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नंदलाला के जन्मोत्सव की सीएम हाउस धूम : कान्हा की भक्ति में लीन दिखे मोहन, गोंविदा आला रे गाया गीत भी, दुलाारा नन्हें बाल गोपालों को
भोपाल। मध्यप्रदेश में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सीए हाउस में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर्व, हलधर महोत्सव और लीलाधर प्रकटोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस्कॉन मंदिर के पुजारी के मंत्रोच्चार के बीच बालगोपाल कृष्ण स्वरूप का जलाभिषेक, पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 'हाथी घोड़ा पालकी-जय कन्हैया लाल की, नंद घर आनंद भयो-जय कन्हैया लाल की' का उद्घोष एवं बालगोपालों का पुष्पवर्षा के बीच मटकी फोड़ी और 'गोविंदा आला रे' गाना भी गाया। इस अवसर पर श्रीकृष्ण एवं राधा की आकर्षक वेशभूषा में सुसज्जित एक हजार से अधिक बाल गोपाल इस भव्य जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल हुए। सीएम ने भगवान श्रीकृष्ण एवं राधारानी की लीलाओं पर आधारित मधुर गीत संगीत की प्रस्तुतियों का आनंद लिया एवं किशन कन्हैया के स्वरूप में कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों को गोद में लेकर आनंदपूर्वक दुलार भी किया।
धर्म की रक्षा के लिए पांडवों के साथ खड़े श्रीकृष्ण
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने भगवान श्रीकृष्ण ने कौरव- पांडवों के बीच हुए भीषण युद्ध महाभारत में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया और सदैव धर्म की रक्षा के लिए पांडवों के साथ खड़े रहे। श्रीकृष्ण ने द्वारकापुरी छोड़ते समय अपने पुत्र को सिंहासन पर नहीं बिठाया। वे अपने सिर पर सदैव मोरमुकुट धारण करते थे। इस प्रकार से योगेश्वर श्रीकृष्ण ने अपनी ग्रामीण सांस्कृतिक विरासत को हमेशा अपने सर माथे से लगाए रखा।
श्रीकृष्ण के सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित कर रही सरकार
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार श्रीकृष्ण के ज्ञान, उनके उपदेश और सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार ने गौमाता के संरक्षण और दुग्ध उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने घर-घर को गोकुल बनाने और घर-घर में बच्चों को संस्कारित कर गोपाल कृष्ण बनाने, उन्हें भगवान श्रीराम के मयार्दा पुरुषोत्तम स्वरूप के जीवन आदर्श सिखाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रदेश में सांदीपनि विद्यालय स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का पूरा प्रसंग सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
मप्र के 162 मंदिरों में आयोजित किए गए कार्यक्रम
सीएम ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व, हलधर महोत्सव एवं लीलाधर प्रकटोत्सव के अंतर्गत संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश के 162 स्थानों पर प्रमुख मंदिरों में हुए भक्तिपरक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के 3 हजार से अधिक श्रीकृष्ण मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा एवं श्रृंगार भी जन्माष्टमी के अवसर पर किया गया है। इनमें स्थानीय सांसद, मंत्री और विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि आमजन के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ जन्माष्टमी पर्व मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा एवं श्रृंगार के लिए सरकार द्वारा 1.50 लाख रुपए के तीन पुरस्कार, एक लाख रुपए के पांच पुरस्कार एवं 51 हजार रुपए के सात पुरस्कार, कुल 15 पुरस्कार दिए जाएंगे।
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