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नक्सली हमले में शहीद आशीष शर्मा के परिजनों को मिलेंगे एक करोड़ : मोहन कैबिनेट की मुहर, नपा अध्यक्ष के प्रत्यक्ष चुनाव संबंधी विधेयक को भी मंजूरी

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भोपाल। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 19 नवम्बर को नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए मप्र विशेष सशस्त्र बल के निरीक्षक आशीष शर्मा के परिजनों को मध्यप्रदेश सरकार एक करोड़ रुपये की विशेष अनुग्रह राशि इसके अलावा स्व. शर्मा के छोटे भाई को जिला पुलिस बल में उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति भी देगी। यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में लिया गया। नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रि-परिषद की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराए जाने संबंधी विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने की स्वीकृति दी है। प्रदेश में वर्ष 1999 से 2014 तक नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराए जाते रहे हैं। वर्ष 2022 में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से वार्डों के निर्वाचित पार्षदों के द्वारा कराए गए। 9 करोड़ के अनुपूरक बजट को मंजूरी मंत्रि-परिषद ने एक दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में रखे जाने वाले करीब 9 हजार करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट और विधेयकों को मंजूरी दी है। इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा एवं मंजूरी - मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम द्वितीय संशोधन विधेयक 2025- वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में और वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में आय और व्यय की प्रवृत्तियों की समीक्षा विवरण को मंजूरी। - जनजातीय कार्य विभाग के प्रस्ताव पर स्थापना एवं कार्यालय व्यय संबंधित योजनाओं को लागू रखने के मामले में मंजूरी- जनजातीय कार्य विभाग में ही विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण और योजना लागू रखने पर चर्चा- श्री राजेश्वरी सेवा भारती न्यास ग्राम मोर तक का तहसील पुनासा के ग्राम बिल्लोर बुजुर्ग जिला खंडवा को 2.80 हेक्टेयर भूमि पर्यावरण और जैविक संरक्षण के उपयोग के लिए दिए जाने पर चर्चा के बाद स्वीकृति। - वित्तीय वर्ष 2011-12 के मतदेय अनुदान और भारित विनियोग में आधिक्य के नियमितीकरण के संबंध में निर्णय लिया गया। विधि सलाहकार नियुक्त पर चर्चामंत्रि-परिषद में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव पर लोकायुक्त संगठन में सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय चंद्रदेव शर्मा और सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरि शरण यादव को लोकायुक्त संगठन में विधि सलाहकार के पद पर संविदा नियुक्त अवधि बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया। इनके अलावा सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष प्रसाद शुक्ला तथा सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम प्रताप सिंह को लोकायुक्त संगठन भोपाल में विधि सलाहकार के पद पर संविदा नियुक्ति अवधि बढ़ाए जाने का अनुमोदन कैबिनेट ने किया।

पॉडकास्ट

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नरक चतुर्दशी विशेष

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 3

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 2

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 1

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Podcast E124

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गुप्त नवरात्री पर विशेष

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पूरी और प्रभु जगन्नाथ पर विशेष

