नई दिल्ली। महाराष्ट्र में 288 नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव में जहां महायुति ने प्रचंड जीत दर्ज की है। वहीं एमवीए को तगड़ा झटका लगा है। यही नहीं नतीजों का असर ठाकरे बंधुओं के बीच होने वाले गठबंधन पर भी दिखाई दे गया है। बीएमसी चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच होने वाला गठबंधन अचानक टल गया है। जिसके बाद कयास शुरू हो गए हैं कि क्या ठाकरे बंधुओं के बीच सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। बता दें कि शिवसेना (यूबीटी)-मनसे के गठबंधन का औपचारिक ऐलान आज होना था, लेकिन यह टल गया है।मुंबई के बीएमसी पर ठाकरे परिवार का करीब 30 साल कब्जा है, जिसको बचाने के लिए 20 साल का सियासी दुश्मनी को भुलाकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने हाथ मिलाया है, लेकिन अभी फाइनल मुहर नहीं लगी। दोनों दलों के बीच कुछ सीटों को लेकर मामला फंसा हुआ है। अब बीएमसी सहित 29 नगर निगम का चुनाव ठाकरे ब्रांड का फाइनल इम्तिहान उद्धव के लिए बन गया है। बीएमसी चुनाव के लिए नामांकन आज से शुरूबीएमसी सहित राज्य की 29 नगर निगम चुनाव के लिए मंगलवार से अधिसूचना जारी हो रही है। बीएमसी सहित सभी 29 नगर निगम के कुल 2869 पार्षद सीटों पर 15 जनवरी को मतदान होगा जबकि नतीजे 16 जनवरी को आएंगे. बीएमसी के अलावा, जिन नगर निगम में चुनाव है, उसमें नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर, वसई-विरार, कल्याण-डोंबिवली, कोल्हापुर, उल्हासनगर, पिंपरी-चिंचवड, सोलापुर, अमरावती, अकोला, लातूर, परभणी, चंद्रपुर, भिवंडी-निजामपुर, मालेगांव, पनवेल, मीरा-भायंदर, नांदेड़-वाघाला, सांगली-मिराज, कुपवाड, जलगांव, धुले, अहिल्यानगर, इचलकरंजी और जालना शामिल हैं.20 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर एक साथ आने किया था फैसलामहायुति की रणनीति को देखते हुए ठाकरे ब्रदर्स ने 20 साल पुरानी राजनीतिक रंजिश को भुलाकर एक साथ आने का फैसला किया ताकि बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना की जोड़ी से दो-दो हाथ कर सकें। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच बीएमसी सहित राज्य के बाकी नगर निगम चुनाव के लिए सीटों का बंटवारे पर सहमति बन गई थी। ऐसे में मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के गठबंधन का औपचारिक ऐलान होना था, लेकिन कुछ सीट पर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। कुछ सीटों पर फंसा मामलाएमएनएस नेता नितिन सरदेसाई और बाला नांदगांवकर सोमवार देर शाम ‘मातोश्री’ पहुंचे, जहां उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया। बताया जा रहा है कि बीएमसी की कुल 227 सीटों में से शिवसेना (यूबीटी) 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, राज ठाकरे की एमएनएस 60 से 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसके अलावा बची सीटें एनसीपी (शरदचंद्र पवार गुट) और अन्य छोटे सहयोगी दलों को दिए जाने की संभावना है। इस तरह सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बन रहा था, लेकिन कुछ सीट पर मामला फंस गया गया।