Latest News
दाल में है कुछ काला : धनखड़ के इस्तीफे पर खड़गे ने बोला हमला, कहा- सरकार को देना चाहिए जवाब, निशाने पर रहा संघ भी
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक पद से इस्तीफा देने के बाद देश की सियासत गरमा गई है। विपक्षी दलों ने केन्द्र सरकार को अपने निशाने पर ले लिया है। इतना ही नहीं, विपक्ष मांग कर रहा है कि सरकार बताए की धनखड़ ने इस्तीफा क्यों दिया। इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने (जगदीप धनखड़) इस्तीफा क्यों दिया? बता दें कि जगदीप धनखड़ ने सोमवार की देर शाम स्वास्थ्य का हवाला देकर तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की घोषणा की थी। धनखड़ के अचानक पद छोडने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमलावर हो गया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने (जगदीप धनखड़) इस्तीफा क्यों दिया? इसके पीछे क्या वजह है? हमें तो लगता है दाल में कुछ काला है।वरना, उनकी सेहत बहुत अच्छी है, वो खुद से भी ज्यादा आरएसएस और भाजपा का बचाव करते थे, इतना तो उनके लोग भी नहीं करते होंगे। उनकी निष्ठा आरएसएस और भाजपा के साथ थी। जिस तरह से उन्होंने इस्तीफा दिया है, इसके पीछे कौन है और उन कारणों को देश को बताना चाहिए।
खरगे ने संघ पर भी साधा निशाना
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर उन्होंने कहा, आरएसएस इतिहास को उल्टा लिखने की कोशिश कर रहा है। वे जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया को भी नकारते हैं। आरएसएस का इतिहास अलग है और देश का इतिहास अलग है। जगदीप धनखड़ ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) का हवाला देते हुए स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और चिकित्सा सलाह का पालन करने की आवश्यकता बताई।
कांग्रेस ने यह भी किया दावा
मानसून सत्र के पहले ही दिन उनके इस्तीफे से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई और विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से सवाल किया। कांग्रेस ने दावा किया कि उनके इस्तीफे में बताए गए स्वास्थ्य संबंधी कारण पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ष्कांग्रेस पार्टी को धनखड़ के इस्तीफे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए।
Advertisement
Related Post