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मप्र में आफत की बारिशः राजधानी में बिगडे हालात : बिदिशा में बही बच्ची, भिंड में उफनी सिंध-क्वारी, रायसेन में बाढ़ जैसे हालात
भोपाल। मध्य प्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। ऐसे में राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में आफत की बारिश हो रही है। बीते तीन दिनों से लगातार हो मूसलाधार बारिश के चलते जहां नदी-नाले उफान पर हैं तो वहीं दूसरी ओर निलचली बस्तियों में भी बाढ जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। जिसके कारण आम जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। हालात ऐसे हो गए हैं बाढ़ से घिरे परिवारों को राहत शिविरों में भेजा गया है। इन सब के बीच अब बडे हादसों की खबर सामने आने लगी है।
विदिशा जिले के ग्यारसपुर में एक बच्ची बह गई है। बताया जा रहा वह अपने भाई के साथ स्कूल का वैन का इंतजार कर रही थी, तभी कॉलोनी में पानी का तेज बहाव आया और बच्ची बह गई। उसे बचाने उसका भाई दौड़ा, लेकिन वह भी बहने लगा। वहीं शमशाबाद में दीवार गिरने से 1 महिला की मौत हो गई है। दमोह में बाढ़ में फंसे लोगों का सफल रेस्क्यू किया गया। नर्मदापुरम जिले में तवा डैम (बांध) के सभी गेट खोल दिए गए है।
आज 34 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग की मानें तो आज 34 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। 14 जिलों में अति भारी और 20 में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन और नर्मदापुरम में अति भारी बारिश हो सकती है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, सीहोर, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, जबलपुर, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, कटनी, दमोह और पन्ना में भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग का कहना है लो प्रेशर एरिया बना है और ट्रफ लाइन गुजरी है। इस वजह से राज्य के ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, भिंड ,दतिया, श्योपुर, टीकमगढ़ आदि में भारी बारिश हो सकती है। वहीं राजगढ़, शाजापुर, देवास, सिवनी, नरसिंहपुर, जबलपुर आदि स्थानों पर भी जोरदार बारिश संभव है।
बड़े तालाब का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
सोमवार की रात को राजधानी भोपाल सहित राज्य के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुई। राजधानी के कई इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ और जलभराव के हालात बन गए। बारिश का दौर मंगलवार को भी जारी है। इसी तरह राज्य के कई हिस्सों में भी बारिश दर्ज की गई। राज्य के अधिकांश बांधों का जलस्तर बढ़ रहा है और कई स्थानों पर तो जल निकासी के लिए गेट भी खोलने पड़े हैं। राजधानी की ही बात करें तो यहां के बड़े तालाब का जलस्तर बढ़ा है, कोलार बांध सहित अन्य बांधों का जलस्तर बढ़ा है। बड़े तालाब का जलस्तर 1660.40 फीट से बढ़कर 1660.65 फीट तक पहुंच गया है। इसी तरह कोलार डैम का लेवल 454.89 मीटर से बढ़कर 454.94 मीटर हो गया है. वहीं, कलियासोत डैम का जलस्तर भी 502.75 मीटर से बढ़कर 502.80 मीटर पर पहुंच गया है।
दमोहः व्यारमा नदी उफान पर, गांवों से संपर्क टूटा
जिले के तेंदूखेड़ा तारादेही इलाके में भारी बारिश से आधा दर्जन गांवों में बाढ़ जैसे हालात है। व्यारमा नदी उफान पर है। उस इलाके के लगभग आधा दर्जन गांवों से संपर्क टूट गया है। व्यारमा नदी के पुल पर पानी भरा हुआ है।प्रशासन अलर्ट मोड पर है। फिलहाल किसी जनहानि की खबर नहीं है। दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन की टीम ने बाढ़ में फंसे दो लोगों का सफल रेस्क्यू किया है। तारादेही निवासी गोकुल गोंड और आशा रानी का रेस्क्यू किया गया। जैतगढ़ खेत से नाव के जरिए दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
विदिशाः निचली बस्तियों में भरा पानी
जिले में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात है। शहर के कई मोहल्ले के घरों में भर पानी भर गया है। शहर के रॉयल सिटी कॉलोनी, मुखर्जी नगर, राजपूत कॉलोनी के आसपास पानी भर गया है। अधिक वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को दैनिक कामों में परेशानी आ रही है। हालांकि अभी तक कोई बड़ी जनहानि या नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
