Download App

Latest News

जीएसटी कलेक्शन से भरा सरकार का खजाना : नवंबर महीने में खाते में आए 1.70 लाख करोड़ बेटियों की शिक्षा को लेकर संवेदनशील नहीं सरकार : नाथ का हमला, लाडली लक्ष्मी योजना को लेकर भी घेराबांग्लादेश : पूर्बांचल प्लॉट घोटाले में हसीना को 5 साल की सजा, बहन रेहाना और ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप भी दोषी कराररायसेन में बड़ा हादसा : बरेली-पिपरिया मार्ग पर बना नयागांव पुल अचानक ढहा, 10 ज्यादा घायल, MPRDC की भी बड़ी लापरवाही आई सामनेअनुपम खेर : दिग्गज अभिनेता ने क्रिएटिविटी का दिलचस्प नमूना किया पेश, सूर्य के साथ तस्वीर कर कही यह बात

रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान : इस वर्ष 6.2% से अधिक रह सकती है भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट

Featured Image

Author : admin

Published : Invalid Date

कोलकाता। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने फाइनेंसियल ईयर 2025-26 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। हालांकि यह पिछले वित्त वर्ष से कम हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही थी। एजेंसी ने अपने ताजा रिपोर्ट में कहा कि इसी अवधि के दौरान देश की वास्तविक सकल मूल्य र्विधत (जीवीए) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत से अधिक होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति के संबंध में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर के 3.5 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है, जबकि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) चालू वित्त वर्ष में 1.8 प्रतिशत से अधिक रहेगा। इक्रा ने 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि इसी अवधि के दौरान चालू खाता घाटा 1.2 प्रतिशत से 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

एजेंसी के अनुसार, रबी फसल बेहतर होने और सामान्य से अधिक जलाशय स्तर के कारण ग्रामीण मांग में तेजी बनी रहने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में आयकर में बड़ी राहत, नीतिगत दर में कटौती से ईएमआई (मासिक किस्त) में कमी और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी से घरेलू खर्च योग्य आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के वस्तु निर्यात में सुस्ती निकट भविष्य में भी जारी रह सकती है। इक्रा के अनुमान के अनुसार, सेवा निर्यात के वस्तु निर्यात वृद्धि से आगे निकलने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र का पूंजीगत व्यय 2025-26 में 10.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिससे निवेश गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात के लिए कमजोर संभावना और व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता के कारण निजी पूंजीगत व्यय में कुछ वृद्धि हो सकती है।

टाइमलाइन अपडेट

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder