Download App

Latest News

सीएम ने देखी ‘चलो जीते हैं’ मूवी : पीएम मोदी के बचपन से है प्रेरित , मोहन ने मुक्त कंठ से की फिल्म की सराहनासीएम ने कटनी को 233 करोड़ की सौगात : बोले- अब कटनी बनेगा कनकपुरी, देश इकोनॉमी में देगा अहम यागदानलक्ष्य भेदने के लिए अनुकूल थी 7 मई की रात : आपरेशन सिंदूर पर बोले सीडीएस, स्कूली बच्चों से संवाद कर फौज में आने किया प्रेरितडांसिंग कॉप कान्स्टेबल लाइन अटैच : महिला के गंभीर आरोप पर हुआ एक्शन, जानें क्या है पूरा मामलादर्शकों को झटका : कल्कि 2898 एडी के सीक्वल से दीपिका पादुकोण बाहर, मेकर्स ने किया कंफर्मचामोली में कुदरत का सितम : आधी रात बादलने से मबले में समा गए तीन गांव-गौशालाएं और जिंदगियांगोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीदों को सीएम ने किया नमन : पिता-पुत्र की वीरता को भी याद, बोले- वे अपने संस्कारों पर सदैव अडिग रहेAyurveda : पैकेज्ड फूड नहीं, फल हैं असली पावरहाउस! आयुर्वेद से जानें खाने का सही तरीकाआनलाइन डिलीट नहीं हो सकता वोटर का नाम : राहुल ने बनाई गलत धारणा, ईसी ने आरोपों को सिरे से किया खारिजNDA जितना मजबूत होगा, बिहार उतना ही समृद्ध होगा : सासाराम में शाह की हुंकार, लालू फैमिली पर बोला जुबानी हमला

निजी स्कूलों की मनमानीः : फीस संबंधी जानकारी पोर्टल पर नहीं किया अपलोड, जुर्माना ठोकने की तैयारी कर रहा विभाग

Featured Image

Author : Ganesh Sir

पब्लिश्ड : Invalid Date

अपडेटेड : 25-06-2025 09:41 AM

भोपाल। मध्यप्रदेश में फीस, पुस्तकों सहित अन्य ब्यौरा सार्वजनिक करने को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी जारी है। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद भी अधिकतर निजी स्कूलों ने फीस संबंधी जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की है। जबकि शासन की द्वारा नए सत्र को ध्यान में रखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए गए है, लेकिन आदेश का पालन नहीं हो सका है। अब स्कूल शिक्षा विभाग इन पर जुर्माना लगाने की तैयारी कर रहा है। विभागीय जानकारों के अनुसार, किसी स्कूल का पंजीयन शुल्क 1 हजार है, तो उस पर 5 हजार और 5 हजार पंजीयन शुल्क है तो उससे 25 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय की तरफ से एनआईसी से जानकारी मांगी गई है कि कौन-कौन से स्कूल हैं, जिन्होंने अब तक फीस की जानकारी अपलोड नहीं की है। इनकी जानकारी मिलते ही, इन सभी को नोटिस जारी होंगे।

प्रदेश में करीब 34 हजार 662 निजी स्कूल संचालित

मामले में पालक महासंघ के महासचिव प्रबोध पंड्या का कहना है कि पूरे प्रदेश में संचालित करीब 34 हजार 662 निजी स्कूलों में से बड़ी मात्रा में स्कूलों की ओर से ही फीस की जानकारी सार्वजनिक की गई है और वह भी अधूरी है। हालात यह हैं कि राजधानी भोपाल में ही अधिकारी आदेशों का पालन नहीं करा पा रहे हैं। स्कूलों के पोर्टल पर अब भी जानकारी उपलब्ध नहीं है।बार-बार शासन-प्रशासन को पत्र लिखने और अवगत कराने के बाद भी इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में अभिभावक परेशान हैें।आदेश तो जारी हुए, लेकिन अमल नहीं हो सका।

30 जनवरी तक ब्यौरा सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए थे रू

उल्लेखनीय है कि मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम-2020 के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए निर्धारित फीस संरचना (कक्षा एवं संवर्गवार) की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। शासन-प्रशासन द्वारा प्रवेश, यूनिफार्म सहित पुस्तकों को लेकर कुछ माह पूर्व सख्त निर्देश जारी करते हुए 30 जनवरी तक ब्यौरा सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही स्कूलों को आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पहले अनिवार्य रूप से लेखक एवं प्रकाशक के नाम, मूल्य के साथ कक्षा वार पुस्तकों की सूची स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करने की बात कही गई थी। स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि वह प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्यपुस्तकों एवं प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट पर अनिवार्यतः अपलोड करेंगे। इसके साथ ही हॉर्ड कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करानी होगी, लेकिन इस आदेश पर अमल नहीं हो सका है। नतीजन अभिभावक परेशान हैं।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder