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शकीरा खलीली हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी श्रद्धानंद की खारिज की याचिका, पत्नी की हत्या के मामले में काट रहा सजा

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक के कुख्यात स्वघोषित बाबा स्वामी श्रद्धानंद उर्फ मुरली मनोहर मिश्रा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने सरकार से जल्द फैसला लेने की मांग की थी। श्रद्धानंद पिछले 30 साल से ज्यादा समय से उम्रकैद की सजा काट रहा है। यह मामला देश के सबसे सनसनीखेज हत्याकांडों में से एक माना जाता है, जिस पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर डांसिंग ऑन द ग्रेव नाम की डॉक्यूमेंट्री भी बनाई जा चुकी है।28 अप्रैल 1991 में बेंगलुरु में मुरली ने एक ऐसी वारदात को अंजाम दिया था, जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया था। उसने अपनी ही पत्नी शकीरा खलीली को जिंदा ही दफना दिया था। फिर तीन साल तक उसी डांस और पार्टी करता रहा। लेकिन आखिरकार पुलिस ने वारदात का खुलासा किया और तब से मुरली मनोहर सलाखों के पीछे है।गौरतलब है कि मैसूर के दीवान सर मिर्जा इस्माइल की पोती शकीरा खलीली, जो एक रॉयल और बेहद अमीर परिवार से थीं, पहले उनकी शादी अकबर मिर्जा खलीली से हुई थी और उनकी चार बेटियां थीं। अकबर अक्सर विदेश रहते थे, जिससे शकीरा अकेलापन महसूस करने लगीं। इसी दौर में उनकी जिंदगी में आया मुरली मनोहर मिश्रा, जो बाद में खुद को स्वामी श्रद्धानंद कहने लगा।शकीरा बेटे की चाहत में उसके करीब आईं और 1986 में दोनों ने शादी कर ली। लेकिन यह रिश्ता प्यार पर नहीं, लालच पर खड़ा था। शकीरा करीब 600 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन थीं और श्रद्धानंद की उसी पर नजर थी। समय बीतने के साथ दोनों के रिश्ते बिगड़ते गए और अंत में श्रद्धानंद ने एक ऐसी खौफनाक योजना बनाई, जिसे सुनकर आज भी किसी की रूह कांप जाए।28 अप्रैल 1991 को उसने शकीरा को नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया, फिर बंगले के कंपाउंड में पहले से तैयार एक ताबूत में डालकर जिंदा दफन कर दिया। उस जगह पर उसने टाइलें लगवा दीं ताकि किसी को शक न हो। इसके बाद उसने बड़ी सफाई से सबको ये कहानी सुनाई कि शकीरा विदेश चली गई हैं। वह खुद उनके नाम से पत्र लिखता रहा, बैंक खातों को चलाता रहा और उसी जगह पार्टियां करता रहा जहां शकीरा दफन थीं।लेकिन उसकी चाल ज्यादा समय तक नहीं चली। शकीरा की बेटी सबीना को लगातार शक होता रहा। उसने मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच आगे बढ़ी और 1994 में श्रद्धानंद गिरफ्तार हुआ। पूछताछ में उसने सब कबूल किया। पुलिस ने बंगले में खुदाई कर शकीरा का कंकाल बरामद किया।

पॉडकास्ट

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नरक चतुर्दशी विशेष

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 3

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 2

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 1

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Podcast E124

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गुप्त नवरात्री पर विशेष

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पूरी और प्रभु जगन्नाथ पर विशेष

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आज की बुलेटिन 28 June

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आज की बुलेटिन 26 June

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आज की बुलेटिन 24 June

मनोरंजन

सिनेमा से मजबूत हुआ भारत-रूस संबंध : आवारा ने हिंदी सिनेमा के लिए खोल दिए थे रूसी बाजार के द्वार

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नई दिल्ली। रूस और भारत के सांस्कृतिक संबंध काफी पुराने, मजबूत, विविध और परस्पर सम्मान पर आधारित हैं। सोवियत संघ के समय से ही दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता रहा है। फिल्म, संगीत, नृत्य या फिर साहित्य का ही क्षेत्र क्यों न हो, दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे को प्रभावित किया है। संबंधों की प्रगाढ़ता को ऐसे ही समझा जा सकता है कि रूस में भारत दिवस और भारत में रूसी सांस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी और कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है।संस्कृति, राजनीति, व्यापार, रणनीति और हिंदी सिनेमा की बदौलत अप्रैल 1947 से शुरू हुए रूस और भारत के राजनयिक संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। अगर हिंदी सिनेमा की बात हो तो फिल्मों और भारतीय कलाकारों को रूस में समय-समय पर सराहा गया है। इसकी बड़ी वजह है हिंदी फिल्में हमेशा भाईचारे, अपनेपन, संस्कृति और भावनाओं से भरी रही हैं। यही वजह रही है कि दिवंगत लीजेंड एक्टर राज कपूर को रूस ने सिर-आंखों पर बैठाया।भारतीय सिनेमा और रूसी दर्शकों के बीच प्रेम का रिश्ता दशकों पुराना है। हिंदी सिनेमा और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का श्रेय राज कपूर को जाता है। उनकी फिल्में रूस के लोगों को बहुत पसंद आती थीं और दीवानगी ऐसी थी कि उनकी एक झलक देखने के लिए हजारों की भीड़ लग जाती थी। वे पहले बॉलीवुड के अभिनेता थे, जिन्हें रूस में बिना वीजा के एंट्री मिली थी और वहां उनके सम्मान में स्टैच्यू भी बना। आज भी रूस में राज कपूर साहब की विरासत और उनकी फिल्मों को जिंदा रखने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं।साल 1951 में राज कपूर की फिल्म आवारा रिलीज हुई थी। इस फिल्म में उनका गाना श्सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी को रूस में सबसे ज्यादा पसंद किया गया था। रूस में इस फिल्म का प्रीमियर 1954 में रखा गया था। इसे देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी और करीब 6 करोड़ 40 लाख टिकट बाइक थे। फिल्म का क्रेज इतना ज्यादा बढ़ गया है कि सर पे लाल टोपी रूसी वहां का लोकल एंथम बन गया। हर किसी की जुबान पर वही गाना था। बाअद में फिल्म को रूसी अनुवाद के साथ ही रिलीज किया गया।फिल्म आवारा को इतनी सफलता मिली कि राज कपूर को रूस जाना पड़ा। राज कपूर के पास वीजा नहीं था, लेकिन उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें बिना वीजा के देश में आने की इजाजत मिली। राज कपूर रूस पहुंच गए, लेकिन एयरपोर्ट पर हजारों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया है और गाड़ी आगे की दिशा में बढ़ने की बजाय ऊपर की तरफ उठने लगी। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां मौजूद उनके चाहने वालों ने गाड़ी को अपने कंधों के सहारे हवा में उठा दिया था। फिल्म आवारा पहली फिल्म थी, जिसे कल्चर इम्पोर्ट के तौर पर पहली बार रूस में रिलीज करने का फैसला किया गया था, जिसके बाद देव आनंद और दिलीप कुमार की फिल्में भी रूस में रिलीज होने लगीं।राज कपूर की मेरा नाम जोकर (1970) और श्री 420 भी रिलीज हुईं। मेरा नाम जोकर में अभिनेता ने रूसी अभिनेत्री सेनिया लावोव्ना रियाबिनकिना के साथ काम किया, जिन्होंने उनकी प्रेमिका मरीना का रोल प्ले किया था। हिंदी फिल्मों को रूस में पसंद किए जाने का एक और महत्वपूर्ण कारण था। रूस में 1947 के समय प्रोपेगैंडा फिल्मों का चलन बहुत ज्यादा हुआ करता था, जो फीकी और नीरस होती थीं। जानबूझकर लोगों के दिमाग में राष्ट्रवाद और देशप्रेम की एकतरफा कहानियों को भरा जाता था और उसके उलट राज कपूर की फिल्मों में सुंदर वादियां और नरगिस के साथ रोमांस ने दर्शकों का दिल जीत लिया था।

बिज़नेस

फिक्की की सालगिरह पर बोले उद्योग मंत्री : भारत को इनोवेशन और डिजिटल स्किल का ग्लोबल हब बना रहे भारतीय युवा

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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को फिक्की की 98वीं सालगिरह के अवसर पर भारत की आत्मनिर्भरता, इनोवेशन और यूथ-ड्रिवन ग्रोथ की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। फिक्की को भारत के स्वतंत्रता संघर्ष और इंडस्ट्रियल शक्ति का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री बॉडी की यात्रा भारत के खुद के आर्थिक विकास को दिखाती है।उन्होंने कहा, भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, इसी के साथ हमारा सामूहिक मिशन एक आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और फ्यूचर-रेडी भारत के निर्माण के साथ स्पष्ट है, जिसे इनोवेशन, देश की युवा शक्ति और ग्लोबल लीडरशिप से सपोर्ट मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि आत्मनिर्भरता विजन की भारत में गहरी सभ्यतागत जड़ें हैं, जो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आर्थिक दर्शन से मिलती हैं।उन्होंने कहा कि इस विरासत को आज की उम्मीदों से जोड़ते हुए भारत का संविधान 140 करोड़ नागरिकों को उनकी किस्मत खुद बनाने के संकल्प के साथ सशक्त करता है। भारत की मैन्युफैक्चरिंग बढ़त पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल कंपनियों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है और वे 100 अरब डॉलर के निवेश की योजनाएं बना रही हैं।केंद्रीय मंत्री गोयल ने प्रोटेक्शनिस्ट माइंडसेट से अलग प्रतिस्पर्धी, इनोवेशन और हाई-क्वालिटी स्टैंडर्ड्स को अपनाने की जरूरत पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक विकास, देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को पॉलिसी निर्माण के केंद्र में रखने की अप्रोच पर प्रकाश डालते हुए कहा, एक अच्छी अर्थव्यवस्था का मतलब एक अच्छी राजनीति से होता है।उन्होंने कहा, ष्भारत मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन कर उभरा है। केंद्रीय मंत्री गोयल के अनुसार, हम अपने भविष्य को बनाने में आर्किटेक्ट की भूमिका में खुद ही हैं और यह सोच ही भारत को नया भारत बनाने की ओर गाइड करती है।उन्होंने मजबूत रिसर्च एंड डेवलपमेंट फ्रेमवर्क की जरूरत पर बल दिया और कहा कि सरकार की नई आरएंडडी और इनोवेशन फंड स्कीम प्राइवेट-सेक्टर की भागीदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी। यह बताते हुए कि भारत में चैटजीपीटी का दूसरा सबसे बड़ा यूजर बेस है केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत के युवा एडवांड टेक टूल्स को तेजी से इंटीग्रेट कर रहे हैं और भारत को इनोवेशन और डिजिटल स्किल का ग्लोबल हब बना रहे हैं।

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सरकार नहीं चाहती पुतिन विपक्ष से मिले #tv27newsdigital #trending #political

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'डिलीवरी ब्वॉय' की हालत दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर #tv27newsdigital #viral #latestnews

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सुंदरता की सनक ने छीनी चार मासूम जिंदगियाँ  #tv27newsdigital #viral #crimenews

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स्क्रॉल से पहले सोचिए, ये खबर है या जाल?  #tv27newsdigital #viral #latestnews #hindinews #ragebait

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, विवादों संग सिनेमाघरों में पहुंची धुरंधर #tv27newsdigital #trending #entertainment

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फॉर्च्यूनर में बैठे मोदी- पुतिन ने दुनिया को क्या संदेश दिए? #tv27newsdigital #viral #modiputinmeet

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खेल

वनडे सीरीज: विराट-ऋतुराज का शतक बेकार : साउथ अफ्रीका ने रायपुर में लिया रांची का बदला, भारत को मिली 4 विकेट से करारी शिकस्त

