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नई दिल्ली। कहते हैं कि बच्चे को जन्म देने के समय माताओं को 206 हड्डियों के टूटने जैसा दर्द होता है। हालांकि, उसके पहले का भी सफर आसान नहीं होता है क्योंकि गर्भावस्था में महिलाओं को कई शारीरिक परेशानियां झेलनी पड़ती हैं, लेकिन योगासन इसमें बड़ा सहारा बन सकता है। यही नहीं, भद्रासन गर्भवती महिलाओं के लिए तो वरदान से कम नहीं है।
भद्र शब्द का अर्थ दृढ़, सज्जन, या सौभाग्यशाली होता है। यह आसन शरीर को मजबूत बनाता है और मस्तिष्क को स्थिरता प्रदान करता है। खासकर गर्भवती महिलाओं और मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द से जूझ रही महिलाओं के लिए यह वरदान से कम नहीं है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, भद्रासन का नियमित अभ्यास गर्भावस्था के समय को आसान बनाता है, जिससे प्रसव आसान हो सकता है। यह आसन महिलाओं को मासिक धर्म के समय होने वाले असहनीय पेट दर्द, ऐंठन से भी राहत दिलाता है। साथ ही, यह शरीर को मजबूती भी देता है और मन को शांत रखता है। गर्भावस्था में होने वाली कमर दर्द, थकान और तनाव जैसी समस्याओं में भी यह प्रभावी साबित होता है।
योग एक्सपर्ट भद्रासन का अभ्यास कैसे करें? इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हैं। भद्रासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर बैठें। दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाएं। अब घुटनों को मोड़कर पैरों के तलुए को आपस में जोड़ें। एड़ियां पेट के पास लाएं और हाथों से पैरों को पकड़कर रखें। इस दौरान पीठ और गर्दन को सीधा रखें और आंखें बंद कर गहरी सांस लें और छोड़ें। शुरुआत में 1-2 मिनट तक इस आसन में रहें, धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
महिलाओं के लिए भद्रासन कई तरह से फायदेमंद है। पीरियड्स के दौरान पेट में ऐंठन और दर्द को भी कम करने में सहायक है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला रखता है और कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा दिलाता है। भद्रासन न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है। यह तनाव मुक्ति में भी सहायक है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही अभ्यास करना चाहिए। किसी भी योगासन से पहले चिकित्सक की सलाह जरूरी है।
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