Download App

Latest News

सीएम ने देखी ‘चलो जीते हैं’ मूवी : पीएम मोदी के बचपन से है प्रेरित , मोहन ने मुक्त कंठ से की फिल्म की सराहनासीएम ने कटनी को 233 करोड़ की सौगात : बोले- अब कटनी बनेगा कनकपुरी, देश इकोनॉमी में देगा अहम यागदानलक्ष्य भेदने के लिए अनुकूल थी 7 मई की रात : आपरेशन सिंदूर पर बोले सीडीएस, स्कूली बच्चों से संवाद कर फौज में आने किया प्रेरितडांसिंग कॉप कान्स्टेबल लाइन अटैच : महिला के गंभीर आरोप पर हुआ एक्शन, जानें क्या है पूरा मामलादर्शकों को झटका : कल्कि 2898 एडी के सीक्वल से दीपिका पादुकोण बाहर, मेकर्स ने किया कंफर्मचामोली में कुदरत का सितम : आधी रात बादलने से मबले में समा गए तीन गांव-गौशालाएं और जिंदगियांगोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीदों को सीएम ने किया नमन : पिता-पुत्र की वीरता को भी याद, बोले- वे अपने संस्कारों पर सदैव अडिग रहेAyurveda : पैकेज्ड फूड नहीं, फल हैं असली पावरहाउस! आयुर्वेद से जानें खाने का सही तरीकाआनलाइन डिलीट नहीं हो सकता वोटर का नाम : राहुल ने बनाई गलत धारणा, ईसी ने आरोपों को सिरे से किया खारिजNDA जितना मजबूत होगा, बिहार उतना ही समृद्ध होगा : सासाराम में शाह की हुंकार, लालू फैमिली पर बोला जुबानी हमला

सेहत : एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हैं पान के पत्ते, सेहतमंद रहने के लिए करें इस्तेमाल

Featured Image

Author : admin

पब्लिश्ड : 06-09-2025 11:32 AM

अपडेटेड : 06-09-2025 06:02 AM

भारतीय संस्कृति में पान का पत्ता शुभता, औषधीय गुणों और हमारी परंपरा का प्रतीक है। चाहे कोई पूजा-पाठ हो, शादी-ब्याह या फिर कोई धार्मिक आयोजन... हर शुभ मौके पर पान का पत्ता अहम होता है। विज्ञान और आयुर्वेद भी इसके गुणों को मान्यता देते हैं। इसके पत्तों में मौजूद औषधीय गुणों से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं।

अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, पान के पत्ते में प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। कई शोधों में यह पाया गया है कि पान का पत्ता कुछ हद तक कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। वहीं आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम, खांसी, गले की खराश और मुंह की दुर्गंध जैसी सामान्य समस्याओं में सदियों से किया जा रहा है।

इसके अलावा, पान के पत्तों का उपयोग पाचन क्रिया को सुधारने के लिए भी किया जाता है, क्योंकि यह पेट की अम्लता को नियंत्रित करता है और गैस या अपच जैसी समस्याओं को कम करता है। पान के पत्ते चबाने से मुंह की बदबू दूर होती है और सांसों को ताजगी मिलती है, क्योंकि इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह के जीवाणुओं को कम करते हैं। यह गुण पान को भोजन के बाद एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर बनाता है। पान के पत्तों में पाए जाने वाले विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।

पान की बेल को घर में लगाना बेहद आसान है, क्योंकि इसकी बेल को ज्यादा तेज धूप पसंद नहीं होती। यह बालकनी, बरामदे, या घर की किसी छायादार दीवार के पास आसानी से लगाई जा सकती है। इसकी बेल धीरे-धीरे बढ़ती है और रेलिंग या दीवार पर फैलकर घर को एक सुंदर प्राकृतिक सजावट भी देती है। इसे बीज से नहीं बल्कि बेल की टहनी से उगाया जाता है। 5-6 इंच लंबी टहनी को हल्की नमी वाली मिट्टी में लगाएं, जिसमें गोबर की खाद या कंपोस्ट मिला हो, और पानी दें। ध्यान रहे कि गर्मियों में इसे सीधी धूप से बचाएं और पत्तों पर हल्की स्प्रे करते रहें ताकि नमी बनी रहे। सर्दियों में पानी कम दें, लेकिन मिट्टी को पूरी तरह सूखने भी न दें। अगर पत्तों पर कीड़े लग जाएं तो नीम के पानी या घरेलू कीटनाशक छिड़क दें।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder