Download App

Latest News

वीर बाल दिवस : मप्र के स्कूलों में होंगी चित्रकला- लेखन प्रतियागिताएं, दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का होगा लाइव प्रसारणगलवान एक सिर्फ फिल्म नहीं बल्कि इमोशन : दबंग खान के साथ काम करने पर बोलीं चित्रांगदा सिंह, टेंशन-सस्पेंस और पावर से भूरपूर है मूवीएशेज सीरीज में इंग्लैड टीम का शर्मनाक प्रदर्शन : ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज ने जताई हमदर्दी, कही यह बातकाली हल्दी : एक ऐसा पौधा, जिसकी जड़ों में छीपा है औषधीय गुणों का खजानामैहर सड़क हादसे में तीन मजदूरों की मौत : खड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली से भिड़ी तेज रफ्तार बाइक, मृतकों की हुई पहचान

Shivraj's sensitivity... : लाचार पिता की पीड़ा सुन भावुक हुए ‘मामा’, बोले- चिंता मत करो हम हैं न, हो रही हर ओर सराहना

लाचार पिता की पीड़ा सुन भावुक हुए ‘मामा’, बोले- चिंता मत करो हम हैं न, हो रही हर ओर सराहना
G

Ganesh Sir

Invalid DateInvalid Date

सीहोर। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और केन्द्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को एक बार फिर सीहोर के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने बुधनी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम तालपुरा में जन संवाद कार्यक्रम में शिरकत की और जनता से संवाद किया। कार्यक्रम में मौजूद भाजपा नेता ओर कार्यकर्ताओं ने शिवराज सिंह चौहान का स्वागत किया।

खास बात यह रही की कार्यक्रम के दौरान एक मार्मिक दृश्य भी देखने को मिला। दरअसल जब शिवराज जनता से संवाद कर रहे थे। तभी आर्थिक तंगी से लाचार पिता शिवराज के पास पहुंचा और अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने रोते हुए बताया कि एक हादसे में उसके छोटे बेटे का हाथ कट गया है, जो भोपाल के एम्स में भर्ती है, लेकिन गरीबी के चलते वह इलाज नहीं करा पा रहा है। गरीब पिता की पीड़ा सुनकर शिवराज भावुक हो गए और बिना देर किए मंच से उन्होंने सीधे एम्स अस्पताल प्रबंधन को फोन किया।

शिवराज की हो रही सराहना

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि बच्चे का इलाज बिना देरी और बिना रुकावट के होना चाहिए। जो भी खर्च हो, व्यवस्था हम करेंगे। चिंता मत करो, मामा है न। उनकी यह बात सुनते ही वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें भर आईं। किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि एक मंत्री, जो अब दिल्ली में हैं, आज भी गांव के आम आदमी के लिए इस तरह सीधे मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग शिवराज सिंह की सराहना कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा ऐसे नेताओं की जरूरत है जो पीड़ित की आंखें पढ़कर मदद कर सकें। तालपुरा गांव में भी लोग कहने लगे नेता तो बहुत देखे, लेकिन मामा जैसा कोई नहीं।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder