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मप्र विधानसभा : पत्तों की माला पहनकर पहुंचे कांग्रेसी विधायक, सिंघार ने सरकार को घेरा, मुद्दा रहा आदिवासियों पर अत्याचार का
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। कांग्रेसी विधायकों का सत्र के तीसरे दिन भी अनोखा प्रदर्शन जारी रहा। पहले दिन जहां गिरगिट के कटआउट लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरे भैंस के सामने बीन बजाई और बुधवार को शरीर पर पत्ते लपेटकर प्रदर्शन किया। पहुंचे। कांग्रेस ने आदिवासियों पर अत्याचार का आरोप लगाया और विधानसभा में गांधी जी की प्रतिमा के पास बैठकर प्रदर्शन किया। विपक्ष ने कहा कि जंगलों से आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है। वन अधिकार के पट्टे देने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासियों को वन पट्टों का अधिकार देना ही नहीं चाहती। प्रदेश में आदिवासियों की जमीनों से बेदखली की जा रही है, वन पट्टे निरस्त किए जा रहे हैं, पेसा कानून को जमीन पर लागू नहीं किया जा रहा है और आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों को छीना जा रहा है।
आदिवासियों के पट्टे निरस्त कर रही सरकार
उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा आदिवासियों के भूमि पट्टे निरस्त किए जा रहे हैं, जबकि 2006 के पहले से जमीन पर बसे हुए आदिवासियों को नियमानुसार पट्टे दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी कई पीढ़ियों से रह रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को सुझाव दिया कि गूगल मैप और गूगल इमेजिंग जैसी तकनीकों का उपयोग कर यह प्रमाणित किया जा सकता है कि कौन आदिवासी कब से किस जमीन पर रह रहा है।
आदिवासियों के लड़ती रहेगी कांग्रेस
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक आदिवासियों के हक और अधिकारों की लड़ाई मजबूती से लड़ती रहेगी। यह प्रदर्शन सरकार की आदिवासी विरोधी नीतियों और असंवेदनशील रवैये के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की जनपक्षधर राजनीति का एक अहम हिस्सा था। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के तमाम विधायक मौजूद रहे।
सिंघार और मंत्री के बीच बहस
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 20 साल से आपकी सरकार है। सरकार जेसीबी चला रही हैं, आदिवासियों को पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि आज तक किसी भी सरकार ने इतने पट्टे नहीं दिए जितने बीजेपी की सरकार ने दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं आपको जवाब दे दूंगा, सरकार ने कितने आदिवासियों को पट्टे से हटाया है झूठी बात की जा रही है।
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