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रायपुर। साउथ अफ्रीका ने भारत के खिलाफ बुधवार को खेले गए दूसरे वनडे मैच में 4 विकेट से जीत दर्ज की। इसी के साथ मेहमान टीम ने तीन मुकाबलों की वनडे सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है। भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज 0-2 से गंवाने के बाद रांची में खेले गए पहले वनडे मैच को 17 रन से अपने नाम किया था। अब सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच 6 दिसंबर को विशाखापत्तनम में खेला जाना है, जिसके बाद पांच टी20 मुकाबलों की सीरीज का आयोजन होगा।टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने विराट कोहली और ऋतुराज गायकवाड़ की शतकीय पारियों के दम पर निर्धारित ओवरों में 5 विकेट खोकर 358 रन बनाए। भारत ने 62 के स्कोर तक रोहित शर्मा (14) और यशस्वी जायसवाल (22) के रूप में अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों का विकेट गंवा दिया था। यहां से विराट कोहली ने ऋतुराज गायकवाड़ के साथ तीसरे विकेट के लिए 156 गेंदों में 195 रन की साझेदारी करते हुए टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।ऋतुराज गायकवाड़ ने 83 गेंदों में 2 छक्कों और 12 चौकों की मदद से 105 रन की पारी खेली, जबकि विराट कोहली 93 गेंदों में 102 रन बनाकर आउट हुए। उनकी इस पारी में 2 छक्के और 7 चौके शामिल रहे। भारतीय टीम ने 289 के स्कोर तक 5 विकेट गंवा दिए थे। यहां से कप्तान केएल राहुल (66) ने रवींद्र जडेजा (24) के साथ छठे विकेट के लिए 69 रन की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को विशाल स्कोर तक पहुंचाया।साउथ अफ्रीका की तरफ से मार्को जानसेन ने सर्वाधिक 2 विकटे हासिल किए, जबकि लुंगी नगिडी और नंद्रे बर्गर ने 1-1 विकेट निकाला। इसके जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम ने 49.2 ओवरों में मुकाबला अपने नाम कर लिया। साउथ अफ्रीका को 26 के स्कोर पर क्विंटन डी कॉक (8) के रूप में बड़ा झटका लगा। यहां से कप्तान टेंबा बावुमा ने एडेन मार्करम के साथ दूसरे विकेट के लिए 101 रन की साझेदारी करते हुए मैच में मेहमान टीम की वापसी कराई।बावुमा 48 गेंदों में 46 रन बनाकर पवेलियन लौटे। इसके बाद मार्करम ने मैथ्यू ब्रीत्जके के साथ तीसरे विकेट के लिए 70 रन जुटाते हुए टीम को 197 के स्कोर तक पहुंचा दिया। मार्करम 98 गेंदों में 4 छक्कों और 10 चौकों की मदद से 110 रन बनाकर आउट हुए। ब्रीत्जके ने देवाल्ड ब्रेविस के साथ चौथे विकेट के लिए 63 गेंदों में 92 रन जुटाकर टीम को 289 रन तक पहुंचाया। ब्रेविस 34 गेंदों में 6 बाउंड्री के साथ 54 रन बनाकर पवेलियन लौटे।साउथ अफ्रीका को 45 ओवरों की समाप्ति के बाद जीत के लिए 30 गेंदों में 27 रन की दरकार थी। इस बीच टोनी टी जोरजी (17) हैमस्ट्रिंग इंजरी के बाद रिटायर्ड हर्ट होकर वापस लौट गए। केशव महाराज (10) उनके स्थान पर बल्लेबाजी के लिए आए और कॉर्बिन बॉश (26) के साथ मोर्चा संभाला। दोनों बल्लेबाजों ने 27 रन की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिलाई। भारत की तरफ से अर्शदीप सिंह और प्रसिद्ध कृष्णा ने 2-2 विकेट हासिल किया, जबकि हर्षित राणा और कुलदीप यादव ने 1-1 विकेट निकाला।

