UTTARAKHAND NEWS

ऋषिकेश सड़क हादसे में 4 दोस्तों की दर्दनाक मौत:बेकाबू एसयूवी घुसी खड़े ट्रक में, वाहन काटकर निकालने पड़े शव, सड़क पर बिखर गए थे मांस के टुकड़े
ऋषिकेश। ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर मंगलवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। पीएनबी सिटी गेट के पास एक बेकाबू एक्सयूवी-500 कार सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराई। इस भीषण हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है। मृतक सभी दोस्त थे। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार में सवार चारों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और राहगीर तुरंत मदद के लिए दौड़े।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मांस के टुकड़े सड़क पर इधर-उधर बिखर गए थे। वाहन काटकर शव को निकालना पड़ा पुलिस ने कड़ी मशक्कत कर कार में फंसे चारों युवकों के शव बाहर निकाले। इसके बाद सभी शवों को एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश की मोर्चरी भेजा गया। इस हादसे की वजह से सड़क पर कुछ देर के लिए यातायात भी प्रभावित रहा। फिलहाल मृतकों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। मनसा देवी मंदिर के पास हुआ हादसाजानकारी के अनुसार, हरिद्वार की ओर से ऋषिकेश की तरफ आ रही एक्सयूवी-500 कार, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर यूके07 एफएस 5587 था, अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े ट्रक (एचआर 58 ए 9751) से जा भिड़ी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार सभी चार युवक कार के अंदर बुरी तरह फंस गए। सूचना मिलते ही कोतवाली ऋषिकेश, श्यामपुर चैकी और आईडीपीएल चैकी से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने मुताबिक, हादसा मनसा देवी मंदिर के रेलवे फाटक के पास हुआ।

हर काम देश के नाम:भारतीय सैन्य अकादमी में 157वीं पासिंग आउट परेड, 559 कैडेट्स बने सेना के अधिकारी, मौजूद रहे आर्मी चीफ
देहरादून। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में शनिवार को 157वीं पासिंग आउट परेड का भव्य और भावनात्मक आयोजन किया गया। गौरव, परंपरा और सैन्य अनुशासन से ओत-प्रोत इस समारोह में देश-विदेश के 559 अधिकारी कैडेट्स को भारतीय सेना में कमीशन प्रदान किया गया। इस अवसर पर थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने परेड की समीक्षा की और नवनियुक्त अधिकारियों को राष्ट्र सेवा के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।यह परेड अकादमी के आदर्श वाक्य वीरता और विवेक का जीवंत उदाहरण बनी। कठोर प्रशिक्षण, अनुशासन और अदम्य साहस से गुजरकर निकले युवा अधिकारियों ने कदमताल के साथ यह संदेश दिया कि वे देश की रक्षा के लिए हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। अपने संबोधन में जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि सेना में कमीशन मिलना केवल प्रशिक्षण की समाप्ति नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य, निष्ठा और निस्वार्थ सेवा की शुरुआत है। हर काम देश के नाम का भाव ही एक सैनिक की सबसे बड़ी पहचान होती है।जनरल द्विवेदी ने की युवा अधिकारियों की सराहनाजनरल द्विवेदी ने युवा अधिकारियों के अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सहनशक्ति की सराहना करते हुए उन्हें भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्जाम 2023 कोर्स के तहत कुल 525 भारतीय अधिकारी कैडेट्स को कमीशन दिया गया।निश्कल द्विवेदी को मिला स्वर्ण पदकस्वॉर्ड ऑफ ऑनर और स्वर्ण पदक (मेरिट में प्रथम) एसीए निश्कल द्विवेदी को प्रदान किया गया। रजत पदक (द्वितीय स्थान) बीयूओ बादल यादव और कांस्य पदक (तृतीय स्थान) एसयूओ कमलजीत सिंह को मिला। टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल एंट्री स्कीम-46 में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक प्रदान किया गया। स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री को मिला। विदेशी कैडेट्स में मेरिट में प्रथम स्थान का पदक बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफीन अशरफ को दिया गया। ऑटम टर्म 2025 में सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन के लिए इम्फाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया।

बिहार के डिप्टी सीएम पर हमले से बढ़ी सियासी सरगर्मी:पूर्व कांग्रेस नेता ने आरजेडी को लिया निशाने पर, कही यह बात
हरिद्वार। बिहार के उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर हमले के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आरजेडी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राजद के लोग उप मुख्यमंत्री क्या, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पर भी हमला कर सकते हैं। बता दें कि लखीसराय में विजय सिन्हा के काफिले पर हमला हुआ। यह घटना कथित तौर पर तब हुई जब राजद समर्थकों के एक समूह ने उपमुख्यमंत्री के वाहन को घेर लिया। इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने काफिले पर पथराव करने का भी प्रयास किया।देश की एजेंसियों को भी इनसे सावधान रहने की जरूरतविजय कुमार सिन्हा पर हमले पर आचार्य ने कहा, कि यह राजद की मानसिकता को दर्शाता है। क्षेत्रीय पार्टी इनका इतिहास गवाह है कि ये लोग शुरू से ही हिंसा करते आ रहे हैं। उप-मुख्यमंत्री क्या ये लोग प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की गाड़ियों पर भी हमला कर सकते हैं? इनके लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की एजेंसियों को भी इनसे सावधान रहने की जरूरत है। ये लोग कब क्या कर सकते हैं, इस बारे में लोग सोच भी नहीं सकते हैं।कांग्रेस शुरू से ही छीन रही मुस्लिमों का हमतेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के मुस्लिम समुदाय को लेकर दिए गए बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी तोते की तरह बोलते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौरान मुस्लिम महिलाओं का अपमान और उनके अधिकारों का हनन सर्वविदित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही मुस्लिमों का हक छीन रही है, इसमें कोई नई बात नहीं है। सिर्फ भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जो मुस्लिमों को हक दिलाने का काम कर रही है। भाजपा ने तीन तलाक के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिससे हर मुस्लिम खुश है।

बद्रीनाथ धाम में मौसम ने ली करवट: सफेद चादर से लिपटे मंदिर और पहाड़, बर्फबारी का मजा ले रहे टूरिस्ट
बद्रीनाथ। उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम में अचानक से मौसम ने करवट बदल ली है। बुधवार सुबह से लगातार तेज बर्फबारी हो रही है और चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। बर्फबारी होने की वजह से तापमान काफी गिर गया है, लेकिन श्रद्धालुओं की भक्ति में कमी नहीं है, बर्फबारी के बीच भी भक्त दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। पर्यटक भी बर्फबारी का मजा ले रहे हैं।उत्तराखंड में बर्फबारी के साथ-साथ बारिश की संभावना भी जताई गई है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले कई दिनों में बर्फबारी के साथ-साथ बारिश भी हो सकती है और मौसम ज्यादा बिगड़ सकता है। वहीं प्रशासन ने ठंड से बचने के लिए जगह-जगह पर अलाव की व्यवस्था की है, जिससे पर्यटक और भक्त दोनों ही बर्फबारी का मजा ले सकें। 7 से लेकर 10 नवंबर तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।इन जिलों में बारिश की संभावनाउत्तराखंड के कुछ जिलों में भारी बारिश और घना कोहरा छाया रहेगा। चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़, देहरादून, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में बारिश होने की संभावना है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन पर्यटकों को पर्वतीय क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दे रहा है। बर्फबारी के बीच बद्रीनाथ की यात्रा चल रही है और भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिर के कपाट 4 मई 2025 को खुले थे, जो नवंबर के महीने में बंद होंगे, जिसके बाद बाबा की पूजा-अर्चना के साथ उनकी विग्रह डोली को पांडुकेश्वर स्थित योग बदरी में विराजमान किया जाएगा।बाबा का शीतकालीन दूसरा घर में कहा जाता है इसेइसे बाबा का शीतकालीन दूसरा घर भी कहा जाता है, जहां बाबा मंदिर के कपाट बंद होने तक विराजेंगे। शीतकाल के कुछ महीनों तक बाबा बद्रीनाथ की पूजा यहीं होगी। बद्रीनाथ में मौसम बहुत ठंडा हो चुका है और बीते दिन का अधिकतम तापमान -1° सेल्सियस और न्यूनतम तापमान -12° सेल्सियस तक रहा था। आने वाले कुछ दिनों में रुक-रुक कर बारिश हो सकती है।

