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भोपाल। वित्त विभाग ने तकनीकी नवाचारों से बजट में होने वाली गड़बडियों पर लगाम कसने और बजट खर्च की सीधी निगरानी करने में कुद हद कद सफलता हासिल की है। भविष्य में आयकर विभाग की तर्ज पर बजट भुगतान से संबंधित फाइलों की मंजूरी दी जाएगी। यानी एक जिले की फाइल किसी अन्य जिले से मंजूर हो सकती है। इसके लिए वित्त विभाग ने अलग-अलग तकनीकी नवाचार किए हैं। जिनके जरिए गलत भुगतानों को भी पकड़ा गया है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने गुरुवार को जनसंपर्क संचालनालय में वित्त विभाग की दो साल की उपलब्धियां गिनाते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा किवित्त विभाग शून्य आधारित बजट प्रक्रिया के अनुसार बजट तैयार किया जा रहा है। तीन वर्षों के लिये रोलिंग बजट की प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसमें बजट प्रक्रिया से संबंधित नवाचार अपनाएं जा रहे है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश में पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे प्रदेश के ही सकल घरेलू उत्पाद में नियमित वृद्धि बनी हुई है। देवड़ा ने कहा कि वित्तीय मानकों के आधार पर प्रदेश की स्थिति बहुत सुदृढ़ है। उन्होंने बताया कि संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा कई नवाचारी व्यवस्था लागू की है। उन्होंने यह भी बताया कि शासकीय सेवकोंध् पेंशनरों के हित में कई निर्णय लिये गये है। देवड़ा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 55 हजार 634 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। वर्ष 2025-26 में माह नवम्बर तक कुल 34 हजार 829 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2025-26 में माह नवम्बर तक डाटा एनालिटिक्स आधारित चिन्हित प्रकरणों में प्रवर्तन कार्यवाहियों से 967 करोड़ एवं ऑडिट की कार्यवाही से 404 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हुआ है।
मप्र करेगा शराब का निर्यात
देवड़ा ने बताया कि राजस्व बढ़ाने के लिये राज्य तथा देश के बाहर मदिरा के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत पॉलिसी बनाई जाएगी। मदिरा उपभोगध्विक्रय के एक दिवस का लायसेंस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जारी किया जाएगा। प्रदेश के समस्त शासकीय विभाग, निगम, मंडल द्वारा दिए जा रहे वर्क आर्डर तथा भुगतान की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सके इसके लिये डाटा रिपोजटरी बनाया जाएगा। डाटा एनालिटिक्स के उपयोग से प्रवर्तन की कार्यवाही की जावेगी तथा बोगस व्यवसायियों पर सतत् निगरानी रखी जाकर गलत आईटीसी के उपयोग पर अंकुश लगाया जाएगा। कर अपवंचन की रोकथाम हेतु चलित वाहनों के माध्यम से किये जा रहे कर अपवंचन पर नियंत्रण एवं निगरानी हेतु यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग में पृथक से डेटा एनालिटिक्स एवं टैक्स रिसर्च यूनिट का गठन किया जायेगा।
जमीनों की रजिस्ट्री आधार बेस
देवड़ा ने बताया कि मप्र देश का प्रथम राज्य है जिसमें 75 प्रकार के दस्तावेज पट्टा, पॉवर ऑफ अटर्नी, बंधक इत्यादि का घर बैठे वीडियो केवायसी के माध्यम से पंजीयन हो रहा है। संपदा 2.0 को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025 में स्वर्ण पदक मिला है। प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है। साथ ही क्रेता एवं विक्रेता की पहचान आधार और पेन ई-केवायसी से किये जाने के कारण जनता को सुविधा हुई है।
हर जन्म-मृत्यु का पंजीयन अनिवार्य
देवड़ा ने बताया कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (15 लाख 03 हजार 395 करोड़) रूपये रहा एवं प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 52 हजार 615 रूपये रही। प्रदेश में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पोर्टल द्वारा शत-प्रतिशत जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण का कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है।
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