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जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में जुम्मे की नमाज के दौरान नमाजगाह में इमाम बदलने पर दो पक्षों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई। नतीजा नमाजगाह में ही हंगामा हो गया और आसपास के वाशिंदे भी वहां एकत्रित होने लगे, जिससे विवाद ने गहरा रुप धारण कर लिया। इस दौरान किसी ने पुलिस-प्रशासन को इसकी सूचना दे दी। इसके बाद गोहलपुर, हनुमानताल और अधारताल के पुलिस बल ने मोर्चा संभाल लिया।
सूत्रों के मुताबिक विवाद की असली जड़ सुन्नी और वहाबी सम्प्रदाय की विचारधारा से जुड़ा है। चूंकि विगत दिनों नमाजगाह में इमाम बदले गए हैं और इस जुम्मे को जिस मौलाना को नमाज पढ़ाना थी, उनकी तबियत खराब हो जाने के कारण वे आ नहीं सके। इस पर तत्काल ही कमेटी प्रबंधन द्वारा दूसरे इमाम का इंतजाम किया गया, जिसके द्वारा आते ही एक गुट ने नए मौलाना का विरोध करना शुरू कर दिया। पुराने इमाम काजी रियाज मोहम्मदी हैं। वे इस समय बीमार चल रहे हैं। इस दौरान जो दूसरे इमाम को बुलाया गया, वे सिवनी से जुड़े हैं। इसके कारण दूसरे गुट ने भी पहले गुट के खिलाफ हंगामा खड़ा कर दिया।
सिवनी वाले स्वीकार ही नहीं
सूत्रों का कहना है कि सिवनी में जमात का प्रभाव अधिक है, इसलिए उक्त नए मौलाना को स्थानीय सुन्नियों ने स्वीकार नहीं किया, क्योंकि इस मस्जिद के निर्माण में सुन्नी सम्प्रदाय के मुस्लिमों का अहम योगदान है। बहरहाल विवाद की सूचना मिलते ही सक्रिय हुए प्रशासन ने तत्काल ही अनुविभागीय दण्डाधिकारी पंकज मिश्रा मौके पर पहुंचे। विवाद सुलझता नहीं देख दोनों ही पक्षों को शनिवार को पुलिस थाने बुला लिया गया है।
एसडीएम ने तत्काल लिया निर्णय
अनुविभागीय दण्डाधिकारी ने जब तक विवाद सुलझ नहीं जाता, तब तक के लिए नमाजगाह में ताला डाल कर उसे सील कर दिया है। इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है। इसे देखते हुए प्रशासन ने वहां पुलिस बल तैनात कर रखा है। बता दें कि जुम्मे का दिन होने के कारण पहले ही मस्जिद में बहुत भीड़ थी। अंसार नगर बहोराबाग क्षेत्र के बहुत बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज यहां जुम्मे पर एकत्रित होकर नमाज पढ़ता है। इसलिए मामला और तूल पकड़ गया। प्रशासन ने मस्जिद के दोनों प्रवेश द्वार पर ताला डाल कर उन्हे सील कर दिया है।
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