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खून से लथपथ चेहरा, नुकीले हथियार : सलमान की मोस्ट अवेटेड मूवी का टीजर रिलीज, दबंग खन के दमदार आवाज से होती है फिल्म की शुरुआतभाजपा शासित राज्यों में बंगाली मजदूरों पर अत्याचार : दीदी ने लगाया गंभीर आरोप, कहा- पीड़ित परिवारों के साथ खड़े होने किया दावाबीएमसी चुनाव : महायुति के बीच सीटों को लेकर बात फाइनल, कदम बोले- विकास के दम पर जीतेंगे इलेक्शनबांग्लादेश आम चुनाव : आतंरिक मतभेदों से जूझ रही एनसीपी, जमात-ए-इस्लामी के साथ सीट बंटवारा बन रहा वजहमप्र: अब यात्री बसों में कंटक्टरों को भी किराया चुकाकर करना होगा सफर : परिवहन विभाग ने मोटर व्हीकल रूल्स में किया बदलाव

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यूएई के वेकेशन पर महाभारत के कृष्ण : आबू धाबी के हिन्दू मंदिर में परिवार संग टेका माथा, बताया एकता-शांति का प्रतीक

आबू धाबी के हिन्दू मंदिर में परिवार संग टेका माथा, बताया एकता-शांति का प्रतीक

मुंबई। स्टार प्लस की महाभारत में भगवान श्री कृष्ण का रोल निभाने वाले सौरभ राज जैन इन दिनों अपने परिवार के साथ संयुक्त अरब अमीरात में वेकेशन पर हैं। अभिनेता ने वहां बने हिंदू मंदिर के दर्शन किए और मंदिर के गौरवपूर्ण इतिहास और सनातन धर्म के बारे में बात की। अभिनेता का कहना है कि ये मंदिर एकता, समानता और शांति का प्रतीक है।सौरभ राज जैन को अबू धाबी में बने बीएपीएस मंदिर, यानी स्वामीनारायण मंदिर, के दर्शन करते हुए देखा गया। वे अपने परिवार के साथ मंदिर के दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने मंदिर की फोटोज शेयर कर लिखा, बीएपीएस मंदिर, अमीरात, अबू धाबी में। ये भव्य मंदिर, जिसकी जमीन शेख मोहम्मद बिन जायद ने दान में दी और जिसे पूरी तरह से बनाने में कई लोग जो कि अलग-अलग संप्रदाय से जुड़े हैं, उन सबके साथ में काम किया। वाकई ये मंदिर एकता, समानता और शांति का प्रतीक है। सृष्टि सार्वभौमिक है और निर्माता भी सार्वभौमिक है।उन्होंने आगे लिखा, सोचा नहीं था कि अबू धाबी की यात्रा पर पूरे परिवार के साथ मंदिर में दर्शन करने का मौका मिलेगा, लेकिन इस दर्शन ने पूरी यात्रा को हमेशा के लिए खास बना दिया। बता दें कि बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 साल पहले किया था। यह मंदिर अबू धाबी की जमीन पर बना पहला हिंदू मंदिर है, जिसका निर्माण बीएपीएस ने कराया। बीएपीएस के मंदिर दुनिया भर में बने हैं और दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर भी बीएपीएस की देन है। मंदिर की सारी दीवारों पर भगवान विष्णु की कई अलग-अलग आकृतियों को बारीकी से उकेरा गया है। मंदिर बहुत भव्य है।बात अगर सौरभ राज जैन की करें तो हाल ही में अभिनेता ने भाभी जी घर पर हैं 2.0 से वापसी करने वाली अभिनेत्री शिल्पा शिंदे को करारा जवाब दिया था। दरअसल शिल्पा ने श्भाभी जी घर पर हैं में उनको रिप्लेस करने वाली शुभांगी अत्रे की एक्टिंग पर सवाल उठाए थे और उनपर कॉपी करने का आरोप लगाया था। उनके इस बयान पर सौरभ ने लिखा था कि जिस एक्ट्रेस को रिप्लेस किया गया, उसने करीब 10 साल तक दर्शकों का मनोरंजन किया। अब 10 साल बाद की वापसी के बाद वे मीडिया के सामने कह रही हैं कि वे उनकी जितनी बड़ी स्टार नहीं हैं।

