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भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूलों में 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस मनाया जायेगा। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्कूल के बच्चों से इस दिन होने वाली गतिविधियों में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।
साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान के संबंध में प्रतिवर्ष 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस भारत के भविष्य की नींव माने जाने वाले बच्चों को सम्मानित करने के लिये समर्पित एक राष्ट्रीय उत्सव है। इस पहल का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं का पोषण करना, रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उन्हें विकसित भारत के सपने में योगदान देने के लिये प्रेरित करना है।
राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का होगा सजीव प्रसारण
वीर बाल दिवस का राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम 26 दिसम्बर, 2025 को दोपहर 12ः30 बजे भारत मण्डपम नई दिल्ली में किया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का लाइव वेबकास्ट किया जायेगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि इस लिंक की सूचना सभी सरकारी और प्रायवेट स्कूलों में दी जाये, जिससे स्कूल के विद्यार्थी इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकें। जिला शिक्षा अधिकारियों को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि इससे जुड़ी जानकारी कचपअपकीलं ंकउपद और तंउें ंकउपद ॅींजे ।चच ळतवनच पर भी साझा की गई है।
वीर बाल दिवस पर होने वाली प्रतियोगिताएँ
स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में आयु समूह के अनुसार विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। आयु वर्ग 3-6 वर्ष के लिये चित्रकारी, पेंटिंग, खेल गतिविधियाँ एवं कहानी सुनाना और आयु वर्ग 6-10 वर्ष के लिये चित्रकला, निबंध लेखन एवं कहानी सुनाना प्रमुख हैं। इसके लिये जो विषय तय किये गये हैं, उनमें मेरे सपनों का भारत, वह भारत जो मैं देखना चाहता हूँ, दूसरों की मदद करना मेरी महाशक्ति है, मेरी संस्कृति के रंग और मेरे आसपास के नायक, जिनमें शिक्षक, देखभालकर्ता और मित्र शामिल हैं।
स्कूलों में आयु वर्ग 11-18 वर्ष के लिये निबंध, कविताएं, वाद-विवाद और डिजिटल प्रतियोगिता शामिल हैं। इनके लिये जो विषय तय किये गये हैं, उनमें राष्ट्र निर्माण में बच्चों की भूमिका, विकसित भारत के लिये मेरा दृष्टिकोण, विकसित भारत बनाने में बच्चों की भूमिका, विकासशील भारत को आकार देने में बच्चों की भूमिका, साहस और करुणा, एक नायक क्या बनाता है, भारत के इतिहास में वीरता की कहानियां, डिजिटल इण्डिया में युवाओं के लिये अवसर, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, श्प्रत्येक बालिका को सशक्त बनाना शामिल हैं। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत-नवाचार में युवाओं की अग्रणी भूमिका, वोकल फॉर लोकल, भारत की पारम्परिक शिल्प-कलाओं का उत्सव मनाना, स्किल इण्डिया मिशन और अमृतकाल में कल के भारत निर्माण में युवाओं की भूमिका को शामिल किया गया है।
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