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भारत-अमेरिका ट्रेड वार : ट्रंप की डेड इकोनॉमी और नवारों के लॉन्ड्रोमैट वाले बयान पर भड़के मोदी के मंत्री, सुनाई खरी-खरी
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत की डेड इकोनॉमी और व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की लॉन्ड्रोमैट वाले बयान पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने पलटवार किया है। हरदीप पुरी ने दो शब्दों में कहा कि भारत ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूसी तेल खरीदने में कोई नियम नहीं तोडा है। बल्कि भारत की भारत की ऊर्जा व्यापार नीति ने वैश्विक बाजार को स्थिर रखने और कीमतों को नियंत्रित करने में मदद की है। यहां पर बता दें कि लॉन्ड्रोमैट का मतलब संदिग्ध चीजो को वैध दिखाने की प्रक्रिया या जगह है।
पुरी एक अग्रेजी अखबार में लिखे लेख में कहा कि किसी भी महान सभ्यता की परीक्षा उसके कठिन क्षणों में होती है। अतीत में जब भी संदेह हुआ, भारत ने हरित क्रांति, आईटी क्रांति और शिक्षा एवं उद्यम के माध्यम से लाखों लोगों के आत्मसम्मान को ऊपर उठाने के साथ जवाब दिया। 1991 के संकट से उदारीकरण आया और कोविड-19 महामारी से डिजिटल उछाल आया। उन्होंने कहा कि आज का क्षण भी कुछ अलग नहीं है। भारत को डेड इकोनॉमी कहने वाले संदेहियों के शोरगुल के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में तेज विकास, मजबूत बफर और व्यापक अवसर के साथ मजबूती की तथ्य-समृद्ध कहानी उभर रही है।
यह विकसित भारत का क्षण
हरदीप पुरी ने कहा कि यह विकसित भारत का क्षण है, ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा परिवर्तन प्राप्त करने की दिशा में भारत की अथक यात्रा का। केंद्रीय मंत्री पुरी ने लिखा कि यह एक ऐसी यात्रा है, जिसने भारत को नागरिकों की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करते हुए देखा है दुनिया के कई हिस्सों में कठिन भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद ऊर्जा की उपलब्धता, अफोर्डिबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी की तीन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए देखा है।
भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर
केंद्रीय मंत्री पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब दुनिया की चैथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जो तेजी से बढ़ने को लेकर पहली और दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से भी आगे निकल गई है। वर्तमान गतिरोध के अनुसार, भारत इस दशक के अंत से पहले जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
भारत की गति वैश्वक स्तर पर रखती है मायने
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, भारत की गति वैश्विक स्तर पर मायने रखती है। अनुमान बताते हैं कि भारत पहले से ही वैश्विक आर्थिक विकास में 15 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने एक स्पष्ट महत्वाकांक्षा रखी है कि जैसे-जैसे सुधार गहराते जाएंगे और नई क्षमताएं सामने आएंगी, भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत तक बढ़ेगी।
भारत ने नहीं की कोई मुनाफाखोरी
वहीं रूस से तेल खरीदी को लेकर हरदीप पुरी ने कहा कि भारत ने कोई मुनाफाखोरी नहीं की है। उन्होंने बताया कि रूस की ओर से फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले से बहुत पहले से ही भारत दुनिया का चैथा सबसे बड़ा पेट्रोलियम उत्पाद निर्यातक रहा है और युद्ध के बाद भी भारत का निर्यात और मुनाफा लगभग समान बना हुआ है। उन्होंने लिखा, कुछ आलोचक आरोप लगाते हैं कि भारत रूसी तेल के लिए ‘लॉन्ड्रोमैट’ बन गया है। इससे ज्यादा गलत बात कुछ नहीं हो सकती।
प्रतिबंधों के बाद भी भारत भारी छूट पर मिल रहा तेल
भारत की ओर से रूसी तेल का आयाद यूक्रेन युद्ध के बाद एक फीसदी से बढ़कर करीब 40 फीसदी पहुंचा, क्योंकि पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत को भारी छूट पर तेल मिलने लगा। इससे भारत को सस्ती उर्जा मिलती रही, लेकिन अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशास ने इसकी आलोचना की और भारत पर आरोप लगाया कि वह रूसी तेल को रिफाइन करके उसे यूरोप के देशो में निर्यात कर रहा है और मुनाफा कमा रहा है।
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