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आखिर कब टूटेगी सूर्या के बल्ले की खामोशी : 19 पारियों में तीन बार बिना खाता खोले लौटे पवेलियन, फैंस का भी टूट रहा धैर्यराहुल की आगामी जर्मनी यात्रा पर भाजपा का वार : बचाव में उतरीं प्रियंका ने मोदी को लिया निशाने परअब एनसीएस प्लेटफॉर्म से जुड़ेंगी 15000 से ज्यादा कंपनियां : युवाओं को मिलेंगे नौकरी के अवसर, केन्द्र और माइक्रोसॉफ्ट के बीच एमओयू साइनवन टू चा चा चा में कॉमेडी रोल निभाकर खुश हैं आशुतोष राणा, : बताया कैसा रहा चा के किरदार का अनुभवराष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आगाज 31 दिसंबर को : पुरुषों के साथ महिलाएं भी ठोकेंगी ताल, भारत में पहली बार होगा ऐसा

बड़ी ख़बर

मुनीर की क्रूरता : कड़कड़ाती ठंड में आधी रात इमराम की बहनों पर करवाई पानी बौछार, अदियाला जेल के बाहर कर रही थी प्रदर्शन

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सियासत गरमाई हुई है। इन दिनों पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का गतिरोध देखने को मिल रहा है। पीटीआई के चीफ इमरान खान को लेकर बीते कुछ दिनों से अलग-अलग खबरें सामने आ रही हैं। दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान से मुलाकात पर बैन जारी रखने का ऐलान किया। इस पर पीटीआई चीफ की बहन आलीमा खान भारी संख्या में समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गईं। जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहीं आलीमा खान और अन्य प्रदर्शनकारियों पर ठंड की रात में पानी की बौछार कर दी गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।पाकिस्तानी मीडिया डॉन ने पीटीआई की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्सश् पर साझा बयान के हवाले से बताया कि पार्टी ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इमरान खान की बहन और पीटीआई कार्यकर्ताओं की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अदियाला जेल के बाहर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, जबकि कोर्ट ने इमरान खान से मिलने की इजाजत दी थी।इसमें कहा गया, शांतिपूर्ण धरने पर यह बेरहमी से की गई कार्रवाई बुनियादी मानवाधिकारों और ठंड के मौसम में इकट्ठा होने की आजादी का उल्लंघन है। इसके अलावा, पार्टी ने एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें लोगों को मौके से भागते और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया।पीटीआई ने कहा, पंजाब पुलिस की फासीवादी हरकतें एक बार फिर शुरू हो गई हैं। बहुत ज्यादा ठंड में अदियाला जेल के बाहर शांतिपूर्वक धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं पर वॉटर कैनन से हमला किया गया। ये कायरतापूर्ण हरकतें न तो हमारी आवाज दबा पाएंगी और न ही हमारा हौसला कम कर पाएंगी।एक और पोस्ट में, इमरान खान की पार्टी ने कहा, उनके परिवार को उनसे मिलने की इजाजत नहीं मिलने की वजह से धरना दिया गया। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना न सिर्फ इमरान खान के कैदी अधिकारों का बेशर्मी से उल्लंघन है, बल्कि सरकार के अत्याचारों का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर भी सीधा हमला है।पीटीआई ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान की बहन अलीमा खान और पीटीआई के सदस्यों ने मंगलवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। अलीमा खान ने बताया कि इमरान खान को पिछले 14 महीनों से अपने पर्सनल डॉक्टर से मिलने की इजाजत नहीं दी गई है।

पॉडकास्ट

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नरक चतुर्दशी विशेष

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 3

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 2

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 1

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Podcast E124

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गुप्त नवरात्री पर विशेष

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पूरी और प्रभु जगन्नाथ पर विशेष

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आज की बुलेटिन 28 June

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आज की बुलेटिन 26 June

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आज की बुलेटिन 24 June

मनोरंजन

वन टू चा चा चा में कॉमेडी रोल निभाकर खुश हैं आशुतोष राणा, : बताया कैसा रहा चा के किरदार का अनुभव

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मुंबई। हिंदी सिनेमा में अपने गंभीर और नेगेटिव किरदारों के लिए फेमस आशुतोष राणा अब चाचा बनकर अपने कॉमेडी अंदाज से फैंस को हंसाने के लिए तैयार हैं। उनकी अपकमिंग फिल्म वन टू चा चा चा का मजेदार टीजर रिलीज हो चुका है। टीजर के रिलीज पर अभिनेता आशुतोष राणा ने अपने किरदार को लेकर खुलकर बात की है और बताया कि कैसे उनके इस किरदार ने उन्हें सीमाओं को तोड़ने का मौका दिया।अपने कॉमेडी से भरे किरदार पर बात करते हुए आशुतोष राणा ने कहा कि उनके चाचा का किरदार बाकी सभी किरदारों से अलग है। ऐसा किरदार मैंने पहले कभी नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि इस भूमिका ने मुझे सीमाओं को तोड़ने, खुलकर प्रयोग करने और हास्य को उसके सबसे बेबाक रूप में अपनाने का मौका दिया। मैंने कई सालों तक गंभीर किरदार निभाए हैं, लेकिन इस फिल्म ने मुझे बेबाक, सहज और आनंददायक रूप से काम करने का मौका दिया। इसने मुझे याद दिलाया कि कॉमेडी, जब ईमानदारी और पागलपन के साथ की जाती है, तो ये आपको अंदर से आजाद महसूस कराती है।बता दें कि कॉमेडी फिल्म वन टू चा चा चा का टीजर 8 दिसंबर को रिलीज हुआ था। फिल्म के टीजर रिलीज के साथ फैंस अब ट्रेलर का इंतजार कर रहे हैं। फिल्म में आशुतोष राणा के अलावा, अभिमन्यु सिंह, मुकेश तिवारी, हर्ष मायर, ललित प्रभाकर, अनंत वी जोशी, अशोक पाठक और नायरा बनर्जी भी हैं। फिल्म को अभिषेक राज और रजनीश ठाकुर ने डायरेक्ट किया है और फिल्म पेलुसिडर प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी है।फिल्म की कहानी ललित प्रभाकर और अनंत वी जोशी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें एक बैग किसी को देना है, जिसमें करोड़ों का माल है। बैग देने के लिए एक खुफिया पासवर्ड भी लिखा है, लेकिन बैग गायब है। तभी एंट्री होती है सनकी और पागल चाचा की (आशुतोष राणा), जो बैग और कार दोनों लेकर फरार हैं। टीजर में चाचा और बैग ढूंढने की कवायद को दिखाया गया है, जिसमें एक्शन के साथ-साथ भरपूर कॉमेडी देखने को मिल रही है। कॉमेडी फिल्म वन टू चा चा चा सिनेमाघरों में 16 जनवरी 2026 को रिलीज होगी। अभी फिल्म का टीजर देखकर ही फैंस गुदगुदा रहे हैं, लेकिन अभी पूरा ट्रेलर आना बाकी है।

बिज़नेस

भारत को स्वयं तय करना होगा विकास का रास्ता : इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स के शताब्दी समारोह में बोले अडाणी, बाहरी दबावों का विरोध करे पर भी दिया जोर

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नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा है कि भारत को अपने विकास का रास्ता स्वयं निर्धारित करना होगा और बाहरी दबावों का विरोध करना होगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद में शताब्दी समारोह में बोलते हुए, अदाणी ने कहा कि 21वीं सदी में संप्रभुता किसी राष्ट्र की अपने प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा प्रणालियों पर नियंत्रण पर निर्भर करेगी।गौतम अदाणी ने कहा, हमें उन संसाधनों और उस ईंधन पर नियंत्रण रखना चाहिए, जो हमारी ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, उन्होंने इसे भारत की आर्थिक स्वतंत्रता की दोहरी नींव बताया। गौतम अदाणी ने बाहरी दबावों का विरोध करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि केवल वही करना चाहिए जो भारत के लिए सर्वोत्तम हो।अदाणी ने कहा, यदि हम अपनी कहानी पर नियंत्रण नहीं रखेंगे तो हमारी आकांक्षाएं अवैध हो जाएंगी और हमारे जीवन स्तर को बेहतर बनाने के अधिकार को वैश्विक अपराध के रूप में चित्रित किया जाएगा। वैश्विक आंकड़ों का हवाला देते हुए, गौतम अदाणी ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे कम प्रति व्यक्ति उत्सर्जक देशों में से एक बना हुआ है, जबकि देश ने निर्धारित समय से पहले ही 50 प्रतिशत से अधिक गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता हासिल कर ली है।उद्योगपति ने कहा कि प्रति व्यक्ति मीट्रिक या ऐतिहासिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखे बिना भारत के स्थिरता प्रदर्शन को कम आंकने के प्रयास वैश्विक ईएसजी ढांचों में निहित पूर्वाग्रहों को दर्शाते हैं। गौतम अदाणी ने कहा कि आईआईटी धनबाद का जन्म राष्ट्रीय दूरदर्शिता के कारण हुआ था। ब्रिटिश शासन के दौरानएक सदी से भी पहलेभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने खनन और भूविज्ञान में भारत की महत्वपूर्ण क्षमताओं के निर्माण हेतु एक संस्थान की स्थापना की सिफारिश की थी।अदाणी समूह के अध्यक्ष ने कहा कि यह दृष्टिकोण एक गहरी सभ्यतागत समझ को दर्शाता है कि कोई भी राष्ट्र अपनी धरती की शक्ति को आत्मसात किए बिना उन्नति नहीं कर सकता। उन्होंने आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के लिए दो पहलों की घोषणा की, जिसमें पहला -एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसमें प्री-प्लेसमेंट अवसरों के साथ 50 सशुल्क इंटर्नशिप की पेशकश की जाएगी और दूसरे में टीईएक्सएमआईएन के साथ साझेदारी में अदाणी 3एस माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर, जिसमें मेटावर्स लैब, ड्रोन बेड़े, भूकंपीय संवेदन प्रणालियां और सटीक खनन प्रौद्योगिकियां शामिल होंगी।

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Tv27 News LIVE :24x7 | Live Updates | Breaking News | Hindi News | देश-दुनिया की बड़ी खबरें|

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वो सुपरस्टार, जिसके बड़े फैन थे धर्मेंद्र #tv27newsdigital #bollywood #dharmendra #entertainment

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संसद में कंगना रनौत ने की राहुल गाँधी की बोलती बंद #tv27newsdigital #kanganaranaut #rahulgandhi

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवनीत रिणवा से बातचीत #tv27newsdigital #political #trendingnews #talkshow

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किस शादीशुदा शख्स को डेट कर रही तान्या मित्तल #tv27newsdigital #tanyamittal #biggboss #tanyamittal

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पुलिस और बावरिहा गिरोह के बीच मुठभेड़ #tv27newsdigital #police #criminal #criminal #viralfeeds

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खेल

टी20 सीरीज का आगाज आज : टीम इंडिया के काॅम्बिनेशन पर फैंस की निगाहें, कटक के मैदान में भारत का कुछ खास नहीं है रिकार्ड

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कटक। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच आज से 5 टी20 मैचों की सीरीज का आगाज होने जा रहा है। सीरीज का पहला मुकाबला कटक के बाराबती स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैच में टीम इंडिया की अगुवाई जहां सूर्य कुमार यादव करेंगे। वही साउथ अफ्रीका की कमान एडेन मार्करम की हाथों होगी। मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 7.00 बजे शुरू होगा.जिसमें टीम इंडिया जीत के साथ पांच मुकाबलों की सीरीज में बढ़त हासिल करना चाहेगी। पहले टी20 मैच में भारतीय टीम का कॉम्बिनेशन क्या होगा, इस पर फैन्स की निगाहें हैं। स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या की वापसी से टीम इंडिया को एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज भी मिल गया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत सिर्फ एक ही स्पेशलिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव के साथ मैदान में उतर सकता है। कुलदीप को मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती पर तरजीह मिल सकती है। उधर शुभमन गिल फिट होकर टीम के साथ जुड़ चुके हैं, ऐसे में संजू सैमसन को मिडिल ऑर्डर में ही खेलना पड़ेगा।कटक के मैदान में भारत जीत सका है सिर्फ एक मुकाबलायहां पर बता दें कि कटक के मैदान में भारत का रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है। कटक के इस मैदान पर अब तक 3 टी20 मैच खेले गए हैं। इन तीनों ही मुकाबलों में भारत की टीम शामिल रही है। भारत ने यहां सिर्फ एक ही मैच जीता, जबकि 2 मुकाबलों में उसे हार का सामना करना पड़ा।आखिरी बार साउथ अफ्रीका ने हराया था भारत कोइस मैदान पर 5 अक्टूबर 2015 को सबसे पहली बार टी20 मैच खेला गया था। साउथ अफ्रीकी टीम ने भारत को 17.2 ओवरों में महज 92 रन पर समेटने के बाद 17.1 ओवरों में 6 विकेट शेष रहते जीत दर्ज की थी। इसके बाद, 20 दिसंबर 2017 को यहां दूसरी बार टी20 मैच खेला गया, जिसमें भारत ने श्रीलंका को 93 रनों से हराया था। इस मैदान पर तीसरा मुकाबला 12 जून 2022 को खेला गया था, जिसमें साउथ अफ्रीका ने 4 विकेट से जीत दर्ज की। अब भारत यहां अपने रिकॉर्ड को सुधारना चाहेगा। टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसे में फैंस को भारत से खासा उम्मीदें होंगी।

