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सतना। सतना जिला चिकित्सालय में मासूमों को संक्रमित ब्लड चढ़ाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि यहां की अव्यवस्थाओं से जुड़े पांच वीडियो सामने आए हैं, जिसने हाल ही में इंदौर और जबलपुर में हुई ह्दयविदारक घटनाओं की याद दिला दी है। इसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की भेट कई मासूम चढ़ गए थे। जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करने वाले जो वीडियो सामने आए हैं उसमें अस्पताल के सिक न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) वार्ड में चूहे धमा- चैकड़ी मचाते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि चूहे खुलेआम वार्ड में घूम रहे हैं, मरीजों के बेड के आसपास पड़े खाने की चीजों को लेकर इधर-उधर दौड़ लगा रहे हैं। इसके अलावा एक अन्य वीडियो में चूहे प्रिंटर आदि में घुसे हुए भी दिखाई दे रहे हैं। तीनों वीडियो ने एक बार फिर जिला अस्पताल में मची अव्यवस्था और लापरवाही की पोल खोल दी है। वीडियो बुधवार का बताया जा रहा है, यह वीडियो मरीजों के परिजनों द्वारा बनाया गया है।
एसएनसीयू वार्ड एक ऐसा वार्ड है जहां 0 से 28 दिन के गंभीर नवजातों को इलाज के लिए भर्ती किया जाता है। जिला अस्पताल की चिकित्सकीय सुविधाएं इस समय पटरी से उतरती नजर आ रही हैं। विगत दिनों ही थैलीसीमिया से पीड़ित 5 बच्चों को संक्रमित ब्लड चढ़ाने के मामले में तीन दोषियों पर कार्रवाई करते हुए निलंबन किया गया है और अब जिला अस्पताल के सबसे संवेदनशील वार्ड जहां नवजात बच्चों का इलाज किया जाता है वहां चूहों के आतंक का वीडियो सामने आना बड़ी लापरवाही और वार्ड में भर्ती मासूमों के जान के साथ खिलवाड़ है।
एसएनसीयू वार्ड में चूहों के साथ-साथ चीटियों ने भी डेरा जमा रखा है। मरीज के बेड के आसपास और दीवालों में लगे इलेक्ट्रिक बोर्डों में चीटियों के समूह की भी तस्वीरें भी सामने आई हैं। सूत्रों के मुताबिक जिला अस्पताल परिसर में बने एसएनसीयू वार्ड को मार्च 2023 में अस्पताल के अन्दर शिफ्ट किया गया था। पहले यह ट्रामा युनिट में लगता था। शिफ्ट करने के पहले एसएनसीयू वार्ड को रेनोवेट भी करवाया गया था। रेनोवेट कराने के बाद भी हालात यह हैं कि दीवालों में शीलन आ गई है और पपड़ी गिर रही है। मरीजों के आसपास लगाए गए इलेक्ट्रिक बोर्डो की स्थिति भी खराब है।
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