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जापान का एक प्रांत ऐसा : जहां भालुओं को काबू करने के लिए भेजनी पड़ी सेना, अप्रैल से अब तक 100 लोगों पर कर चुके हैं हमला

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Author : admin

पब्लिश्ड : 05-11-2025 02:47 PM

अपडेटेड : 05-11-2025 09:17 AM

टोक्यो। जापान के पहाड़ी प्रांत अकिता में भालुओं के आतंक से लोग खौफजदा हैं। हालात बेकाबू हो चले हैं और यही वजह है कि इनसे निपटने के लिए सरकार को सेना भेजनी पड़ी है। स्थानीय अधिकारियों के अनुरोध पर ये कदम उठाया गया है।

यह ऑपरेशन अकिता प्रांत के काजुनो शहर में शुरू हुआ, जहां हफ्तों से निवासियों को सलाह दी जा रही है कि वे आसपास के घने जंगलों में जाने से बचें, अंधेरा होने के बाद घर पर रहें और अपने घरों के पास खाने की तलाश में आने वाले भालुओं को डराने के लिए घंटियां साथ रखें। पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल से अब तक पूरे जापान में 100 से ज्यादा बार हमले हुए हैं, जिनमें रिकॉर्ड स्तर पर 12 लोगों की मौत हुई है। इनमें से दो-तिहाई अकिता प्रांत और पास के इवाते प्रांत के थे।

जान-माल को पहुंचा रहे नुकसान

उप प्रमुख कैबिनेट सचिव केई सातो ने बुधवार को टोक्यो में एक प्रेस वार्ता में कहा, कई इलाकों में भालू आबादी वाले इलाकों में घुस रहे हैं और इनके हमलों से जान माल का नुकसान हो रहा है। यही वजह है कि अब हम भालुओं से निपटने के उपायों में बिल्कुल भी देरी नहीं कर सकते। अकिता के अधिकारियों का कहना है कि इस साल भालू दिखने की घटनाएं छह गुना बढ़कर 8,000 से ज्यादा हो गई हैं, जिसके बाद पिछले हफ्ते प्रांत के गवर्नर ने जापान की सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज (एसडीएफ) से मदद मांगी थी।

शहर में है 30000 लोगों की आबादी

जापान टुडे ने रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि बुधवार सुबह लगभग 30,000 लोगों के शहर काजुनो में एक आर्मी ट्रक, कई जीपें और एक दर्जन से ज्यादा सैनिक इकट्ठा हुए, जिनमें से कुछ ने बॉडी आर्मर (बुलेटप्रूफ जैकेट) पहना हुआ था। ये सैनिक भालुओं को पकड़ने के लिए इस्तेमाल होने वाले बॉक्स ट्रैप को लाने-ले जाने, लगाने और जांच करने में मदद करेंगे, लेकिन उन्हें मारने का काम प्रशिक्षित शिकारी करेंगे जिनके पास इस काम के लिए ज्यादा उपयुक्त हथियार होंगे। भालुओं की बढ़ती संख्या, जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक भोजन के स्रोतों में बदलाव और ग्रामीण इलाकों में आबादी कम होने से भालू और आम लोगों का सामना हो रहा है।

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