नर्मदापुरमः लबालब बांध के सभी गेट खोले
लगातार बारिश से तवा डैम के 9 गेट को 7 फीट की ऊंचाइयों पर खोला गया है। डैम 1 लाख 224 क्यूसेक पानी डिचार्ज किया जा रहा है। तवा डैम के साथ ही बरगी डैम के गेटों से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिला प्रशासन ने तवा नदी एवं नर्मदा नदी के किनारों से सटे गांवों के लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है। नदी के किनारे पर लोगों को जाने से मना किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निचली बस्तियों में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिये गये है।
सीहोरः दर्जनों गांवों का संपर्क कटा
सीहोर में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही हल्की बारिश के चलते प्राकृतिक जल स्रोत लबालब हो गए हैं। श्यामपुर तहसील के चरनाल गांव के रपटे पर पानी करीब 2 फीट ऊपर आ जाने से आसपास के एक दर्जन गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। बारिश के चलते कई गांव टापू जैसे हालात में बदल गए हैं। स्थिति को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों में जुटा है। राजस्व अधिकारी भी लगातार लबालब हुए जलस्रोतों का मुआयना कर हालात का जायजा ले रहे हैं। ग्रामीणों से भी सतर्क रहने की अपील की गई है।
जबलपुरः बारिश के कारण गिरी नाले की दीवार, 3 साल पहले बनी थी, खुली पोल
जबलपुर के लाला लाजपत राय वार्ड स्थित केशरी नगर में देर रात बारिश के दौरान बड़ा हादसा हो गया। नाले के किनारे बनी दीवार अचानक भरभराकर ढह गई, जिससे पास में खड़ी महेंद्र रजक की कार भी नाले में जा गिरी। गनीमत रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। बताया जा रहा कि यह दीवार नगर निगम द्वारा करीब 3 साल पहले बनाई गई थी। हादसे के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी है और उन्होंने घटिया निर्माण कार्य को लेकर नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बारिश के चलते दीवार के गिरने से इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं लोग इस घटना को प्रशासन की लापरवाही बता रहे हैं।
रायसेन में बाढ़ से हालात बेकाबू, सड़क पर आ गई नदी, घरों में घुसा पानी
रायसेन में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सिलवानी इलाके में भी हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। लगातार बारिश के कारण बिजली ऑफिस समेत कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ग्राम साईखेड़ा में बेगम नदी के किनारे बसे घरों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सिलवानी के ग्राम ऊषापुर में खेतों से होकर नदी की तेज धार बह रही है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है. पिछले कई घंटों से हो रही बारिश के चलते जिले की नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
भिंडः सिंध और क्वारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर
भिंड में लगातार हो रही बारिश के चलते सिंध और क्वारी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। दोनों नदियां इस समय उफान पर हैं, जिससे जिले के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने नदियों के किनारे बसे गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने की अपील की है. भिंड के बिलाव गांव में स्थित श्रीरामजानकी मंदिर भी अचानक जलस्तर बढ़ने से पानी से घिर गया। मंदिर में फंसे पुजारी रामशरण दास महाराज करीब 6 घंटे तक अंदर फंसे रहे। सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर पुजारी को सुरक्षित बाहर निकाला और गांव पहुंचाया।
वहीं, कुंवारी नदी के किनारे बसे एक दर्जन से ज्यादा गांवों का रास्ता भी पानी से कट जाने के कारण बंद हो गया है। प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है। जिले में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। शिवपुरी में तो आलम यह है कि पानी सड़कों पर है और मगरमच्छ भी सड़क पर विचरण करते नजर आ रहे हैं। कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते निचली बस्तियों में पानी भरा है। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में भेजा गया है।
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