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बड़ी ख़बर

मुनीर की क्रूरता : कड़कड़ाती ठंड में आधी रात इमराम की बहनों पर करवाई पानी बौछार, अदियाला जेल के बाहर कर रही थी प्रदर्शन

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सियासत गरमाई हुई है। इन दिनों पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का गतिरोध देखने को मिल रहा है। पीटीआई के चीफ इमरान खान को लेकर बीते कुछ दिनों से अलग-अलग खबरें सामने आ रही हैं। दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान से मुलाकात पर बैन जारी रखने का ऐलान किया। इस पर पीटीआई चीफ की बहन आलीमा खान भारी संख्या में समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गईं। जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहीं आलीमा खान और अन्य प्रदर्शनकारियों पर ठंड की रात में पानी की बौछार कर दी गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।पाकिस्तानी मीडिया डॉन ने पीटीआई की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्सश् पर साझा बयान के हवाले से बताया कि पार्टी ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इमरान खान की बहन और पीटीआई कार्यकर्ताओं की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अदियाला जेल के बाहर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, जबकि कोर्ट ने इमरान खान से मिलने की इजाजत दी थी।इसमें कहा गया, शांतिपूर्ण धरने पर यह बेरहमी से की गई कार्रवाई बुनियादी मानवाधिकारों और ठंड के मौसम में इकट्ठा होने की आजादी का उल्लंघन है। इसके अलावा, पार्टी ने एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें लोगों को मौके से भागते और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया।पीटीआई ने कहा, पंजाब पुलिस की फासीवादी हरकतें एक बार फिर शुरू हो गई हैं। बहुत ज्यादा ठंड में अदियाला जेल के बाहर शांतिपूर्वक धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं पर वॉटर कैनन से हमला किया गया। ये कायरतापूर्ण हरकतें न तो हमारी आवाज दबा पाएंगी और न ही हमारा हौसला कम कर पाएंगी।एक और पोस्ट में, इमरान खान की पार्टी ने कहा, उनके परिवार को उनसे मिलने की इजाजत नहीं मिलने की वजह से धरना दिया गया। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना न सिर्फ इमरान खान के कैदी अधिकारों का बेशर्मी से उल्लंघन है, बल्कि सरकार के अत्याचारों का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर भी सीधा हमला है।पीटीआई ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान की बहन अलीमा खान और पीटीआई के सदस्यों ने मंगलवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। अलीमा खान ने बताया कि इमरान खान को पिछले 14 महीनों से अपने पर्सनल डॉक्टर से मिलने की इजाजत नहीं दी गई है।

पॉडकास्ट

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नरक चतुर्दशी विशेष

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 3

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 2

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 1

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Podcast E124

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गुप्त नवरात्री पर विशेष

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पूरी और प्रभु जगन्नाथ पर विशेष

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आज की बुलेटिन 28 June

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आज की बुलेटिन 26 June

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आज की बुलेटिन 24 June

मनोरंजन

वन टू चा चा चा में कॉमेडी रोल निभाकर खुश हैं आशुतोष राणा, : बताया कैसा रहा चा के किरदार का अनुभव

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मुंबई। हिंदी सिनेमा में अपने गंभीर और नेगेटिव किरदारों के लिए फेमस आशुतोष राणा अब चाचा बनकर अपने कॉमेडी अंदाज से फैंस को हंसाने के लिए तैयार हैं। उनकी अपकमिंग फिल्म वन टू चा चा चा का मजेदार टीजर रिलीज हो चुका है। टीजर के रिलीज पर अभिनेता आशुतोष राणा ने अपने किरदार को लेकर खुलकर बात की है और बताया कि कैसे उनके इस किरदार ने उन्हें सीमाओं को तोड़ने का मौका दिया।अपने कॉमेडी से भरे किरदार पर बात करते हुए आशुतोष राणा ने कहा कि उनके चाचा का किरदार बाकी सभी किरदारों से अलग है। ऐसा किरदार मैंने पहले कभी नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि इस भूमिका ने मुझे सीमाओं को तोड़ने, खुलकर प्रयोग करने और हास्य को उसके सबसे बेबाक रूप में अपनाने का मौका दिया। मैंने कई सालों तक गंभीर किरदार निभाए हैं, लेकिन इस फिल्म ने मुझे बेबाक, सहज और आनंददायक रूप से काम करने का मौका दिया। इसने मुझे याद दिलाया कि कॉमेडी, जब ईमानदारी और पागलपन के साथ की जाती है, तो ये आपको अंदर से आजाद महसूस कराती है।बता दें कि कॉमेडी फिल्म वन टू चा चा चा का टीजर 8 दिसंबर को रिलीज हुआ था। फिल्म के टीजर रिलीज के साथ फैंस अब ट्रेलर का इंतजार कर रहे हैं। फिल्म में आशुतोष राणा के अलावा, अभिमन्यु सिंह, मुकेश तिवारी, हर्ष मायर, ललित प्रभाकर, अनंत वी जोशी, अशोक पाठक और नायरा बनर्जी भी हैं। फिल्म को अभिषेक राज और रजनीश ठाकुर ने डायरेक्ट किया है और फिल्म पेलुसिडर प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी है।फिल्म की कहानी ललित प्रभाकर और अनंत वी जोशी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें एक बैग किसी को देना है, जिसमें करोड़ों का माल है। बैग देने के लिए एक खुफिया पासवर्ड भी लिखा है, लेकिन बैग गायब है। तभी एंट्री होती है सनकी और पागल चाचा की (आशुतोष राणा), जो बैग और कार दोनों लेकर फरार हैं। टीजर में चाचा और बैग ढूंढने की कवायद को दिखाया गया है, जिसमें एक्शन के साथ-साथ भरपूर कॉमेडी देखने को मिल रही है। कॉमेडी फिल्म वन टू चा चा चा सिनेमाघरों में 16 जनवरी 2026 को रिलीज होगी। अभी फिल्म का टीजर देखकर ही फैंस गुदगुदा रहे हैं, लेकिन अभी पूरा ट्रेलर आना बाकी है।

बिज़नेस

जीएसटी कलेक्शन से भरा सरकार का खजाना : नवंबर महीने में खाते में आए 1.70 लाख करोड़

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नई दिल्ली। गुड्स सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन नवंबर में बढ़कर 1,70,276 करोड़ रुपए रहा है। इसमें सालाना आधार पर 0.7 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है। पिछले साल समान अवधि में यह 1,69,016 करोड़ रुपए था। यह जानकारी सरकार की ओर से सोमवार को दी गई। इससे पहले के महीने अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1,95,936 करोड़ रुपए रहा था।नवंबर के जीएसटी कलेक्शन में सेंट्रल गुड्स सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) का हिस्सा 34,843 करोड़ रुपए, स्टेट गुड्स सर्विसेज टैक्स (एसजीएसटी) का हिस्सा 42,522 करोड़ रुपए और इंटीग्रेटेड गुड्स सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) का हिस्सा 92,910 करोड़ रुपए रहा है।वहीं, सेस से आय नवंबर में 4,006 करोड़ रुपए रही है। यह पिछले साल समान अवधि में 12,950 करोड़ रुपए थी।नवंबर में सरकार ने 18,196 करोड़ रुपए का जीएसटी रिफंड जारी किया है। पिछले साल समान अवधि में जारी हुए 18,954 करोड़ रुपए के रिफंड के मुकाबले इसमें 4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। रिफंड के बाद नवंबर में नेट जीएसटी कलेक्शन 1,52,079 करोड़ रुपए रहा है, जबकि पिछले साल नवंबर में यह 1,50,062 करोड़ रुपए था।मासिक आधार पर जीएसटी कलेक्शन में गिरावट की वजह सरकार की ओर से 22 सितंबर से जीएसटी सुधारों को लागू करना और त्योहारी सीजन निकलने को माना जा रहा है। आमतौर पर दीपावली के बाद के महीने का जीएसटी कलेक्शन त्योहरी बिक्री न होने के कारण कम हो जाता है।सितंबर में लागू हुए जीएसटी सुधारों के तहत सरकार ने स्लैब की संख्या को चार -5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटाकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दिया था। साथ ही लग्जरी गुड्स पर 40 प्रतिशत का टैक्स लगाया गया है। वहीं, ज्यादातर वस्तुओं पर सरकार ने सेस समाप्त कर दिया है, जिसके कारण नवंबर में सेस आय में पिछले साल के मुकाबले बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

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VIP हो या आम यात्री, Etihad की फ्लाइट में सब भगवान भरोसे? #tv27newsdigital #latestnews #viral

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बिहार के सीतामढ़ी में HIV का कहर, 7400 पॉजिटिव केस #tv27newsdigital #news #bihar #viral #tv27news

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“छठी धमकी से हाई कोर्ट में फिर हड़कंप” #tv27newsdigital #latestnews #hindinews #tv27news #news

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नेपाल में संविधान सुधार की बड़ी पहल #tv27newsdigital #latestnews #hindinews #tv27news #breakingnews

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पाक के खिलाफ चमकेगा वैभव #tv27newsdigital #latestnews #hindinews #tv27news #news #breakingnews

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UP पुलिस का संघन चेकिंग अभियान  #tv27newsdigital #uttarpradesh #uppolice

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खेल

इंग्लैंड के लिए बुरी खबर : एशेज सीरीज से बाहर हुए मार्क वुड, लौटेंगे स्वदेश, उनकी जगह लेंगे मैथ्यू फिशर

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नई दिल्ली। एशेज सीरीज में 0-2 से पीछे चल रही इंग्लैंड को तगड़ा झटका लगा है। तेज गेंदबाज मार्क वुड एशेज सीरीज से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह मैथ्यू फिशर को टीम में शामिल किया गया है।ईसीबी ने मंगलवार को बताया, मार्क वुड इंजरी की वजह से एशेज सीरीज से बाहर हो गए हैं। रिहैबिलिटेशन और रिकवरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए वह स्वदेश लौटेंगे। वह ईसीबी की मेडिकल टीम के साथ मिलकर रिकवरी पर काम करेंगे। उनकी जगह मैथ्यू फिशर को टीम में शामिल किया गया है।मार्क वुड ने चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान इंजर्ड होने के बाद पर्थ में खेले गए एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में वापसी की थी। उसी टेस्ट में वुड को फिर से घुटने में समस्या आ गई। वह सिर्फ 11 ओवर फेंक सके थे। ब्रिसबेन में खेले गए दूसरे टेस्ट से वह बाहर हो गए थे। माना जा रहा था कि एडिलेड या मेलबर्न में वह वापसी कर सकते हैं, लेकिन अब उन्हें पूरी सीरीज से बाहर होना पड़ा है।वुड का करियर चोटों से परेशान रहा है। कई बार वह इंजरी की वजह से लंबे-लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे हैं। 35 साल के वुड यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनका शरीर अब पहले की तरह नहीं रहा। उन पर उम्र का असर हावी हो रहा है। 145 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी भी उनके लिए मुश्किल हो रही है।दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मार्क वुड इंग्लैंड के लिए टी20 विश्व कप 2026 तक फिट नहीं हो पाए तो फिर उनकी वापसी बेहद मुश्किल होगी। वुड की जगह टीम में शामिल किए गए मैथ्यू फिशर ने इंग्लैंड के लिए अब तक सिर्फ एक टेस्ट खेला है। 28 साल के फिशर ने 2022 में अपना एकमात्र टेस्ट वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिजटाउन में खेला था। उस टेस्ट में उन्होंने 1 विकेट लिए थे। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड भी एशेज सीरीज से बाहर हो गए हैं।

लाइफस्टाइल

आयुर्वेद : कूड़े में न फेंकें मटर के छिलके, इसमें छिपे हैं सेहत के असली खजाने

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नई दिल्ली । हमारी रसोई में अक्सर ऐसी कई चीजें होती हैं जिन्हें हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, जबकि आयुर्वेद और वैज्ञानिक शोध में वही चीजें शरीर की सेहत के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। मटर का छिलका भी ऐसा ही छुपा सुपरफूड है। मटर के ताजे छिलकों में ताकत के भरपूर गुण होते हैं। आयुर्वेद में इसे शरीर के लिए पाचन-सहायक और पोषणकारी बताया गया है। मटर के हरे छिलकों में मौजूद प्राकृतिक फाइबर पेट के लिए लाभकारी होता है। फाइबर पेट को साफ रखने, पाचन को आसान बनाने और गैस जैसी दिक्कतों को कम करने में मदद करता है। यह पेट को धीरे-धीरे और आराम से काम करने में मदद करता है। कई वैज्ञानिक शोध भी बताते हैं कि फाइबर वाला भोजन पेट को देर तक भरा महसूस कराता है। यही कारण है कि छिलके की सब्जी या चटनी खाने से बार-बार भूख नहीं लगती और खाने की लालसा कम होती है। यह तरीका उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो अपने वजन को संतुलित रखना चाहते हैं।मटर के छिलकों में पोटेशियम, कैल्शियम, कॉपर, विटामिन सी, विटामिन के और कई तरह के तत्व मौजूद होते हैं। पोटेशियम शरीर के द्रव संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे हृदय को सहज काम करने में सहयोग मिलता है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में एक जरूरी पोषक तत्व है, जबकि कॉपर शरीर में ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया और रक्त के निर्माण में भूमिका निभाता है। विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सपोर्ट करता है, और विटामिन के रक्त के सामान्य थक्के बनने और हड्डियों की मजबूती के लिए जाना जाता है।छिलकों में मौजूद प्राकृतिक रसायन, जैसे कैरोटेनॉइड, आंखों के लिए भी मददगार माने जाते हैं। ये तत्व आंखों की कोशिकाओं को सामान्य रूप से काम करने में सहायता देते हैं और प्रकाश से होने वाली क्षति से बचाने का काम करते हैं।मटर के छिलकों की सब्जी जितनी पौष्टिक है, उतनी ही स्वादिष्ट भी है। इसकी सब्जी बनाने के लिए बस छिलकों को साफ करके बड़े टुकड़ों में काट लें। इसमें आलू मिला लें और सामान्य तरीके से मसालों के साथ पकाएं। जिन लोगों को नए-नए देसी स्वाद आजमाना पसंद है, उनके लिए छिलकों की चटनी भी बेहतरीन विकल्प है। हरा धनिया, लहसुन, नींबू और मसालों के साथ पीसकर यह चटनी किसी भी भोजन के साथ खाई जा सकती है।

राजनीती

...तो नहीं होते देश के दो टुकड़े : राज्यसभा में नेहरू-कांग्रेस पर दहाड़े अमित शाह, राहुल-प्रियंका भी रहे निशाने पर

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नई दिल्ली। वंदे मातरम के 150वें वर्ष के उपलक्ष्य में इन दिनों संसद में बहस हो रही है। सोमवार को लोकसभा में चर्चा होने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में वंदे मातरम को लेकर चर्चा हुई। सत्ता पक्ष की ओर से बहस की शुरुआत केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की। इस दौरान उन्होंने नेहरू और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह तो वंदे मातरम का 150वां साल है। हर महान रचना का महत्वपूर्ण साल हमारे देश में मनाया जाता है। जब वंदे मातरम के 50 वर्ष हुए थे तब क्या हुआ था? तब देश आजाद नहीं हुआ था। वर्ष 1937 में वंदे मातरम की स्वर्ण जयंती हुई थी। तब जवाहरलाल नेहरू जी ने वंदे मातरम के दो टुकड़े करके उसे दो अंतरों तक सीमित करने का काम किया था।तो नहीं होता देश का बंटवाराकेन्द्रीय गृह मंत्री मंत्री ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि 50वें वर्ष में वन्दे मातरम को सीमित कर दिया गया वहीं से तुष्टीकरण की शुरुआत हुई। वह तुष्टीकरण जाकर देश के विभाजन में बदला। उन्होंने कहा, मेरे जैसे कई लोगों का मानना है कि तुष्टीकरण की नीति के कारण यदि वंदे मातरम के दो टुकड़े नहीं करते हैं तो देश का बंटवारा नहीं होता।वंदे मातरम बोलने वालों को इंदिरा ने डाल दिया जेल मेंअमित शाह ने कहा यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आज देश पूर्ण होता। सबको यकीन था कि वंदे मातरम के 100 साल मनाए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम बोलने वाले सभी लोगों को इंदिरा गांधी ने जेल भेज दिया। देश में आपातकाल लगाया गया और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया। विपक्ष के लोगों को, स्वयंसेवी संगठन के लोगों को जेल भेज दिया गया। अखबार के दफ्तरों पर ताले लगाए गए।शाह ने राहुल-प्रियंका पर भी बोला हमलाअमित शाह ने सदन को जानकारी देते हुए कहा था कि जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए तो पूरे देश को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया गया। जब वंदे मातरम के 150 साल पर लोकसभा में चर्चा हुई, तो यहां पर कांग्रेस की स्थिति देखिए, जिस कांग्रेस पार्टी के अधिवेशनों की शुरुआत गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर वंदे मातरम गाकर करवाते थे, जो गीत कांग्रेस पार्टी की आजादी की लड़ाई का एक मंत्र बना था, उसका महिमामंडन करने के लिए जब लोकसभा में चर्चा हुई तो गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से नदारद रहे।कांग्रेस के खून के अंदर है वंदे मातरम का विरोधउन्होंने कहा कि वंदे मातरम का विरोध जवाहरलाल नेहरू से लेकर आज के कांग्रेस के नेतृत्व के खून के अंदर है। इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के दलों ने अमित शाह के इस वक्तव्य पर अपनी नाराजगी जताते हुए अपना विरोध किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने लोकसभा का हवाला देते हुए बताया कि लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की एक प्रमुख नेत्री ने कहा है कि वंदे मातरम पर चर्चा की आज कोई जरूरत नहीं है। यह पूरी बात रिकॉर्ड पर है।शाह ने महात्मा गांधी का भी किया जिक्रउन्होंने कहा कि जिस गीत को महात्मा गांधी ने राष्ट्र की शुद्धतम आत्मा से जुड़ा बताया, विपिन चंद्र पाल ने कहा कि वन्दे मातरम राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य दोनों की अभिव्यक्ति करता है, ऐसे वन्दे मातरम को विभाजन करने का काम भी कांग्रेस पार्टी ने किया था। वन्दे मातरम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारे आजादी के आंदोलन को गति देने का काम किया।देश को चलना चाहिए अपनी संस्कृति परउन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व ये देश अपनी संस्कृति पर चलना चाहिए, पाश्चात्य संस्कृति पर नहीं चलना चाहिए, इसी आधार पर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में वन्दे मातरम के गान को बंद करवा दिया। 1992 में भाजपा सांसद राम नाइक ने एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन में वन्दे मातरम को संसद में फिर से गाने का मुद्दा उठाया।

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