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ईशनिंदा के नहीं मिले कोई सबूत, : बांग्लादेश में हिंदू युवक की नृशंस हत्या मामले में खुलासा, पेड़ से लटकाकर आग लगा दिया था दीपू के शव को

बांग्लादेश में हिंदू युवक की नृशंस हत्या मामले में खुलासा, पेड़ से लटकाकर आग लगा दिया था दीपू के शव को
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Ganesh Sir

Dec 21, 202503:55 PM

ढाका। बांग्लादेश में इकबाल मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से हिंसा और आगजनी की तस्वीरें सामने आई हैं। इस बीच बांग्लादेश में नृशंस हत्या का एक मामला भी सामने आया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।

इस सिलसिले में बांग्लादेशी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस बात का कोई सीधा सबूत नहीं है कि बांग्लादेश के मैमनसिंह में जिस हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, उसने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली कोई अपमानजनक बात कही थी।

मुस्लिम सहकर्मी ने दीपू का लगाया था आरोप

बता दें, दीपू चंद्र दास को उनकी फैक्ट्री में एक मुस्लिम सहकर्मी ने ईशनिंदा का आरोप लगाकर मॉब लिंचिंग में बेरहमी से मार डाला था। 18 दिसंबर की रात को भीड़ ने दास को मार डाला और फिर इस्लाम का अपमान करने के आरोप में उसके शव को पेड़ से लटकाकर आग लगा दी।

अखबार का खुलासा, नहीं मिला कोई सबूत

मैमनसिंह में आरएबी-14 के कंपनी कमांडर, एमडी समसुज्जमां ने बांग्लादेशी अखबार 'द डेली स्टार' को बताया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे पता चले कि मृतक ने फेसबुक पर ऐसा कुछ लिखा हो जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो।

उन्होंने यह भी बताया कि न तो स्थानीय लोग और न ही गारमेंट फैक्ट्री के श्रमिक ऐसी किसी गतिविधि की ओर इशारा कर पाए। कंपनी कमांडर समसुज्जमां ने द डेली स्टार को बताया, "अब हर कोई कह रहा है कि उन्होंने खुद दीपू को ऐसा कुछ कहते नहीं सुना। ऐसा कोई नहीं मिला जिसने दावा किया हो कि उन्होंने खुद धर्म को ठेस पहुंचाते हुए कुछ सुना या देखा हो। जब हालात बिगड़े, तो फैक्ट्री को बचाने के लिए उन्हें जबरदस्ती फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया गया।"

अधिकारी ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद इस घटना के सिलसिले में शुरू में दो लोगों को हिरासत में लिया गया था, और बाद में पूछताछ के आधार पर पांच और लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके अलावा, मैमनसिंह के एएसपी मोहम्मद अब्दुल्ला अल मामून ने कहा कि पुलिस तीन और लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है।

इस बीच, कोएलिशन आॅफ हिंदूज आॅफ नॉर्थ अमेरिका (कोएचएनए) ने दास की बेरहमी से हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और समुदाय की चुप्पी पर गहरी चिंता जताई। इस संगठन ने इस बेरहम घटना की निंदा की, और चेतावनी दी कि बांग्लादेश बर्बरता की हालत में जा रहा है, जिसका खामियाजा हिंदुओं को भुगतना पड़ रहा है।

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