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दिल्ली-एनसीआर : पराली जलाने को लेकर एएसी ने दिखाई सख्ती, सरकार से दो टूक शब्दों में पूछा- क्यों कतरा रहे हैं सख्त एक्शन लेने में
नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। यही नहीं, शीर्ष अदालत ने सरकार से दो टूक शब्दों में पूछा है कि पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा। सरकार कार्रवाई से कतरा क्यों रही है? कुछ लोगों को जेल भेजने से सही संदेश जाएगा। दिल्ली के पड़ोसी राज्यों पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हर साल अक्टूबर और नवंबर में पराली जलाने की घटनाएं सामने आती हैं। पराली जलाने की वजह से दिल्ली एनसीआर की हवा जहरीली हो जाती है। राजधानी को ऐसी विकट परिस्थिति से हर साल जूझना पड़ता है। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाई है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हम किसानों का सम्मान करते हैं, क्योंकि वे हमें खाना देते हैं, लेकिन किसी को भी पर्यावरण को दूषित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आप किसानों के लिए कुछ दंडात्मक प्रावधानों के बारे में क्यों नहीं सोचते? अगर कुछ लोग जेल में हैं, तो इससे सही संदेश जाएगा। अगर पर्यावरण की रक्षा करने का आपका सच्चा इरादा है, तो फिर आप एक्शन लेने से क्यों डर रहे हैं?
देश में किसानों को विशेष स्थान, लेकिन....
अदालत ने सरकार से कहा कि देश में किसानों का एक विशेष स्थान है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे इसका फायदा उठाएं। सरकार इस पर फैसला ले, नहीं तो अदालत आदेश जारी करेगी। गलती करने वाले अधिकारियों की तो बात छोड़िए, क्योंकि हर किसान पर नजर रखना अधिकारियों के लिए मुश्किल है। मुख्य न्यायाधीश ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट से पूछा, "आप पराली जलाने वाले किसानों के लिए दंडात्मक प्रावधान लाने पर विचार क्यों नहीं करते हैं?"
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