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आज की बुलेटिन 28 June

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आज की बुलेटिन 26 June

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आज की बुलेटिन 24 June

मनोरंजन

हीमैन अलविदा : धर्मेंद्र के निधन पर भावुक हुए महाभारत के श्री कृष्ण, गीत गाकर अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। बॉलीवुड के हीमैन और मोस्ट हैंडसम अभिनेता धर्मेंद्र देओल लाखों लोगों की आंखें नम करके दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। उनका जाना बॉलीवुड के लिए बड़ी क्षति है, लेकिन हिंदी सिनेमा में उनकी बहुमुखी अदाकारी की सफलता ने उन्हें अमर बना दिया है। सोशल मीडिया पर हर कोई अभिनेता के साथ बिताए पल और उनकी सफलता को लेकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। अब टीवी की महाभारत के श्री कृष्ण ने भावुकता के साथ अभिनेता को याद किया है।धर्मेन्द्र का गाना गाकर नितीश ने दी श्रद्धांजलिनितीश भारद्वाज ने अभिनेता को उन्हीं की फिल्म का गाना गाकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने पहले धर्मेंद्र की फिल्म बहारें फिर आएंगी का गाना आपके हसीन रुख पे आज नया नूर है गुनगुनाया और कहा, इस फिल्म में ये गाना धर्मेंद्र जी, तनुजा जी, और माला सिन्हा के लिए गा रहे थे, आज उन्हीं का नूर खत्म हो गया, हम सभी को एक दिन जाना है, लेकिन मेरा मानना है कि अपने कर्मों से मनुष्य जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है और धर्मेंद्र जी ने पंजाब के छोटे से गांव से निकलकर खुद को हीमैन के रूप में स्थापित किया है।उन्होंने आगे बताया कि जब हम छोटे थे तो दारा सिंह के अलावा कोई हीमैन नहीं था, लवर बॉय दिलीप कुमार थे, लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े हुए तो धर्मेंद्र जी हिंदी सिनेमा के हीमैन बन गए। मैं उनके परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में शामिल हूं, भगवान उनको ढेर सारी हिम्मत दें।जयदीप अहलावत ने भी धर्मेन्द्र को किया यादसिर्फ नितीश भारद्वाज ही नहीं, अभिनेता जयदीप अहलावत ने भी धर्मेंद्र को याद कर बेहद प्यारी फोटोज शेयर की हैं। फोटो में एक्टर धर्मेंद्र देओल के पैरों में बैठे दिख रहे हैं और दोनों के चेहरों पर एक प्यारी सी मुस्कान दिख रही है। उन्होंने फोटो शेयर कर लिखा, ष्कुछ नहीं है ऐसा जो कह पाऊंगा, बस इतना कि आपने जो प्यार दिया मुझे उन थोड़े से दिनों में, मैं वह उम्र भर याद रखूंगा सर। आप बहुत याद आएंगे, यह दुनिया इकलौते जट यमला पगला दीवाना को मिस करेगी।उम्र संबंधी बीमारियों से परेशान थे धर्मेन्द्रबता दें कि धर्मेंद्र उम्र संबंधी बीमारियों से परेशान थे। उन्हें पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत को स्थिर बताते हुए 12 नवंबर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। डॉक्टर्स का कहना था कि एक्टर की हालत स्थिर है और आगे का इलाज घर से ही किया जाएगा। हालांकि, 24 नवंबर को अपने जुहू स्थित घर पर ही एक्टर ने आखिरी सांस ली। मीडिया रिपोर्टर्स की मानें तो धर्मेंद्र की प्रेयर मीट 27 नवंबर को हो सकती है।

बिज़नेस

स्मालकेस की रिपोर्ट में दावा : भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर मार्केट 2030 तक 25 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान

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नई दिल्ली। भारत एक मल्टी-ईयर इंफ्रा सुपर साइकल में प्रवेश कर रहा है। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने बीते तीन वर्षों में निफ्टी 50 की तुलना में 2 गुना रिटर्न दिया है। स्मॉलकेस की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर इक्विटी डिफेंसिव से हाई-बीटा और हाई-अल्फा की ओर बढ़ रहा है और 2030 में मार्केट साइज में 25 लाख करोड़ रुपए के साथ डबल होने का अनुमान है।एनालिस्ट ने कहा कि पीएलआई स्कीम, ग्लोबल सप्लाई चेन शिफ्ट और मैन्युफैक्चरिंग पहलों की मदद से यह वृद्धि सरकारी खर्च और प्राइवेट कैपेक्स रिवाइवल की वजह से देखी जा रही है। स्मॉलकेस का अनुमान है कि इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स का एक रुपए 2-3 रुपए का जीडीपी प्रभाव लाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर एग्जीक्यूशन के लिए मार्केट में हाई बीटा बना रह सकता हैय इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इंडस्ट्रियल्स, सीमेंट, पावर इक्विपमेंट और लॉजिस्टिक्स में अर्निंग्स विजिबिलिटी मजबूत बनी रहेगी।रिपोर्ट में यह भी दावाइनविट्स की वृद्धि को अनुमानित कॉन्ट्रैक्ट-बेस्ड रेवेन्यू स्ट्रीम से समर्थन मिलेगा, जो 10-12 प्रतिशत की प्री-टैक्स यील्ड और 7-9 प्रतिशत की पोस्ट टैक्स रिटर्न देगा, यह पारंपरिक फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने पिछले एक वर्ष में 14.5 प्रतिशत , 3 वर्ष में 82.8 प्रतिशत और 5 वर्षों में 181.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जो कि समान अवधि के लिए निफ्टी 50 के क्रमशरू 10.5 प्रतिशत, 41.5 प्रतिशत और 100.3 प्रतिशत से अधिक है। इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट में आ सकता है उतार-चढ़ाव स्मॉलकेस के इन्वेस्टमेंट मैनेजर अभिषेक बनर्जी ने कहा, भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट में मार्केट की अनिश्चितता के समय में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन उनका 10.2 प्रतिशत का ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव इक्विटी मार्केट के 15.4 प्रतिशत से काफी कम है, जो तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन दर्ज करवाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इक्विटी से केवल 0.42 के कोरिलेशन के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म यूटिलिटीज की तरह ही काम करते हैं और लगातार महंगाई से लिंक्सड इनकम देते हैं, जिस पर आर्थिक उतार-चढ़ाव का अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिलता।

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खेल

गंभीर को कोचिंग के लिए नहीं बुलाएंगे : आइसलैंड क्रिकेट ने ऐसे उड़ाया भारतीय कोच का मजाक

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नई दिल्ली। गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद से टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई है। इस वजह से गंभीर को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। क्रिकेट की दुनिया में सामान्य स्थान रखने वाले आइसलैंड क्रिकेट ने भी गंभीर का मजाक उड़ाया है। आइसलैंड क्रिकेट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, हमारे सभी फैंस के लिए, नहीं, गौतम गंभीर को हमारी नई नेशनल टीम का कोच बनने के लिए नहीं बुलाया जाएगा। वह जगह पहले से ही भरी हुई है और हमने 2025 में अपने 75 प्रतिशत मैच जीते हैं। आइसलैंड क्रिकेट की इस पोस्ट से स्पष्ट पता चलता है कि वह गौतम गंभीर पर तंज कसते हुए उनका मजाक उड़ाने की कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञ की जगह अनुभवहीन खिलाड़ियों को दिया जा रहा मौकागौतम गंभीर के कोच बनने के बाद भारतीय टीम ने बड़े बदलाव का दौर देखा है, खासकर टेस्ट फॉर्मेट में। टेस्ट में भारतीय टीम में विशेषज्ञ खिलाड़ियों की जगह कम अनुभवी और टी20 की बैकग्राउंड वाले खिलाड़ियों को जगह दी जा रही है। किसी भी खिलाड़ी का बल्लेबाजी क्रम निश्चित नहीं है। यहां तक कि प्लेइंग इलेवन में कई खिलाड़ियों को लगातार अंदर-बाहर होना पड़ रहा है। पिच को लेकर भी गंभीर और उनकी कोचिंग टीम स्थिर नहीं है। इसका प्रभाव प्रदर्शन और परिणाम पर पड़ रहा है। गंभीर के हेड कोच बनने के बाद घर में टेस्ट सीरीज हारी टीम इंडियागंभीर के हेड कोच बनने के बाद भारत को अपने घर में टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ रहा है। गंभीर की कोचिंग में भारत ने अपने घर में बांग्लादेश और वेस्टइंडीज को टेस्ट सीरीज में हराया है, जबकि न्यूजीलैंड से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के 2 टेस्ट मैचों का पहला टेस्ट भारतीय टीम हार चुकी है। दूसरे टेस्ट में भी हार का खतरा है। वहीं विदेश में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हारने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। गंभीर की कोचिंग पर उठ रहे सवालटीम में संतुलन की कमी और देश-विदेश में लगातार हार की वजह से सबसे ज्यादा आलोचना गौतम गंभीर की हो रही है। उनकी कोचिंग पर सवाल उठ रहे हैं। वजह टीम से जुड़े हर निर्णय में उनका दखल है। आइसलैंड क्रिकेट भी उनकी आलोचना में शामिल हो गया है।

लाइफस्टाइल

सेहतः : शरीर के लिए आहार के साथ सूर्य स्नान भी है जरूरी, जानें तीन महत्वपूर्ण स्टेप्स

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नई दिल्ली। एक अच्छी जीवन शैली के लिए पौष्टिक भोजन को बहुत महत्व दिया जाता है, लेकिन पौष्टिक भोजन के साथ-साथ सूर्य की रोशनी की भी आवश्यकता होती है। शीत ऋतु के मौसम में शरीर में विटामिन डी की कमी ज्यादा हो जाती है, जिससे थकान, हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों का कमजोर होना और मन बेवजह उदास होने की समस्याएं महसूस होती हैं। ऐसे में डॉक्टर सप्लीमेंट का सहारा लेने की सलाह देते हैं, लेकिन सप्लीमेंट से ज्यादा प्राकृतिक रूप से शरीर को विटामिन डी देना ज्यादा लाभकारी होता है।शरीर को सिर्फ आहार नहीं, बल्कि धूप भी चाहिए। आयुर्वेद में विटामिन डी की कमी को अग्नि और रस धातु की कमी से जोड़कर देखा गया है। आयुर्वेद कहता है कि सूर्य के बिना शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति, ओज (शरीर की लड़ने की शक्ति और चमक), रक्तधारा (ब्लड सर्कुलेशन), और धातु-पोषण (शरीर में बनने वाले उत्तकों का पोषण) अधूरा है।जब तक शरीर को धूप का स्पर्श नहीं मिलता, तब तक शरीर इन सभी फायदों से वंचित रह जाता है। शीत ऋतु में भी सूर्य की ऊर्जा से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। सुबह के सूर्य उष्णता, प्रकाश और प्राण की शक्ति से युक्त होता है, जो शरीर को वो ताकत देता है जिसकी पूर्ति विटामिन डी के सप्लीमेंट भी नहीं कर पाते हैं।इसके लिए सबसे पहले सुबह 7-8 बजे की धूप शरीर के लिए लाभकारी होती है। ऐसे में सूती कपड़े पहनकर धूप ग्रहण करें। आयुर्वेद में इसे सूर्य स्नान भी कहते हैं। दूसरा, सूर्य की रोशनी में ही अभ्यंग विधि करें। अभ्यंग तेल मालिश की विधि है, जो शरीर में विटामिन डी के अवशोषण को बढ़ाती है। इसके लिए पैर, हाथ, और गर्दन पर तेल मालिश करें। शीत ऋतु में जैतून का तेल, बादाम का तेल, और तिल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।तीसरा स्टेप है पौष्टिक आहार लेना। पौष्टिक आहार लेकर भी शरीर में विटामिन डी का अवशोषण बढ़ता है। विटामिन डी का अवशोषण शरीर में वसा युक्त भोजन के साथ ज्यादा अच्छे तरीके से होता है। इसके लिए तिल, मूंगफली, अलसी, गाय का दूध, मक्खन, मशरूम, सोंठ, काली मिर्च और आंवले का सेवन लाभकारी होता है। ये तीनों स्टेज शरीर को पुनर्जीवित करने की ताकत रखते हैं। ऐसा करने से हड्डियों, मांसपेशियों और मन तीनों को ताकत मिलती है।

राजनीती

अलविदा धर्मेन्द्र : हीमैन ने राजनीति के क्षेत्र में भी दर्ज कराई थी अपनी मौजूदगी, पर रास नहीं आई सियासत, भाजपा के टिकट से पहुंचे थे संसद

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नई दिल्ली। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की आयु में सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। धर्मेंद्र लंबे समय से बीमार चल रहे थे, उन्हें सांस लेने में कठिनाई थी और उनका स्वास्थ्य काफी समय से बिगड़ता जा रहा था। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है। बॉलीवुड के गलियारों में उन्हें श्रद्धांजली देने का सिलसिला जारी है। धर्मेंद्र ने सिर्फ सिनेमा में नहीं, बल्कि राजनीति के क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। हालांकि, बाद में राजनीति से दूरी बना ली थी। अभिनेता ने साल 2004 में भाजपा के टिकट पर राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के रामेश्वर लाल डूडी को मात दी थी। उनके लिए उस समय पूरा देओल परिवार चुनावी मैदान में उतरा था और प्रचार किया था। हालांकि, यह राजनीतिक सफर ज्यादा लंबा नहीं चला। कहा जाता है कि धर्मेंद्र को राजनीति का माहौल ज्यादा पसंद नहीं आया। धर्मेंद्र भाजपा के सांसद थे और केंद्र में उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी, जिसके चलते धर्मेंद्र के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहीं।मुंबई में रहने से नाराज होने लगी थी बीकानेर की जनताकहा यह भी जाता है कि अभिनेता अक्सर मुंबई में रहते थे, जिससे बीकानेर की जनता नाराज भी होने लगी। हालांकि, धर्मेंद्र ने दावा किया था कि उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए कई काम कराए, लेकिन उनका श्रेय किसी और को मिलता रहा। पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद धर्मेंद्र ने राजनीति को अलविदा कह दिया था। कई इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि राजनीति उनके लिए सही जगह नहीं थी और वे फिल्मों के जरिए ही लोगों के दिलों में रहना चाहते थे।परिवार के सदस्यों ने भी राजनीति में आजमाई किस्मतधर्मेंद्र के अलावा, उनके बेटे सनी देओल और पत्नी हेमा मालिनी ने भी राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई है। सनी देओल ने भाजपा के टिकट पर गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, अब उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली है। वहीं, धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मालिनी राजनीति में सफल साबित हुईं। वह साल 2003 में भाजपा में शामिल हुईं और 2004दृ2009 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें साल 2014 में मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा। इस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। इसके बाद वह 2019 में दोबारा और 2024 में तीसरी बार भी मथुरा से सांसद बनीं।

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