Latest News

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपने इजरायल विजिट के दौरान वर्ल्ड-क्लास मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का अनुभव लिया। साथ ही, उन्होंने किबुत्ज रमत राचेल का भी भ्रमण किया। केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने यरुशलम के किबुत्ज रमत राचेल का भी भ्रमण किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, यह कम्युनिटी-ड्रिवन इनोवेशन, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर और को-ऑपरेटिव लिविंग की प्रेरणादायक झलक थी।
उन्होंने एक ऑटोनोमस ड्राइविंग कंपनी मोबाइलआई को लेकर कहा, यरुशलम में मोबाइलआई के जरिए ऑटोनोमस ड्राइव के साथ सटीकता और इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन मिश्रण देखने को मिला। मोबिलिटी टेक्नोलॉजी के लिए आने वाला समय बेहद रोमांचक है। मोबाइलआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, कंपनी एआई, एक्सटेंसिव रीयल-वर्ल्ड एक्सपीरियंस और प्रैक्टिकल विजन को मिलाकर स्मार्ट और सुरक्षित मोबिलिटी की ओर विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
प्रोफेसर अमन शाशुआ ने 1999 में मोबाइलआई की स्थापना की थी। शाशुआ ने यरुशलम के हिब्रू यूनिवर्सिटी में अपने एकेडमिक रिसर्च को एक मोनोक्यूलर विजन सिस्टम में विकसित किया था, जो केवल एक कैमरा और प्रोसेसर पर सॉफ्टवेयर एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर व्हीकल को डिटेक्ट कर सकता था।
इस कंपनी की स्थापना के लिए कॉन्सेप्ट डेमो के लिए एक एशियाई ओईएम के साथ मीटिंग के बाद फंड की सुविधा प्राप्त हुई। शाशुआ ने अपने दो करीबी दोस्तों, जिव अविराम और नोरियो इचिहाशी के साथ एक टीम बनाई थी। नए स्टार्टअप के मैनेजमेंट में शाशुआ और अविराम एक साथ काम करने लगे, जहां अविराम ऑपरेशन, फाइनेंस और इन्वेस्टर रिलेशंस के लिए जिम्मेदार थे और शाशुआ टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, और कंपनी के स्ट्रेटेजिक विजन के लिए जिम्मेदार थे।
2014 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी सार्वजनिक हो गई और ये दोनों व्यक्ति 2017 तक कंपनी की कमान संभालते रहे। इसके बाद मोबाइलआई का इंटेल कॉर्प द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया। अधिग्रहण के बाद, अविराम रिटायर हो गए और शाशुआ ने सीईओ का पद संभाला।
टाइमलाइन अपडेट
Advertisement

Related Post