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मिसाल प्रोजेक्टम का तीसरा चरण शुरू : उद्देश्य ट्राइबल यूथ में नेतृत्व क्षमता विकसित करना, प्रोफेसर देंगे प्रशिक्षण

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Author : admin

Published : 11-Nov-2025 02:27 PM

भोपाल। मध्यप्रदेश उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा जनजातीय युवाओं में नेतृत्व क्षमता और चरित्र निर्माण को बढ़ावा देने के लिए गुजरात की ओएसिस संस्था के सहयोग से मिसाल प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य जनजातीय युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी, नेतृत्व कौशल और समुदाय सेवा की भावना विकसित करना है, जिससे वे अपने समाज और राज्य में सकारात्मक बदलाव ला सकें। उच्‍च शिक्षा विभाग की यह पहल राज्य के शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्र में जनजातीय युवाओं को सशक्त नेतृत्व और समाज सेवा के लिए तैयार करने का एक अभिनव प्रयास है।

प्राध्यापक देंगे विद्यार्थियों को प्रशिक्षण

गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट के तहत 11 से 16 सितम्बर तक गुजरात के बडोदरा में एक प्रशिक्षण कार्यकम का आयोजन किया जा चुका है जिसमें इस प्रोजेक्ट के लिये चयनित प्रदेश 10 जनजातीय जिलों के शासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापक शामिल हुए थे। प्रशिक्षण के दौरान महाविद्यालय में एनएनएस का प्रभार संभाल रहे प्राध्यापकों को अपने-अपने महाविद्यालयों में जनजातीय युवाओं का चयन करके उन्हें कॉलेज के रोल मॉडल और समाज-सेवी नेतृत्व के रूप में तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

प्रोजेक्ट के अगले चरण में अब ये प्राध्यापक अपने महाविद्यालयों में अध्‍ययनरत युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। जिसके तहत विद्यार्थियों को निबंध लेखन, समूह संवाद एवं प्रोजेक्ट वर्क का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। प्र‍शिक्षण कार्यकम का यह तीसरा चरण 7 नवंबर से 12 दिसंबर तक चलेगा।

100 युवा सामाजिक परिवर्तनकर्ता होंगें तैयार

प्रशिक्षण के बाद ओएसिस मिसाल प्रोजेक्‍ट के द्वारा 29 महाविद्यालयों में 100 युवा सामाजिक परिवर्तनकर्ताओं का चयन किया जाएगा। यह प्रक्रिया तीन चरणों में होगी रू

  • 1. निबंध प्रतियोगिता: छात्रों के विचार और सामाजिक समस्याओं के समाधान के नवाचार जानने के लिए।

  • 2. समूह संवाद: टीम वर्क, सुनने और विचार साझा करने की क्षमता का मूल्यांकन।

  • 3. प्रोजेक्ट वकर्र: समाज में वास्तविक बदलाव लाने की प्रतिबद्धता और कार्यान्वयन क्षमता का परीक्षण।

तीनों चरण सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले युवाओं को मिसाल विजेता घोषित किया जाएगा और उन्हें ओएसिस की ग्लोबली-प्रशंसित स्पअम-स्वअम-स्मंतद (स्3) कोर्स में शामिल किया जाएगा। यह कोर्स चार सप्ताह के तमेपकमदजपंस ूवतोीवचे के माध्यम से आयोजित होगा।

उद्देश्य और दीर्घकालिक प्रभाव

  • जनजातीय युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें नेतृत्व के योग्य बनाना।

  • युवाओं में चरित्र निर्माण और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना।

  • उनके माध्यम से महाविद्यालयों में सकारात्मक बदलाव और सामुदायिक विकास कार्यक्रम संचालित करना।

जनजातीय युवाओं का सशक्तिकरण

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह पहल 10,000दृ20,000 युवाओं तक लाभ पहुँचाने की क्षमता रखती है, विशेषकर आदिवासी क्षेत्र में। इसके माध्यम से नवीन नेतृत्व और समाज सेवा के रोल मॉडल तैयार होंगे।

मध्यप्रदेश के जनजातीय युवाओं के लिए नेतृत्व और चरित्र निर्माण में यह प्रोजेक्‍ट मील का पत्थर साबित होगा। चयनित एनएनएस अधिकारी और प्राध्यापक नोडल अधिकारी अपने कॉलेजों में इस कार्यक्रम के संचालन और युवा नेतृत्व विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले ये युवा नेतृत्वकर्ता आने वाले वर्षों में विद्यालयों, कॉलेजों और समुदायों में रोल मॉडल बनकर कार्य करेंगे।

प्रशिक्षण में शामिल जिले

इंदौर, धार, उज्जैन, बड़वानी, रतलाम, खंडवा, झाबुआ, बैतूल, आलीराजपुर और छिंदवाड़ा जिले के कुल 29 शासकीय महाविद्यालयों के विद्यार्थी शामि‍ल होंगे।

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