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श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इसरो ने सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी एसएचएआर), श्रीहरिकोटा से अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट एलवीएम3 से अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल की ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। यह इस रॉकेट की छठी ऑपरेशनल उड़ान (एलवीएम3-एम6) है।
ये मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए समझौते के तहत किया जा रहा है। यह एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में अब तक का सबसे भारी पेलोड (6,100 किलोग्राम) है। लॉन्च सुबह 8ः54 बजे आईएसटी सेकंड लॉन्च पैड से हुआ। 43.5 मीटर ऊंचे और 640 टन वजन वाले इस रॉकेट ने लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद सैटेलाइट को 520 किलोमीटर की ऊंचाई पर 53 डिग्री इंक्लिनेशन वाली सर्कुलर ऑर्बिट में छोड़ा।
एलवीएम3 सीरीज की छठी सफल उड़ान
यह इसरो की 100 प्रतिशत सफलता वाली एलवीएम3 सीरीज की छठी उड़ान है, जो पहले चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवैब के 72 सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुकी है। यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से एक समर्पित कमर्शियल डील का हिस्सा है। एएसटी स्पेसमोबाइल दुनिया का पहला स्पेस-बेस्ड सेल्युलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क बना रही है, जो सामान्य स्मार्टफोन पर सीधे 4जीध्5जी वॉइस, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और इंटरनेट डेटा प्रदान करेगा।
सितंबर 2024 में ब्लू बर्ड 1-5 लॉन्च कर चुकी है कंपनी
यह सैटेलाइट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सीरीज का पहला है, जिसमें 223 वर्ग मीटर का बड़ा फेज्ड एरे है, जो एलईओ में अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन एरे है। कंपनी पहले सितंबर 2024 में ब्लू बर्ड 1-5 लॉन्च कर चुकी है, जो अमेरिका और चुनिंदा देशों में कवरेज दे रहे हैं। ब्लॉक-2 सैटेलाइट्स 10 गुना ज्यादा बैंडविड्थ देंगे और दुनिया भर में कनेक्टिविटी गैप (लगभग 6 अरब मोबाइल यूजर्स) की दिशा में काम कर रहे हैं। इससे पहाड़ों, महासागरों और रेगिस्तानों में भी यह गैप खत्म किया जा सकेगा।
इसरो चीफ ने लाॅन्च से पहले तिरुमाला मंदिर में की पूजा
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने लॉन्च से पहले तिरुमाला मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह मिशन भारत की कमर्शियल स्पेस लॉन्च क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत करता है। एएसटी स्पेसमोबाइल ने 50 से ज्यादा मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ पार्टनरशिप की है।
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