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मालेगांव ब्लास्ट : भगवा आतंकवाद को सिद्ध करने गलत जांच का बनाया दबाव, भागवत को अरेस्ट का था फरमान, पूर्व ATSअफसर का खुलासा

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Author : admin

पब्लिश्ड : 01-08-2025 03:05 PM

अपडेटेड : 01-08-2025 10:39 AM

मुंबई। 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद फैसला आ गया है। मुंबई की एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय सहित अन्य आरोपियों को बरी किया। अब इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा है। रिटायर्ड एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर ने दावा किया है की मालेगांव ब्लास्ट केस में संघ प्रमुख मोहन भागवत को अरेस्ट करने के आर्डर हमे मिले थे।

पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मालेगांव ब्लास्ट के बाद उस समय के जांचकर्ता अधिकारी परमवीर सिंह और उनके ऊपर के आला अधिकारियों ने मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चीफ मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया देश में भगवा आतंकवाद के कॉन्सेप्ट को सिद्ध करने के लिए उन पर गलत जांच करने का दबाव बनाया गया था। मुजावर ने कहा कि मैंने इसका विरोध किया क्योंकि मैं गलत काम करना नहीं चाहता था. लेकिन मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए। पर मैं इन सभी मामलों में बरी हो गया।

दबाव बनाने वाले अधिकारियों की होनी चाहिए जांच

वहीं आरोपियों के बरी होने पर मुजावर ने कोर्ट के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि न्याय की जीत हुई है और अब सच सामने आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों ने उन पर दबाव बनाया उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। बता दें कि इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई थी जब 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव के भीकू चैक पर धमाका हुआ था। एक दोपहिया वाहन में रखे गए बम से हुए विस्फोट में 6 लोगों की मौत और 101 लोग घायल हुए थे। मृतकों में फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत, शेख मुश्ताक यूसुफ, शेख रफीक मुस्तफा, इरफान जियाउल्लाह खान, सैयद अजहर सैयद निसार और हारून शाह मोहम्मद शाह शामिल थे।

मुजावर ने यह भी किया दावा

मुजावर ने कहा कि उन्होंने मुझ पर दबाव बनाया कि मैं मारे गए लोगों को चार्जशीट में जिंदा बताऊं। जब मैंने इससे इनकार किया तो उस समय के आईपीएस अधिकारी परमवीर सिंह ने मुझे झूठे मामले में फंसा दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद चाहे भगवा हो या हरा, समाज के लिए सही नहीं है। मुजावर ने ये भी कहा कि वह मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले से खुश हैं।

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