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ट्यूनीशिया में बंधक बने झारखंड के 4 दर्जन मजदूर : मेहनताना न मिलने से पडे खाने के लिए लाले, सरकार से लगाई वतन वापसी की गुहार

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Author : admin

पब्लिश्ड : 31-10-2025 03:10 PM

अपडेटेड : 31-10-2025 09:40 AM

रांची। अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया की एक कंपनी में दिहाड़ी मजदूरी करने गए झारखंड के 48 मजदूर बंधक बन गए हैं। कंपनी इनसे जबरन काम ले रही है, लेकिन इसके एवज में उन्हें पिछले तीन महीने से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। ये मजदूर झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के रहने वाले हैं।

ट्यूनीशिया में फंसे मजदूरों ने एक वीडियो जारी कर भारत सरकार और झारखंड सरकार से शीघ्र वतन वापसी की गुहार लगाई है। वीडियो में मजदूरों ने बताया कि कंपनी ने उनके पासपोर्ट भी अपने पास रख लिए हैं और उन्हें परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। मजदूरों ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब भोजन की भी व्यवस्था संभव नहीं रह गई है।

मजदूरों की हुई पहचान

उन्होंने बकाया वेतन के तत्काल भुगतान और सुरक्षित स्वदेश वापसी की मांग की है। ट्यूनीशिया में फंसे 48 मजदूरों में हजारीबाग के 19, गिरिडीह के 14 और बोकारो के 15 मजदूर शामिल हैं। इनकी पहचान अमरदीप चैधरी, जिवाधन महतो, धानेश्वर महतो, जागेश्वर कुमार महतो, गोविंद कुमार महतो, नंदलाल महतो, संतोष महतो, गुरुचरण महतो, अजय कुमार, अनिल कुमार, गोपाल महतो, राजेश करमाली, लालू करमाली सहित अन्य के रूप में हुई है। प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि विदेशों में झारखंड के मजदूरों के फंसने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता ने सहायता उपलब्ध कराने किया आग्रह

सिकंदर अली ने विदेश मंत्रालय से इन मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की और राज्य सरकार से मांग की कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए प्रवासी रोजगार प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए तथा राज्य में रोजगार सृजन पर प्राथमिकता दी जाए, ताकि मजदूरों को पलायन न करना पड़े। अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ने मामले की जानकारी केंद्र को भेज दी है और ट्यूनीशिया स्थित भारतीय दूतावास से मजदूरों की स्थिति की पुष्टि करने और सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।

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