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बारिश के मौसम में आंखों की देखभाल : जानें बीमारियों के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
ऋषिका जैन
मानसून की रिमझिम बारिश मौसम को खुशनुमा तो बना देती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मॉनसून का मौसम कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। उन्ही में से से एक है आंखों की समस्या, जो आमतौर पर लोगो में बारिश के मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है। बारिश के मौसम में जहाँ एक ओर हमें ठंडक का अहसास होता है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी का अड्डा भी बन जाता है, जो हमारी आंखों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। तो, आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में हमारी आंखों में कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं, ये क्यों होती हैं, और इससे कैसे बचा जा सकता है।
मॉनसून में नमी और गंदगी का स्तर बढ़ जाता है, और यही वजह है कि हमारी आंखों में कई तरह के संक्रमण और समस्याएं आ सकती हैं। सबसे आम समस्या कंजंक्टिवाइटिस, जिसे हम पिंक आई भी कहते हैं। कंजंक्टिवाइटिस एक वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण है, जो आंखों के सफेद हिस्से को प्रभावित करता है, जिससे आंखों में लालपन, सूजन, जलन और पानी आना शुरू हो जाता है।
मॉनसून में कंजंक्टिवाइटिस ज्यादा क्यों होता है?
बारिश और गीले मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं। जब हम बिना छाते के बारिश में भीगते हैं या गीले हाथों से अपनी आँखों को छूते हैं, तो इन बैक्टीरिया और वायरस के आँखों में आने के चांस बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, बारिश के पानी में मौजूद बैक्टीरिया भी आँखों के संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
बारिश में और कौन सी समस्याएँ हो सकती हैं?
बारिश के मौसम में हमें ड्राई आई, एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस और स्टाई जैसी समस्याएँ भी देखने को मिल सकती हैं। ड्राई आई तब होती हैं जब हवा में नमी तो होती है, लेकिन गंदगी और बैक्टीरिया हमारी आँखों की नमी को सोख लेते हैं, जिससे जलन और सूखापन महसूस होता है। एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस तब होता है जब आँखों में खुजली, पानी आना और सूजन होती है, और यह बारिश के मौसम में हवा में फैले हुए पॉलन और फंगस की वजह से होता है। स्टाई, यानी पलकों पर फुंसी या गांठ, भी गंदगी और बैक्टीरिया के कारण होती है, जो आँखों के पास मौजूद छोटी ग्रंथियों को प्रभावित करते हैं।
अब इनसे कैसे बचे ?
आपको बताते हैं कुछ आसान और असरदार उपाय, जो इस मौसम में आपकी आंखों को सुरक्षित रखेगा! जब भी बाहर जाएं छाता जरूर लें। बारिश से बचने के लिए यह सबसे पहला कदम है। दूसरा आँखों को बार-बार हाथों से न छुएं। क्यूंकि हाथों में बैक्टीरिया होते हैं, जो आँखों को संक्रमित कर सकते हैं। तीसरा साफ पानी से आँखों को धोएं। अगर बारिश में आपकी आँखों में पानी चला जाए, तो तुरंत उन्हें हल्के पानी से धो लें। चैथा सार्वजनिक स्थानों पर, जैसे कि ट्रांसपोर्ट और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर, आँखों को छूने से बचें। पांचवा अगर किसी के पास कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण हैं, तो उनसे दूरी बनाए रखें। छटवां अपनी आँखों के सामान को शेयर न करें। जैसे टॉवल, रूमाल, या आई मेकअप। यह संक्रमण को फैलने से रोकता है। सातवां पानी से आँखें धोने की आदत डालें। दिन में कम से कम दो बार आँखों को साफ पानी से धोने से बैक्टीरिया और धूल-मिट्टी बाहर निकल जाती है। बारिश में बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं, इसलिए अपने हाथों को धोते रहें।
अब बात करते हैं ड्राई आई की समस्या से बचने के उपायों की। जैसे ही मौसम बदलता है, हम अक्सर एयर कंडीशनर या पंखे के नीचे रहते हैं, जिससे आँखों की नमी चली जाती है और सूखापन महसूस होता है। तो इससे बचने के लिए आर्टिफिशियल टीयर्स का इस्तेमाल करना चाहिए, जो आँखों को नमी प्रदान करता है। और अगर आप बाहर जा रहे हैं, तो sunglasses पहनें ताकि आपकी आँखें हवा और बारिश से बच सकें। इसके अलावा, अगर आपको आँखों में जलन, लालपन या सूजन महसूस हो तो घरेलू नुस्खे अपनाने से बचें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वहीँ कंजंक्टिवाइटिस अगर समय रहते इलाज न हो, तो यह और भी फैल सकता है। थोड़ी सी सतर्कता से हम इस मौसम में भी अपनी आंखों को infection-free रख सकते हैं।
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