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भोपाल। मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य हो गया है, जिसने अपने राज्य से डी-डुप्लीकेशन वाहनों की ढ़ाई लाख एंट्रियों को हटा दिया है। यह आंकड़ा अब शून्य है। ये ऐसे सभी तरह के वाहन थे, जो एक आरटीओ जिले के साथ दूसरे जिले में भी रजिस्टर्ड थे। इस कार्यवाही का फायदा उन वाहन स्वामियों को मिला है, जो अब परिवहन विभाग की ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग कर पा रहे हैं।
देश में समस्त राज्यों के परिवहन विभाग द्वारा वाहनों के पंजीयन एवं उनके स्थानान्तरण के संबंध में विभिन्न परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में समय-समय पर प्रविष्टियां की जाती हैं। पूर्व में कागजों पर संधारित रिकार्ड को डिजिटाइज करने के दौरान दूसरे आरटीओ के अधिकार क्षेत्र में वाहन के स्थानांतरित होने पर पूर्व के आरटीओ द्वारा एंट्री को डिलीट न किये जाने के कारण देश में 35 लाख वाहन ऐसे थे, जिनकी प्रविष्टि एक से अधिक आरटीओ में होने से उन वाहन स्वामियों को परिवहन सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
इस वर्ष जुलाई 2025 के अंत तक मध्यप्रदेश में करीब 2 लाख 50 हजार ऐसी प्रविष्टियां थीं। परिवहन विभाग द्वारा एक विशेष मुहिम चलाई गई। मुहिम की समीक्षा प्रत्येक पखवाड़े में परिवहन विभाग में वरिष्ठ स्तर पर किये जाने से मध्यप्रदेश में डुप्लीकेट एंट्रियों को सही कर दिया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर मोटरयान कर में पूर्ण छूट
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश राज्य में पंजीकृत होने वाले समस्त श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों पर मोटरयान कर में पूर्णतः छूट प्रदान किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कम्प्रेस्ड् नेचुरल गैस (सीएनजी) वाहनों पर भी राज्य सरकार द्वारा मोटरयान कर में एक प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। इस प्रावधान से प्रदेश में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
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