अन्नकूट उत्सव:उत्तराखंड के स्वामीनारायण मंदिर में भव्य आयोजन, भगवान को 1,500 व्यंजनों का लगा भोग, 1 महीन से चल रही थीं तैयारियां
राजकोट। उत्तराखंड के राजकोट में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में विक्रम संवत 2082 के शुभ आरंभ के अवसर पर एक भव्य महा अन्नकूट उत्सव का आयोजन किया गया। इस उत्सव में भगवान को 1,500 से अधिक प्रकार के व्यंजनों का प्रसाद अर्पित किया गया, जिसके माध्यम से शाकाहारी का संदेश दिया गया। इस विशाल आयोजन के लिए पिछले एक महीने से तैयारियां चल रही थीं। 4,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने लगातार मेहनत करते हुए अनेक प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं। यह भव्य अन्नकूट उत्सव सुबह से शुरू होकर शाम तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राजकोट की जनता को भावपूर्वक आमंत्रित किया गया है ताकि वे भगवान के दर्शन कर सकें और प्रसाद का लाभ ले सकें। इस आयोजन ने धार्मिक उल्लास के साथ-साथ एकता और सेवा भावना का भी प्रदर्शन किया।यह बोले मंदिर के पुजारीराजकोट स्वामीनारायण मंदिर के पुजारी अपूर्वमुनि स्वामी ने कहा कि हमारी सनातन हिंदू परंपरा के तहत का नया साल शुरू हो रहा है। बुधवार को वर्ष का प्रथम दिन है। आज के दिन हर हिंदू को भगवान का दर्शन कर उनको कुछ अर्पण करना चाहिए। देशभर में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिरों में बुधवार को हजारों-लाखों भक्त दर्शन कर भगवान को भोग लगा रहे हैं। भक्तिभाव से थाल भी अर्पण कर रहे हैं। राजकोट के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में 1,500 से अधिक व्यंजन भगवान को अर्पण किए जा रहे हैं।भव्य सजाया गया मंदिर कोउन्होंने बताया कि पूरे मंदिर को सजाया गया है। जगह-जगह रंगोली लगाई गई है, जो देखने में बहुत आकर्षक लग रही है। यह अन्नकूट उत्सव भगवान के प्रति श्रद्धा बताता है। यह अन्नकूट उत्सव लोगों को शाकाहारी होने की प्रेरणा देता है। इसके साथ ही, यह उत्सव सभी जाति और सभी धर्म को एक साथ रहने का भी संदेश देता है। पुजारी ने बताया कि हम लोग भगवान से यही प्रार्थना करते है कि पूरा साल सभी के लिए अच्छा बना रहे, देश में शांति का माहौल रहे। देश में कही भी युद्ध न हो, जहां हो रहा है वह खत्म हो जाए। भगवान सभी को खुश रखे।

चामोली में कुदरत का सितम: आधी रात बादलने से मबले में समा गए तीन गांव-गौशालाएं और जिंदगियां
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर में कुदरत ने एक बार फिर सितम ढाया है। यहां पर बुधवार देर रात बादल फटने और भारी बारशि से से भारी तबाही हुई है। कुदरत के इस कहर में तीन गांवों में घर, गौशालाएं, और जिंदगियां मलबे में समा गईं। अब तक एक दर्जन लोगों के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 30 से अधिक भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों का मलबे में दबे लोगों को ढूंढने का अभियान जारी है। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बुधवार रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। इस घटना में करीब 12 लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है और यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। इसके अलावा, कई घरों को भारी नुकसान भी पहुंचा है।सड़क को खोलने का काम जारीउन्होंने कहा, आपदा के बाद सड़क को खोलने का काम तेजी से किया जा रहा है। मौके पर जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर हैं और लापता लोगों की तलाश जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।200 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया 200 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। घाट तहसील के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। आपदा में अब तक 12 लोगों के लापता होने की सूचना है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित ग्राम कुंतरी लगा फाली है, जहां 8 लोग लापता हैं और 15 से 20 भवन व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। रात तीन बजे के करीब भारी बारिश के बीच लोगों के घरों पर मलबा आ गिरा।दो महिलाओं और एक बच्चे को मलबे से निकालादो महिलाओं और एक बच्चे को पुलिस व डीडीआरएफ की टीमों ने मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला। इन घायलों को नंदानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। करीब 200 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, ग्राम कुंतरी लगा सरपाणी में भी दो लोग लापता हैं और दो भवन ध्वस्त हुए हैं। यहां भी रेस्क्यू टीमों ने 100 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। ग्राम धुर्मा में मोक्ष नदी उफान पर आ गई, जिससे दो लोग लापता हैं और करीब 10 मकानों को नुकसान पहुंचा है।ये हैं लापताबता दें कि चमोली के नंदानगर में कुल 12 लोगों के लापता होने की सूचना है, जिसमें ग्राम कुंतरी लगा फाली के कुंवर सिंह पुत्र बलवंत सिंह (42 वर्षीय), कांता देवी पत्नी कुंवर सिंह (38 वर्षीय), विकास, विशाल, नरेंद्र सिंह, जगदंबा प्रसाद, भागा देवी और देवेश्वरी देवी शामिल हैं। इसके अलावा, धुरमा गांव के लापता लोगों में गुमान सिंह और ममता देवी शामिल हैं।

उत्तराखंड में आपदा:सहस्रधारा में बादल फटने से भारी तबाही, नदियां हुईं विकराल, पुल ढहा, संपत्तियों को भी नुकसान
देहरादून। उत्तराखंड को एक फिर प्राकृतिक आपदा का सामना करना पडा है। देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई है। बताया जा रहा है कि अचानक बादल फटने से कारलीगाढ़ नदी में बाढ़ आ गई और इस कारण आसपास के क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार, लगातार और तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिसके कारण एक महत्वपूर्ण पुल ढह गया और नदी के किनारे बनी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है।शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, नदी के किनारे स्थित दर्जनों दुकानें या तो पूरी तरह नष्ट हो गईं या बह गईं। इसके अलावा, बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण दो होटल भी ढह गए हैं। आपदा की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की। जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने खुद ही कमान संभाली और सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर तत्काल बचाव और राहत कार्य शुरू किया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और अन्य आपातकालीन सेवा दलों को जेसीबी मशीनों और आवश्यक उपकरणों के साथ रात में ही घटनास्थल पर भेजा गया। प्रशासन ने नदी के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।हाई अलर्ट पर विभागअधिकारियों ने पुष्टि की है कि दो लोग लापता हैं और उनकी तलाश के लिए अभियान जारी है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है। घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) प्रोटोकॉल के तहत राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी रात में ही घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्यों की निगरानी की।निवासियों से सकर्त रहने अपीलप्रशासन ने निवासियों से सतर्क रहने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है। हालांकि, बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और चल रहे प्रयासों का लक्ष्य नुकसान को कम करना और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लापता लोगों की तलाश और पीड़ितों को सहायता प्रदान करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।चामोली में दो लोग लापताइससे पहले अगस्त में उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल तहसील के मोपाटा गांव में बादल फटने से दो लोग लापता हो गए थे। उस घटना में एक आवासीय मकान और एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके मलबे में 15 से 20 पशुओं के दबे होने की आशंका थी।

