Latest News
गोस्वामी तुलसी दास की जयंती पर धार्मिक नगरी में भव्य आयोजन : सीएम योगी ने रामबोला की ऐसे ही सराहना, जिक्र किया मुरारी बापू-रामभद्राचार्य का भी
चित्रकूट। अवधी भाषा में रामचरित मानस के रचना करने वाले गोस्वामी तुलसीदास की आज जन्म जयंती है। इस खास मौके पर धार्मिक नगरी चित्रकूट में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। योगी ने इस ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने पर जगतगुरु रामभद्राचार्य जी और पूज्य मुरारी बापू के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। कार्यक्रम में रामकथा के प्रचारकों को तुलसी अवार्ड व रत्नावली अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि 500 वर्ष पूर्व जब इस गांव की स्थिति शायद साधनों के अभाव और कठिनाइयों से ग्रस्त रही होगी, ऐसे समय में एक दिव्य आत्मा ने जन्म लिया और बाल्यावस्था में ही प्रभु श्रीराम के चरणों में स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि उस कालखंड में जब अकबर का साम्राज्य विस्तार पर था और दरबार में जगह पाने की होड़ थी, तब तुलसीदास जी ने रामबोला के रूप में खुद को किसी दरबारी की सेवा में नहीं बल्कि केवल प्रभु श्रीराम की भक्ति में समर्पित किया।
तुलसीदास ने रामचरित मानस के माध्यम से चुना प्रतिकार का मार्ग
सीएम योगी ने कहा कि जब देश के राजे-रजवाड़े विदेशी आक्रांता की अधीनता स्वीकार कर रहे थे, उस समय तुलसीदास जैसे संत भक्ति और शक्ति के अद्भुत संगम के रूप में जनचेतना को जाग्रत कर रहे थे। उन्होंने प्रतिकार का मार्ग तलवार नहीं, रामलीला और रामचरितमानस के माध्यम से चुना। चित्रकूट की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर योगी ने कहा कि यह वही धरती है जहां ऋषि-मुनियों ने तप किया, जहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का सबसे लंबा समय बिताया। यह वही धरती है जिसने रामायण और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों की रचना की आधारभूमि प्रदान की। पूज्य संतों के दर्शन के लिए हम यहां आ सके, यह हमारा सौभाग्य है। संत तुलसीदास जी की स्मृति को जीवित रखने के लिए पूज्य मुरारी बापू द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है।
योगी न किया रामजन्मभूमि आंदोलन में रामभद्राचार्य के योगदान का जिक्र
मुख्यमंत्री ने रामजन्मभूमि आंदोलन के संदर्भ में जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज के योगदान की भी चर्चा की और कहा कि जब प्रमाण मांगे गए तो उनके सामने महाराज जी ने धाराप्रवाह बोलना शुरू किया, तो वे भौचक्के रह गए। यही भगवान की सिद्धि है। उन्होंने पूज्य मुरारी बापू द्वारा आगामी रामकथा आयोजनों को प्रयागराज, अयोध्या और काशी में किए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि राम नाम का स्मरण कर हर कोई अपने जन्म को धन्य करेगा।
Advertisement
Related Post