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भोपाल। प्रदेश में अब यात्री बसों में परिचालक (कंडक्टर) को भी किराया देकर सफर करना होगा। क्योंकि परिवहन विभाग ने यात्री बसों में चालक और परिचालक को मिलने वाली छूट से परिचालक को बाहर कर दिया है। यानी अब बस मालिकों को परिचालक की सीट का भी टैक्स देना होगा। ऐसे में बस किराया और महंगा होगा। इसके लिए परिवहन विभाग मोटरयान नियम 1994 में संशोधन करने जा रहा है। इस संबंध में विभाग ने सूचना जारी कर दी है। जिसके तहत नियमों के प्रारूप पर 30 दिन के भीतर आपत्तियां बुलाई है।
नियमों के संशोधित प्रारूप के अनुसार विभाग ने डीलक्सध्वातानुकूलित बस चालक सहित 36 सीट से अनिम्र, एक्सप्रेस बस चालक सहित 46 सीट से अनिम्न, साधारण बस चालक सहित 51 सीट से अनिम्न (कम न हों)। मौजूदा स्थिति इन बसों में परिचालक की सीट टैक्स फ्री हैं। ऐसे में बसों की गिनती 36 सीटर, 45 सीट और 50 सीटर बस में होती है। नए नियमों के तहत यात्री वाहनों के ऊपर यात्री सामान, निजी वस्तु के अतिरिक्त व्यापारिक माल एवं पार्सल ले जाने की अनुमति नहीं होगी। व्यापारिक माल, पार्सल का कुल भार, यान के सकलयान भार के 10 फीसदी से अधिक नहीं होगा। पकड़े जाने पर जुर्माना और तुरंत माल उतारा जाएगा। व्यापारिक माल का परिवहन ई-वे बिल से ही होगा। नए नियमों में यात्रियों के लिए शिकायत पोर्टल शुरू करने का दावा है। यात्री किराए और माल भाड़ा के लिए हर साल राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत समिति समीक्षा रिपेार्ट तैयार करेगी। जिसके आधार पर किराया घटेगा-बढ़ेगा।
सड़क परिवहन निगम की जगह राज्य परिवहन उपक्रम
नियमों के प्रारूप में मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की जगह राज्य परिवहन उपक्रम स्थापित किया गया है। यानी अब निगम की जगह श्राज्य परिवहन उपक्रम्य प्रदेश में बसों का संचालन एवं निगरानी करेगा। नए नियमों में कई पुराने नियमों का लोप (समाप्त) कर दिया गया है।
मानकों के अनुरूप बनेंगी बसों की बॉडी
नए नियमों के तहत लोक सेवा यान (बसों) की बॉडी ऑटोमोबाइल उद्योग मानकों, मानदंडों या भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार किया जाएगा। यात्री या ठेका गाडियों के संचालन की निगरानी और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए बस संचालकों की होगी। बसों के लिए रूट भी चिह्नित कर दिए हैं। जिसके आधार पर राज्य परिवहन उपक्रम गाड़ी संचालन की अनुमति देेंगे। ग्रामीण मार्ग से अभिप्रेत हैं। एक गांव से दूसरे गांव या तहसील मुख्यालय, नगरीय निकाय को जोडने वाला मार्ग। नगरीय मार्ग से अभिप्रेय है, ऐसा मार्ग जिसके कम से कम 5 स्टॉपेज नगरीय क्षेत्र में हों।
बिना जीएसपी के नहीं चलेंगी एंबुलेंस
नए नियमों के तहत प्रदेश में अब केाई भी एंबुलेंस अब बिना जीपीएस के नहीं चलेंगी। सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की एंबुलेंस टोल फ्री नंबर 112 या अन्य सरकारी नंबर पर एकीकृत होंगी। नियम लागू होने के बाद एंबुलेंस को जीपीएस के दायरे में लाना अनिवार्य होगा।
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