प्रकृति के साथ खिलवाड़ पर सख्त हुआ SC:कुदरत की मार से कराह रहे राज्यों को थमाया नोटिस, दो हफ्ते में मांगा जवाब
नई दिल्ली। पहाड़ो से लेकर मैदानी इलाकों तक इन दिनों कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है। भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने की घटनाओं से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में भीषण तबाही हुई है। इन प्राकृतिक आपदाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। इतना ही नहीं, शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए अवैध पेड़ कटाई करने वाले राज्यों को नोटिस भी थमाया है। कोर्ट ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की सराकरों को नोटिस जारी कर दो हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटाई की गई है और यही हालिया आपदा का एक बड़ा कारण हो सकता है। अदालत ने मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि हमने हिमाचल प्रदेश के दृश्य देखे, जहां बड़ी संख्या में लकड़ी के गट्ठर बाढ़ में बहते हुए नजर आए। यह अनियंत्रित पेड़ कटाई का संकेत है। वहीं, पंजाब में खेत और गांव तबाह हो गए हैं। विकास जरूरी है, लेकिन वह संतुलित होना चाहिए।एसजी ने भी मामले की गंभीरता को किया रेखांकितसुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी मामले की गंभीरता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमने प्रकृति के साथ इतनी छेड़छाड़ की है कि अब प्रकृति हमें उसका जवाब दे रही है। उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे पर वे पर्यावरण मंत्रालय के सचिव से बात करेंगे और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से भी संवाद स्थापित करेंगे।राज्यों को देना होगा ठोस जवाबसुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रभावित राज्यों को इस पर ठोस जवाब देना होगा कि बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए और आगे ऐसी आपदाओं से बचाव के लिए उनकी क्या योजना है। बता दें कि कई राज्यों में हुई बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरीके से प्रभावित है। पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में जलजमाव है। पंजाब में हालात सबसे खराब हैं, जहां पर कई गांवों में पानी भर गया है।

देवभूमि में आफत की बारिश:चारधाम की यात्रा पर लगा ब्रेक, आईएमडी की चेतावनी पर स्कूलों में लगे ताले
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही आफत की बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। अभी कुछ दिनों तक राज्य में ऐसे ही बने रहने की संभावना है। आईएमडी ने मंगलवार के लिए पूरे राज्य में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग द्वारा जारी रेड और ऑरेंज अलर्ट को ध्यान में रखते हुए, चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और प्रशासन ने असुरक्षित क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।उत्तराखंड के कई जिलों में खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश, बहुत तेज बारिश, गरज के साथ बौछारें और बिजली के साथ भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा, बादल फटने, अचानक बाढ़ और लगातार बारिश से उत्पन्न होने वाले अन्य खतरों को देखते हुए पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में मंगलवार को कक्षा 12 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे।पहाड़ों और मैदानी इलाकों में जन-जीवन अस्त-व्यस्तपहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों तथा नालों में पानी के स्तर में अचानक वृद्धि का खतरा बना हुआ है। हालात यह हैं कि भारी बारिश ने पहाड़ों और मैदानी इलाकों दोनों में जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। देहरादून में मिनस मोटर रोड के पास बहने वाली टोंस नदी खतरनाक रूप से उफान पर है। यमुना में मिलने के बाद जब यह नदी मैदानी इलाकों में उतरती है तो इसके जलस्तर में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ जाता है।भूस्खलन से यातायात बुरी तरह प्रभावितइसके अलावा, भूस्खलन के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्गों के हिस्से अवरुद्ध हैं, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चमोली पुलिस ने बताया कि थाना थराली क्षेत्र के अंतर्गत कंचन गंगा, भनेरपानी, कमेड़ा, कोटदीप, लोल्टी और नासिर मार्केट थराली से लोल्टी तक कई मार्ग बंद कर दिए गए हैं।

कुदरत की मार से कराह उठी देवभूमि:रुद्रप्रयाग में बादल फटने से सुनामी जैसी आपदा, चामोली-टिहरी में भी भीषण तबाही
गोपेश्वर (चमोली)। देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड इन दिनों कुदरत की मार से कराह रहा है। राज्य में एक के बाद एक लगातार प्राकृतिक आपदाएं और बादल फटने की घटनाएं देखने को मिल रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड में एक बार फिर बादल फटा गया है। इतना ही नहीं कई जगहों पर बादल फटे हैं। इस घटना में भारी तबाही भी हुई है।रुद्रप्रयाग जिले के टेंडवाल गांव में बादल फटने की घटना सब कुछ उजड गया है। यहां के बसुकेदार तहसील के बड़ेथ डुंगर तोक क्षेत्र में सुनामी जैसी आई आपदा में एक ओर जहां पहाडों से आए सैलाब ने पूरे गांव को बहा ले गया, तो वहीं मलबे में दबने से एक महिला की मौत हो गई। जबकि 18 से 20 लोग यहां लापता बताए जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि केदारनाथ हाईवे अभी तक बंद है। हाईवे रात से बांसवाड़ा में बंद होने से रेसक्यू टीम फंसी हैं. हालांकि एसडीआरएफ की टीम पैदल ही मौके के लिए रवाना हो चुकी है। अधिकारी बता रहे हैं की रास्ता खोलने का कार्य जारी है। रुद्रप्रयाग के अलग अलग क्षेत्रों में नुकसान हुआ है।चामोली जिलें भी फटा बादलवहीं चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में भी बादल फटा है। जिसमें पति-पत्नी लापता हैं और दो लोग घायल हो गए, साथ ही 20 मवेशी मलबे में दबे हैं। टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव पर भी बादल फटा है। गनीमत यह रही कि यहां किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग में भी बादल फटा है। यहां जखोली ब्लॉक के छेनागाड़, बांगर सहित कई जगहों पर भारी बारिश से भयंकर नुकसान हुआ है।देवाल में बादल फटने से भारी तबाहीइसी तरह देवाल तहसील के मोपाटा में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कुछ घरों के मलबे में दबे होने की सूचना है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मोपाटा में रहने वाले तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता बताए जा रहे हैं। जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हुए हैं। इनके आवास और गोशाला के मलबे में दबने की सूचना है। इसमें 15 से 20 जानवर भी मलबे में दबने की सूचना है।चमोली जिले के सभी ब्लॉकों के स्कूलों में आज अवकाश घोषितडीएम ने बताया कि तहसील प्रशासन की टीम मौके लिए रवाना हो गई है। इधर, भारी बारिश को देखते हुए चमोली जनपद के सभी विकास खंडों में शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। भारी बारिश के चलते देवाल में रास्ते जगह-जगह टूट गए हैं। थराली में भी रात से हो रही बारिश से लोग सहमे हैं। आदिबदरी, कर्णप्रयाग में भी तेज बारिश हो रही है।कर्णप्रयाग में मूसलाधार बारिश के चलते कालेश्वर में पहाड़ से आया मलबाकर्णप्रयाग में मूसलाधार बारिश के चलते कालेश्वर में ऊपर पहाड़ से मलबा आया है जो लोगों के घरों में घुस गया। जेसीबी मशीन के द्वारा मलवा हटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। कर्णप्रयाग के सुभाषनगर में पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई है।टिहरी के भिलंगना ब्लॉक में भी फटा बादलभिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव के ऊपर बीती रात को बादल फटने की घटना हुई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि बादल फटने से कोई जनहानि नहीं हुई है। कृषि भूमि, पेयजल लाइन, विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग की टीम गेंवाली गांव रवाना हो गई है। अलग-अलग स्थान पर पैदल पुलिया और रास्ते टूट गए हैं।

