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imported हथियारों और devices पर निर्भरता हुई कम : अब देश में ही बन रहे 5,600 से ज्यादा स्पेयर पार्ट्स, स्वदेशीकरण में इंडियन आर्मी की अभूतपूर्व उपलब्धि

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Author : admin

Published : 21-Nov-2025 03:24 PM

नई दिल्ली। इंडियन आर्मी ने ‘टेक एब्जॉर्प्शन ईयर’ में स्वदेशीकरण को अभूतपूर्व गति दी है। आयातित हथियारों और उपकरणों पर निर्भरता तेजी से कम हो रही है। अब तक 1,050 से ज्यादा महत्वपूर्ण स्पेयर पार्ट्स और 60 से अधिक बड़ी असेंबलिंग पूरी तरह स्वदेशी बन चुकी हैं।

इसके अलावा मौजूदा हथियारों और सिस्टम के लिए 1,035 असेंबलिंग-सब असेंबलिंग और 3,517 स्पेयर पार्ट्स भी भारतीय कंपनियों ने सफलतापूर्वक विकसित कर लिए हैं। कुल मिलाकर 5,600 से ज्यादा पार्ट्स अब विदेश से मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे न सिर्फ रखरखाव और अपग्रेड आसान हुआ है, बल्कि युद्ध के समय सप्लाई चेन पर विदेशी दबाव का खतरा भी खत्म हो रहा है।

देश में बन रही अत्याधुनिक तकनीक भी

न सिर्फ सिर्फ पार्ट्स, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक भी अब देश में बन रही है। थर्मल इमेजर के लिए क्रायो-कूलर, ड्रोन और अनमैन्ड एरियल व्हीकल के लिए फ्लाइट कंट्रोलर और इलेक्ट्रिकल स्पीड कंट्रोलर, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम जैसे हाई-टेक कंपोनेंट अब भारतीय फैक्ट्रियों में तैयार हो रहे हैं।

छोटी-छोटी कंपनियां भी कर रही सहयोग

ये सारे काम इन-हाउस रिसर्च, डीआरडीओ, बड़े रक्षा उद्योगों के साथ-साथ छोटी-मध्यम कंपनियों और स्टार्ट-अप्स के सहयोग से हो रहे हैं। सेना ने सैकड़ों नई भारतीय कंपनियों को अपने सप्लायर बेस में शामिल किया है, जिससे रोजगार भी बढ़ रहा है और तकनीकी क्षमता भी।

आॅपरेशनल तैयारियों को मजबूत कर रहे कदम

सेना के अधिकारियों का कहना है कि ये कदम सीधे तौर पर ऑपरेशनल तैयारियों को मजबूत कर रहे हैं। अब युद्ध या आपात स्थिति में किसी विदेशी देश से पार्ट्स मंगवाने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह पहल प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान और विकसित भारत 2047 के विजन से पूरी तरह जुड़ी हुई है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आने वाले सालों में और हजारों पार्ट्स को स्वदेशी बनाने का लक्ष्य है। इससे न सिर्फ अरबों रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।

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