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नरक चतुर्दशी विशेष

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 3

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 2

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 1

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Podcast E124

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गुप्त नवरात्री पर विशेष

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पूरी और प्रभु जगन्नाथ पर विशेष

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आज की बुलेटिन 28 June

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आज की बुलेटिन 26 June

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आज की बुलेटिन 24 June

मनोरंजन

खून से लथपथ चेहरा, नुकीले हथियार : सलमान की मोस्ट अवेटेड मूवी का टीजर रिलीज, दबंग खन के दमदार आवाज से होती है फिल्म की शुरुआत

सलमान की मोस्ट अवेटेड मूवी का टीजर रिलीज, दबंग खन के दमदार आवाज से होती है फिल्म की शुरुआत

मुंबई। सलमान खान की मोस्ट अवेटेड फिल्म बैटल ऑफ गलवान का टीजर मेकर्स ने शनिवार को जारी कर दिया। अपने 60वें जन्मदिन पर फैंस को बड़ा तोहफा देते हुए अभिनेता ने बैटल ऑफ गलवान का धमाकेदार टीजर इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। टीजर की शुरुआत सलमान खान की दमदार आवाज से होती है, जिसमें वह कहते हैं , “जख्म लगे तो मेडल समझना और मौत दिखे तो सलाम करना... और कहना- जय बजरंग बली! बिरसा मुंडा की जय! भारत माता की जय!”टीजर में सलमान को आर्मी ऑफिसर के रोल में दिखाया गया है। वह कठिन पहाड़ी इलाकों में लड़ते नजर आते हैं, जहां बर्फीली हवाएं और ऊंचाई पर बहादुरी की मिसाल पेश की जाती है। सीन में एक्शन सीक्वेंस हैं, जहां सलमान का किरदार दुश्मनों से मुकाबला करता है। खून से लथपथ चेहरा, नुकीले हथियार और इंटेंस एक्सप्रेशंस सलमान के नए लुक को हाइलाइट करते हैं, जिसमें वह जोश और देश के लिए जज्बात के साथ मैदान में दुश्मनों के सामने सीना ताने खड़े नजर आते हैं।बैटल ऑफ गलवान साल 2020 के गलवान घाटी संघर्ष पर आधारित है, जहां भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला किया था। फिल्म में सलमान कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू की भूमिका निभा रहे हैं, जो उस संघर्ष में शहीद हुए थे और उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।अपूर्व लाखिया के निर्देशन में तैयार इस फिल्म में सलमान के साथ अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह मुख्य भूमिका में हैं। यह दोनों की पहली ऑन स्क्रीन जोड़ी है। फिल्म में सलमान और चित्रांगदा के साथ हीरा सोहल, अभिलाश चैधरी, अंकुर भाटिया जैसे एक्टर्स भी अहम भूमिकाओं में हैं।लद्दाख में 45 दिनों की शूटिंग पूरी करने के बाद सलमान ने इस रोल के लिए कड़ी मेहनत की है, जो उनकी फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन से साफ झलकती है। बैटल ऑफ गलवान साल 2026 में रिलीज होगी।

बिज़नेस

विकसित भारत के विजन को साकार कर रहा जीएसटी 2.0 : सरकार का दावा- टैक्स का बोझ कम होने से इकोनाॅमी को मिली मजबूती, खरीदारी भी बढ़ी