लाइफस्टाइल

आयुर्वेद : कूड़े में न फेंकें मटर के छिलके, इसमें छिपे हैं सेहत के असली खजाने

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नई दिल्ली । हमारी रसोई में अक्सर ऐसी कई चीजें होती हैं जिन्हें हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, जबकि आयुर्वेद और वैज्ञानिक शोध में वही चीजें शरीर की सेहत के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। मटर का छिलका भी ऐसा ही छुपा सुपरफूड है। मटर के ताजे छिलकों में ताकत के भरपूर गुण होते हैं। आयुर्वेद में इसे शरीर के लिए पाचन-सहायक और पोषणकारी बताया गया है। मटर के हरे छिलकों में मौजूद प्राकृतिक फाइबर पेट के लिए लाभकारी होता है। फाइबर पेट को साफ रखने, पाचन को आसान बनाने और गैस जैसी दिक्कतों को कम करने में मदद करता है। यह पेट को धीरे-धीरे और आराम से काम करने में मदद करता है। कई वैज्ञानिक शोध भी बताते हैं कि फाइबर वाला भोजन पेट को देर तक भरा महसूस कराता है। यही कारण है कि छिलके की सब्जी या चटनी खाने से बार-बार भूख नहीं लगती और खाने की लालसा कम होती है। यह तरीका उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो अपने वजन को संतुलित रखना चाहते हैं।मटर के छिलकों में पोटेशियम, कैल्शियम, कॉपर, विटामिन सी, विटामिन के और कई तरह के तत्व मौजूद होते हैं। पोटेशियम शरीर के द्रव संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे हृदय को सहज काम करने में सहयोग मिलता है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में एक जरूरी पोषक तत्व है, जबकि कॉपर शरीर में ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया और रक्त के निर्माण में भूमिका निभाता है। विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सपोर्ट करता है, और विटामिन के रक्त के सामान्य थक्के बनने और हड्डियों की मजबूती के लिए जाना जाता है।छिलकों में मौजूद प्राकृतिक रसायन, जैसे कैरोटेनॉइड, आंखों के लिए भी मददगार माने जाते हैं। ये तत्व आंखों की कोशिकाओं को सामान्य रूप से काम करने में सहायता देते हैं और प्रकाश से होने वाली क्षति से बचाने का काम करते हैं।मटर के छिलकों की सब्जी जितनी पौष्टिक है, उतनी ही स्वादिष्ट भी है। इसकी सब्जी बनाने के लिए बस छिलकों को साफ करके बड़े टुकड़ों में काट लें। इसमें आलू मिला लें और सामान्य तरीके से मसालों के साथ पकाएं। जिन लोगों को नए-नए देसी स्वाद आजमाना पसंद है, उनके लिए छिलकों की चटनी भी बेहतरीन विकल्प है। हरा धनिया, लहसुन, नींबू और मसालों के साथ पीसकर यह चटनी किसी भी भोजन के साथ खाई जा सकती है।

राजनीती

विपक्ष के नेता से न मिले फाॅरेन डेलिगेट्स : रूसी राष्ट्रपति के भारत पहुंचने से पहले राहुल ने सरकार को घेरा, खड़गे ने भी दी नसीहत

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नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। वह शाम करीब 7 बजे हिन्दुस्तान की धरती पर कदम रखेंगे। पुतिन के भव्य स्वागत के लिए दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। खास बात यह है कि पुतिन के भारत पहुंचने से पहले ही उनके दौरे को लेकर सियासम गरमा गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार ने विदेश से आने वाले डेलिगेट्स से कहा है कि वे विपक्ष के नेता (एलओपी) से न मिलें। सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, भारत के संबंध सबके साथ हैं। विपक्ष का नेता एक दूसरा परिप्रेक्ष्य देता है। भारत का हम भी प्रतिनिधित्व करते हैं। सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष के लोग बाहर के लोगों से मिलें। उन्होंने आगे कहा कि बाहर से आने वाले डेलिगेशन के साथ एलओपी की मीटिंग होती है, ये ट्रेडीशन है जो हमेशा से होता आया है। लेकिन, वर्तमान सरकार बाहर से आने वाले डेलिगेट्स से कहती है कि एलओपी से न मिलें। ये हर बार किया जा रहा है। हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व सिर्फ सरकार नहीं, विपक्ष भी करता है, फिर भी सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बाहर के लोगों से मिले। केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय परंपरा को फॉलो नहीं करते हैं।खड़गे ने केन्द्र को दी सलाहराज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भारत को अपनी सुविधा और फायदे के हिसाब से काम करना चाहिए, और किसी के दबाव में आकर कुछ खरीदने या छोड़ने का फैसला नहीं करना चाहिए। हमें जो कुछ करना है, वह देशहित में करना है।पीएम को नहीं लेना चाहिए शिखर सम्मेलन का क्रेडिटकांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन का दौरा बहुत जरूरी है और 23वां शिखर सम्मेलन भारत में होने वाला है। इसका क्रेडिट सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को नहीं लेना चाहिए, क्योंकि रूस-भारत के बीच यह रिश्ता कई सालों से है, और यह एक मजबूत, भरोसेमंद पार्टनरशिप है। भारत-रूस रिश्ता मजबूत बना रहना चाहिए।कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, मैं उनके भारत दौरे का स्वागत करता हूं। भारत के सोवियत यूनियन के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, और रूस के साथ भी हमारे बहुत मजबूत संबंध हैं। हमें रूस के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहिए।

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