Download App

Latest News

सीएम ने देखी ‘चलो जीते हैं’ मूवी : पीएम मोदी के बचपन से है प्रेरित , मोहन ने मुक्त कंठ से की फिल्म की सराहनासीएम ने कटनी को 233 करोड़ की सौगात : बोले- अब कटनी बनेगा कनकपुरी, देश इकोनॉमी में देगा अहम यागदानलक्ष्य भेदने के लिए अनुकूल थी 7 मई की रात : आपरेशन सिंदूर पर बोले सीडीएस, स्कूली बच्चों से संवाद कर फौज में आने किया प्रेरितडांसिंग कॉप कान्स्टेबल लाइन अटैच : महिला के गंभीर आरोप पर हुआ एक्शन, जानें क्या है पूरा मामलादर्शकों को झटका : कल्कि 2898 एडी के सीक्वल से दीपिका पादुकोण बाहर, मेकर्स ने किया कंफर्मचामोली में कुदरत का सितम : आधी रात बादलने से मबले में समा गए तीन गांव-गौशालाएं और जिंदगियांगोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीदों को सीएम ने किया नमन : पिता-पुत्र की वीरता को भी याद, बोले- वे अपने संस्कारों पर सदैव अडिग रहेAyurveda : पैकेज्ड फूड नहीं, फल हैं असली पावरहाउस! आयुर्वेद से जानें खाने का सही तरीकाआनलाइन डिलीट नहीं हो सकता वोटर का नाम : राहुल ने बनाई गलत धारणा, ईसी ने आरोपों को सिरे से किया खारिजNDA जितना मजबूत होगा, बिहार उतना ही समृद्ध होगा : सासाराम में शाह की हुंकार, लालू फैमिली पर बोला जुबानी हमला

कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करे सोंठ : जानें इसके वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक लाभ

Featured Image

Author : admin

पब्लिश्ड : 07-08-2025 04:23 PM

अपडेटेड : 07-08-2025 10:53 AM

सोंठ, जिसे आमतौर पर सूखी अदरक या ड्राई जिंजर पाउडर के नाम से जानते हैं, भारतीय रसोई और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का एक अहम हिस्सा है। यह केवल एक मसाले के रूप में नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी सदियों से इस्तेमाल में लाई जा रही है। जहां ताजा अदरक में ताजगी और तीखापन होता है, वहीं सोंठ में एक खास तरह की गरमाहट और औषधीय शक्ति होती है, जो इसे बिल्कुल अलग बनाती है। इसे अदरक को सुखाकर बनाया जाता है, लेकिन सुखाने की प्रक्रिया के दौरान इसके गुणों में कई बदलाव आते हैं। यही वजह है कि सोंठ और अदरक दोनों का शरीर पर प्रभाव अलग-अलग होता है। खासकर मानसून में, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, तब सोंठ का सेवन शरीर को भीतर से मजबूती देता है।

अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सोंठ में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन सी और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें जिंजेरोल्स, शोगोल्स, जिंगिबेरीन, लिंलालूल, लिमोनीन और गेरानियोल जैसे जैविक तत्व भी मौजूद होते हैं।

सोंठ में मौजूद जिंजेरोल्स और शोगोल्स पाचन क्रिया में मददगार होते हैं। वहीं, यह सूजन कम करने, दर्द में राहत देने, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। यह गैस, अपच, सर्दी-खांसी, गले की खराश, और जोड़ों के दर्द में बेहद उपयोगी मानी जाती है। इसके अलावा, सोंठ में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को घटाते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में मदद कर सकते हैं।

खास बात यह है कि सोंठ की तासीर गर्म होती है, इसलिए यह ठंड या नमी वाले मौसम में खासतौर से लाभकारी मानी जाती है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग श्त्रिदोष नाशक के रूप में किया जाता है। यह वात और कफ दोष को संतुलित करता है। सोंठ से बनी चाय या काढ़ा सर्दियों में ऊर्जा और गर्माहट देता है। इसके साथ ही, जिन लोगों को इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी समस्या रहती है, उनके लिए सोंठ वरदान की तरह काम करती है। यदि सोंठ को घी और मिश्री के साथ खाने के बाद लिया जाए, तो यह पेट को शांत करने और आंतों की मरोड़ से राहत दिलाने में सहायक होता है।

इसके अलावा, सोंठ की सबसे बड़ी विशेषता इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली शक्ति है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण मानसून के मौसम में फैलने वाली मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि से लड़ने में सहायता करते हैं। यही नहीं, सोंठ का पानी नियमित रूप से पीने से शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder