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पीएम मोदी यूके-मालदीव की यात्रा पर रवाना : ब्रिटेन के पीएम के साथ करेंगे द्विपक्षीय बैठक, उम्मीद ठोस परिणामों की
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिर विदेश यात्रा पर निकल गए हैं। पीएम मोदी ब्रिटेन और मालदीव के दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री की ब्रिटेन यात्रा 23-24 जुलाई के बीच होगी, जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर हो रही है। यह पीएम मोदी की चैथी ब्रिटेन यात्रा है। इसके बाद प्रधानमंत्री 25-26 जुलाई को मालदीव की यात्रा पर जाएंगे। बुधवार को विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करेगी और इसके ठोस परिणाम सामने आएंगे।
पीएम मोदी ने कहा, भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जिसने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारा सहयोग व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, नवाचार, रक्षा, शिक्षा, अनुसंधान, सतत विकास, स्वास्थ्य और लोगों से लोगों के संबंधों जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि वह प्रधानमंत्री स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा होगी, ताकि समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सके। पीएम मोदी ने कहा कि वह ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करेंगे।
मुइज्जु के निमंत्रण पर पीएम जाएंगे मालदीव
वहीं पीएम मोदी की मालदीव यात्रा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर हो रही है। यह प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा है और राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यकाल में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली आधिकारिक यात्रा होगी। इस यात्रा का विशेष महत्व है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी 26 जुलाई को मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। यही नहीं, इस वर्ष भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी मनाई जा रही है।
पड़ोसी प्रथम’ नीति को मजबूती देगी पीएम की यह यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘विजन महासागर’ के तहत समुद्री पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति मुइज्जू और अन्य राजनीतिक नेताओं से मुलाकात को लेकर उत्साहित हैं, ताकि दोनों देशों के बीच समग्र आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाया जा सके और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, समृद्धि व स्थिरता के लिए सहयोग को मजबूत किया जा सके। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि यह यात्रा दोनों देशों के लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी और भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को मजबूती प्रदान करेगी।
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