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वॉशिंगटन। पाकिस्तान में हो रहे दमनकारी अभियानों का शोर अमेरिका तक पहुंच रहा है। इस सिलसिले में भारतीय मूल की अमेरिकी कांग्रेस सदस्य महिला प्रमिला जयपाल और कांग्रेस सदस्य ग्रेग कैसर के नेतृत्व में करीब 42 टॉप अमेरिकन सांसदों ने अमेरिकी मंत्री मार्को रुबियो से पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आग्रह किया है। इन सांसदों ने रुबियो से अपील की है कि वे पाकिस्तान में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय दमनकारी अभियान और सुनियोजित मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। सांसदों का कहना है कि पाकिस्तान तानाशाही के बढ़ते संकट का सामना कर रहा है।
सांसदों ने दावा किया कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक संस्थाओं और बुनियादी स्वतंत्रता को सुनियोजित तरीके से खत्म किया जा रहा है। पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व को जवाबदेह ठहराने की जिम्मेदारी और तरीके अमेरिका के पास हैं। सभी सांसदों ने 3 दिसंबर के एक चिट्ठी में लिखा, हम सरकार से अपील करते हैं कि वह उन अधिकारियों के खिलाफ वीजा बैन और संपत्ति जब्त करने जैसे कदम तेजी से लागू करे, जो सुनियोजित तरीके से दमन, अंतर्राष्ट्रीय दमन कर रहे हैं और न्यायिक आजादी को कमजोर कर रहे हैं।
पत्र में यह भी लिखा सांसदों ने
सांसदों ने लिखा, हाल के सालों में, पाकिस्तान में तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने वाले अमेरिकी नागरिकों और निवासियों को धमकियों, डराने-धमकाने और परेशान करने का सामना करना पड़ा है। ये धमकियां अक्सर पाकिस्तान में उनके परिवारों तक भी पहुंच जाती हैं। सासदों ने चिट्ठी में आगे लिखा, इन तरीकों में मनमानी हिरासत, जबरदस्ती और बदले की हिंसा शामिल है, जिसमें बाहर से आए लोगों और उनके रिश्तेदारों को निशाना बनाया जाता है। ये काम बोलने की आजादी के अधिकार का उल्लंघन करते हैं और वे अमेरिकी जमीन पर विदेशी दखल के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम करते हैं।
सांसदों ने सरकार से की ठोस कार्रवाई की मांग
सांसदों ने कहा कि इस समय सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की जा रही है, जिसमें पाकिस्तान के ताकतवर सैन्य नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराना और राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए दबाव डालना शामिल है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के लोकतांत्रिक संस्थानों को खत्म किया जा रहा है, जबकि देश के अंदर और बाहर आलोचना करने वालों को तेजी से निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने लिखा, हम आपसे गुजारिश करते हैं कि आप पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय दबाव, बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और सुनियोजित दबाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ वीजा बैन और संपत्ति फ्रीज करने जैसे लक्षित कदम तेजी से लागू करें। हमने पहले भी दूसरे देशों में अंतर्राष्ट्रीय दबाव की बात की है और आगे भी करते रहेंगे यहां भी वही तरीका अपनाया जाना चाहिए।
चिट्ठी पर इन्होंने किया साइन
चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, रशीदा तलीब, जेमी रस्किन, यवेट डी. क्लार्क, मैडेलीन डीन, लॉयड डॉगेट, जान शाकोव्स्की, एरिक स्वालवेल, बेनी जी थॉम्पसन, जूडी चू, जो लोफग्रेन, सारा मैकब्राइड, समर ली, इल्हान उमर और मैक्सिन वाटर्स शामिल थे।
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