Download App

Latest News

आरएसएस चीफ ने संघ को बताया विश्व का अनोखा संगठन : बेंगलुरू में बोले- भारत समेत कई देशों में कर रहा समाजसेवी कार्यपीएफआई-एसडीपीआई की 67.03 करोड़ की संपत्तियां कुर्क : ईडी का बड़ा एक्शन, इनके नाम पर दर्ज थीं सभी प्रापर्टीराहुल के मप्र दौरे पर सीएम का जोरदार हमला : चुनावी सभा में मोहन बोले- इंडी की हार सुनिश्चित, इसलिए घूम रहे पचमढ़ी की वादियों मेंतीन युवकों ने 14 साल की युवती से किया सामूहिक दुष्कर्म : मऊगंज में गैंगरेप का शर्मनाक मामलाः स्कूल में मिली बेसुध, स्वास्थ्य विभाग ने भी नहीं दिखाई मानवीयतापहले चरण में लालू-राहुल का सूपड़ा हुआ साफ : शाह की हुंकार- बिहार में 160 से ज्यादा सीटें जीतकर एनडीए बनाएगा सरकारएसआईआर को लेकर मप्र में सियासी घमासानः : मप्र कांग्रेस के दिग्गजों ने सरकार को लिया निशाने पर, दिग्गी ने लगाए गंभीर आरोप, जीतू भी बोलेबिहार के शिक्षित युवाओं को नहीं मिल रहा रोजगार : एनडीए पर प्रियंका का हमला, पीएम और छोटे दलों पर भी किया वारप्रेग्नेंसी में महिलाओं के लिए वरदान से कम नहीं ये आसन : कई समस्याओं से दिलाता है निजात अनुपम खेर के वीडियो ने जीता फैंस का दिल : दुलारी देवी पर लगा यह गंभीर का इल्जाम, अभिनेता की मां ने दिया बेगुनाही का सबूतसंसद का शीत सत्र 1 दिसंबर से : राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 19 दिनों तक होंगे जतना के हित में काम, इन मुद्दों को लेकर विपक्ष फिर कर सकता है हंगामा

प्रकृति के साथ खिलवाड़ पर सख्त हुआ SC : कुदरत की मार से कराह रहे राज्यों को थमाया नोटिस, दो हफ्ते में मांगा जवाब

Featured Image

Author : admin

पब्लिश्ड : 04-09-2025 01:47 PM

अपडेटेड : 04-09-2025 08:17 AM

नई दिल्ली। पहाड़ो से लेकर मैदानी इलाकों तक इन दिनों कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है। भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने की घटनाओं से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में भीषण तबाही हुई है। इन प्राकृतिक आपदाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। इतना ही नहीं, शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए अवैध पेड़ कटाई करने वाले राज्यों को नोटिस भी थमाया है। कोर्ट ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की सराकरों को नोटिस जारी कर दो हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटाई की गई है और यही हालिया आपदा का एक बड़ा कारण हो सकता है। अदालत ने मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि हमने हिमाचल प्रदेश के दृश्य देखे, जहां बड़ी संख्या में लकड़ी के गट्ठर बाढ़ में बहते हुए नजर आए। यह अनियंत्रित पेड़ कटाई का संकेत है। वहीं, पंजाब में खेत और गांव तबाह हो गए हैं। विकास जरूरी है, लेकिन वह संतुलित होना चाहिए।

एसजी ने भी मामले की गंभीरता को किया रेखांकित

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी मामले की गंभीरता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमने प्रकृति के साथ इतनी छेड़छाड़ की है कि अब प्रकृति हमें उसका जवाब दे रही है। उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे पर वे पर्यावरण मंत्रालय के सचिव से बात करेंगे और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से भी संवाद स्थापित करेंगे।

राज्यों को देना होगा ठोस जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रभावित राज्यों को इस पर ठोस जवाब देना होगा कि बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए और आगे ऐसी आपदाओं से बचाव के लिए उनकी क्या योजना है। बता दें कि कई राज्यों में हुई बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरीके से प्रभावित है। पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में जलजमाव है। पंजाब में हालात सबसे खराब हैं, जहां पर कई गांवों में पानी भर गया है।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder
प्रकृति के साथ खिलवाड़ पर सख्त हुआ SC : कुदरत की मार से कराह रहे राज्यों को थमाया नोटिस, दो हफ्ते में मांगा जवाब