उत्तराखंड में फिर आपदा:चामोली में मूसलाधार बारिश के बाद फटा बादल, कई इलाकों में मची भयंकर तबाही
चमोली। उत्तराखंड में चामोली जिले में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया है। यहां के थराली तहसील के टूनरी गदेरा में बादल फटने से भयंकर तबाही मची है। इस प्राकृतिक आपदा से थराली के कोटडीप, राड़ीबगड़, अपर बाजार, कुलसारी, चेपडो, सगवाड़ा समेत कई इलाकों में व्यापक नुकसान हुआ है। स्थिति यह है कि दुकानों और मकानों में मलबा घुस गया है तथा कई वाहन मलबे में दब गए हैं।जानकारी के अनुसार, चमोली जिले के थराली विकासखंड में शुक्रवार देर शाम से मूसलाधार बारिश हो रही है। इसी कारण देर रात अचानक बादल फट गया। राहत और बचाव कार्यों के लिए गौचर से एनडीआरफ और आईटीबीपी, ग्वालदम से एसएसबी रवाना हो गई है। सबसे ज्यादा तबाही चेपडो गांवबादल फटने से सबसे ज्यादा तबाही चेपडो गांव में हुई है। यहां पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के लापता होने की सूचना है। इसके अलावा, सगवाड़ा गांव में 20 वर्षीय युवती के मलबे में दबने की खबर मिली है। वहीं, नगर पंचायत थराली के कोटडीप में दुकानों और मकानों को भारी नुकसान हुआ है। राड़ीबगड़ में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) के आवास और नगर पंचायत अध्यक्ष के घर में भी मलबा घुस गया है, जिससे दीवारें टूट गईं और भारी क्षति हुई। कई बाइक और अन्य वाहन भी मलबे की चपेट में आ गए हैं।नुकसान का किया जा रहा आकलनचमोली के एडीएम विवेक प्रकाश ने बताया कि थराली में बादल फटने की घटना के कारण काफी नुकसान हुआ है। मलबे की चपेट में आने से कविता नाम की महिला के दबने का पता चला है, जबकि एक व्यक्ति के लापता होने की जानकारी मिली है। घटना की जानकारी मिलते ही हमारी टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।सीएम धामी ने घटना पर जताया दुखउत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, जनपद चमोली के थराली क्षेत्र में देर रात बादल फटने की दुखद सूचना प्राप्त हुई। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्वयं स्थिति की गहन निगरानी कर रहा हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।

आजादी के महोत्सव का आगाज: भाजपा शासित राज्यों में जोश चरम पर, मप्र से लेकर दिल्ली तक दिख रहा उत्साह
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बाद हर घर तिरंगा अभियान पूरे देश में एक जन-आंदोलन बन गया है। देशभक्ति में डूबे लोग घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर तिरंगा फहरा रहे हैं। नेताओं से लेकर आम नागरिकों तक, हर कोई इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। खासकर भाजपा शासित राज्यों में हर घर तिरंगा अभियान को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साह देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड और राजस्थान समेत लगभग सभी भाजपा शासित राज्यों में पार्टी के दिग्गज नेताओं ने बुधवार को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर अभियान में हिस्सा लिया है। भोपाल में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चैहान ने अपने घर पर तिरंगा फहराया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, हमारा राष्ट्रध्वज हमारे देश का गौरव, सम्मान और असंख्य बलिदानों की पहचान है। आज मैंने परिवार के साथ गर्व से तिरंगा फहराया। आप भी अपने घर पर तिरंगा लहराएं और पूरे जोश, उत्साह और देशभक्ति के साथ हमारे राष्ट्रीय पर्व का उत्सव मनाएं। वहीं शिवराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारा राष्ट्र ध्वज देश का सम्मान और गौरव है। तिरंगे को हाथ में लेकर ही आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानी दी। फिर हमारा राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस आ रहा है। सभी से अनुरोध है कि सभी लोग राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मनाएं और तिरंगा फहराएं।यूपी- गुजरात सीएम ने भी आवास पर फहराया तिरंगाउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और एक सेल्फी ली। सीएम योगी ने लिखा, ष्हमारी एकता का उद्घोष, हमारी अखंडता का संकल्प, हमारी संप्रभुता और गौरव का अमर प्रतीक श्हमारा तिरंगाश्, आइए हर घर तिरंगा अभियान में सहभागी बनें। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी अपने आवास पर तिरंगा फहराकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, गुजरात समेत पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से इस अभियान के तहत अपने घरों, कार्यालयों व अन्य स्थानों पर तिरंगा फहराकर देशभक्ति की भावना प्रदर्शित करने का आह्वान किया है। इसी के तहत मैंने अपने आवास पर तिरंगा फहराया और भारत माता की जय-जयकार की। आप सभी तिरंगा फहराकर देशभक्ति के इस अभियान में अवश्य भाग लेंगे।देशभक्ति के रंग में रगे उत्तराखंड के सीएमहर घर तिरंगा अभियान के तहत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में तिरंगा फहराया। उन्होंने लिखा, शासकीय आवास पर श्हर घर तिरंगाश् अभियान का हिस्सा बनकर राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ यह जनांदोलन करोड़ों देशवासियों के भीतर राष्ट्रगौरव और देशभक्ति का भाव जागृत कर रहा है। प्रदेश के सभी नागरिकों से आग्रह है कि इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने घर, प्रतिष्ठान, कार्यस्थल और संस्थानों पर तिरंगा पूर्ण सम्मान एवं गौरव के साथ फहराएं। स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले अमर सेनानियों को स्मरण कर नमन करें और तिरंगे के संग अपनी तस्वीर लेकर श्हर घर तिरंगा वेबसाइट पर साझा कर इस महाअभियान का हिस्सा बनें।दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने घर पर फहराया राष्ट्रीय ध्वज दिल्ली के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने लिखा, ष्प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर श्हर घर तिरंगाश् अभियान से जुड़ते हुए अपने आवास पर तिरंगा लगाकर आजादी के अमृत महोत्सव में भाग लिया। समस्त प्रदेशवासियों से आग्रह है कि श्हर घर तिरंगाश् लगाने के इस अभियान से जुड़ें। अपना तिरंगे के साथ फोटो साझा करें और श्हर घर तिरंगाश् अभियान का हिस्सा बनें।ष्रांची में भाजयुमों ने निकाली तिरंगा यात्राइसी क्रम में, झारखंड की राजधानी रांची में भाजपा युवा मोर्चा ने तिरंगा यात्रा निकाली। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू और संगठन महासचिव करमवीर सिंह के साथ काफी संख्या में एनसीसी कैडेट्स और सामाजिक संगठनों ने यात्रा में हिस्सा लिया। इसी तरह, महाराष्ट्र के नालासोपारा में वसई विरार महानगरपालिका की ओर से प्रगति नगर क्षेत्र में एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा ठाकुर विद्या मंदिर हाईस्कूल जूनियर कॉलेज से प्रारंभ होकर 90 फीट तक निकाली गई। ढोल-नगाड़ों की गूंज और देशभक्ति के नारों के बीच निकली इस यात्रा में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

