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भोपाल। मप्र की आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने भोपाल के कारोबारी दिलीप गुप्ता के घर और कार्यालय पर एक साथ छापेमारी की। उनके कार्यालय से 5 राउंड कारतूस, एक दर्जन चेकबुक और चेक जब्त किए गए हैं। बड़ी संख्या में रजिस्ट्री और प्रॉपर्टी संबंधी कागजात भी मिले हैं। घर से भी 10 से ज्यादा चेक बुक और रजिस्ट्री सहित बैंकिंग दस्तावेज मिले हैं।
ईओडब्ल्यू ने एक महीने पहले गुप्ता और उनकी कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। दो अलग-अलग टीमें शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे एमपी नगर जोन 2 में ऑफिस और चूना भट्टी में गुप्ता के घर पर पहुंचीं। गुप्ता और उनकी कंपनियों- मेसर्स डीजी माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स श्री मां सीमेंटेक प्राइवेट लिमिटेड पर निवेशकों के 35.37 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है। गुप्ता ने 10 रुपए के शेयर को 12 हजार 972 रुपए में बेचकर निवेशकों को धोखा दिया। ऊंचे फायदे का लालच देकर निवेशकों की पारिवारिक संपत्तियां भी गिरवी रखवा दीं। बंद बैंक खातों से चेक जारी किए। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 31 अक्टूबर को ईसीआईआर दर्ज की है। जांच अधिकारी इस मामले में अब पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत छानबीन कर कालेधन को सफेद किए जाने के मामले में नए सिरे से पूछताछ करेंगे।
बैंकों से लोन दिलाकर कराया निवेश
भोपाल निवासी विनीत जैन और उनकी मां लता जैन ने ईओडब्ल्यू से मामले की शिकायत की थी। जैन ने कहा था कि उन्होंने आईसीआईसी बैंक से 2.75 करोड़ और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस से 4.45 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसकी पूरी राशि गुप्ता को निवेश के लिए दे दी। जैन ने आरोप लगाया कि गुप्ता ने उन्हें भारी मुनाफे का झांसा देकर बैंक लोन लेने पर मजबूर किया। फर्जी चेक और कागजात तैयार कर धोखाधड़ी की।
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