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नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। वह शाम करीब 7 बजे हिन्दुस्तान की धरती पर कदम रखेंगे। पुतिन के भव्य स्वागत के लिए दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। खास बात यह है कि पुतिन के भारत पहुंचने से पहले ही उनके दौरे को लेकर सियासम गरमा गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार ने विदेश से आने वाले डेलिगेट्स से कहा है कि वे विपक्ष के नेता (एलओपी) से न मिलें।
सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, भारत के संबंध सबके साथ हैं। विपक्ष का नेता एक दूसरा परिप्रेक्ष्य देता है। भारत का हम भी प्रतिनिधित्व करते हैं। सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष के लोग बाहर के लोगों से मिलें। उन्होंने आगे कहा कि बाहर से आने वाले डेलिगेशन के साथ एलओपी की मीटिंग होती है, ये ट्रेडीशन है जो हमेशा से होता आया है। लेकिन, वर्तमान सरकार बाहर से आने वाले डेलिगेट्स से कहती है कि एलओपी से न मिलें। ये हर बार किया जा रहा है। हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व सिर्फ सरकार नहीं, विपक्ष भी करता है, फिर भी सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बाहर के लोगों से मिले। केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय परंपरा को फॉलो नहीं करते हैं।
खड़गे ने केन्द्र को दी सलाह
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भारत को अपनी सुविधा और फायदे के हिसाब से काम करना चाहिए, और किसी के दबाव में आकर कुछ खरीदने या छोड़ने का फैसला नहीं करना चाहिए। हमें जो कुछ करना है, वह देशहित में करना है।
पीएम को नहीं लेना चाहिए शिखर सम्मेलन का क्रेडिट
कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन का दौरा बहुत जरूरी है और 23वां शिखर सम्मेलन भारत में होने वाला है। इसका क्रेडिट सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को नहीं लेना चाहिए, क्योंकि रूस-भारत के बीच यह रिश्ता कई सालों से है, और यह एक मजबूत, भरोसेमंद पार्टनरशिप है। भारत-रूस रिश्ता मजबूत बना रहना चाहिए।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, मैं उनके भारत दौरे का स्वागत करता हूं। भारत के सोवियत यूनियन के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, और रूस के साथ भी हमारे बहुत मजबूत संबंध हैं। हमें रूस के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहिए।
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