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भोपाल। मप्र सरकार चिकित्सा सुविधाओं का तेज गति से विस्तार कर रही है। यह कहना है मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का। वह मुख्यमंत्री निवास में आरोग्य सेवा संकल्प सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने बताया कि कि 23 दिसंबर को होगा पीपीपी मोड पर 4 मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन किया जाएगा। इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल मुख्य रूप से मौजूद थे।
इसके पहले मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2002-03 तक मध्यप्रदेश में केवल 5 मेकिडल कॉलेज थे। वर्तमान प्रदेश में 19 शासकीय मेडिकल कॉलेज और 14 निजी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इसी माह बैतूल, धार, कटनी, पन्ना में 4 मेडिकल कॉलेजों का भूमिपूजन होगा। इसी के साथ बीएएमएस की पढ़ाई के लिए एक साल में 8 नए आयुर्वेदिक कॉलेज भी प्रारंभ किए जा रहे हैं।
साथ ही संकल्प पत्र अनुसार प्रदेश की 29 लोकसभा में मेडिकल कॉलेज उपलब्ध हो जाएंगे। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने 8000 चिकित्सा शिक्षा विद्यार्थियों को एक वर्ष में 207 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। साथ ही एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों को 16.50 लाख रुपए प्रतिवर्ष मदद दे रही है।
दो हजार से ज्यादा छात्रों की सहभागिता
इस कार्यक्रम में प्रदेश के 20 जिलों के 88 जनजातीय विकासखंडों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के साथ-साथ एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथी पद्धति के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया था। जिसमें जनजातीय बहुल विकासखंडों के 600 से अधिक चिकित्सक सहित निजी एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के 2000 से अधिक चिकित्सा छात्रों ने सहभागिता की।
किसने क्या कहा
राजेन्द्र शुक्ल बोले- चिकित्सकों के समर्पण की आवश्यकता: उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने चिकित्सा क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिये चिकित्सकों के समर्पण की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम समाज हित में प्रदेश और देश के विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ समय अवश्य सेवायें दें। ग्रामीण और आदिवासी बहुल जिलों में डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
विजय शाह का दावा- विकास के हर कदम में सरकार साथः जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार प्रदेश के हर बच्चे के सपने को पूरा करने के लिए सहयोग दे रही है। जनजातीय युवाओं के विकास के लिए हर कदम में सरकार साथ खड़ी है। राज्य सरकार की ओर से 5 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप दी जा रही है।
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