धराली-हर्षिल की तबाही की सामने आई सैटेलाइट इमेज, :तस्वीरों में सब-कुछ दिखा खत्म, नदी ने बदल दिया रास्ता तक
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में आई बिनाशकारी बाढ़ ने गांवों में भारी तबाही मचाई है। एक ओर जहां हादसे के चार दिन बाद भी कई लोग लापता है, जबकि कई लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं बाढ़ पे घरों, इमारतों, पुलों, सड़कों को तबाह कर दिया है। हालांकि सेना अभी भी मोर्चा संभाले हुए हैं। सेना लापता लोगों की तलाश और फंसे लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा रही है। धराली की तबाही की इसरो ने सैटेलाइट इमेज जारी की है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि बिनाशकारी बाढ़ से धराली और हर्षिल में कितनी बर्बादी हुई है। इसरो की सैटेलाइट तस्वीरों में 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मलबा फैला है। नदी का रास्ता पूरी तरह बदला है। कई इमारतें जलमग्न है। और कुछ पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। तस्वीरों में धाराली गांव की तबाही साफ दिख रही है। तबाही को कैमरों में कैद करने के लिए इसरो ने भारत के कार्टोसैट-2एस सैटेलाइट की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरों का इस्तेमाल किया। उन्होंने 7 अगस्त 2025 (आपदा के बाद) की तस्वीरों को 13 जून 2024 (आपदा से पहले) की तस्वीरों से मिलाकर तुलना की। फ्लैश फ्लड के निशानः सैटेलाइट तस्वीरों में नदियों के रास्ते चैड़े होने, उनकी शक्ल बदलने और इंसानी जिंदगियों व बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के सबूत मिले।धराली में मलबे का ढेरः खीर गाड़ और भागीरथी नदी के मिलन स्थल पर धराली गांव में करीब 20 हेक्टेयर (750 मीटर X 450 मीटर) क्षेत्र में मिट्टी और मलबे का पंखे जैसा जमा हुआ है।इमारतों का विनाशः कई इमारतें पूरी तरह खत्म हो गईं या मिट्टी के बहाव में डूब गईं। धराली गांव में कई घरों के ऊपर मिट्टी-मलबा जमा हो गया है, जो उन्हें पूरी तरह नष्ट कर चुका है।राहत में मददः ये तस्वीरें राहत और बचाव कार्यों में मदद कर रही हैं. फंसे लोगों तक पहुंचने और कटी हुई सड़कों को जोड़ने में ये डेटा काम आ रहा है।5 अगस्त की आपदा: क्या हुआ?बता दें कि 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी में भारी बारिश हुई, जिससे धराली और हर्षिल में फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) आ गई। यह बाढ़ इतनी तेज थी कि मिट्टी, पत्थर और मलबे के साथ बहते हुए उसने सब कुछ तबाह कर दिया. घरों के नीचे से जमीन खिसक गई, सड़कें टूट गईं और कई लोग लापता हो गए. इस घटना ने पूरे इलाके को अलग-थलग कर दिया, जिससे राहत कार्य में दिक्कतें आईं।आपदा स्थल पर राहत-बचाव का काम जारीआपदा स्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर, राजस्व आदि की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। आपदा ग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को प्रातः से ही हेली के माध्यम से आईटीबीपी मातली पहुंचाने का सिलसिला निरंतर जारी है। आज प्रातः 9 बजे तक 55 लोगों को आईटीबीपी मातली सिफ्ट किया गया है। सैटेलाइट तस्वीरों से मिली जानकारी से सेना और राहत टीमें फंसे लोगों को ढूंढने और सड़कों को बहाल करने में जुट गई हैं, लेकिन यह घटना हमें चेतावनी देती है कि हिमालय जैसे नाजुक क्षेत्रों में सावधानी बरतनी होगी। अनियोजित निर्माण और जंगल कटाई को रोकना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी तबाही से बचा जा सके।मौसम में सुधार और फिर खतराकल यानी 7 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी और आसपास के इलाकों में मौसम में थोड़ा सुधार हुआ था, जिससे राहत कार्यों को कुछ हद तक आगे बढ़ाया जा सका। लेकिन आज फिर से मौसम विभाग ने मध्यम से तेज बारिश की चेतावनी दी है। यह बारिश राहत और बचाव कार्यों को प्रभावित कर सकती है। बारिश के कारण सड़कों पर कीचड़ और मलबा बढ़ सकता है, जिससे सेना और राहत टीमों को फंसे लोगों तक पहुंचने में दिक्कत होगी। हेलिकॉप्टर उड़ान में भी परेशानी हो सकती है, क्योंकि बादल और बारिश विजिबिलिटी कम कर देंगे. ऐसे में जरूरी है कि राहत टीमें सावधानी बरतें और मौसम के हिसाब से योजना बनाएं।

प्रयागराजः मुठभेड़ में मारा गया धनबाद का मुख्यात गैंगेस्टर: UP STF ने किया एनकाउंटर, आशीष की अंधाधुंध फायरिंग में बाल-बाल बचे तीन जवान
धनबाद। झारखंड का धनबाद निवासी कुख्यात गैंगस्टर आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू सिंह यूपी के प्रयागराज में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया है। मुठभेड़ प्रयागराज के शंकरगढ़ इलाके में बुधवार देर रात हुई। पुलिस की गोली से घायल आशीष को अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी आशीष रंजन की मौत की पुष्टि की है। एसटीएफ को मिली गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी।इनपुट मिला था कि आशीष अपने एक सहयोगी के साथ प्रयागराज में किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। यह भी बताया गया कि वह शिवराजपुर चैराहा, थाना शंकरगढ़ के रास्ते शहर में दाखिल होने वाला है। इस सूचना के बाद एसटीएफ प्रयागराज की टीम ने इलाके में घेराबंदी कर दी। जैसे ही आशीष वहां पहुंचा, पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, लेकिन उसने आत्मसमर्पण करने के बजाय एके-47 राइफल और 9 एमएम पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में एसटीएफ के तीन जवान बाल-बाल बचे।आशीष अस्पताल में हुई मौतपुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें आशीष बुरी तरह घायल हो गया। आशीष को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मौके से एक एके-47 राइफल, एक 9 एमएम पिस्टल, बड़ी संख्या में जिंदा कारतूस और खाली खोखे के अलावा एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है। हथियारों की फारेंसिक जांच शुरूबरामद हथियारों की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है। आशीष रंजन धनबाद के जेसी मल्लिक रोड का निवासी था और झारखंड सहित कई राज्यों में दर्ज संगीन आपराधिक मामलों में वांछित था। धनबाद मंडल कारा में 3 दिसंबर 2023 को हुए चर्चित गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड में भी आशीष रंजन का नाम प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था। सीआईडी की जांच में खुलासा हुआ था कि आशीष के इशारे पर जेल के भीतर गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या सुंदर यादव उर्फ रितेश यादव ने की थी।

