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आपरेशन सिंदूर बहस : भारत-पाक बंटवारा, अक्साई चिन जमीन को लेकर कांग्रेस पर बरसे शाह, नेहरू के करतूतों की भी खोली पोल
नई दिल्ली। लोकसभा में आपरेशन सिंदूर को लेकर बहस जारी है। चर्चा के दूसरे दिन यानि मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा की शुरुआत की और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश के विभाजन को स्वीकार नहीं किया होता, तो आतंकवाद की समस्या इतनी गंभीर न होती। इस दौरान शाह के निशाने पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी रहे। शाह ने आरोप लगाया कि नेहरू ने 30 हजार वर्ग किमी अक्साई चिन चीन को दे दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अक्साई चिन के 30 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को चीन को सौंपने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने भारत-चीन के बीच हुए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, 1962 में चीन के साथ युद्ध में क्या हुआ? 30 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन चीन को दे दिया गया।
नेहरू के अक्साई चीन पर दिए बयान का शाह ने किया जिक्र
शाह ने नेहरू के अक्साई चिन के बारे में दिए गए बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, इस तरह की चर्चा उस दौरान सदन में भी हुई। उस पर सदन में जवाहर नेहरू ने कहा कि वहां घास का एक तिनका नहीं उगता, उस जगह का क्या करेंगे? नेहरू जी का सिर मेरे जैसा था। एक संसद सदस्य (त्यागी जी) ने कहा कि आपके (नेहरू) सिर पर भी एक भी बाल नहीं है, तो क्या उसे भी चीन को दे दें? शाह ने यह भी दावा किया कि नेहरू ने आकाशवाणी पर असम को श्बाय-बाय कह दिया था। इस बयान पर कांग्रेस सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा और नारेबाजी की। जवाब में शाह ने कहा, ष्जोर से बोलकर सच को छिपाया नहीं जा सकता।ष्
नेहरू ने ठुकराया यूएन की स्थायी सदस्यता का प्रस्ताव
अमित शाह यहीं नहीं रुके। उन्होंने नेहरू के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन नेहरू ने इसे ठुकरा दिया। शाह ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, नेहरू का कहना था कि इससे भारत-चीन संबंध खराब होंगे और चीन जैसे महान देश को बुरा लगेगा। आज चीन सुरक्षा परिषद में है और भारत बाहर है। इसके लिए पीएम मोदी प्रयास कर रहे हैं। इसका कारण जवाहर लाल नेहरू का ये स्टैंड है।
पोटा रोककर कांग्रेस ने बचाया आतंकियों को
वहीं शाह ने कहा कि मैं सदन में कहना चाहता हूं कि आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है। पाकिस्तान कांग्रेस पार्टी की भूल है। अगर कांग्रेस पार्टीशन को स्वीकार नहीं करती, तो ये सब कभी नहीं होता। इन्होंने (कांग्रेस) पार्टीशन को स्वीकार करके देश को तोड़ा है। शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा 2002 में लाए गए पोटा (प्रिवेंशन ऑफ टेरेरिज्म एक्ट) कानून का जिक्र किया। उन्होंने कांग्रेस पर इसके विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मैं सदन को बताना चाहता हूं कि श्पोटा कानूनश् का विरोध किसने किया? हमारे पास राज्यसभा में बहुमत नहीं था और हमें मजबूरन संयुक्त सत्र बुलाना पड़ा, तब जाकर यह पास हुआ। कांग्रेस श्पोटाश् रोककर वे (कांग्रेस) किसे बचाना चाहती थी? पोटा तो आतंकवादियों के खिलाफ था। वोट बैंक के लिए पोटा रोककर आपने आतंकियों को बचाने का काम किया।
शाह ने राहुल गांधी को दिया चैलेंज
अमित शाह ने कहा, पाकिस्तान की ओर से 27 हमले हुए, जिसमें करीब 1000 लोग मारे गए, और कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया। मैं राहुल गांधी को चैलेंज देता हूं कि वह बताएं कि उन्होंने इन आतंकी हमलों के खिलाफ क्या किया? उन्होंने कुछ नहीं किया और सिर्फ यहां से आतंकवादियों के फोटो पाकिस्तान भेजते रहे। साथ ही, ये कहते हैं कि हमारे समय में भी हमले होते रहे। मैं उनको यह अंतर समझाना चाहता हूं।
बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद फूट-फूटकर रोई थीं सोनिया
शाह ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का हवाला देते हुए दावा किया कि बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद सोनिया गांधी फूट-फूटकर रोई थीं। शाह ने कहा, उन्होंने (सलमान खुर्शीद) बताया था कि बाटला हाउस की घटना पर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रोने लगीं। अगर उनको रोना था तो वह शहीद मोहन शर्मा के लिए रोतीं। उन्हें बाटला हाउस आतंकियों के लिए रोना आता है? और ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया। मैं कहूंगा कि उन्हें पूछने का कोई अधिकार नहीं है।
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