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पराली प्रबंधन का आदर्श माॅडल बना पंजाब का मोगा : शिवराज ने गांव का दौरा कर किसानों से की बात और समझा पराली मैनेजमेंट की बारीकियों को

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मोगा। पंजाब के मोगा जिले के अंतर्गत आने वाला रणसिंह कलां गांव पराली प्रबंधन में एक आदर्श मॉडल बना है। गांव के किसानों ने पिछले 6 साल से पराली नहीं जलाई है। गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद गांव में जाकर जायजा लिया। उन्होंने किसानों से बातचीत की, ताकि वे सीधी बुवाई, कम खाद का इस्तेमाल और पराली मैनेजमेंट के उनके तरीकों को समझ सकें।केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रणसिंह कलां गांव पहुंचने पर किसानों से मुलाकात की। उन्होंने गांव के गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेका और बाद में पंचायत सदस्यों और निवासियों के साथ बैठकर पारंपरिक पंजाबी खाना खाया। शिवराज सिंह चौहान ने रणसिंह कलां गांव में पौधारोपण भी किया। इस अवसर पर उनके साथ पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मौजूद थे।कृषि मंत्री ने की किसानों की तारीफगांवों के किसानों की तारीफ करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, यहां के लोगों का प्यार और स्नेह सच में कमाल का है। मक्के की रोटी और सरसों का साग खाकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं लोगों का सेवक हूं और मैं उन्हें आदर के साथ नमन करता हूं। इसके बाद कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ शिवराज सिंह चैहान खेतों में पहुंचे और फसल के साथ-साथ पराली प्रबंधन की बारीकियों को समझा। इस दौरान, एक किसान गोपाल ने कृषि मंत्री को बताया कि जहां वे डीएपी पहले डेढ़ बोरी डालते थे, अब एक बोरी डाला जाता है और यूरिया भी पहले 3 बोरी डलता था, वो घटकर 2 बोरी हो गया।शिवराज ने किसानों से किया संवादशिवराज सिंह चौहान ने किसानों से संवाद करते हुए घोषणा की कि रणसिंह कलां गांव को मशीनीकरण का केंद्र बनाने की भी जरूरत है, इसके लिए हम पूरी योजना बनाएंगे। उन्होंने कहा, मैं सेवक के नाते पंजाब आया हूं। यह ऐसी पवित्र धरती है, जहां गुरुओं का आशीर्वाद बरसता है। यहां बार-बार आने का मन करता है।

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नरक चतुर्दशी विशेष

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 3

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 2

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पितृ पक्ष का महत्त्व - एपिसोड 1

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Podcast E124

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गुप्त नवरात्री पर विशेष

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पूरी और प्रभु जगन्नाथ पर विशेष

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आज की बुलेटिन 28 June

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आज की बुलेटिन 26 June

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आज की बुलेटिन 24 June

मनोरंजन

मेरे जीवन में जो शून्य आया, वह रहेगा जीवन भर : धर्मेन्द्र के निधन पर हेमा ने बयां किया दर्द, शेयर की भावुक पोस्ट

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नई दिल्ली। बॉलीवुड डीवा हेमा मालिनी के लिए ये समय असहनीय पीड़ा से भरा है। उन्होंने अपने सबसे प्यारे शख्स को जाते हुए देखा है, जिसके लिए उन्होंने अपने परिवार से लड़कर शादी की थी। धर्मेंद्र देओल के निधन के बाद पहली बार हेमा मालिनी ने अपना दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है।हेमा मालिनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पति और अभिनेता धर्मेंद्र के जाने पर उनकी जिंदगी में आए खालीपन और एक अभिनेता के तौर पर हिंदी सिनेमा में उनकी सफलता को याद किया है। एक्ट्रेस ने लिखा, धरम जी, मेरे लिए बहुत कुछ थे। एक प्यारे पति, हमारी दो बेटियों, ईशा और अहाना के लाड़ले पिता, दोस्त, मार्गदर्शक, कवि, और हर मुश्किल घड़ी में मेरा सबसे पहले साथ देने वाले इंसान, वो मेरे लिए सब कुछ थे। उन्होंने हमेशा अच्छे-बुरे वक्त में मेरा साथ दिया है।हिन्दी सिनेमा में हमेशा स्थाई बनी रहेगी उनकी लोकप्रियताउन्होंने आगे लिखा, अपने सहज, मिलनसार व्यवहार से और हमेशा सभी के प्रति स्नेह और रुचि दिखाते हुए उन्होंने मेरे परिवार के सभी सदस्यों को अपना बना लिया था। सार्वजनिक तौर पर भी अपनी लोकप्रियता और सफलता के बाद भी उनकी विनम्रता ने सभी दिग्गजों और फैंस के बीच उन्हें हमेशा के लिए स्थापित किया है। हिंदी सिनेमा में उनकी सफलता और लोकप्रियता हमेशा स्थाई बनी रहेगी।मेरा व्यक्तिगत नुकसान अवर्णनीयजिंदगी भर के साथ और अभूतपूर्व प्यार को याद करते हुए हेमा ने आगे लिखा, मेरा व्यक्तिगत नुकसान अवर्णनीय है, मेरे जीवन में जो शून्य आया, वो जीवन भर रहेगा। सालों के साथ के बाद, मेरे पास उन खास पलों को फिर से जीने के लिए ढेरों यादें बची हैं। हेमा मालिनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने और धर्मेंद्र देओल के प्यार भरे पलों को याद भी किया है और ढेर सारी फोटोज पोस्ट की हैं।धर्मेन्द्र का 24 नवंबर को हुआ था निधनबता दें कि धर्मेंद्र देओल का निधन 24 नवंबर को हुआ था। निधन के तुरंत बाद ही आनन-फानन में अभिनेता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। एक्टर काफी समय से उम्र संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे और मुंबई के कैंडी ब्रीच अस्पताल में भर्ती थे। उनके आखिर समय में डॉक्टर ने उन्हें स्थिर बताते हुए अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था। हालांकि, 5 दिन बाद ही उन्होंने अपने जुहू वाले घर में अंतिम सांस ली।फिल्मी सेट से हुई थी धर्मेन्द्र-हेमा के प्यार की शुरुआतधर्मेंद्र देओल और हेमा मालिनी के प्यार की शुरुआत फिल्मी सेट से हुई थी। शादीशुदा होने के बाद भी धर्मेंद्र हेमा मालिनी को पसंद करने लगे थे। उनके साथ ज्यादा समय बिताने के लिए वे फिल्मों में उनके अपोजिट रोल लेते थे और निर्माता और निर्देशक पर हेमा मालिनी को फिल्मों में लेने का दबाव भी बनाते थे। धीरे-धीरे सेट पर साथ समय बिताने के बाद हेमा मालिनी को भी धर्मेंद्र से प्यार हो गया। धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा थे, इसलिए दूसरी शादी करने के लिए उन्होंने इस्लाम कबूल किया और फिर शादी की।

बिज़नेस

रिपोर्ट में दावा : भारतीय कंपनियों का मजबूत प्रदर्शन, अगले 12 महीनों में 29,000 के स्तर को छू सकता है निफ्टी

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मुंबई। भारतीय कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन, अच्छी त्योहारी मांग, नीतिगत समर्थन और बदलते व्यापक आर्थिक माहौल के कारण भारत के कॉरपोरेट्स की आय में आने वाले समय में बड़ा उछाल देखा जा सकता है, जिससे निफ्टी अगले 12 महीनों में 29,000 के स्तर को छू सकता है। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। लगातार पांच तिमाहियों में गिरावट के बाद, निफ्टी की आय में अंततः बदलाव आया है, जिसमें वित्त वर्ष 2026, वित्त वर्ष 2027 और वित्त वर्ष 2028 के लिए क्रमशः 0.7 प्रतिशत, 0.9 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत का सुधार देखने को मिल सकता है। पीएल कैपिटल की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया, यह सुधार दिखाता है कि आने वाले समय में भारतीय कॉरपोरेट्स की आय में मजबूती देखने को मिल सकती है और इससे निवेशकों के सेंटीमेंट में बदलाव होगा।निफ्टी ने बीते तीन महीनों में दिया 4 प्रतिशत का रिटर्न निफ्टी ने बीते तीन महीनों में 4 प्रतिशत का रिटर्न दिया, जो दर्शाता है यह अपने कंसोलिडेशन चरण से बाहर निकल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार,वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर कॉर्पोरेट आय, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ टैरिफ विवादों के समाधान में प्रगति की उम्मीद, और चल रहे त्योहारी और शादी के मौसम के दौरान घरेलू खपत में सुधार निफ्टी को 29,000 के स्तर तक ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे।रिपोर्ट में यह भी दावाघरेलू खपत में सुधार को सितंबर 2025 में लागू किए गए जीएसटी दरों के युक्तिकरण से भी समर्थन मिला है, जिससे कई उपभोक्ता श्रेणियों में प्रभावी खुदरा कीमतें कम हुईं और शहरी और ग्रामीण बाजारों में खर्च बढ़ा है। रिपोर्ट में बताया कि निफ्टी का 15 वर्षों का औसत पीई 19.2 गुना है, जिससे सितंबर 2027 में ईपीएस 1,515 रहने का अनुमान है। इससे निफ्टी का 12 महीनों का टारगेट 29,094 आता है। बुल-केस स्थिति में यह 30,548 और बियर-केस स्थिति में 26,184 आता है।

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खेल

एशेज सीरीज : पर्थ में इंग्लैंड की करारी हार पर भड़के पूर्व आलराउंटर, बोले- यह सुनते-सुनते थक गया हूं मैं

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नई दिल्ली। पर्थ में खेले गए एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के सामने बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर इयान बॉथम ने पर्थ में अपनी टीम के प्रदर्शन को बेहद निराशाजनक बताया। बॉथम ने कहा कि इंग्लैंड को खेल का तरीका बदलना होगा। बॉथम ने पीए न्यूज एजेंसी से कहा, पर्थ में इंग्लैंड का प्रदर्शन बहुत बुरा था, इसके लिए कोई और शब्द नहीं है। टीम को जल्दी जोश में आना होगा। मैं यह सुनते-सुनते थक गया हूं, हम ऐसे ही खेलते हैं। अगर मैंने यह एक बार और सुना, तो मुझे लगता है कि मैं टेलीविजन पर कुछ फेंक दूंगा। अगर आप ऐसे ही खेलते हैं, तो अभी घर जा सकते हैं, क्योंकि इस तरह परिणाम 5-0 हो सकता है।बैजबाॅल मोड से बाहर आना होगा टीम कोउन्होंने कहा, शायद उन्हें मेरा यह कहना पसंद न आए, लेकिन उन्हें इसे समझने की जरूरत है। इंग्लैंड की जर्सी पहनना गर्व की बात होती है। आपको गंभीरता से खेलना होगा। बैजबॉल मोड से बाहर आना होगा। पर्थ टेस्ट दो दिन में समाप्त हो गया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करने वाली इंग्लैंड टीम दोनों पारियों को मिलाकर सिर्फ 67.3 ओवर खेल सकी। दोनों पारियों में महज इतने रनों में सिमट गई थी इंग्लैंड की टीमइंग्लैंड पहली पारी में 172 और दूसरी पारी में 164 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 132 रन पर सिमट गई, लेकिन 205 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ट्रेविस हेड ने 69 गेंद पर शतक लगाते हुए 83 गेंद पर 123 रन की पारी खेल टीम को 8 विकेट से जीत दिला दी। लाबुशेन 51 रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 28.2 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।

लाइफस्टाइल

सेहतः : शरीर के लिए आहार के साथ सूर्य स्नान भी है जरूरी, जानें तीन महत्वपूर्ण स्टेप्स

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नई दिल्ली। एक अच्छी जीवन शैली के लिए पौष्टिक भोजन को बहुत महत्व दिया जाता है, लेकिन पौष्टिक भोजन के साथ-साथ सूर्य की रोशनी की भी आवश्यकता होती है। शीत ऋतु के मौसम में शरीर में विटामिन डी की कमी ज्यादा हो जाती है, जिससे थकान, हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों का कमजोर होना और मन बेवजह उदास होने की समस्याएं महसूस होती हैं। ऐसे में डॉक्टर सप्लीमेंट का सहारा लेने की सलाह देते हैं, लेकिन सप्लीमेंट से ज्यादा प्राकृतिक रूप से शरीर को विटामिन डी देना ज्यादा लाभकारी होता है।शरीर को सिर्फ आहार नहीं, बल्कि धूप भी चाहिए। आयुर्वेद में विटामिन डी की कमी को अग्नि और रस धातु की कमी से जोड़कर देखा गया है। आयुर्वेद कहता है कि सूर्य के बिना शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति, ओज (शरीर की लड़ने की शक्ति और चमक), रक्तधारा (ब्लड सर्कुलेशन), और धातु-पोषण (शरीर में बनने वाले उत्तकों का पोषण) अधूरा है।जब तक शरीर को धूप का स्पर्श नहीं मिलता, तब तक शरीर इन सभी फायदों से वंचित रह जाता है। शीत ऋतु में भी सूर्य की ऊर्जा से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। सुबह के सूर्य उष्णता, प्रकाश और प्राण की शक्ति से युक्त होता है, जो शरीर को वो ताकत देता है जिसकी पूर्ति विटामिन डी के सप्लीमेंट भी नहीं कर पाते हैं।इसके लिए सबसे पहले सुबह 7-8 बजे की धूप शरीर के लिए लाभकारी होती है। ऐसे में सूती कपड़े पहनकर धूप ग्रहण करें। आयुर्वेद में इसे सूर्य स्नान भी कहते हैं। दूसरा, सूर्य की रोशनी में ही अभ्यंग विधि करें। अभ्यंग तेल मालिश की विधि है, जो शरीर में विटामिन डी के अवशोषण को बढ़ाती है। इसके लिए पैर, हाथ, और गर्दन पर तेल मालिश करें। शीत ऋतु में जैतून का तेल, बादाम का तेल, और तिल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।तीसरा स्टेप है पौष्टिक आहार लेना। पौष्टिक आहार लेकर भी शरीर में विटामिन डी का अवशोषण बढ़ता है। विटामिन डी का अवशोषण शरीर में वसा युक्त भोजन के साथ ज्यादा अच्छे तरीके से होता है। इसके लिए तिल, मूंगफली, अलसी, गाय का दूध, मक्खन, मशरूम, सोंठ, काली मिर्च और आंवले का सेवन लाभकारी होता है। ये तीनों स्टेज शरीर को पुनर्जीवित करने की ताकत रखते हैं। ऐसा करने से हड्डियों, मांसपेशियों और मन तीनों को ताकत मिलती है।

राजनीती

नहीं बदला जा सकता संविधान : पूर्व सीजेआई ने केशवानंद भारती मामले का उदाहरण देकर ऐसे समझाया

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई बीआर गवई ने संविधान की भूमिका पर बेहद स्पष्ट और सारगर्भित विचार रखा। उनके जवाबों ने न सिर्फ संवैधानिक ढांचे की मजबूती पर विश्वास जताया, बल्कि देश की तीनों संस्थाओं के बीच संतुलन और जिम्मेदारी की भावना को भी रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि संविधान बदला नहीं जा सकता।पूर्व सीजेआई ने आगे समझाया कि 1973 के केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि संसद संविधान की बेसिक स्ट्रक्चर में कोई संशोधन नहीं कर सकती। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद संविधान की मूल आत्मा को किसी भी परिस्थिति में बदला नहीं जा सकता। गवई का बयान ऐसे समय आया है जब देशभर में संवैधानिक भविष्य और संस्थाओं के अधिकारों पर बहस जारी है। पूर्व सीजेआई ने दोहराया कि भारत का संविधान बेहद मजबूत और संतुलित ढंग से तैयार किया गया है, इसलिए इसे खतरे में बताना उचित नहीं है।तभी मजबूत होगी लोकतंत्र की जड़ें दूसरी ओर, जब उनसे बाबा साहेब अंबेडकर के सपने और संवैधानिक मूल्यों पर पूछा गया, तो गवई ने कहा, बाबा साहेब ने सिर्फ राजनीतिक न्याय का सपना नहीं देखा था, बल्कि उनका सपना सामाजिक और आर्थिक न्याय का भी था। उनका मानना था कि राजनीतिक लोकतंत्र तभी सफल होगा जब सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र भी उसके साथ चले। उन्होंने आगे कहा कि देश की तीन प्रमुख संस्थाएं (विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका) इन्हीं मूल्यों के आधार पर काम करें, तभी लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होंगी।संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने सबको करना होगा कामगवई ने यह भी संकेत दिया कि देश की संस्थाओं को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हो सके और न्याय व्यवस्था आम लोगों के लिए और आसान बने। पूर्व सीजेआई के इन बयानों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि भारत का संविधान न सिर्फ स्थायी और मजबूत है, बल्कि ऐसी सोच और विजन पर आधारित है जो हर नागरिक के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करता है।

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