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मालेगांव ब्लास्ट केस में प्रज्ञा बरी, अदालत में फूट-फूट कर रोईं : बोलीं- आतंकी घोषित कर मेरी जिंदगी को कर दिया बर्बाद

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Author : admin

पब्लिश्ड : 31-07-2025 02:34 PM

अपडेटेड : 31-07-2025 09:49 AM

मुंबई। 2008 के मालेगांव विस्फोट केस में मुंबई की एनआईए कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट का फैसला फेवर में आने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर दर्द छलक पडा। यही नहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अदालत कक्ष में फूट-फूट कर रो पड़ीं। हाथ जोड़कर जज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मुझे 13 दिनों तक प्रताड़ित किया गया। मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी गई। मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया। उन्होंने मुझे अपने ही देश में आतंकवादी करार दिया।

साध्वी प्रज्ञा ने अदालत का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, मैं उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कह सकती जिन्होंने मुझे इस हालत में पहुंचाया। मैं सिर्फ इसलिए जिंदा हूं क्योंकि मैं एक संन्यासी हूं। भगवा को आतंकवाद करार दिया गया था, आज भगवा जीत गया है। हिंदुत्व जीत गया है। हिंदुत्व को आतंकवाद के बराबर बताने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा।

मैं अदालत का शुक्रगुजार कर्नल

वहीं लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने भी फैसले के बाद कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, मैं जय हिंद से शुरुआत करता हूं। मेरी पहचान भारतीय सेना से है। मैंने देश की सेवा की है और करता रहूंगा। जांच एजेंसियां एक संस्था के रूप में गलत नहीं हैं, लेकिन उनमें शामिल लोग गलत हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, 17 साल तक मैंने सजा भुगती। जमानत मिलने के बाद भी मुझे यह सब सहना पड़ा। जो हुआ वह गलत था। कुछ अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और हम उनके शिकार बन गए। मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि किसी आम नागरिक को वह सब न सहना पड़े जो हमें सहना पड़ा। मैं अदालत का शुक्रगुजार हूं।

सबूतों के आभाव में बरी हुए सभी आरोपी

बता दें कि मुंबई की एनआईए कोर्ट ने अपने फैसले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों को बरकरार रखने के लिए पर्याप्त सबूतों के अभाव का हवाला दिया। वहीं अदालत ने सरकार को छह मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए और प्रत्येक घायल पीड़ित को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

नवरात्रि से पहले हुआ था ब्लास्ट

मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 की शाम को हुआ था, जब महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में भिक्कू चैक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था। रमजान के दौरान और नवरात्रि से कुछ दिन पहले हुए इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

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