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भोपाल। मध्यप्रदेश में रेयर अर्थ मिनरल्स और दूसरे महत्त्वपूर्ण खनिजों के वैज्ञानिक इन्वेस्टिगेशन की प्रक्रिया तेज हो गई है। कटनी में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में खनिज संसाधन विभाग और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के मध्य एमओयू का इंप्लीमेंटेशन शुरु हो गया है। पहले चरण में कटनी और जबलपुर जिलों से प्राप्त खनिज नमूने आईआईएसईआर के वैज्ञानिकों को सौंपे गए हैं।
खनिज संसाधन प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव और डीजीएम फ्रैंक नोबल ए. ने आईआईएसईआर टीम को कटनी और जबलपुर जिलों की खदानों से संभावित रेयर अर्थ मिनरल्स के नमूने उपलब्ध कराये गये हैं। आईआईएसईआर के वैज्ञानिक इन नमूनों का उच्च स्तरीय प्रयोगशाला में विश्लेषण करेंगे। प्रथम चरण में विश्लेषण महाकौशल क्षेत्र में उपलब्ध रेयर अर्थ मिनरल्स और स्वर्ण की संभावनाओं पर केंद्रित रहेगा।
सर्वे से नए भंडारण चिन्हित करने में मिलेगी सहायता
खनिज संसाधन विभाग और आईआईएसईआर के साथ यह सहयोग राज्य की वैज्ञानिक अन्वेषण क्षमता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे राज्य को उच्च गुणवत्ता वाले भू-वैज्ञानिक आंकड़े प्राप्त होंगे, आगामी अन्वेषण कार्यक्रमों को दिशा मिलेगी तथा रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण खनिजों के नए भंडार चिन्हित करने में सहायता मिलेगी। राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर महत्त्वपूर्ण खनिजों की बढ़ती मांग को देखते हुए यह पहल मध्यप्रदेश को खनिज आधारित आर्थिक विकास के उभरते केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।
आगामी चरणों में अन्य जिलों से प्राप्त खनिज नमूने भी आईआईएसईआर को परीक्षण के लिये उपलब्ध कराए जाएंगे। यह एमओयू तकनीक आधारित खनिज अन्वेषण के नए आयाम खोलने के साथ ही राज्य की दीर्घकालिक रिसोर्स सिक्योरिटी को मजबूत करेगा।
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