धराली भीषण आपदा:सेना का युद्ध स्तर पर रेस्क्यू आपरेशन जारी, 50 नागरिक और 11 जवान अभी भी लापता, दर-दर भटक रहे परिजन
नई दिल्ली। उत्तरकाशी के धराली गांव में आई भीषण आपदा के करीब दो दिन हो गए हैं। लेकिन लापता लोगों से की तलाश अब भी जारी है। परिजनों की अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। हालांकि रेस्क्यू आॅपरेशन में आधा दर्जन से अधिक टीमें युद्ध स्तर पर काम कर रही है। सेना के 225 से ज्यादा जवान मौके पर हर मोर्चे पर डटे हैं। इसमें इंडियन आर्मी, आईटीबीपी और एयर फोर्स भी शामिल हैं जो लापता लोगों को तलाश रहे हैं। लापता लोगों में 70 नागरिक और भारतीय सेना के एक जेसीओ और 1 जवान भी शामिल हैं। जिनकी तलाश युद्ध स्तर पर की जा रही है। वहीं, गंगोत्री में करीब 180 से 200 पर्यटक फंसे हुए हैं, जिन्हें भारतीय सेना और आईटीबीपी द्वारा भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है। मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राहत व बचाव कार्य में बाधाएं पैदा कर रही हैं। बावजूद इसके सेना यहां राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई है।अब तक 190 लोगों का रेस्क्यू यहीं नहीं सेना ने अब तक अभी तक 190 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है। रास्ते बंद हो जाने से हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ही एक मात्र सहारा था. हेलिकॉप्टर से ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा था. हालांकि भटवारी में बह गया राजमार्ग अब खुल गया है, जिससे अब सड़क मार्ग से धराली जाना संभव हो सकेगा. भटवारी में पहली दरार को ठीक करने में बड़ी सफलता मिली है। भारतीय सेना के अनुसार, पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जाएगा। हर्षिल का सैन्य हेलीपैड पूरी तरह से चालू है, जबकि नेलोंग हेलीपैड भी चालू है और गंगोत्री से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है, जिससे राहत कार्यों में सुविधा मिल रही है। हालांकि, धराली का नागरिक हेलीपैड कीचड़ भरे भूस्खलन के कारण अभी भी काम नहीं कर रहा है।सेना ने तेज किया अभियानसेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान तेज कर दिया है और नागरिक प्रशासन व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। सड़कें कट जाने और संचार व्यवस्था बाधित होने के चलते सेना लगातार दिन-रात राहत कार्यों में जुटी है। सेना के 225 से अधिक जवान, जिनमें इंजीनियर, चिकित्सा दल और बचाव विशेषज्ञ शामिल हैं, मौके पर तैनात हैं। यहां एक रीको रडार टीम पहले से सक्रिय है और दूसरी टीम को तैनात किया जा रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स को भी तैनात किया गया है, जो लापता लोगों को खोजने में सहायता कर रहे हैं।मौसम की अनुमति के इंतजार में चकिून और एमआई-17चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर, जो जॉलीग्रांट में तैनात हैं, जल्द ही मौसम की अनुमति मिलने पर लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरेंगे। सहस्त्रधारा से चलने वाले पांच नागरिक हेलिकॉप्टर एसडीआरएफ के सहयोग से मटली, भटवारी और हर्षिल के बीच लगातार उड़ानें भर रहे हैं। साथ ही, आईटीबीपी के मटली हेलीपैड पर एक अस्थायी एविएशन बेस तैयार किया जा रहा है ताकि हेलिकॉप्टर अभियानों में तेजी लाई जा सके। भारतीय सेना के अनुसार, अब तक 70 नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया है।सीएम ने धाराली गांव का दौरा कर लिया जायजाउत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने धाराली का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की समीक्षा की। सेना की सेंट्रल कमांड के कमांडर और यूबी एरिया के जीओसी भी मौके पर राहत अभियानों की निगरानी कर रहे हैं। सेंट्रल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सेंट्रल एयर कमांड मुख्यालय से समन्वय कर रहे हैं। अब अगले 24 से 48 घंटों में पैराट्रूप्स और चिकित्सा दलों को चिनूक हेलिकॉप्टर से हर्षिल भेजा जाएगा, वहीं एनडीआरएफ कर्मियों और मेडिकल स्टाफ को एमआई-17 हेलिकॉप्टर से नेलोंग ले जाया जाएगा।

उत्तरकाशी में विनाशकारी भू-स्खलन:लातपा को तलाशने सेना ने संभाला मोर्चा, स्थिति का जायजा लेने धराली पहुंचे धामी, फंसे पीडितों को बचाने हो रही कोशिश
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर बादल फटने से विनाशकारी भूस्खलन हुआ है। इस हादसे में जहां कई मकान जमींदोज हो गए हैं। वहीं अब कई लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 50 से अधिक लापता बताए जा रहे हैं। वहीं पानी के आए सैलाब से मलबे का सैलाब पूरे क्षेत्र में फैल गया। जिसके बाद कई एजेंसियों की बड़ी बचाव और राहत अभियान शुरू किया गया। इंडियन आर्मी ने राहत और बचाव कार्य को तेज करने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। प्रभावित लोगों को बचाने और उनकी सहायता के लिए जमीनी और हवाई दोनों स्तरों के जरिए राहत पहुंचाई जा रहा है।सेना के सेंट्रल कमांड ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट से जानकारी दी कि कर्नल हर्षवर्धन, जो 14 राजराइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर हैं, 5 अगस्त की सुबह से ही 150 जवानों की टीम के साथ राहत कार्य की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी बचे लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं। सेना ने आगे पुष्टि की कि ष्हर्षिल में संसाधनों की पूर्ति के लिए सेना के ट्रैकर डॉग, ड्रोन, लॉजिस्टिक ड्रोन, अर्थमूविंग उपकरण आदि के साथ अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियां आगे बढ़ाई गई हैं ताकि प्रयासों में तेजी लाई जा सके। आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने, चिकित्सा सहायता और फंसे हुए निवासियों को निकालने के लिए सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है।फंसे दो सौ लोगों को निकालने में जुटे जवानआईटीबीपी और आर्मी के जवान धराली में बीच गांव में फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए वहां करीब 25 फीट ऊंचे मलबे में रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अस्थाई पुलिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गांव में करीब 200 लोग भी फंसे है। सेना की पोस्ट में कहा गया है, ष्इस बीच, लगातार बारिश के कारण बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निवासियों को ऊंचे इलाकों में ले जाया गया है।स्थिति का जायजा लेने उत्तरकाशी पहुंचे धामीधराली हादसे के बाद बुधवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं। धामी ने बताया कि अब तक 130 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। तलाशी और बचाव अभियान जारी है। सड़कें और एक पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घटनास्थल तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। देहरादून में आपदा संचालन स्टेशन हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है। हम सभी को सुरक्षित बचाने के प्रयास कर रहे हैं। मैं हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। पीएम मोदी ने आज भी बचाव अभियान का विवरण लिया।भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर भी तैयारः धामीउत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 10 डीएसपी, 3 एसपी और लगभग 160 पुलिस अधिकारी बचाव अभियान में लगे हुए हैं... भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर भी तैयार हैं। जैसे ही मौसम में सुधार होगा, हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल बचाव कार्यों के लिए किया जाएगा। खाने के पैकेट और डॉक्टरों की एक टीम तैयार कर ली गई है। बिजली बहाल करने का काम भी चल रहा है। धराली में अभी मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। हम लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी को सुरक्षित बचाने के प्रयास कर रहे हैं...हाई अलर्ट पर प्रशासनलगातार बारिश के कारण उत्तरकाशी जिले में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते प्रशासन हाई अलर्ट पर है। मौसम विभाग ने बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसी कारण सभी सरकारी व निजी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकरों के जरिए लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि जो लोग नदी किनारे या निचले इलाकों में रहते हैं, वे तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाएं। मंगलवार को हुए बादल फटने की घटना में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं। सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम राहत और बचाव कार्य कर रही है।

उत्तरकाशी में कुदरत का कहर:धराली गांव में फटे बादल, पहाड़ों से आए सैलाब से उजड़ गए कई घर, चार के मरने की खबर, कई मलबे में दबे
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में कुदरत का कहर बरपा है। यहां के गंगोत्री धाम के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से खीरगंगा में भयंकर बाढ़ आ गई। पहाडों के पानी का सैलाब इतना तेज था कि निचले इलाकों के दर्जनों घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। इतना ही नहीं घरों का नामो-निशान तक मिट गया है। इस घटना में अब तक चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई के मलबे में दबे होने की सूचना है। इसके अलावा कई होटलों में पानी और मलबा घुस गया है। धराली बाजार पूरी तरह तबाह हो गया है। कई होटल दुकाने ध्वस्त हो चुकी है। उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो गई है और संपत्ति को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. बादल फटने के बाद इलाके में 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। इलाके में अब भी बारिश जारी है और ऐसे में फिर से बादल फटने का खतरा बना हुआ है। धराली उत्तरकाशी क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का सीएम धामी ने गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं। इस सम्बन्ध में लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हूं। धामी से केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी बात की है। लोगों के लिए बड़ी मुसीबत लेकर आई घटनाउत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है। यह घटना तो बेहद गंभीर है और इसने स्थानीय लोगों के लिए बड़ी मुसीबत लेकर आई है। नाले के पानी के साथ मलबा भी नीचे बहकर आया है, जिसमें कई लोगों के दबे होने की भी आशंका जताई जा रही है। बादल फटने के बाद नाले में पानी के उफान से पूरे इलाके में दहशत फैल गई, अब इलाके में राहत और बचाव का काम चल रहा है. जिला आपदा प्रबंधन ने हादसे की पुष्टि की है और कहा कि हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यमुनोत्री हाईवे: स्यानाचट्टी के पास सड़क का 25 मीटर हिस्सा धंसाजनपद में बीती रविवार देर रात से हो रही बारिश के कारण स्यानाचट्टी के पास यमुनोत्री हाईवे का करीब 25 मीटर हिस्सा धंस गया है जिससे आवाजाही बंद हो गई है। वहीं स्यानाचट्टी के एक ओर पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं। उधर, गंगोत्री हाईवे सुबह से दोपहर तक कई स्थानों पर अवरुद्ध रहा। इस वर्ष का मानसून की बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे पर परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते रविवार देर रात से जारी बारिश के कारण ओजरी डाबरकोट, स्यानाचट्टी के पास मलबा, बोल्डर गिरने से सड़क पर आवाजाही बंद हो गई थी। वहीं स्यानाचट्टी के दूसरी ओर कुपड़ा मोटर मार्ग के समीप करीब 25 मीटर सड़क धंसने से परेशानी बढ़ गई है।

रुद्रप्रयाग में कुदरत का कहर: अगस्त्यमुनि के इलाके में आधी रात फटे बादल, गावों में मची तबाही, अमरनाथ यात्रा पर भी लगा ब्रेक
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में कुदरत ने एक बार फिर कहर बरपाया है। अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रुमसी गांव शुक्रवार की देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इस घटना के बाद केदारनाथ धाम की यात्रा को भी रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि बादल फटने के बाद बिजयनगर समेत कई गांवों में अफरा-तफरी मच गई। घरों में पानी घुस गया, कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और बड़ी मात्रा में कृषि भूमि तबाह हो गई। राहत की बात यह रही की इस घटना से कोई जनहानि नहीं हुई। बादल फटने के साथ ही कई स्थानों पर मलबा और पानी बहकर रिहायशी इलाकों में घुस गया। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल अलर्ट पर हैं। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। केदारनाथ यात्रा पर भी इस आपदा का असर पड़ा है। एसडीआरएफ पोस्ट सोनप्रयाग से शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार, सोनप्रयाग से आगे के क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से यात्रा मार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा को गौरीकुंड में अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।एसडीआरएफ की टीम ने 100 भक्तों को निकाला सुरक्षितघटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ की टीम, उप निरीक्षक अशीष डिमरी के नेतृत्व में तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुई। टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। इस दौरान रास्ते में फंसे लगभग 100 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पीडब्ल्यूडी मजदूरों की मदद से वैकल्पिक मार्ग के निर्माण का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है, ताकि जल्द से जल्द आवागमन बहाल किया जा सके और तीर्थयात्रियों को आगे की यात्रा के लिए सुरक्षित मार्ग मिल सके। एसडीआरएफ की टीम लगातार प्रभावित क्षेत्र में डटी हुई है और हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा:धनवाद में कोयला खदान धंसने से दबे मजदूर, 10 की मौत की आशंका
धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले में मंगलवार की देर रात दर्दनाक हादसा हो गया है। यहां के बाघमारा प्रखंड के केसरगढ़ इलाके में अवैध कोयला खदान धंस गई है। इस हादसे में 10 से अधिक मजदूरों के दबने की आशंका है। हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि इस हादसे में 9 श्रमिकों की मौत हो गई है। खदान बीसीसीएल कंपनी की बताई जा रही है। हादसे की खबर फैलते ही केसरगढ़ और आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया। मृतकों और दबे हुए मजदूरों के परिजन और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर दौड़े, लेकिन आरोप है कि कोयला माफिया से जुड़े सिंडिकेट के लोगों ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इससे गुस्साए ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोग प्रशासन और माफिया की मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।सामाजिक कार्यकर्ता ने 9 श्रमिकों के मौत का किया दावासामाजिक कार्यकर्ता सरयू रॉय ने इस हादसे के बारे में एक्स पोस्ट में लिखा, बाघमारा, धनबाद के जमुनिया नामक स्थान पर अवैध खनन की चाल धंसने से 9 मजदूरों की मौत हो गई। उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, अवैध खनन माफिया मृतकों के शव को ठिकाने लगाने में लगे हैं। इसकी सूचना मैंने धनबाद एसएसपी को दे दी है। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार चुनचुन नामक खनन माफिया प्रभावशाली संरक्षण में अवैध खनन करा रहा था।पहले भी हो चुके हैं इस तरह के हादसेग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन के कारण पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस बार के हादसे ने एक बार फिर सिस्टम की नाकामी को उजागर कर दिया है। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण मजदूरों को बचाने का मौका कम हो रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बचाव कार्य को तेज किया जाए और हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई हो।

उत्तराखंड में फिर डोली धरती:चामोली में आधी रात को आया 3.2 तीव्रता का भूकंप, झटका लगते ही गहरी नींद में सो रहे लोग घर छोडकर भागे
चमोली। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में एक बार फिर धरती कांपी है। चमोली जिले में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके महसूस होते ही गहरी नींद में सो रहे लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, 3.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र जोशीमठ से 22 किलोमीटर दूर 10 किमी की गहराई पर था। बता दें कि इससे पहले, 8 जुलाई को उत्तरकाशी जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जिसका केंद्र 5 किलोमीटर की गहराई पर था।चामोली में जैसे ही भूकंप के झटके महसूस किए लोग घरों से बाहर सड़कों पर आ गए। हालांकि, इस भूकंप से किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि रात के सन्नाटे में अचानक आए इन झटकों ने स्थानीय निवासियों में डर का माहौल पैदा कर दिया।लोग अपने परिवारों के साथ सुरक्षित स्थानों पर जमा हो गए और स्थिति सामान्य होने का इंतजार करने लगे।म्यांमार और अफगानिस्तान में भी कांपी धरतीवहीं, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के मुताबिक, शनिवार को म्यांमार में भी 3.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई जमीन से 105 किलोमीटर नीचे थी। अफगानिस्तान में भी 4.2 तीव्रता के भूकंप ने वहां के लोगों को भी दहशत में डाल दिया। उत्तराखंड हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। चमोली और आसपास के इलाकों में समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं।वैज्ञानिकों ने लोगों को दी यह सलाहवैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि लोगों को ऐसी प्राकृतिक घटनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए और सुरक्षात्मक उपाय अपनाने चाहिए। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही, भूकंप जैसी स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने और घबराने से बचने की सलाह दी गई है।

