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भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जाने वाली निःशुल्क पुस्तकों की गुणवत्ता को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने अहम निर्णय लिया है। अब सरकारी स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबें 70 जीएसएम के कागज की जगह 80 जीएसएम के कागज पर ही छपेंगी। इससे इन किताबों की गुणवत्ता में इजाफा होगा। जानकारी के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2026-27 की किताबों की प्रिटिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई। विभागीय जानकारों की माने तो इस बदलाव का लाभ प्रदेश के लगभग एक करोड़ स्कूली बच्चों को मिलेगा।
दरअसल, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नि-शुल्क किताबें उपलब्ध कराई जाती है।यह किताबें पहली से बारहवीं तक के बच्चों को दी जाती हैं। किताबों की छपाई का जिम्मा मप्र पाठ्यपुस्तक निगम के पास है। पाठ्यपुस्तक निगम हर साल करीब साढ़े छह करोड़ किताबें छापता है। किताबों के लिए कागज खरीदी व छपाई करीब ढाई हजार करोड़ रुपए में होती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पहले पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रिटिंग कराई गई किताबों में पहले लॉट में 80 जीएसएम के कागज पर किताबों की छपाई की। बाद में 80 जीएसएस का कागज बताकर उसे 70 जीएसएम कर दिया।
सचिव ने जारी किए निर्देश
मामला उजागर होने के बद बाद सचिव स्कूल शिक्षा ने पाठ्यपुस्तक निगम को स्पष्ट निर्देश दिए कि किताबें 80 जीएसएस के कागज पर ही प्रिंट होंगी। अब पाठ्यपुस्तक निगम ने किताबों की प्रिटिंग के लिए कागज खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कागज खरीदी 80 जीएसएम पर की जा रही है।
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