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नेपाल में सोशल मीडिया बैन पर युवाओं का फूटा गुस्सा : काठमांडू की सड़कों पर उतरकर काटा बवाल, पुलिस के एक्शन में 19 मौत, 300 के करीब घायल

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Author : admin

पब्लिश्ड : 08-09-2025 03:32 PM

अपडेटेड : 08-09-2025 02:57 PM

काठमांडू। नेपाल में सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ के जनता और युवाओं का गुस्सा सड़क पर आ गया है। सोमवार को राजधानी काठमांडू की सड़कों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। हजारों की सख्या में जेनेरेशन जेड के लड़के और लड़कियां सड़कों पर उतकर भारी विरोध प्रदर्शन किया। यही नहीं प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए। इसे देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की। पुलिस के इस कदम हालात और बेकाबू हो गए। प्रदर्शनकारी बैरिकेड कूदकर इधर-उधर भागने लगे।

पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए हल्का लाठी चार्ज किया। आंसू गैस के गोले छोड़े। पानी की बौछार की और कुछ जगहों पर फायरिंग भी की। इस दौरान 19 की मौत हो गई, जबकि 300 के करीब घायल हो गए। काठमांडू के न्यू बानेश्वर और झापा जिले के दमक में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। हालात को देखते हुए काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बता दें कि नेपाल सरकार ने बीते चार सितंबर को फेसबुक, एक्स, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था।

सरकार ने घंटों बाधित रखा फोन और इंटरनेट सेवा

सरकार के इस फैसले के खिलाफ काठमांडू के विभिन्न शहरों में यह जेनेरेशन जेड रिवोल्यूशन शुरू हुआ है। इस दौरान प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुए गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। देश की नई युवा पीढ़ी के द्वारा सरकार के द्वारा सोशल मीडिया बैन किए जाने से लेकर भ्रष्टाचार तक के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में हजारों युवा सड़क पर यात्रा सरकार के खिलाफ नाराबाजी करते दिखाई दिए। प्रदर्शन के दौरान सरकार ने घंटों तक फोन और इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी थी।

हामी नेपाल के बैनर तले प्रदर्शन

बताया गया कि सोमवार सुबह 9 बजे से प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर में एकत्रित होने लगे। हाल के दिनों में नेपो किड और श्नेपो बेबीजश् जैसे हैशटैग ऑनलाइन ट्रेंड कर रहे हैं। सरकार की ओर से अपंजीकृत प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के फैसले के बाद इसमें और तेजी आई है। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार, श्हामी नेपालश् ने इस रैली का आयोजन किया था। इसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी।

गोली लगने से घायल प्रदर्शनकारी ने अस्पताल में तोड़ा दम

द हिमालयन टाइम्स के मुताबिक, न्यू बानेश्वर में हिंसक झड़पों के दौरान गोली लगने से घायल हुए प्रदर्शनकारी ने सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस समय कई घायल व्यक्तियों की पहचान अब भी ज्ञात नहीं है। दमक में प्रदर्शनकारियों ने दमक चैक से नगरपालिका कार्यालय की ओर मार्च किया, जहां उन्होंने नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का पुतला फूंका और कार्यालय के द्वार तोड़ने का प्रयास किया। हालात और न बिगड़ें, इसके लिए सेना को मोर्चे पर उतार दिया गया है।

पुलिस गोलीबारी में कुछ लोग घायल

न्यू बानेश्वर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए एवरेस्ट अस्पताल, सिविल अस्पताल और आसपास के अन्य अस्पतालों में ले जाया गया है। कार्यकर्ता रोनेश प्रधान ने बताया कि हामी नेपाल संगठन ने प्रदर्शनकारियों को प्राथमिक उपचार प्रदान करने के लिए मैतीघर में एक प्राथमिक चिकित्सा शिविर स्थापित किया है। प्रधान ने कहा, श्मैतीघर में छह से सात लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि ज्यादातर घायल एवरेस्ट अस्पताल में हैं।श्हालांकि, घायलों की सटीक संख्या की पुष्टि अब तक नहीं हुई है।

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