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आपरेशन सिंधु : युद्धग्रस्त देश ईरान से 110 भारतीय छात्र लौटे वतन, खुशी का इजहार कर दर्द भी किया बयां
नई दिल्ली। बीत एक सप्ताह से इजराइल और ईरान के बीच भीषण जंग जारी है। दोनो तरफ से किए जा रहे भीषण हमले में अब तक जहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। वहीं दर्जनों घायल हुए हैं। इजराइल द्वारा ईरान पर की जा रही भीषण बमबारी को देखते हुए भारत ने ईरान में रह रहे भारतीयों को निकालने का अभियान का शुरू कर दिया है। आॅपरेशन सिंधु अभियान के तहत गुरुवार को सुबह 110 भारतीय छात्र भारत पहुंचे हैं। वतन वापसी पर जहां छात्रों ने खुशी जाहिर की। वहीं ईरान के बिगड़ते हालातों और अपने ऊपर बीते दर्द को भी बयां किया। छात्रों ने बताया कि ईरान में हालात बेहद खराब हैं। मिसाइलों की तेज आवाज हमें डराती थी।
ईरान से आईं छात्रा मरियम रोज ने कहा कि भारतीय दूतावास ने हमारे लिए पहले से ही सब कुछ तैयार कर रखा था। हमें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। हम तीन दिनों के लिए यात्रा कर रहे हैं, इसलिए हम थके हुए हैं। जब हम वहां से निकले थे, तब उर्मिया में स्थिति इतनी खराब नहीं थी। हमने अपने छात्रावास की खिड़कियों से मिसाइलों को गुजरते देखा। यासिर गफ्फार नाम के छात्र ने बताया कि हमने रात में मिसाइलों को ऊपर से जाते देखा और जोरदार धमाकों की आवाजें सुनीं। डर का माहौल था, लेकिन अब भारत पहुंचकर राहत मिली है। हमने अपने सपनों को अभी नहीं छोड़ा है और हालात सुधरने पर वापस ईरान लौटेंगे। सरकार की इस कार्रवाई के लिए छात्र और उनके परिवारों ने आभार जताया है।
ईरान के हालात बहुत खराबः बोला छात्र
छात्र अमन अजहर ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि मैं अपने परिवार से मिलकर कितना खुश हूं? ईरान में हालात बहुत खराब हैं। वहां के लोग भी हमारे जैसे ही हैंय छोटे-छोटे बच्चे भी हैं जो तकलीफ में हैं। युद्ध अच्छी चीज नहीं है। यह मानवता को खत्म कर देता है। एक अन्य छात्र ने कहा कि ईरान की स्थिति खराब है और लोग डरे हुए हैं। भारत सरकार ने हमें निकाला। हमें इतनी उम्मीद भी नहीं थी। उन्होंने हर कदम पर हमारी मदद की, किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। हम केंद्र सरकार के आभारी हैं। एक छात्र ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं अपने देश वापस आ गया हूं। ईरान में स्थिति खराब थी। भारत सरकार ने बहुत मदद की, जिसकी वजह से हम घर वापस आ गए।
ड्रोन और मिसाइलें देखकर डरे छात्र
एक अन्य छात्र ने कहा कि मैं उर्मिया विश्वविद्यालय में एमबीबीएस का अंतिम वर्ष का छात्र हूं। हमने ड्रोन और मिसाइलें देखीं। हम डर गए थे। हम भारत लौटकर खुश हैं और भारत सरकार, खासकर विदेश मंत्रालय के बहुत आभारी हैं। हमारे माता-पिता भी चिंतित थे, लेकिन अब वे खुश हैं।छात्रा गजल ने कहा कि हम सभी बहुत खुश हैं कि हम घर लौट आए और भारतीय दूतावास ने हमें सही तरीके से निकाला। हम उनके बहुत आभारी हैं। उर्मिया में जहां हम रहते थे, वहां की स्थिति तेहरान से बहुत बेहतर थी।
दिन-प्रतिदिन खराब हो रही ईराना की स्थिति
एक अन्य छात्र ने कहा कि ईरान की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। तेहरान में स्थिति बहुत खराब है। वहां से सभी भारतीय छात्रों को निकाला जा रहा है। हम उर्मिया विश्वविद्यालय से हैं। भारतीय अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं। सभी छात्रों को निकाला जा रहा है और सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है। हमें हमारे विश्वविद्यालय से निकाला गया और आर्मेनिया ले जाया गया। इसके बाद हमें कतर ले जाया गया। कतर से हम भारत पहुंचे।
हमें उम्मीद नहीं थी कि वापस आएंगे
ईरान से लौटी छात्रा ने कहा कि हम खुश हैं क्योंकि हमें उम्मीद नहीं थी कि हम वापस आ पाएंगे। ईरान में ऐसे हालात हैं। मुझे उम्मीद है कि युद्ध जल्द ही खत्म हो जाएगा, क्योंकि हमारी पढ़ाई भी पूरी हो जाएगी और ईरान को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। जिस तरह से उन्होंने हमें निकाला, उसके लिए मैं भारत सरकार की बहुत आभारी हूं। हमें अब तक कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन हमें पता चला है कि यहां से हमारे लिए बसों की व्यवस्था की जा रही है। मुझे लगता है कि 3 देशों की यात्रा करने के बाद हम बस से यात्रा करने के लिए तैयार नहीं हैं। मैं अपने सीएम (जम्मू-कश्मीर के) से अनुरोध करती हूं कि वे हमें सुविधा प्रदान करें ताकि हम जल्द से जल्द अपने माता-पिता से मिल सकें।
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