पाकिस्तान को दोषी साबित करते हैं। ऑपरेशन महादेव वाली जगह से दो एंड्रॉयड मोबाइल बरामद किए गए। इसी मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने डाचीगाम में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया था। एनआईए को अहम सबूत मिले जिससे यह साबित हुआ कि आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के थे।इसके अलावा, यह पाया गया कि फोन पाकिस्तान में खरीदे गए थे और उनके फोरेंसिक एनालिसिस से आतंकवादियों का संबंध उस देश से जुड़ा। मुठभेड़ के बाद, एजेंसियों ने एम4 असॉल्ट राइफलें बरामद कीं, जिनका इस्तेमाल हाल के दिनों में पाकिस्तानी आतंकवादी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।

नोएडा में दो पक्षों के बीच जबरदस्त मारपीट का वीडियो वारयल:बीच सड़क पर जमकर चले लाठी-डंडे, एक-दूसरे पर बरसाए ईंट-पत्थर भी
नोएडा। नोएडा से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां दो पक्षों के बीच हुई जबरदस्त मारपीट ने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। यह घटना सेक्टर-76 के पास की बताई जा रही है, जो थाना सेक्टर-49 क्षेत्र के अंतर्गत आता है। बीच सड़क हुई इस हिंसक झड़प में महिला और पुरुष दोनों ही आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते मामला लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर चलने तक पहुंच गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद अचानक इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर बेरहमी से हमला करना शुरू कर दिया। मारपीट के दौरान महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं, वहीं कुछ युवक महिलाओं को भी पीटते हुए कैमरे में कैद हो गए।हिंसा से ठप हुआ यातायातवायरल हो रहे वीडियो में पता चलता है कि किस तरह सड़क के बीचों-बीच लोग एक-दूसरे पर लाठियों से वार कर रहे हैं और ईंट-पत्थर फेंके जा रहे हैं। इस हिंसा से सड़क पर चल रहा ट्रैफिक भी पूरी तरह ठप हो गया और वाहन चालकों को काफी देर तक परेशानी का सामना करना पड़ा। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया और जांच शुरू कर दी है।वीडियो के आधार पर हो रही उपद्रवियों की पहचानथाना सेक्टर-49 पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि आखिर विवाद की शुरुआत किस बात को लेकर हुई और दोनों पक्षों में पहले से कोई रंजिश थी या नहीं।क्षेत्र की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ी करती हैं घटनाएंस्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। दिनदहाड़े बीच सड़क इस तरह की मारपीट से आम लोगों में डर का माहौल बन गया है। फिलहाल पुलिस वायरल वीडियो की जांच कर रही है और घायलों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि कानून हाथ में लेने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आरजी कर रेप-हत्या मामला:अब लंबित मामलों की सुनवाई करेगा कलकत्ता HC, SC ने पीड़ित परिवार को स्टेटस रिपोर्ट देने दिए निर्देश
नई दिल्ली। कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़े सभी लंबित मामलों को कलकत्ता हाई कोर्ट को ट्रांसफर करने का फैसला सुनाया है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की दो याधीशों वाली बेंच ने कहा कि इस संवेदनशील मामले की जांच की मॉनिटरिंग नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) के गठन सहित अन्य सभी मुद्दों पर अब कलकत्ता हाई कोर्ट ही फैसला करेगा। कोर्ट ने कहा कि चूंकि हाई कोर्ट इस केस की निगरानी पहले से कर रहा है, इसलिए आगे की कार्यवाही वहीं अधिक प्रभावी ढंग से हो सकती है।बेंच ने यह भी दिया निर्देशबेंच ने यह भी निर्देश दिया कि सीबीआई द्वारा की गई जांच की स्टेटस रिपोर्ट की एक प्रति पीड़िता के माता-पिता को सौंपी जाए, ताकि उन्हें जांच की प्रगति की जानकारी मिल सके। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है। गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस जघनन वारदात के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए केस सुनवाई शुरू की थी।9 अगस्त 2024 को ट्रेनी डॉक्टर का बरामद हुआ था शव बता दें कि 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल से पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। मामला सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में आक्रोश देखा गया था। देशभर के डॉक्टरों से लेकर आम नागरिकों और महिला संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे। इस मामले में सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को अदालत ने दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन एक साल बाद भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस अपराध के पीछे की बड़ी साजिश की जांच पूरी नहीं कर पाया है।