 सरकार का दावा- टैक्स का बोझ कम होने से इकोनाॅमी को मिली मजबूती, खरीदारी भी बढ़ी

नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में केन्द्र सरकार ने कई बड़े सुधार किए हैं , जिससे एक आधुनिक, कुशल और नागरिक-हितैषी व्यवस्था का निर्माण हुआ है। इसके तहत 40,000 से ज्यादा बेकार नियम हटाए गए और 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को निरस्त किया गया, जिससे देश में काम करना आसान हुआ है। 22 सितंबर से लागू हुआ जीएसटी दरों में बदलाव भी ऐसा ही एक बड़ा सुधार है, जिसका मकसद विकसित भारत के विजन को साकार करना है।79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली तक नए जीएसटी सुधार लाए जाएंगे। इन सुधारों से रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स कम होगा। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम होगा और यह दीपावली का तोहफा होगा।वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी 2.0 का असर अब दिखने लगा है। लोगों की खरीदारी बढ़ी है, खासकर गाड़ियों जैसे क्षेत्रों में बिक्री ज्यादा हुई है और लोगों का भरोसा भी बढ़ा है। इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।नवंबर महीने में यात्री वाहनों की बिक्री में अच्छी बढ़त देखी गई। त्योहारों के बाद की मांग, जीएसटी दरों में कटौती और शादी के सीजन की वजह से गाड़ियों की बिक्री बढ़ी। एक रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में खुदरा बिक्री पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़ी। वहीं, थोक बिक्री में पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 4.1 लाख यूनिट तक पहुंच गई।इसके अलावा, जीएसटी दरों में बदलाव से राज्यों की कमाई भी बढ़ी है। सितंबर से नवंबर के बीच राज्यों को मिलने वाला जीएसटी राजस्व पिछले साल की तुलना में 5 प्रतिशत ज्यादा रहा। हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चैधरी ने राज्यसभा में कहा कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) के सितंबर से नवंबर के दौरान जीएसटी संग्रह 2024-25 की इसी अवधि में 2,46,197 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,59,202 करोड़ रुपए हो गया।सरकार का मानना है कि जीएसटी सुधार और व्यापार को आसान बनाने की नीतियों से लोगों की खरीदारी और बढ़ेगी। इससे आने वाले समय में जीएसटी से होने वाली कमाई भी ज्यादा होगी। जीएसटी सुधारों के बाद लोगों का भरोसा बढ़ा है और बैंक से लिए जाने वाले कर्ज में भी बढ़ोतरी हुई है। कई आंकड़े बताते हैं कि जीएसटी सुधारों के बाद देश की आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर 2025 के दौरान ई-वे बिल जनरेशन में वार्षिक आधार पर 14.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच कुल जीएसटी संग्रह में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बताती है कि मजबूत खपत और नियमों के बेहतर अनुपालन के चलते राजस्व का मूल स्रोत स्थिर बना हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, अब सरकार का अगला लक्ष्य कस्टम टैक्स को आसान बनाना है।

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नेपाल चुनाव से पहले बड़ी राजनीतिक बैठक #tv27newsdigital #hindinews  #latestnews #tv27news #news

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बिहार में मालगाड़ी हादसा, आठ डिब्बे पटरी से उतरे #tv27newsdigital #hindinews #latestnews #tv27news

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Tv27NewsLIVE :24x7 | Live Updates | Breaking News | Hindi News | देश-दुनिया की बड़ी खबरें|

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सलमान खान का ‘बैटल ऑफ गलवान’ टीज़र देख कांप उठा फैंस का दिल  #tv27newsdigital #hindinews #teaser

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चुनावी रण में अमित शाह की एंट्री #tv27newsdigital #hindinews #latestnews #tv27news #news #indiannews

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तीनों फॉर्मेट का खिलाड़ी, फिर भी टी20 में इंतज़ार #tv27newsdigital #hindinews #latestnews #tv27news

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खेल

टेस्ट मैच : ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 15 साल बाद इंग्लैंड ने चखा जीत का स्वाद, मेलबर्न टेस्ट में मेजबान को 4 विकेट से हराया

ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 15 साल बाद इंग्लैंड ने चखा जीत का स्वाद, मेलबर्न टेस्ट में मेजबान को 4 विकेट से हराया

मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट मैच जीतने का इंग्लैंड का लंबा इंतजार समाप्त हो गया है। मेलबर्न में खेले गए एशेज सीरीज के चैथे टेस्ट में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे ही दिन 4 विकेट से हरा दिया। जीत इंग्लैंड के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के लिए बेहद अहम है। इंग्लैंड को जीत के लिए 175 रन का लक्ष्य मिला था। यहां पर बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की धरती पर इंग्लैंड को 2011 के बाद पहली जीत मिली है। जीत के लिए मिले 175 रन के लक्ष्य को हासिल करने उतरी इंग्लैंड को जैक क्रॉली और बेन डकेट ने 51 रन की मजबूत शुरुआत दी। डकेट 26 गेंद पर 34 रन बनाकर आउट हुए। क्रॉली ने 37 रन बनाए। दोनों ओपनरों के अलावा जैकब बेथेल ने 40 रन की पारी खेलकर सीरीज में टीम की पहली जीत को संभव बनाया। हैरी ब्रूक 18 और जेमी स्मिथ 3 रन बनाकर नाबाद रहे। इंग्लैंड ने 6 विकेट के नुकसान पर 178 रन बनाकर मैच जीता।इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने दिन की शुरुआत बिना किसी नुकसान के 4 रन से की थी। पहले विकेट के रूप में स्कॉट बोलैंड 22 के स्कोर पर आउट हुए। बोलैंड 6 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरे और पूरी टीम 132 रन पर सिमट गई। ट्रेविस हेड ने 46, स्टीव स्मिथ ने 24 और कैमरुन ग्रीन ने 19 रन बनाए।इंग्लैंड के लिए ब्रायडन कार्स ने 4, कप्तान बेन स्टोक्स ने 3, जोश टंग ने 2 और गस एटकिंसन ने 1 विकेट लिए। इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 110 रन बनाए थे। हैरी ब्रूक ने 41, गस एटकिंसन ने 28 और कप्तान बेन स्टोक्स ने 16 रन बनाए थे। पहली पारी के आधार पर इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया से 42 रन से पिछड़ गई थी।ऑस्ट्रेलिया के लिए माइकल नेसर ने 4, स्कॉट बोलैंड ने 3, मिचेल स्टार्क ने 2, और कैमरन ग्रीन ने 1 विकेट लिए थे। टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 152 रन बनाए थे। इंग्लैंड के लिए जोश टंग ने 5, गस एटकिंसन ने 2, और ब्रायडन कार्स और बेन स्टोक्स ने 1-1 विकेट लिए थे। मेलबर्न टेस्ट का नतीजा 142 ओवर में आ गया। इस दौरान 36 विकेट गिरे। 2011 जनवरी के बाद इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट जीत मिली है।

लाइफस्टाइल

काली हल्दी : एक ऐसा पौधा, जिसकी जड़ों में छीपा है औषधीय गुणों का खजाना

एक ऐसा पौधा, जिसकी जड़ों में छीपा है औषधीय गुणों का खजाना

नई दिल्ली। काली हल्दी एक बहुत ही खास और दुर्लभ पौधा है, जिसे आम हल्दी की तरह रोजमर्रा के मसाले के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि इसे आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में एक शक्तिशाली औषधि माना गया है। इसका वैज्ञानिक नाम कुरकुमा कैसिया है। बाहर से यह साधारण हल्दी जैसी ही दिखाई देती है, लेकिन जब इसके कंद को काटते हैं तो अंदर का रंग नीले से गहरे काले रंग का होता है, जो इसे बाकी सभी हल्दी से अलग बनाता है। इसी अनोखे रंग और तेज सुगंध के कारण इसे काली हल्दी कहा जाता है। पुराने समय में लोग इसे बहुत संभालकर रखते थे और जरूरत पड़ने पर ही इसका उपयोग करते थे।आयुर्वेद में काली हल्दी का उपयोग दर्द, सूजन, सांस से जुड़ी समस्याओं, अस्थमा और जोड़ों के दर्द में किया जाता रहा है। माना जाता है कि इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। गांवों में लोग इसे घरेलू दवा की तरह इस्तेमाल करते थे। फोड़े-फुंसी, कीड़े के काटने, चोट या घाव होने पर काली हल्दी को पीसकर लेप बनाया जाता था, जिससे जल्दी आराम मिलता था। सरसों के तेल के साथ इसे हल्का गर्म करके लगाने की परंपरा भी रही है।काली हल्दी सिर्फ दवा के रूप में ही नहीं, बल्कि पूजा-पाठ और आध्यात्मिक कार्यों में भी खास मानी जाती है। तांत्रिक विद्या और लक्ष्मी पूजा में इसका विशेष महत्व बताया गया है। पुराने लोग मानते थे कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और घर में सकारात्मकता लाती है। इसी कारण इसे ताबीज या पूजा की वस्तु के रूप में भी रखा जाता था। हालांकि आज के समय में इसके आध्यात्मिक उपयोग से ज्यादा इसके औषधीय गुणों पर ध्यान दिया जा रहा है।आजकल काली हल्दी कम दिखाई देती है, क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध नहीं है और इसे उगाने में समय लगता है। आधुनिक दवाओं के आने के बाद लोग पारंपरिक जड़ी-बूटियों से भी दूर हो गए हैं। फिर भी, अब धीरे-धीरे लोग इसके महत्व को दोबारा समझने लगे हैं।

राजनीती

कांग्रेस हाईकमान को संदेश या नसीहत : दिग्गी ने एक्स पर शेयर की मोदी की तस्वीर, लिखा- यही है संगठन की ताकत

दिग्गी ने एक्स पर शेयर की मोदी की तस्वीर, लिखा- यही है संगठन की ताकत

नई दिल्ली। दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक शुरू होने से पहले मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल, अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले दिग्गी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर शेयर की है। जिसमें भाजपा के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी भी दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं।तस्वीर साझा करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि आरएसएस का एक जमीनी स्वयंसेवक और भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता किस प्रकार नीचे बैठकर मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बना। उन्होंने इस तस्वीर को प्रभावशाली बताते हुए इसे संगठन की ताकत बताया। 90 के दशक की बताई जा रही तस्वीरउन्होंने एक्स पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि मुझे यह तस्वीर क्वोरा साइट पर मिली। यह बहुत प्रभावशाली है। जिस तरह आरएसएस के जमीनी स्तर के स्वयंसेवक और जनसंघ के कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में बैठकर राज्य के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बनते हैं, यही इस संगठन की ताकत है। जय सिया राम। दिग्विजय सिंह द्वारा शेयर की गई तस्वीरें 1990 के दशक की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह तस्वीर 1996 में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खींची गई थी, जिसमें उस समय के शीर्ष भाजपा नेता उपस्थित थे।राहुल-प्रियंका के साथ पीएम मोदी को भी किया टैगइस पोस्ट को और ज्यादा चर्चा में लाने वाली बात यह है कि दिग्विजय सिंह ने इसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया। इससे राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। इसके साथ ही पोस्ट की टाइमिंग भी काफी अहम मानी जा रही है। पोस्ट से कैसे शुरू हुई सियासत?दिग्विजय सिंह के इस पोस्ट को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे भाजपा और आरएसएस की संगठनात्मक मजबूती से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे मौजूदा राजनीतिक हालात से जोड़कर समझ रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या दिग्विजय सिंह अपने इस पोस्ट के जरिए कांग्रेस नेतृत्व को कोई संदेश या नसीहत देना चाह रहे हैं। दूसरी ओर राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि क्या उनका इशारा कांग्रेस संगठन में जमीनी स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं की कमी की ओर है। यह सवाल अब सिर्फ पार्टी के अंदर ही नहीं, बल्कि बाहर भी तेजी से उठ रहा है।

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