Download App

Latest News

मेसी को नहीं देख पाए फैंस ने स्टेडियम में मचाया गदर : दीदी ने मांगी माफी जांच के लिए बनाई कमेटीशिवराज पर आईएसआई हमले का खतरा : केन्द्र से मिले इनपुट के बाद सुरक्षा की गई चाक-चौबंद, भोपाल से लेकर दिल्ली अलर्ट मोड में सुरक्षा एजेंसियांस्टडी में खुलासा : प्रीडायबिटीज को ठीक करने से हार्ट अटैक के खतरे में 60 प्रतिशत की आ सकती है कमीमेसी को निहारने पहुंचे फैंस का फूटा गुस्सा, : फुटबाॅलर के जल्दी स्टेडियम से जाने पर भड़के, मैदान में फेंकी बोतलें और फाड़े पोस्टर भीहर काम देश के नाम : भारतीय सैन्य अकादमी में 157वीं पासिंग आउट परेड, 559 कैडेट्स बने सेना के अधिकारी, मौजूद रहे आर्मी चीफ

बंगाल में एसआईआर ने पकड़ा गजब झोल : 13.5 लाख मतदाता के एक ही मां और बाप

Featured Image

Author : Ganesh Sir

Published : 14-Dec-2025 12:14 AM

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग वोटर लिस्ट का विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान चला रहा है। यहां 2002 की मतदाता सूची की जांच में ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। सबसे हैरान करने वाला आंकड़ा यह है कि लगभग 13.5 लाख मतदाताओं के रिकॉर्ड में एक ही व्यक्ति का नाम पिता और माता दोनों कॉलम में दर्ज है। यानी एक ही परिवार में एक सदस्य के लिए जो नाम पिता के रूप में दर्ज है, वही दूसरे सदस्य के लिए मां के रूप में दिखाया गया है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह डेटा माइग्रेशन के दौरान हुई गड़बड़ी है या फिर जानबूझकर की गई गलत एंट्री।

85 लाख मतदाता के पिता के नाम में त्रुटियां

एसआईआर के तहत की गई जांच में सामने आया कि राज्य की 2002 की वोटर लिस्ट में दर्ज करीब 85 लाख मतदाताओं के पिता के नाम में त्रुटियां पाई गई हैं। इन मामलों में या तो नाम गलत हैं, अधूरे हैं, या फिर पारिवारिक संबंधों से मेल नहीं खाते।

पिता की उम्र बेटे से 15 साल ज्यादा दिखाई गई

एसआईआर के दौरान 11,95,230 ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां पिता की उम्र बेटे से महज 15 साल या उससे कम ज्यादा दिखाई गई है। जैविक और सामाजिक दृष्टि से यह लगभग असंभव माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर उम्र संबंधी विसंगतियां मतदाता सूची के निर्माण और अद्यतन की प्रक्रिया में गंभीर खामियों को दशार्ती हैं। इसके अलावा 24,21,133 मामलों में एक व्यक्ति के छह या उससे अधिक बच्चे दर्ज पाए गए हैं। हालांकि कुछ अपवाद संभव हो सकते हैं, लेकिन लाखों की संख्या में ऐसे रिकॉर्ड असामान्य माने जा रहे हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक यह आंकड़ा यह संकेत देता है कि एक ही व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल कई मतदाताओं के लिए किया गया हो सकता है, या फिर परिवार के सदस्यों की एंट्री में भारी गड़बड़ी हुई है।

Powered by Tomorrow.io

Advertisement

Ad

Related Post

Placeholder
बंगाल में एसआईआर ने पकड़ा गजब झोल : 13.5 लाख मतदाता के एक ही मां और बाप