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भोपाल। एसआईआर कार्य में रफ्तार लाने के लिए भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सख्ती दिखाई है। कलेक्टर ने सभी बूथ लेवल ऑफिसर्स बीएलओ को नया टारगेट दिया है कि प्रतिदिन कम से कम 5 प्रतिशत फॉर्म डिजिटलाइज किए जाएं। इसका असर दिखने भी लगा है। पहले दिन जहां पूरे जिले में सिर्फ 37 हजार फॉर्म ही डिजिटलाइज हो पा रहे थे, वहीं अब यह आंकड़ा रोजाना 56 हजार से ज्यादा हो गया है। वही बुधवार को भोपाल में एसआईआर कार्य में लापरवाही करने वाले विधानसभा क्षेत्र-153 बूथ 147 के बीएलओ कमल सिंह परिहार को निलंबित कर दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक एसआईआर काम में सबसे पीछे भोपाल मध्य क्षेत्र है। यहां अब तक 27 फीसदी काम ही हुआ है। इसके अलावा हुजूर में 9677 और बैरसिया से 3000 प्रपत्र आने बाकी हैं। एसआईआर के कार्य में बैरसिया सबसे आगे है। गोविंदपुरा से भी 13 हजार से ज्यादा फॉर्म आने बाकी हैं। भोपाल में पहले हर रोज एसआईआर के 37 हजार फॉर्म जमा होते थे, अब इनकी संख्या 56 हजार पहुंच गई। कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि एसआईआर के पेंडिंग फॉर्म का हर रोज 5 फीसदी डिजिटाइजेशन होना चाहिए। उन्होंने प्रतिदिन का आंकड़ा तय कर दिया है। 30 नवंबर तक एसआईआर कार्य 100 फीसदी ऑनलाइन कार्य पूरा करना है। भोपाल में सोमवार रात तक एसआईआर के 7.96 लाख फॉर्म डिजिटलाइज कर दिए गए थे।
कांग्रेस आज करेगी चुनाव आयोग कार्यालय का घेराव
भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रभारी शिवसिंह चैहान ने पत्रकारवार्ता में एसआईआर प्रक्रिया के विरोध करते हुए बड़ा आंदोलन की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत निर्वाचन आयोग, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए काम कर रहा है। लक्षित तरीके से लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। वही युकां अध्यक्ष यश लखन घनघोरिया ने 27 नवम्बर को प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया के विरोध में भोपाल स्थित भारत निर्वाचन आयोग के कार्यालय का घेराव करने की घोषणा की है।
बीएलओ लोकसेवकों पर न बनाएं दबाव: शिक्षक संघ
मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के प्रांतायक्ष डॉ क्षत्रवीर सिंह राठौर ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर अनुरोध किया कि बीएलओ कार्य कर रहे लोकसेवक पर वरिष्ठ अधिकारी दबाव ना बनाएं। उन्होंने कहा कि एसआईआर कार्य में विद्यालयों के लगभग 70 प्रतिशत से अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाएं व अन्य कार्यालयों के लोकसेवक लगे हैं। ये प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश का पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं। स्थिति ये है कि दिन- रात काम कर रहे हैं। कई बार ऐप और पोर्टल के बार-बार क्रैश होने नेट के अभाव से कठिनाई आ रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि कतिपय अधिकारी इन लोकसेवकों से अपमानजनक वाणी व्यवहार से इतना दबाव, डॉट एवं निलंबन का भय बताकर वेतन रोकने की धमकी दी जा रहा है। इस कारण मानसिक रूप से दबाव एवं तनाव में आकर स्वयं बीपी, हृदयाघात का शिकार हो रहे हंै। हास्पीटलाइज्ड भी हो रहे हैं। संघ की मांग है कि सभी जिला कलेक्टर एवं उनके सहयोगी प्रशासनिक अधिकारी प्रत्येक लोक सेवक के प्रति सम्मानजनक व्यवहार करते हुए उक्त स्थिति निर्मित ना होने दें। संघ ने मांग की कि 4 दिसम्बर की अंतिम तिथि को एक सप्ताह तिथि बढ़ाई जाएं।
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