नई दिल्ली। लद्दाख में दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर निर्मित, 900 मीटर लंबी श्योक टनल शुरू की गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में श्योक टनल के साथ-साथ यहां से सीमा सड़क संगठन की 125 रणनीतिक महत्व की अवसंरचना परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया है। इन परियोजनाओं में 28 सड़कें, 93 पुल और 04 अन्य सामरिक अवसंरचना परियोजनाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं 7 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं। 920 मीटर लंबी श्योक टनल को रक्षा मंत्री ने दुनिया के सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण इलाकों में निर्मित इंजीनियरिंग मार्वल बताया। टनल सैन्य तैनाती क्षमता को बढ़ाएगी कई गुनाउन्होंने बताया कि यह टनल भारी बर्फबारी, हिमस्खलन और अत्यधिक तापमान वाले इस क्षेत्र में सुरक्षा, मोबिलिटी और विशेषकर कड़ाके की ठंड के दौरान सैन्य तैनाती क्षमता को भी कई गुना बढ़ाएगी। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा, "आॅपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे सशस्त्र बलों और सिविल प्रशासन के साथ, बॉर्डर एरिया के नागरिकों का जो समन्वय देखने को मिला, वह भी शानदार था। मैं लद्दाख के साथ-साथ बॉर्डर एरिया के हर नागरिक को हमारे सशस्त्र बलों का सहयोग देने के लिए आभार प्रकट करता हूं। यह समन्वय ही हमारी पहचान है। हमारा आपसी जुड़ाव ही हमें दुनिया में सबसे अलग पहचान दिलाता है।"हमारी सेनाएं पराक्रम का देती हैं परिचयरक्षामंत्री ने कहा, अभी कुछ ही महीने पहले हमने देखा, जब पहलगाम के दुर्दांत आतंकी हमले का जवाब देते हुए, हमारे सशस्त्र बलों ने आॅपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, और आतंकियों का क्या हश्र किया, यह दुनिया जानती है। वैसे करने को तो हम बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन हमारी सेनाओं ने पराक्रम के साथ-साथ धैर्य का भी परिचय देते हुए, उतना ही किया जितना आवश्यक था। इतना बड़ा आॅपरेशन इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि हमारी कनेक्टिविटी मजबूत थी। हमारे सशस्त्र बलों के पास, सही समय पर लॉजिस्टिक को पहुंचाया जा सका। बॉर्डर एरिया के साथ भी हमारी कनेक्टिविटी बनी रही। जिसने आॅपरेशन सिन्दूर को ऐतिहासिक सफलता दी। एक साथ कभी भी नहीं हुई 125 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की शुरूआत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि लद्दाख के साथ-साथ आज जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भी अन्य परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की जा रही हैं। लगभग 5,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरे हुए ये 125 प्रोजेक्ट्स बीआरओ के इतिहास में अब तक का सबसे हाईएस्ट-वैल्यू इनॉगरेशन है। इतनी बड़ी संख्या में, यानी 125 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की शुरूआत एक साथ कभी भी नहीं हुई। यह अपने आप में बीआरओ के लिए और हम सबके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह उपलब्धि एक तरफ तो विकसित भारत के संकल्प का प्रमाण है, तो वहीं दूसरी तरफ ये प्रोजेक्ट बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की हमारी सरकार के कमिटमेंट का भी एक सजीव उदाहरण है।