लाइफस्टाइल

सेहत : तन-मन की थकान से कैफीन नहीं, ये हर्बल-टी दिलाएगी आराम, याददाश्त बढ़ाने में भी करेगी मदद

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नई दिल्ली। तन और मन जब भी थक जाते हैं, तो लोग चाय या कॉफी का सहारा लेते हैं। आमतौर पर धारणा है कि चाय और कॉफी सुस्ती उतारने और मस्तिष्क को एकाग्रता के साथ काम करने की ताकत देती है, लेकिन इसका असमय और अतिसेवन पूरे शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ऐसे में आयुर्वेद के पास एक ऐसा समाधान है, जो कैफीन के स्वाद से बेहतर और शरीर के लिए लाभकारी है।आयुर्वेद में थकान और तनाव को तंत्रिकाओं से जोड़ कर देखा गया है। जब तंत्रिकाएं थक जाती हैं, तब आँखें बंद होने लगती हैं, नींद आने लगती है, काम करने का मन नहीं करता, और पूरा शरीर ही अपना संतुलन खो बैठता है। सिर से लेकर पैर तक शरीर सिर्फ और सिर्फ आराम मांगता है। ऐसे में हर्बल टी बहुत लाभकारी होती है, जो शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है और याददाश्त को बढ़ाने में मदद करती है।हर्बल टी बनाने के लिए जटामांसी, ब्राह्मी और कैमोमाइल चाहिए। ये तीनों ही चीजें आसानी से बाजार में मिल जाती हैं। जटामांसी और ब्राह्मी जड़ी-बूटी हैं और कैमोमाइल एक औषधीय फूल है। इन तीनों को मिलकर पानी में उबाल लें और काढ़ा बना लें। इस मिश्रण को छानकर गुनगुना होने पर पीएं। ये शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखने में मदद करेगा। ये तीनों मिलकर थकान को कम करती हैं और तंत्रिकाओं को आराम देती हैं, जिससे अच्छी नींद आती है।जटामांसी हृदय और चेतना को स्थिर करती है और मन को संतुलित रखती है। यह घबराहट और बेचैनी को कम करने में राहत देती है। इसमें मौजूद न्यूरो-रिलैक्सेंट यौगिक तंत्रिका तंत्र को शांत करते हैं और धीरे-धीरे शरीर को थकावट का अहसास कम होता है। वहीं ब्राह्मी मस्तिष्क में स्पष्टता और एकाग्रता लाती है। इसके साथ ही शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कॉर्टिसोल और एड्रेनालाईन को संतुलित रखते हैं। ये दोनों हार्मोन ही शरीर में बेचैनी और तनाव को बढ़ाते हैं।इसके अलावा, कैमोमाइल में ऐसे गुण होते हैं जो नींद में सहायक होते हैं। ये मस्तिष्क को शांत करने के अलावा, गहरी नींद लाने में सहायक हैं। ये जानना भी जरूरी है कि हर्बल चाय का सेवन किस समय करना सही होता है। इसके लिए रात को सोने से पहले, या लगातार स्ट्रेस की स्थिति में इसको लेना अच्छा होता है। काम के समय एकाग्रता बढ़ाने के लिए भी टी का सेवन कर सकते हैं। इसकी लत चाय की तरह नहीं पड़ती है और ये पूरी तरह सुरक्षित हैं।

राजनीती

...तो नहीं होते देश के दो टुकड़े : राज्यसभा में नेहरू-कांग्रेस पर दहाड़े अमित शाह, राहुल-प्रियंका भी रहे निशाने पर