हम जनसंख्या विस्फोट जैसी स्थिति से बचें:World Population Day पर मप्र के सीएम ने चेताया, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कही यह बात
नई दिल्ली। आज ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाया जा रहा है। भारत की तेजी से बढती जनसंख्या पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और सीएम रेखा गुप्ता समेत कई नेताओं ने चिंता जाहिर की है। साथ ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ पर देशवासियों को जागरूक किया। उन्होंने जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों का भी जिक्र किया।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों से निपटने की हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का मंच है। इस साल की थीम, ‘मां और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था का सही समय और अंतर,’ माता और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए नियोजित माता-पिता बनने के महत्व पर जोर देती है। विश्व जनसंख्या दिवस 2025 का नारा- ‘मां बनने की उम्र वही, जब तन और मन की तैयारी सही’ - माता-पिता बनने के लिए शारीरिक और भावनात्मक रूप से तैयार रहकर सूचित और सशक्त निर्णय लेने के महत्व को रेखांकित करता है।उन्होंने आगे कहा, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से केंद्र सरकार पूरे देश में आवश्यक परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान कर रही है, जिससे परिवार सशक्त हो रहे हैं और एक स्वस्थ भारत का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्स पर लिखा, विश्व जनसंख्या दिवस जागरूक करता है कि सुरक्षित भविष्य और भावी पीढ़ियों को बेहतर दुनिया प्रदान करने के लिए हम जनसंख्या विस्फोट जैसी स्थिति से बचें। जनसंख्या की असंतुलित बढ़ोतरी समाज और राष्ट्र के साथ आवश्यक संसाधनों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है।संतुलित जनसंख्या ही विकास की सुदृढ़ आधारशिला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, संतुलित जनसंख्या ही समृद्ध समाज और सतत विकास की सुदृढ़ आधारशिला है। जनसंख्या नियंत्रण आज केवल आवश्यकता नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण की अनिवार्य नीति है। यह लक्ष्य जन-जागरूकता, जन-भागीदारी और जननीति के समन्वित प्रयासों से ही प्राप्त हो सकता है। आइए, विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर हम सभी श्संतुलित जनसंख्या-सक्षम भारतश् के संकल्प को सशक्त करें और समरस, सशक्त, स्वावलंबी राष्ट्र की दिशा में अग्रसर हों।यह बोली दिल्ली सीएमदिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, ष्विश्व जनसंख्या दिवस पर, हम एक न्यायपूर्ण, सशक्त और समतामूलक समाज के अपने दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं, जहां प्रत्येक व्यक्ति को अवसर, अधिकार और सम्मान प्राप्त हो। हमारे युवाओं को एक ऐसे भविष्य का हक है, जहां वे सूचित विकल्प चुन सकें, समानता के साथ जी सकें और बिना किसी सीमा के सपने देख सकें। आइए, हम समावेशी नीतियों, सतत विकास और हर जीवन को बेहतर बनाने की साझा प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें, जिसके लिए हम जिम्मेदार हैं।बढ़ती जनसंख्या ने गुणवत्ता को किया प्रभावितः धामीउत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, तेजी से बढ़ती जनसंख्या हमारे संसाधनों, पर्यावरण और जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। आइए, हम सभी जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के महत्व को समझें और समाज को जागरूक कर एक संतुलित एवं सशक्त राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।

उत्तराखंड में भीषण हादसा:रुद्रप्रयाग -बद्रीनाथ हाईवे पर टेंपो-ट्रेवलर गिरा अलखनंदा नदी में, तीन की मौ, 9 लापता, 8 घायल
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड से एक भीषड़ सड़क हादसे की खबर सामने आई है। यहां के रुद्रप्रयाग -बद्रीनाथ हाईवे पर यात्रियों से भरा एक टेंपो-ट्रेवलर अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरा। इस हादसे में जहां 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। वहीं 8 घायल हुए हैं, जबकि 8 लापता है। तीन गंभीर घायलों को एयर लिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि टेंपो-ट्रेवलर में 19 लोग सवार थे। 17 लोग एक ही परिवार के हैं। हादसा गुरुवार सुबह घोलतीर के पास हुआ है। हादसे की सूना पर थाना अगस्त्यमुनि, रतूड़ा एवं गोचर से पुलिस बल और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के उदयपुर से एक परिवार के 17 लोग इस वाहन चारधाम यात्रा पर निकले थे। जो केदारनाथ दर्शन के बाद आज सुबह बदरीनाथ दर्शन के लिए निकले थे। हादसे की सूचना पर पुलिस, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि अब तक नौ लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें दो की मौत हो चुकी है। मृतकों में एक महिला भी शामिल है। आठ घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा गया है। घायलों में कई छोटे बच्चे भी हैं। जबकि 9 लोग लापता है।कैसे हुआ हादसा?रुद्रप्रयाग के घोलतीर के निकट स्टेट बैंक मोड़ के पास 31 सीटर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर हाईवे से सीधे खाई में गिरकर नदी में चला गया. वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने और नदी में समाने से पूर्व इस वाहन में सवार कुछ लोग छिटक गए, जिनको रेस्क्यू टीमों द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से ऊपर सड़क पर लाया गया. घायलों को तत्काल जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेजा गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्घटना के वक्त तीन लोग वाहन से बाहर छिटककर गिर गए, जिन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं वाहन के अन्य यात्री नदी की तेज धार में बह गए। घटनास्थल से एक शव बहकर शिवपुरी तक पहुंचा, जिसे रेस्क्यू कर निकाला गया।सीएम धामी ने जताया गहरा दुखमुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जनपद रुद्रप्रयाग में एक टेंपो ट्रैवलर के नदी में गिरने का समाचार अत्यंत दुःखद है। एसडीआरएफ सहित अन्य बचाव दलों द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।टेंपो-ट्रेबलर दुर्घटना में घायलदीपिका सोनी, निवासी सिरोही मीना वास, राजस्थान उम्र 42 वर्ष। हेमलता सोनी, निवासी प्रताप चैक, गोगुण्डा गोगुण्डा, राजस्थान, उम्र 45 वर्ष।ईश्वर सोनी, निवासी ई 202 पर्वत सिलिकॉन पैलेस, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात उम्र 46 वर्ष।अमिता सोनी, निवासी 701 702 बिल्डिंग नं. 3 मीरा रोड, महाराष्ट्र, उम्र 49 वर्ष। सोनी भावना ईश्वर, निवासी ई 202 पर्वत सिलिकॉन पैलेस, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात, उम्र 43 वर्ष।भव्य सोनी, निवासी ई 202 सिलिकॉन पैलेस, बाम्बे मार्केट, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात, उम्र 07 वर्ष।पार्थ सोनी, निवासी वार्ड नं. 11, राजगढ़, वीर सावरकर मार्ग ग्राम राजगढ़ मध्य प्रदेश, उम्र 10 वर्ष। सुमित कुमार(चालक), पुत्र नरेश कुमार, निवासी बैरागी कैम्प, हरिद्वार, उम्र 23 वर्ष।