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नई दिल्ली। वंदे मातरम के 150वें वर्ष के उपलक्ष्य में इन दिनों संसद में बहस हो रही है। सोमवार को लोकसभा में चर्चा होने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में वंदे मातरम को लेकर चर्चा हुई। सत्ता पक्ष की ओर से बहस की शुरुआत केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की। इस दौरान उन्होंने नेहरू और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह तो वंदे मातरम का 150वां साल है। हर महान रचना का महत्वपूर्ण साल हमारे देश में मनाया जाता है। जब वंदे मातरम के 50 वर्ष हुए थे तब क्या हुआ था? तब देश आजाद नहीं हुआ था। वर्ष 1937 में वंदे मातरम की स्वर्ण जयंती हुई थी। तब जवाहरलाल नेहरू जी ने वंदे मातरम के दो टुकड़े करके उसे दो अंतरों तक सीमित करने का काम किया था।तो नहीं होता देश का बंटवाराकेन्द्रीय गृह मंत्री मंत्री ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि 50वें वर्ष में वन्दे मातरम को सीमित कर दिया गया वहीं से तुष्टीकरण की शुरुआत हुई। वह तुष्टीकरण जाकर देश के विभाजन में बदला। उन्होंने कहा, मेरे जैसे कई लोगों का मानना है कि तुष्टीकरण की नीति के कारण यदि वंदे मातरम के दो टुकड़े नहीं करते हैं तो देश का बंटवारा नहीं होता।वंदे मातरम बोलने वालों को इंदिरा ने डाल दिया जेल मेंअमित शाह ने कहा यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आज देश पूर्ण होता। सबको यकीन था कि वंदे मातरम के 100 साल मनाए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम बोलने वाले सभी लोगों को इंदिरा गांधी ने जेल भेज दिया। देश में आपातकाल लगाया गया और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया। विपक्ष के लोगों को, स्वयंसेवी संगठन के लोगों को जेल भेज दिया गया। अखबार के दफ्तरों पर ताले लगाए गए।शाह ने राहुल-प्रियंका पर भी बोला हमलाअमित शाह ने सदन को जानकारी देते हुए कहा था कि जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए तो पूरे देश को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया गया। जब वंदे मातरम के 150 साल पर लोकसभा में चर्चा हुई, तो यहां पर कांग्रेस की स्थिति देखिए, जिस कांग्रेस पार्टी के अधिवेशनों की शुरुआत गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर वंदे मातरम गाकर करवाते थे, जो गीत कांग्रेस पार्टी की आजादी की लड़ाई का एक मंत्र बना था, उसका महिमामंडन करने के लिए जब लोकसभा में चर्चा हुई तो गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से नदारद रहे।कांग्रेस के खून के अंदर है वंदे मातरम का विरोधउन्होंने कहा कि वंदे मातरम का विरोध जवाहरलाल नेहरू से लेकर आज के कांग्रेस के नेतृत्व के खून के अंदर है। इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के दलों ने अमित शाह के इस वक्तव्य पर अपनी नाराजगी जताते हुए अपना विरोध किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने लोकसभा का हवाला देते हुए बताया कि लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की एक प्रमुख नेत्री ने कहा है कि वंदे मातरम पर चर्चा की आज कोई जरूरत नहीं है। यह पूरी बात रिकॉर्ड पर है।शाह ने महात्मा गांधी का भी किया जिक्रउन्होंने कहा कि जिस गीत को महात्मा गांधी ने राष्ट्र की शुद्धतम आत्मा से जुड़ा बताया, विपिन चंद्र पाल ने कहा कि वन्दे मातरम राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य दोनों की अभिव्यक्ति करता है, ऐसे वन्दे मातरम को विभाजन करने का काम भी कांग्रेस पार्टी ने किया था। वन्दे मातरम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारे आजादी के आंदोलन को गति देने का काम किया।देश को चलना चाहिए अपनी संस्कृति परउन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व ये देश अपनी संस्कृति पर चलना चाहिए, पाश्चात्य संस्कृति पर नहीं चलना चाहिए, इसी आधार पर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में वन्दे मातरम के गान को बंद करवा दिया। 1992 में भाजपा सांसद राम नाइक ने एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन में वन्दे मातरम को संसद में फिर से गाने का मुद्दा उठाया।

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